Header Ads Widget

New Post

6/recent/ticker-posts
Telegram Join Whatsapp Channel Whatsapp Follow

आप डूुबलिकेट वेबसाइट से बचे दुनिया का एकमात्र वेबसाइट यही है Bharati Bhawan और ये आपको पैसे पेमेंट करने को कभी नहीं बोलते है क्योंकि यहाँ सब के सब सामग्री फ्री में उपलब्ध कराया जाता है धन्यवाद !

Class 10 Bharati Bhawan Geography Chapter 2 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न | कक्षा 10वीं भारती भवन भूगोल अध्याय 2

Class 10 Bharati Bhawan Geography Chapter 2 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न  कक्षा 10वीं भारती भवन भूगोल अध्याय 2
Bharati Bhawan Geography

Class 10 Bharati Bhawan Geography Chapter 2 

प्रशन 1:-- काली मिट्टी और लाल मिट्टी की अलग-अलग विशेषताओं पर प्रकाश डालें।

उत्तर:-- भारत में काली मिट्टी और लाल मिट्टी प्रचुर मात्रा में पाई जाती हैं। इन मिट्टियों की विशेषताओं और पाए जाने वाले क्षेत्रों का अलग-अलग वर्णन निम्नलिखित है---

1. काली मिट्टी की विशेषताएं निम्न है---

(1) इनमें नमी बनाए रखने की क्षमता होती है ।

(2) काली मिट्टी सूखने पर बहुत कड़ी हो जाती है ।

(3) इसका रंग काला होता है, क्योंकि इसमें लोहा एल्युमीनियम युक्त पदार्थ टाइटैनोमैग्नेटाइट के साथ जीवांश तथा एलुमिनियम के सिलीकेट मिलते हैं ।

(4) काली मिट्टी कपास और गन्ने की खेती के लिए बहुत सर्वोत्तम होती है ।

(5) भींगने पर यह मिट्टी चिपचिपी हो जाती है। परंतु सूखने पर इसमें गहरी दरारें पड़ती है। इसमें हवा का नाइट्रोजन इसे प्राप्त होता है ।

*काली मिट्टी महाराष्ट्र, गुजरात का सौराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, राजस्थान इत्यादि क्षेत्रों में पाई जाती है ।

2 . लाल मिट्टी की विशेषताएं निम्न है---

(1) इस मिट्टी का रंग लोहे की उपस्थिति के कारण लाल होता है। साथ ही अधिक नमी होने पर इस कारण पीला भी हो जाता है ।

(2) इस मिट्टी की बनावट हल्की रंध्रमय और मुलायम होती है ।

(3) इसमें खनिजों की मात्रा कम है, कार्बोनेटो का अभाव है, साथ ही नाइट्रोजन और फास्फोरस भी नहीं होता है। जीवांश तथा चुना भी कम मात्रा में उपलब्ध होता है।

(4) इस मिट्टी में हवा मिली होती है, अतः बुआई के बाद सिंचाई करना आवश्यक है जिससे बीज अंकुरित हो सके।

(5) इस मिट्टी में सिंचाई की अधिक आवश्यकता पड़ती है क्योंकि यह मिट्टी   कम उपजाऊ  होती है ।

प्रशन 2:-- भारत में जलोढ़ मिट्टी कहां पाई जाती है? इसमें सबसे बड़ा क्षेत्र कौन है? इस मिट्टी की विशेषताएं बताएं।

उत्तर:-- जलोढ़ मिट्टी--भारत में यह मिट्टी नदियों द्वारा बहाकर लाई गई और नदियों के बेसिन में जमा की गई मिट्टी है । समुद्री लहरों के द्वारा भी ऐसी मिट्टी तटों पर जमा की जाती है।

*भारत में जलोढ़ मिट्टी के निम्नलिखित मुख्य क्षेत्र हैं---

(1) सतलज, गंगा और ब्रह्मपुत्र की घाटियों का क्षेत्र ।

(2) नर्मदा और ताप्ती घाटियों का क्षेत्र।

(3) महानदी, गोदावरी, कावेरी, कावेरी का डेल्टाई क्षेत्र ।

*भारत में जलोढ़ मिट्टी का सबसे बड़ा क्षेत्र सतलज, गंगा और ब्रह्मपुत्र की घाटियों का क्षेत्र है । इस मिट्टी की विशेषता यह है कि इसमें सभी प्रकार के खाद्दान्न, दलहन, तेलहन, कपास, गन्ना, जूट और सब्जियां उगाई जाती है।इसमें नाइट्रोजन और फास्फोरस की कमी पाई जाती है जिसके लिए उर्वरक का सहारा लेना पड़ता है। आयु के आधार पर इसे बांगर और खादर के रूप में बांटा जाता है।

