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Class 10 Bharati Bhawan Geography Chapter 13 Long Type Question Answer | कक्षा 10वीं भारती भवन भूगोल अध्याय 13 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Bharati Bhawan Geography Chapter 13 Long Type Question Answer  कक्षा 10वीं भारती भवन भूगोल अध्याय 13 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रशन 1:-- आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 में क्या बताया गया है? 

उत्तर:-- विभिन्न आपदा से बचने के लिए सरकार द्वारा 2005 ईस्वी में एक अधिनियम की घोषणा की गई जिसे आपदा प्रबंधन अधिनियम का नाम दिया गया। इस अधिनियम के अनुसार किसी क्षेत्र में घटित दुर्घटना, संकट, महाविपत्ति या गंभीर घटना को आपदा के रूप में निरूपित किया गया है, जो मानवकृत या प्राकृतिक कारणों या लापरवाही या दुर्घटना का परिणाम है और जिससे बड़े स्तर पर जान-माल की क्षति, पर्यावरण की हानि एवं विनाश और जिसका परिणाम प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले मनुष्यों की सहन छमता के बाहर हो।

प्रशन 2:-- व्याख्या करें--- 

(1) हैम रेडियो (2) उपग्रह संचार सेवा।

उत्तर:-- (1) हेम रेडियो:-- इसे एमेच्योर के नाम से भी जानते हैं। इसका प्रयोग गैर वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए किया जाता है, जिसके संचालन में ऊर्जा की आवश्यकता पूर्ति की जनरेटरों या बैटरीयों के द्वारा किया जाता है। हेम रेडियो अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार नियमों के अनुसार कार्य करता है। इसका प्रयोग बड़ी बड़ी प्राकृतिक आपदा वाले क्षेत्रों में किया जाता है। इस संचार प्रणाली में कोई भी बाहरी तार की आवश्यकता नहीं पड़ती है। आपदा के दौरान सूचना के प्रेषण में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है।

(2) उपग्रह संचार:-- आपदा के पूर्व,आपदा के दौरान एवं पश्चात उपग्रह संचार प्रणाली महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उपग्रह संचार के अंतर्गत सुदूर संवेदी उपग्रह का प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग दूरदर्शन, मौसम, विज्ञान, आपदा संबंधी चेतावनी एवं संसाधनों के खोज के लिए प्रमुख रूप से उपयोगी होता है । सुदूर संवेदी तरंगों के सहारे धरातल के पूर्ण सूचनाओं को संग्रहित करता है तथा इमेज के रूप में उतारता है जिसे देखकर विभिन्न तथ्यों एवं सूचनाओं को समझने में आसानी होती है। बाढ़, सूखा ,भूकंप, सुनामी, आदि उपग्रह संचार महत्वपूर्ण होते हैं।

प्रशन 3:-- आकस्मिक प्रबंधन में स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका की विवेचना करें।

उत्तर:-- ऑकस्मिथ प्रबंधन में स्वयंसेवी संस्थाओं की काफी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। स्वयंसेवी संगठन आपदाओं के समय सरकार के साथ मिलकर आपदा पर नियंत्रण पाने में अपने सराहनीय कार्य करते हैं यों तो स्वयंसेवी संगठन सेवा भावना से स्वत: ओतप्रोत होते हैं फिर भी उन्हें निरंतर प्रशिक्षित करते रहना चाहिए। उन्हें इस बात का भी प्रशिक्षण मिलना चाहिए कि आपदा के समय वे जाति, धर्म, स्त्री, पुरुष इत्यादि की भावना से ऊपर उठकर काम करें। इस प्रकार की शिक्षा विद्यालय स्तर पर भी छोटी कक्षाओं से ही दिया जाना चाहिए। पंचायतों में मुखिया का कर्तव्य है कि समय समय पर सामूहिक कार्य जैसे मेले लगाकर खेलकूद की प्रतियोगिता आयोजित करना, विचार गोष्ठीयां आयोजित करना जैसे कार्य करते रहें और इनमें स्वयं सेवी संगठनों का निश्चित रूप से उपयोग करें।इससे अप्रत्यक्ष रूप से उनका प्रशिक्षण होता रहता है इस प्रकार प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वयं सेवी संगठन आपदाओं के समय अपनी भूमिका का सही प्रकार से निर्वहन  कर सकेंगे।

