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Class 10th Bharti Bhawan History Nationalism in Europe: Rise and Development | Short answer questions | कक्षा 10th भारती भवन इतिहास यूरोप में राष्ट्रवाद : उदय और विकास | लघु उत्तरीय प्रश्न

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लघु उत्तरीय प्रश्न :

1. फ्रांसीसी क्रांतिकारियों ने सामूहिक पहचान का भाव बढाने के लिए क्या किया ?

उत्तर :- फ्रांसीसी क्रान्ति आरंभ होने के साथ ही क्रांतिकारियों ने राष्ट्रीय और सामूहिक पहचान की भावना जगाने वाले कार्य किए | पितृभक्त और नागरिक जैसे शब्दों द्वारा फ्रांसीसियों में एक सामूहिक भावना और पहचान बढाने का प्रयास किया गया | क्षेत्रीय भाषा के स्थान पर फ्रेंच भाषा को प्रोत्साहित किया गया |

2. राष्ट्रवाद के विकास में नेपोलियन की क्या भूमिका थी ?

उत्तर :- नेपोलियन बोनापार्ट (1789-1821) ने अपने शासनकाल में रोष्ट्र्वास के प्रसार के लिए अनेक सुधार संबंधी कार्य किए -

(i) नेपोलियन ने विशेषाधिकार तथा आर्थिक असामानता को दूर कर समानता की स्थापना की |

(ii) करों में समानता स्थापित की गई |

(iii) नेपोलियन ने 1804 में नेपोलियन संहिता लागू कर कानून के समक्ष सबको बराबरी का अधिकार दिया |

(iv) देशभक्तों, विद्वानों और कलाकारों को सम्मानित करना प्रारंभ किया | 

(v) नेपोलियन ने एक सामान शुल्क, सामान माप तौल प्रणाली और एक मुद्रा के द्वारा राष्ट्र को संगठित करने का प्रयास किया | 

(vi) नागरिकों कि संपत्ति संबंधी अधिकारों को सुरक्षा प्रदान की |

(vii) यातायात और संचार व्यवस्था में सुधार लाने का प्रयास किया | 

(viii) सामंती व्यवस्था समाप्त कर किसानो को भू-दासत्व से मुक्त दिलाया  |

उसने अनेक सुधारों द्वारा फ्रांस में राष्ट्रवादी भावना का विकास किया जिससे प्रेरणा लेकर यूरोप के अन्य देशों में राष्ट्रवादी भावना जागृत हुई |  

3. वियना कांग्रेस की क्या उपलब्धियाँ है ?

उत्तर :- नेपोलियन बोनापार्ट की पराजय 1815 में यूरोप क्ले प्रमुख नेता एवं कूटनितिज्ञ वियतना में प्रमुख समस्याओं पर विचार करने के लिए एकत्रित हुए | इसमे शक्ति संतुलन, उचितता, क्षतिपूर्ति तथा विजयी देशों को पुरस्कार संबंधी मामलों पर विचार किया गया | इसकी प्रमुख उपलब्धियाँ इस प्रकार है -

(i) फ्रांस द्वारा विजित प्रदेशों को छीन कर विभिन्न राष्ट्रों में बांटा गया |

(ii) स्पेन को पुनह तानाशाही देश बना दिया गया |

(iii) हालेंड को स्वतन्त्र कर दिया गया | 

(iv) नेपल्स, सार्डिनिया, स्विट्जरलैंड को फिर से स्वतन्त्र राज्य घोषित कर दिया |

(v) जर्मनी और इटली के एकीकरण के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए गए | 

इस सम्मलेन में स्वीडन, रूस, जर्मनी, प्रशा, आस्ट्रिया तथा ब्रिटेन की स्थितियों पर विचार किया और इन्हें अनेक विजित प्रदेश सौंपे गए | इस सम्मलेन में अंतरराष्ट्रीय कानून बनाने पर बल दिया गया और दास्ता को समाप्त करने का प्रस्ताव पास हुआ |  