प्रशन 3:-- मिट्टी का संरक्षण क्यों आवश्यक है? इसके संरक्षण के महत्वपूर्ण उपायों का उल्लेख करें।

उत्तर:-- मिट्टी एक बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन है। यह प्राकृतिक रूप में बनते हैं। इसके बनने में सैकड़ों वर्ष लगते हैं। इसकी उर्वरता पर ही उत्पादन टिका है।

परंतु कुछ प्राकृतिक और कुछ मानवीय है क्रियाकलापों से इसके ऊपरी परत अपरदित  होकर नष्ट हो जाती है। वर्षा काल में मिट्टी का कटाव आम बात है। शुष्क क्षेत्रों में पवन द्वारा और पर्वतीय भागों में हिमन्द द्वारा भी अपरदन की क्रिया चलती रहती है और उपजाऊ मिट्टी नष्ट होती रहती है। कई क्षेत्रों में स्थानांतरित कृषि से भी मिट्टी के कटाव को बढ़ावा मिलता है। इसलिए मिट्टी का बचाव आवश्यक है।

* मिट्टी के कटाव और उर्वरता में कमी को रोकने के लिए कृषि विशेषज्ञों की सलाह और किसानों के अनुभव के आधार पर मृदा संरक्षण के लिए निम्नलिखित उपाय उपयोगी हो सकते हैं--- 

(1) भूमि उपयोग का नियोजन किया जाना चाहिए।

(2) मिट्टी के तत्वों की कमी को जैव उर्वरक देकर पूरा किया जाए।

(3) फसल चक्र पद्धति को अपनाया जाना चाहिए जिससे मिट्टी के एक ही तत्व का बार-बार शोषण ना हो, फसल चक्र से मिट्टी में जैव पदार्थ और नाइट्रोजन की आपूर्ति होती रहती है।

(4) मिट्टी को अपने स्थान पर बनाए रखने के लिए मिट्टी के कटाव को रोकना आवश्यक है। इसके लिए वनों की कटाई पर रोक लगाना, पशुओं की चराई पर नियंत्रण करना आवश्यक है।

(5) कीटनाशक रासायनिक दवा पर प्रतिबंध लगाना और उसके स्थान पर जैविक कीटनाशी विधि को अपनाना चाहिए ।

प्रशन 4:-- भारत में जनसंख्या वृद्धि से किस प्रकार भूमि ह्रास हुआ और हो रहा है? भूमि ह्रास के अन्य कारणों पर भी प्रकाश डालें।

उत्तर:-- भारत की जनसंख्या में लगातार वृद्धि से प्रति व्यक्ति भूमि कम पड़ती जा रही है। कल कारखानों के बढ़ने तथा नगरों के विकास से भी भूमि का ह्रास हुआ है। वन क्षेत्र घटता जा रहा है। चारागाह भी समाप्त होते जा रहे हैं। मरूस्थल का फैलाव बढ़ता जा रहा है। इसलिए भूमि के ह्रास को रोकना जरूरी हो गया है।

अधिक सिंचाई से भी समस्या उत्पन्न हो रही है। जल जमाव के कारण निचली भूमि बेकार हो जाती है। गुजरात में नमक के प्रभाव से ऊंची भूमि खेती के लायक नहीं रह गई है। हिमाचल प्रदेश बर्फ के जमाव के कारण राज्य का चौथाई भाग खेती के योग नहीं है। भूमि के कटाव से भी भूमि क्षेत्र घटता जा रहा है। पहाड़ी ढ़ालो पर वर्षा जल से, शुष्क क्षेत्रों में वायु अपरदन से भी भूमि का ह्रास होता जा रहा है।

*भूमि ह्रास को रोकने के लिए निम्नांकित सुझाव दिए जाते हैं---

(1) उपजाऊ भूमि को गैर कृषि कार्य में ना उपयोग किया जाए।

(2) जनसंख्या वृद्धि दर में कमी लाई जाए।

(3) पहाड़ी भागों में सीढ़ीनुमा खेत बनाकर और वृक्षारोपण करके भूमि क्षरण को रोका जाए।

