Reflection of Light |
कक्षा 10 भौतिकी ( Physics )
प्रकाश का परावर्तन
(Reflection of Light)
प्रकाश वह करक है जिसकी सहायता से हम वस्तुओ को देखते है |
जिस वास्तु से प्रकाश निकलता है, उसे प्रकाश स्रोत कहा जाता है | कुछ प्रकाश स्रोत प्राकृतिक (Natural) है और कुछ मानव-निर्मित (Man-made) | सूर्य, तारे आदि प्रकाश के प्राकृतिक स्रोत है | इनमे सूर्य हम पृथ्वीवासियों के लिए प्रकाश का सबसे बड़ा स्रोत है | बिजली का जलाता हुआ बल्ब या ट्यूब, मोमबत्ती, लैंप, लालटेन, दिया इत्यादि प्रकाश के मानव-निर्मित स्रोत है |
- प्रदीप्त और अप्रदिप्त वस्तुएँ :-
- प्रदीप्त वस्तुएँ :- वे वस्तुएं जो प्रकाश उत्सर्जित कराती है प्रदीप्त या दीप्तमान (Luminous) वस्तुएँ कहलाती है | जैसे- सूर्य, जलती मोमबत्ती, बिजली का जलाता हुआ बल्ब इत्यादि |
- अप्रदिप्त वस्तुएँ :- वे वस्तुएँ जो स्वयं कोई प्रकाश उतसर्जित नहीं कराती है अप्रदिप्त (Nonluminous) वस्तुएँ कहलाती है | जैसे- टेबल, पौधे, पुस्तक, कुर्सी इत्यादि |
- प्रकीर्णन :- प्रकाश जब सूक्ष्मकणों पर पड़ता है,तो वे कण उनपर पड़नेवाला प्रकाश की कुछ ऊर्जा को अवशोषित कर फिर उसे चारो ओर विक्सित करते है | इस प्रक्रिया को प्रकीर्णन (Scattering) कहा जाता है |
- प्रकाश की किरणे :- किसी भी प्रदीप्त पदार्थ (जैसा की मोमबत्ती की लौ या बिजली का जलता हुआ बल्ब) से प्रकाश सरल रेखा में सभी दिशाओं में जाता है | एक सरल रेखा पर चलनेवाले प्रकाश को प्रकाश की किरण कहते है |
- प्रकाश का किरणपुंज को मुख्यतः तीन भागो में बाँटा गया है |
- अपसारी किरणपुंज (Diverging beam)
- समान्तर किरणपुंज (Parallel beam)
- अभिसारी किरणपुंज (Converging beam)
- अपसारी किरणपुंज (Diverging beam) :- अपसारी किरणपुंज में प्रकाश की किरणे एक बिंदु-स्रोत से निकलकर फैलती चली जाती है |
- समान्तर किरणपुंज (Parallel beam) :- समान्तर किरणपुंज में प्रकाश की किरणे एक-दूसरे के समान्तर होती है |
- अभिसारी किरणपुंज (Converging beam) :- अपसारी किरणपुंज में प्रकाश की किरणे एक बिंदु पर आकर मिलती है या मिलती हुई प्रतीत होती है |
प्रकाश का किरणपुंज |
- पारदर्शी,पारभासी और अपारदर्शी पदार्थ :-
- पारदर्शी पद्दार्थ :- वे पद्दार्थ जिनसे होकर प्रकाश आसानी से पार कर जाता है, पारदर्शी पदार्थ कहलाता है | जैसे- हवा, पानी, काँच इत्यादि |
- पारभासी पदार्थ :- वे पदार्थ जो ऊपर पड़नेवाले प्रकाश के एक छोटे से भाग को ही अपने में से होकर जाने देते है, पारभासी पदार्थ कहलाते है | जैसे- बैलून का रबड़, दूध, घना धुंआ, कुहासा इत्यादि |
- अपारदर्शी पदार्थ :- वे पदार्थ जो प्रकाश को अपने में से होकर नहीं जाने देते है, अपारदर्शी पदार्थ कहलाते है \ जैसे-लोहा, पत्थर,लकड़ी, अलकतरा इत्यादि |
- प्रकाश का परावर्तन :- प्रकाश के किसी वास्तु से टकराकर लौटने को प्रकाश का परावर्तन (Reflection of Light) कहलाता है |
प्रकाश का परावर्तन |
परावर्तन के नियम निम्नलिखित है :-
- आपतित किरण :- किसी सतह पर पड़नेवाली किरण को आपतित किरण कहते है |
- आपतन बिंदु :- जिस बिंदु पर आपतित किरण सतह से टकराती है, उसे आपतन बिंदु कहते है |
- परावर्तित किरण :- जिस माध्यम से हवा में चलकर आपतित किरण सतह पर आती है और उसी माध्यम से लौटी हुई किरण को प्रवर्तित किरण कहते है |
- अभिलंब :- किसी समतल सतह के किसी बिंदु पर खींचे हुए लम्ब को उस बिंदु को अभिलम्ब कहते है |
- आपतन कोण :- आपतित किरण, आपतन बिंदु पर खींचे गए अभिलम्ब से जो कोण बनाती है, उसे आपतन कोण कहते है |