4. यूनानी स्वतंत्रता संग्राम के कारणों और परिणामो का उल्लेख करे | 

उत्तर :- यूनान एक प्राचीन और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राष्ट्र था | इसका अतीत गौरवमय था | पुनर्जागरण काल में यूनानी सभ्यता-संस्कृति अनेक राष्ट्रों के लिए प्रेरणादायक बन गई | लेकिन 15वीं शताब्दी में यूनान आटोमन साम्राज्य के अनतर्गत आ गया | इस साम्राज्य के अंतर्गत विभिन्न भाषा, धर्म और नस्ल के निवासी थे | तुर्की के आटोमन साम्राज्य के प्रति उनमे लगाव की भावना नहीं थी क्योंकि उन्हें तुर्की ने अपने साम्राज्य में आत्मसात करने का प्रयास नहीं किया | 

यूनानी स्वतंत्रता आन्दोलन के निम्नलिखित कारण थे :- 18वीं सदी के अंतिम चरण तक यूनान में राष्ट्रवादी भावना बलवती होने लगी | नेपोलियन के युद्धों और वियना कांग्रेस ने इस विचारधारा को आगे बढाया | राष्ट्रवादी भावना के विकास में धर्म की भूमिका भी महत्वपूर्ण थी | 18वीं शताब्दी के अंत में यूनान में बौद्धिक आन्दोलन भी हुआ | करेंइस नामक दार्शनिक ने यूनानियो में राष्ट्रप्रेम की भावना का प्रचार किया |

यूनानी स्वतंत्रता संग्राम के निम्न परिणाम हुए :- यूनानियों ने लम्बे और कठिन संघर्ष के बाद आटोमन साम्राज्य केअत्याचारी शासन से मुक्ति पाई | यूनान के स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र का उदय हुआ | यद्धपि गणतंत्र की स्थापना नहीं हो सकी परन्तु एक स्वतन्त्र राष्ट्र के उद्धेश्य मेटरनिख की प्रतिक्रियावादी निति को गहरी ठोस लगाईं | युनानितों के विजय से 1830 के क्रांतिकारियों के प्रेरणा मिली |  

5. इटली के एकीकरण में गैरीबाल्डी की भूमिका पर प्रकाश डाले | 

उत्तर ;- इटली के एकीकरण में गैरीबाल्डी का भी महत्वपूर्ण योगदान था | गैरीबाल्डी जानता था की बिना युद्ध के इटली का एकीकरण संभव नहीं था | उसने सशस्त्र युवकों की एक सेना बनाई जो लाल कुर्ता कहलाए | उसने अपने सैनिकों को लेकर इटली के प्रांत सिसली तथा नेपल्स पर आक्रमण किया | 

1862 में गैरीबाल्डी ने रोम पर आक्रमण की योजना बनाई | एकीकरण की प्रक्रिया में उसने अनेक युद्ध किए | काबुर ने जहाँ अपनी कूटनीति द्वारा इटली का एकीकरण संभव कर दिया | उसी प्रकार गैरीबाल्डी ने तलवार द्वारा इसे संभव बनाया |  

6. जर्मनी के एकीकरण के लिए बिस्मार्क ने कौन-सी निति अपनाई | इसका क्या परिणाम हुआ ?

उत्तर :- जर्मनी का एकीकरण बिस्मार्क के प्रयासों का फल था | उसने अपनी कूटनीति और सैनिक शक्ति के सहारे जर्मनी का एकीकरण किया | वह प्रशा के नेतृत्व में जर्मनी का एकीकरण करना चाहता था | अत उसने प्रशा को सैनिक रूप से सशक्त करने का प्रयास किया | जर्मनी को एक सूत्र में बाँधने के लिए बिस्मार्क ने रक्त और तलवार की निति अपनाई | उसका विचार था की जर्मनी के एकीकरण में सफलता राजकुमारों द्वारा ही प्राप्त की जा सकती है न की लोगों द्वारा  | बिस्मार्क के जर्मन एकीकरण का उद्देश्य तिन युद्धों द्वारा पूर्ण हुआ जो 1864 से 1870 के सात वर्ष के अल्प समय में लादे गए | जर्मनी के एकीकरण में प्रशा के राजा विलियम प्रथम का बहुत हाथ रहा | बिस्मार्क के नीतियों के परिणामस्वरूप यूरोप के नक़्शे पर एकीकृत जर्मन राष्ट्र का उदय हुआ | 

7. विलियम-I के बगैर जर्मनी का एकीकरण बिस्मार्क के लिए असंभव था | कैसे ?