प्रशन 4:-- आपदा प्रबंधन और सहअस्तित्व की व्याख्या करें।

उत्तर:-- आपदा प्रबंधन और सहअस्तित्व दोनों ही एक दूसरे के पूरक है आपसी प्रेम, सद्भाव, दया, ममता इत्यादि तो मानवीय गुणों में श्रेष्ठ माने जाते हैं। विपत्ति में फंसे लोगों को बचाने में नवयुवकों को अपने शौर्य और जवानी पर अभिमान होता है और  प्रौढ़  लोगों को अपने जीवन की सर्थकता का अनुभव होता है।प्राय: इसमें स्थानीय समुदाय, जिले राज्य या देश से सहायता पहुंचती है साथ ही अंतरराष्ट्रीय सहायता भी प्राप्त होती है। इन सामग्रियों की मात्रा का उतना महत्व नहीं है। जितना कि इनमें निहित मानवीय सद्भाव का एक दूसरे के दुख में धर्म ,जाति, क्षेत्र इत्यादि की संभावनाओं के ऊपर उठकर मानवीय प्रेम ,सहअस्तित्व जैसे मानवीय गुणों का विकास महत्वपूर्ण है। ऊर्जा और उत्साह से पूर्ण नवयुवक हानि लाभ की चिंता किए बिना विभिन्न प्रकार की राहत कार्य में अपने को समर्पित कर देते हैं और यहीं पर उनकी कर्तव्यनिष्ठा सामूहिक उत्तरदायित्व की भावना की पहचान है।

प्रशन 5:-- सूखा के तीन प्रकारों पर प्रकाश डालें।

उत्तर:-- सुखा अचानक नहीं पड़ता है। इसका अनुमान पहले से ही हो जाता है। सुखा के तीन प्रकार निम्नलिखित है:-- 

(1) सामान्य सूखा:-- भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्यतः कम वर्षा होती है। यहां के लोग ऐसी फसलों का उत्पादन करते हैं जिन्हें बहुत कम जल की आवश्यकता पड़ती है। ऐसे स्थानों पर यदि समय पर अपेक्षित वर्षा न हो तो फसल सूख जाती हैं। अन्य भागों में भी यदि फसल की बार बार सिंचाई कर उसे बचा भी लिया जाए तो इससे आर्थिक भार बढ़ जाता है। शहरों में पेयजल की आपूर्ति में कटौती करना पड़ती है। इसे सामान्य  सुखा कहा जाता है।

(2) मौसमी सुखा:-- सामान्य मानसून की वर्षा के अनुसार कृषि कार्य करने की योजना बनाई जाती है, जैसे मध्य जून की पहली वर्षा में धान की नर्सरी तैयार की जाती है। इसमें तैयार पौधे प्राय: 1 महीने में रोपने लायक हो जाते हैं। पर्याप्त वर्षा होने पर रोपाई की जाती हैं। परंतु यदि इस काल में लंबे समय तक वर्षा न हो तो पौधे सूख जाते हैं और धान की रोपनी प्रभावित होती है। इसके बाद भले ही भरपूर वर्षा दो खरीफ की फसल बर्बाद हो ही जाती है। फसलों के मौसम के समय प्रत्याशित वर्षा न हो तो इसे मौसमी सूखा कहते हैं।

(3) कृषि सूखा:-- कृषि सूखा अत्यंत कष्ट कारक होता है क्योंकि इसमें मनुष्यों के साथ पशु पक्षियों का जीना कठिन हो जाता है। उन्हें न तो चारा मिल पाता है और न ही पीने के लिए पानी। बड़े क्षेत्र में बाहर से पानी पहुंचाना एक दुष्कर कार्य है।सिंचाई नहीं होने से फसलें सूख जाती हैं। लंबे समय तक सुखा अकाल में बदल जाता है।

उपयुक्त तीनों प्रकार के सूखा में कृषि सुखा सबसे खतरनाक होता है।

प्रशन 6:-- जल विभाजक से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट करें।

उत्तर:-- कुछ क्षेत्रों की भौगोलिक बनावट ऐसी होती है कि वहां पानी किसी निश्चित बिंदु  की ओर प्रवाहित होता है। इस पानी का उपयोग जल संरक्षण, मृदा संरक्षण इत्यादि के लिए किया जाता है।स्थानीय समुदाय के लोग इसकी पहचान भी कर सकते हैं और निर्माण कार्य भी कर सकते हैं। इस नीति को अपनाने से इन क्षेत्रों में मृदा की नमी को कम होने से बचाया जा सकता है पेड़ पौधों को सुरक्षित रखा जा सकता है। पानी तथा अन्य संसाधनों के संरक्षण में यह सहायक होता है। 

जल विभाजक क्षेत्र के दुर्लभ जल स्रोतों का संरक्षण कर कृषि उत्पादक के लिए अनुकूल परिस्थितियां उत्पन्न की जा सकती है।

नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में वृक्षों के रहने से बादल आकर्षित होते हैं और वर्षा की संभावना बढ़ती है। मौसम पर नियंत्रण कर उसके अनुकूल बनाने में वृक्षों का योगदान अमूल्य है। 

घास का आवरण तेज धूप में भी मिट्टी की नमी को बनाए रखता है। नमी की कमी से ही कृषि सूखा पड़ता है।

प्रशन 7:-- बाढ़ आने पर ऑकस्मिक प्रबंधन के उपाय लिखें।

उत्तर:-- बाढ़ के समय अधिक लोगों को नुकसान पहुंचाता है। इस स्थिति से निपटने हेतु सर्वप्रथम बाढ़ में घिरे हुए लोगों एवं मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना चाहिए। सुरक्षित स्थानों पर लोगों को पहुंचाने के बाद भोजन, पेयजल, बच्चों के लिए दूध ,महामारी से बचने हेतु दवाइयां एवं पशुओं के लिए चारा आदि की व्यवस्था करना ही विशेष प्रबंध के अंतर्गत आता है।

प्रशन 8:-- भूकंप आने पर जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन का वर्णन करें।

उत्तर:-- भूकंप की स्थिति में आकस्मिक प्रबंधन के प्रमुख कार्य होते हैं--- 

(1) वैसे लोगों को मलबे से निकालना जो अभी भी दबे हुए हैं।

(2) बच्चे के लिए विस्थापित लोगों को राहत कोष में ले जाना या उसे सभी प्रकार की आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना।

(3) अकाल मृत्यु प्राप्त आम लोगों को और जानवरों को उपयुक्त स्थानों पर या धार्मिक नीतियों के अनुरूप अंतिम संस्कार करना ताकि महामारी फैलने की संभावना ना रहती हो।

(4) घरों के गिरने से आवास की समस्या खड़ी हो जाती हैं। अतः स्थाई पेंट और शिविर का प्रबंध तेजी से करना चाहिए।

प्रशन 9:--आग लगने पर क्या क्या करना उचित है?

उत्तर:-- आग लगने की स्थिति में निम्न प्रबंधन की आवश्यकता होती है--

(1) आग पर सर्वप्रथम नियंत्रण करना।

(2) आग में फंसे हुए लोगों एवं मवेशियों को बाहर निकालना।

(3) आग से प्रभावित लोगों को तत्काल उपचार की व्यवस्था करना।

(4) आग के दौरान छत पर फंसे लोगों को सीढ़ी द्वारा उतारने का कार्य किया जाना चाहिए।

प्रशन 11:-- बाढ़ आने के कारणों पर प्रकाश डालें और इससे बचाव के उपाय बताएं।

उत्तर:-- बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है जिसके कारण अधिक संख्या में जानमाल का नुकसान होता है।

*बाढ़ के निम्न कारण है--

(1) नदियों में अधिक मात्रा में वर्षा जल के पहुंचने से बाढ़ आती है।

(2) वर्षा जल के साथ नदी की घाटी में मिट्टी जमा होने से भी बाढं आती है।

(3) वनस्पतियों की कटाई के कारण बाढ़ होती है।

(4) कमजोर तटबंध के टूटने से बाढ़ आती है।

*बाढ़ से सुरक्षा संबंधी निम्न उपायों को किया जा सकता है---

(1) बाढ़ की सूचना प्राप्त होते हैं उस क्षेत्र के लोगों को हटा देना चाहिए।

(2) बाढ़ पूर्व दवा, खाद्य एवं पेयजल की सुविधा उपलब्ध कर लेनी चाहिए।

(3) नदियों के तटबंधों का नियमित मरम्मत कार्य होते रहना चाहिए।

(4) सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों द्वारा राहत कार्य किया जाना चाहिए।

(5) मानव समाज को इस दिशा में जागरूक करना चाहिए।

प्रशन 12:-- सूखे की स्थिति कब उत्पन्न होती है? व्याख्या करें। देश के अत्यधिक सूखाग्रस्त क्षेत्रों के नाम लिखें।

उत्तर:-- 50 सेंटीमीटर से कम वार्षिक वर्षा वाला क्षेत्र संभवतः सूखे की स्थिति में है। परंतु अन्य क्षेत्रों में वार्षिक वर्षा 25% से भी कम हो तथा प्राय: 30% फसलें सिंचाई के अभाव में सूखने लगे तो वहां सूखे की स्थिति मानी जाती है।

*सूखे की व्याख्या निम्नांकित कई दृष्टिकोणों से की जाती है--

(1) मौसम विज्ञान के अनुसार लंबे समय तक अपर्याप्त वर्षा और इसके सामने एवं स्थानीय वितरण के असंतुलित होने को सूखा कहते हैं।