(4) मरुस्थल की सीमावर्ती क्षेत्र में झारियां लगाकर मरुभूमि के प्रसार को रोका जाए।

(5) कारखानों के आसपास औद्योगिक कचरों को फैलाने से रोका जाए।

(6) देश में उद्योग का विकास किया जाए इससे कृषि भूमि पर पड़ रहे बोझ को कम किया जा सकता है

(7) प्राकृतिक आपदा से देश की रक्षा की जाए।

(8) वायु अपरदन को रोकने के लिए पशुचारण पर रोक लगाना चाहिए।

प्रशन 5:-- भारत में भूमि उपयोग के कौन-कौन से प्रारूप मिलते हैं? प्रकाश डालें।

उत्तर:-- भारत में भूमि उपयोग का जो प्रारूप मिलता है वह भू आकृति, जलवायु, मिट्टी और मानवीय क्रियाकलापों का फल है, कृषि में लगी भूमि बढ़कर 1% हो गई है। इसमें एक तिहाई सिंचित है। चारागाहों के अंतर्गत भूमि बहुत कम है, मात्र 4% इससे स्पष्ट होता है कि बढ़ती जनसंख्या के कारण चारागाहो को खेतों में बदल दिया गया है। वनों के अंतर्गत एक चौथाई भूमि से कम ही भूमि पाई जाती है जिससे जलवायु पर प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए वन  क्षेत्रों को और अधिक बढ़ने की आवश्यकता है। ऐसा करके ही परिस्थिति तंत्र को संतुलित बनाया जा सकता है। इससे मिट्टी के कटाव को रोकने, अधिक वर्षा कराने और वन उत्पाद अधिक प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

हमारे देश में एक चौथाई भूमि कृषि के उपयोग में न आने के कारण बंजर पड़ी है जिसमें राजस्थान का मरुस्थल और उत्तर पूर्वी भारत में पर्वतीय क्षेत्र है। वनों के विनाश से भी बंजर भूमि का क्षेत्र बढ़ता जा रहा है। इसलिए वन क्षेत्र को बढ़ाना आवश्यक हो गया है। इससे जल संरक्षण और मिट्टी संरक्षण में मदद मिलेगी। गैर कृषि कार्य में उपयोग की गई भूमि बंजर भूमि के अंतर्गत ही रखा गया है।

भारत के विभिन्न राज्यों में भूमि उपयोग के प्रारूप में अंतर मिलता है। एक ओर पंजाब, हरियाणा में 80% भूमि कृषि उपयोग में आती है तो दूसरी ओर अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मणिपुर पहाड़ी भाग होने के कारण 10% भूमि ही कृषि उपयोग में है।

अतः भूमि पर बढ़ते दबाव के कारण भूमि उपयोग की योजना बनाना आवश्यक हो गया है।

प्रशन 6:-- भारतीय मिट्टियों के तीन प्रमुख प्रकार कौन-कौन है? उन का निर्माण किस प्रकार हुआ है?

उत्तर:-- भारतीय मिट्टियों के तीन प्रमुख प्रकार ये हैं--- 

(1) जलोढ़ मिट्टी, (2) काली मिट्टी, (3) लाल मिट्टी।

इन तीनों प्रकार की मिट्टियों से संबंधित निर्माण की प्रक्रिया को निम्नलिखित विचार बिंदुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है---

(1) जलोढ़ मिट्टी:-- भारत में यह मिट्टी विस्तृत रूप से फैली हुई है और उपजाऊ होने के कारण कृषि कार्य के लिए यह अधिक महत्वपूर्ण है। नदियों द्वारा बहाकर लाई गई मिट्टी बाढ़ में उसके बेसिन में जमा हो जाती है। साथ ही समुद्री लहरें अपने तटों पर ऐसी ही मिट्टी की परत जमा कर देती है जिससे जलोढ़ मिट्टी का निर्माण होता है। मिट्टी की आयु के आधार पर जलोढ़ मिट्टी को बांगर और खादर कहा जाता है। बिहार में बालू मिश्रित जलोढ़ मिट्टी को दियारा की मिट्टी कहा