- परावर्तन कोण :- परावर्तित किरण, आपतन बिंदू पर खींचे गए अभिलम्ब से जो कोण बनाती है, उसे परावर्तन कोण कहते है |
Following are the rules of reflection
प्रकाश के परावर्तन के नियम :-
- आपतित किरण परावर्तित किरण तथा आपतन बिंदु पर खींचा गया अभिलंब तीनों एक ही समतल में होते है |
- आपतन कोण, परावर्तन कोण के बराबर होता है |
- समतल दर्पण पर लम्बत पड़नेवाली किरण का परावर्तन :- समतल दर्पण पर लम्बत पड़नेवाली प्रकाश की किरण परावतन के उसी पथ पर वापस लौट जाती है |
Reflection of perpendicular ray on a plane mirror |
- प्रतिबिंब :- किसी बिंदु स्रोत से आती प्रकाश की किरणें दर्पण से परावर्तन के बाद जिस बिंदु पर मिलती है या जिस बिंदु से आती हुई प्रतीत होती है, उसे उस बिंदु-स्रोत का प्रतिबिंब कहते है |
- प्रतिबिम्ब दो प्रकार के होते है :-
- वास्तविक प्रतिबिम्ब (Real image)
- आभासी या काल्पनिक प्रतिबिम्ब (Virtual image)
आभासी प्रतिबिम्ब :- किसी बिंदु-स्रोत से आती प्रकाश की किरणे परावर्तन के बाद जिस बिंदु से आती हुई प्रतीत होती है, उसे उस बिंदु-स्रोत का आभासी प्रतिबिम्ब कहते है | आभासी प्रतिबिम्ब वस्तु की अपेक्षा हमेशा सीधा होता है |
- समतल दर्पण द्वारा प्रतिबिम्ब का बनना :- समतल दर्पण में बने प्रतिबिम्ब की निम्नलिखित विशेषताएँ देखने को मिलती है |
- प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे बनता है |
- प्रतिबिम्ब का आकार वस्तु के आकार के बराबर होता है |
- प्रतिबिम्ब वस्तु की अपेक्षा सीधा बनता है
- प्रतिबिम्ब पार्श्विक रूप से उल्टा होता है |
- प्रतिबिम्ब आभासी होता है (अतः हम इसे पर्दे पर नहीं प्राप्त कर सकते है |
- प्रतिबिम्ब दर्पण से उतना ही पीछे बनता है जितना वस्तु दर्पण (अर्थात सामने) रहता है |
Image formation by plane mirror |
- गोलीय दर्पण :- गोलीय दर्पण उस दर्पण को कहते है जिसकी परावर्तक सतह किसी खोखले गोले का एक भाग होती है |
Spherical mirror ( गोलीय दर्पण ) |
- गोलीय दर्पण से सम्बंधित विभिन्न पद :-
- ध्रुव :- गोलिये दर्पण के मध्यबिंदु को दर्पण का ध्रुव (Pole)कहते है |
- वक्रता केंद्र :- गोलिये दर्पण जिस गोले का भाग होता है, उस गोले के केंद्र को दर्पण का वक्रता-केंद्र कहते है |
- वक्रता त्रिज्या :- गोलिये दर्पण जिस गोले का भाग होता है उसकी त्रिज्या को दर्पण की वक्रता त्रिज्या कहते है |
- प्रधान या मुख्य अक्ष :- गोलिये दर्पण के ध्रुव से वक्रता केंद्र को मिलानेवाली सरल रेखा को दर्पण का प्रधान या मुख्य अक्ष कहते है |
गोलीय दर्पणों के लिए किरण-आरेखों की बनावट
- मुख्य अक्ष के समान्तर आपतित किरण :- दर्पण के मुख्य अक्ष के समान्तर आनेवाली किरण दर्पण से परावर्तन के बाद
(b) दर्पण यदि उत्तल हो, तो उसके फोकस (F) से आती हुई प्रतीत होती है |
If the mirror is convex, it appears to be coming from its focus (F). |
2. फोकस की दिशा में आपतित किरण :- जब कोई किरण दर्पण के फोकस की दिशा में आपतित होती है तो वह परावर्तन के बाद दर्पण के मुख्य अक्ष के समान्तर निकलती है | ध्रुव की दिशा में आपतित किरण :- चूँकि ध्रुव P पर प्रधान अक्ष दर्पण पर अभिलम्ब है, यदि कोई किरण दर्पण ध्रुव की दिशा में मुख्य अक्ष से i कोण बनाती हुई आपतित हो, तो परावर्तन के नियम से परावर्तित किरण भी मुख्य अक्ष से i के बराबर का कोण r बनाती हुई निकलेगी |
वक्रता- केंद्र की दिशा में आपतित किरण |
Bittu Sir |
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ReplyDeleteThanks for sharing the article. This blog is full of useful information.
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