(2) कृषि कार्य को ध्यान में रखकर यदि मिट्टी में आद्र्रता की कमी इस स्तर तक हो जाए की फसलें मुरझा जाए और 30% से भी कम खेतों में संचालित हो पाए तो उसे सूखा माना जाता है।

(3) जब विज्ञान के अनुसार जल ग्रहण क्षेत्र जलाशय और झीलों में जल का स्तर वर्षा होने के बाद भी नीचे गिर जाए तो उसे सुखा कहते हैं।

(4) जब परिस्थितिक तंत्र में जल की इतनी कमी हो जाए कि उत्पादकता घट जाए और इसके परिणाम स्वरूप परिस्थितिक तंत्र में तनाव उत्पन्न हो जाए या तंत्र क्षतिग्रस्त हो जाए तो इसे परिस्थितिक सूखा की।

प्रशन 13:-- विकास कार्यों से भी प्राकृतिक आपदाओं की संभावना बढ़ जाती है। ऐसी आपदाओं का नामोल्लेख करते हुए इस तथ्य की पुष्टि करें।

उत्तर:-- आर्थिक विकास करने के लिए बड़े पैमाने पर वानिज्य व्यवसाय तथा उद्योग धंधे स्थापित किए जाते हैं। साथ ही, खदान पदार्थों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए खेतों में विभिन्न प्रकार के रासायनिक खादों का प्रयोग किया जाता है। इन सभी के कारण पर्यावरण का प्रदूषण होता है जिससे प्रकृति में हलचल पैदा होती है। परिणाम स्वरूप विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक आपदाएं उत्पन्न होने लगती हैं, जैसे--भूकंप, बाढ़ ,बुखार, सुनामी इत्यादि प्राकृतिक आपदाओं के होने से मानवीय जीवन पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। इन आपदाओं से धन जन की बहुत हानि होती है।

प्रशन 14:-- प्राकृतिक आपदाओं का जन जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर:-- प्राकृतिक आपदाओं का जन जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है।भूकंप, बाढ़, भूस्खलन, ओलावृष्टि, सुनामी, सुखार इत्यादि प्राकृतिक आपदाएं हैं जिनसे धन जन की बहुत बर्बादी होती है। भूकंप आने से क्षेत्र बर्बाद हो जाता है। इमारतें गिर जाती है जिससे धन जन की बर्बादी होती है। इसी प्रकार बाढ़ आने से फसलें नष्ट हो जाती है। कच्चे मकान बह जाते हैं। पशुधन पानी में बह कर मर जाते हैं। इसी प्रकार अन्य प्राकृतिक आपदाओं से भी बहुत हानि होती है। परिणाम स्वरूप प्राकृतिक आपदाओं से जनजीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। सुख हार की स्थिति में खेती बारी नहीं होती है जिसके चलते कृषि कार्य नहीं होने से अनाज की कमी हो जाती है। कुछ अधिक सूखाग्रस्त क्षेत्रों में लोग भूखे मर जाते हैं। इसी प्रकार चक्रवातीय  तूफान से अपार धन जन की हानि होती।

प्रशन 15:-- इलाहाबाद नगर प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित स्थान है। इस कथन की व्याख्या करें।

उत्तर:-- इलाहाबाद नगर प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित स्थान है,क्योंकि यहां पर प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्राप्त करने के लिए समुचित। व्यवस्था की गई है। संचार साधनों का समुचित विकास हुआ है जिससे प्राकृतिक आपदाओं की सूचना शीघ्र प्राप्त हो जाती है। परिणाम स्वरुप आपदाओं से सुरक्षा प्राप्त करने के लिए समुचित उपाय किए जाते हैं । साथ ही इलाहाबाद में भूकंप, बाढ़ ,चक्रवाती, तूफान ,सुनामी, भूस्खलन ,लू और सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाएं भी प्राय: नहीं आती है। इसलिए इलाहाबाद नगर प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित स्थान माना जाता है।

Class 10 Geography Notes Chapter 1

Class 10 Geography Notes Chapter 2

Class 10 Geography Chapter 1 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 1 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 1 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 2 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 2 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 2 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 3 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 3 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 3 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 4 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

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Class 10 Geography Chapter 5 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

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Class 10 Geography Chapter 6 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

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Class 10 Geography Chapter 7 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

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Class 10 Geography Chapter 8 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

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Class 10 Geography Chapter 9 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

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Class 10 Geography Chapter 9 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 10 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 10 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 10 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 11 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 11 लघु उत्तरीय प्रश्न

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Class 10 Geography Chapter 12 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 12 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 12 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 13 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न 

Class 10 Geography Chapter 13 लघु उत्तरीय प्रश्न

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