 जाता है।

(2) काली मिट्टी:-- स्थानीय स्तर पर काली मिट्टी को रेगुढ़ भी कहा जाता है । काली मिट्टी का निर्माण दक्षिण क्षेत्र के लावा (बेसाल्ट क्षेत्र) वाले भागों में हुआ है जहां अध्र्दशुद्ध भागों में इसका रंग काला पाया जाता है। इसमें लोहा, एल्यूमीनियम युक्त पदार्थ टाइटैनोमैग्नेटाइट के साथ जीवांश तथा एल्युमीनियम के सिलीकेट मिलने के कारण इसका रंग काला होता है। इसमें पोटाश,चूना, एल्युमिनियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम कार्बोनेट प्रचुर मात्रा में होते हैं।

(3) लाल मिट्टी:-- भारत के विस्तृत क्षेत्र में भी यह मिट्टी पाई जाती हैं। इसका निर्माण लोहे और मैग्नीशियम के खनिजों से युक्त रवेदार और रूपांतरित आग्नेय चट्टानों के द्वारा होता है। इसका रंग लोहे की उपस्थिति के कारण लाल होता है,अधिक नम होने पर इसका रंग पीला भी हो जाता है। यह मिट्टी ग्रेनाइट चट्टान के टूटने से बनी मिट्टी है। इसकी बनावट हल्की रंध्रमय और मुलायम है।

प्रशन 7:--  पशुपालन में अग्रणी होने के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था में पशुधन का योगदान नगण्य है। व्याख्या करें।

उत्तर:-- पशुपालन के मामले में भारत को विश्व में अग्रणी माना जाता है। परंतु अधिक पशुधन के बावजूद अर्थव्यवस्था में इसका योगदान लगभग नग्ण्य हैं। इसके निम्न कारण है--- 

भारत में स्थाई चारागाह की बहुत कमी है। मात्र 4% भूमि पर चरागाह बचा है। वह भी धीरे-धीरे खेती में बदलता जा रहा है। जो भी चारागाह बचा है वह पशुओं के लिए पर्याप्त नहीं है। इसलिए पशुपालन पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। पशुओं के लिए चारागाह की समस्या हमेशा बनी रहती है। भारत के जिन भागों में पशुओं की संख्या अधिक मिलती है वह क्षेत्र कभी बाढ़, तो कभी सुखार कभी अधिक वर्षा तो कभी बहुत कम वर्षा से प्रभावित रहता है। इससे पशुओं का चारा उपलब्ध होने में कठिनाई होती है ।चारे   के कमी का सीधा प्रभाव दुग्ध उत्पादन पर पड़ता है जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था में पशुधन का योगदान बहुत कम हो पाता है।

भारत में पशुओं के उत्तम नस्ल और उन्हें पालने के वैज्ञानिक तरीके का भी अभाव देखने को मिलता है। हालांकि इस दिशा में सरकारी स्तर पर कई प्रयास किए गए हैं, कुछ सफलता मिली है। परंतु जितना इस दिशा में कार्य करना चाहिए उतना नहीं हो पाया है।

अतएव उत्तम नस्ल के पशुओं का अभाव, चारा का अभाव, बीमार पड़ने पर इलाज का अभाव, रखरखाव आदि में कमी, पशुपालन के वैज्ञानिक तकनीकों की कमी के कारण दुग्ध उत्पादन कम हो पाता है और पशुधन अधिक होने पर भी इसका भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान नगण्य है।

 ये भी पढ़े ... 

Class 10 Geography Chapter 1 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 1 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 1 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 2 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 2 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 3 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 3 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 History Chapter 1 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 History Chapter 1 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 History Chapter 1 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 10 History Chapter 2 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 1 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 1 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 1 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 

Class 10th Biology Chapter 2 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 2 लघु उत्तरीय प्रश्न 

Class 10th Biology Chapter 2 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 

Class 10th Biology Chapter 3 लघु उत्तरीय प्रश्न 

Class 10th Biology Chapter 3 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 4 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 4 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 4 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 5 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 5 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 5 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 6 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 6 लघु उत्तरीय प्रश्न 

Class 10th Biology Chapter 6 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 

Class 10th Biology Chapter 7 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 7 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 7 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 

Class 10th Biology Chapter 8 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

 Class 10th Chemistry Chapter 1 Question and Answer

Class 10th Chemistry Chapter 2 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Chemistry Chapter 2 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Political Science Chapter 2 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Political Science Chapter 2 लघु उत्तरीय प्रश्न

Post a Comment

0 Comments