उत्तर :- प्रशा जर्मनी का बहुत ही प्रभावशाली राज्य था | प्रशा का राजा विलियम-I बड़ा ही राष्ट्रवादी था | विलियम जानता था की आस्ट्रिया और फ्रांस को पराजित किए बिना जर्मनी का एकीकरण संभव  1862 ई. में विलियम-I ने एकीकरण के उद्देश्य को ध्यान में रखकर महान कूटनीति बिस्मार्क को अपना चांसलर नियुक्त किया | बिस्मार्क का मानना था की जर्मनी की समस्या का समाधान प्रशा के नेतृत्व में रक्त और तलवार की निति से होगा | बिस्मार्क ने जर्मनी के एकीकरण के लिए तीन युद्ध किए और जर्मनी को विश्व के मानचित्र पर स्थान दिलाया | अगर विलियम-I विस्मार्क को चांसलर न बनाया होता है उसके लिए जर्मनी का एकीकरण असंभव था |  

8. यूरोप में राष्ट्रवाद को फैलाने में नेपोलियन बोनापार्ट किस सहायक हुआ ?

उत्तर :- यूरोप में राष्ट्रीयता की भावना के विकास में फ्रांस की राज्यक्रांति के पश्चात नेपोलियन के आक्रमणों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया | यूरोप के कई राज्यों में नेपोलियन के अभियानों द्वारा नवयुग का सन्देश पहुँचा | नेपोलियन ने इटली और जर्मनी के राज्यों को भौगोलिक नाम की परिधि से बाहर निकालकर उसे वास्तविक एवं राजनैतिक रूपरेखा प्रदान की | जिससे इटली और जर्मनी के एकीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ | दूसरी तरफ नेपोलियन की सुधारवादी नीतियों के कारण फ्रांसीसी प्रभुत्ता और आधिपत्य के विरुद्ध यूरोप में देशभक्तिपूर्ण विक्षोप भी जगा |  

9. फ्रांसीसी क्रांतिकारियों ने सामूहिक पहचान का भाव बढ़ाने के लिए क्या किया ?

उत्तर :-  यूरोप में राष्ट्रवाद की पहली स्पस्ट अभिव्यक्ति 1789 में फ्रांसीसी क्रान्ति के साथ फ्रांस में  फ्रांसीसी क्रान्ति के प्रारंभ के साथ ही फ्रांसीसी क्रांतिकारियों ने राष्ट्रीय और सामूहिक पहचान की भावना जगानेवाला अनेक कार्य किए 

(i) पितृभक्त और नागरिक जैसे विचारों  द्वारा संयुक्त समुदाय के रूप में फ्रांसीसियों में एक सामूहिक भावना और पहचान बढ़ाने का प्रयास किया गया | 

(ii) एक नया संविधान बनाकर सभी नागरिको को समान अधिकार देकर समानता की स्थापना पर बल दिया गया | 

(iii) एक नया फ्रांसीसी झंडा- तिरंगा चुना गया जिसने पहले राजध्वज की जगह ले ली | 

(iv) राष्ट्र के नाम पर एकजुटता के लिए राष्ट्रभक्ति गीत एवं राष्ट्रगान अपनाया गया | 

(v) पुरानी संस्था स्टेट्स जेनरल का चुनाव सक्रिय नागरिकों के समूह द्वारा किया गया और उसका नाम बदलकर नेशनल एसेम्बली कर दिया गया | 

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