5. नियंत्रण एवं समन्वय
Control and Coordination
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. पौधों में शारीरिक कार्यों का नियंत्रण किस विधि से होता है ?
उत्तर :- रासायनिक नियंत्रण से होता है |
2. पौधों में हार्मोन्स की उत्पत्ति कहाँ से होती है ?
उत्तर :- पौधों के शीर्ष स्तम्भ से होती है |
3. किन्ही दो पादप वृद्धिवर्धक पदार्थों के नाम लिखे |
उत्तर :- (i) आक्जिन (ii) जिबरेलिन
4. एक पादप वृद्धिरोधक हार्मोन का नाम लिखे |
उत्तर :- ऐबसिसिक एसिड |
5. फल पकाने वाले हार्मोन का क्या नाम है ?
उत्तर :- एथिलीन
6. पत्तियों के विलगन में किस कार्बनिक रसायन की मुख्य भूमिका रहती है ?
उत्तर :- ऐबसिसिक अम्ल रसायन की भूमिका रहती है |
7. पादप हार्मोन क्या है ?
उत्तर :- पौधों में वृद्धि एवं समन्वय हेतु जिस रसायन का उपयोग होता है उसे पादप हार्मोन कहते है |
8. हार्मोन्स की कोई एक विशेषता लिखे |
उत्तर :- हार्मोन्स पौधों की वृद्धि एवं प्रजनन में सहायक होता है |
9. तंत्रिकीय तंत्र की संरचनात्मक और कार्यात्मक इकाई क्या है ?
उत्तर :- नेफ्रान है|
10. मनुष्य के तंत्रिका तंत्र के तीन प्रमुख भागों के नाम लिखे |
उत्तर :- (i) केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र
(ii) परिधीय तंत्रिका तंत्र
(iii) स्वायत्त तंत्रिका तंत्र
11. केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र के निर्माण की दो प्रमुख रचनाएँ कौन-कौन-सी है ?
उत्तर :- (i) मस्तिष्क (ii) मेरुरज्जु
12. मस्तिष्क के चारों ओर स्थित पतली झिल्ली क्या कहलाती है ?
उत्तर :- मेनिन्जेज कहलाती है |
13. अग्रमस्तिष्क के दो मुख्य भागों के नाम लिखे |
उत्तर :- (i) आल फैक्ट्री (ii) सेरेब्रम
14. मस्तिष्क में वृद्धि और चतुराई का केंद्र क्या है |
उत्तर :- सेरेब्रम
15. जंतुओं के शारीर में होनेवाली विभिन्न क्रियाओं का रासायनिक नियंत्रण और समन्वय किसके द्वारा होता है ?
उत्तर :- केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र द्वारा होता है |
16. मनुष्य के शारीर में पाई जानेवाली तीन अंतस्रावी ग्रंथियों के नाम लिखे |
उत्तर :- (i) पीयूष ग्रंथि (ii) हाइपोथैलेमस ग्रंथि (iii) थाइराइड ग्रंथि
17. एड्रिनल ग्रंथि के कार्टेक्स भाग से स्रावित होनेवाली हार्मोन्स के नाम लिखे |
उत्तर :- एल्डोस्टोरोन
18. थाइराक्सिन हार्मोन किसके द्वारा स्रावित होता है ?
उत्तर :- थाइराइड ग्रंथि के द्वारा होता है |
19. वृष्ण द्वारा स्रावित होनेवाली हार्मोन का क्या नाम है ?
उत्तर :- टेस्टोस्टेरान
20. रक्त में उपस्थित ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करने वाला हार्मोन का क्या नाम है ?
उत्तर :- अग्न्याशिक ग्रंथि (इन्सुलिन) स्रावित होता है |
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. जीवों के अंगो एवं अन्ग्तंत्रों के कार्यों का समन्वय एवं नियंत्रण क्यों जरुरी होता है ?
उत्तर :- अन्ग्तंत्रों के विभिन्न अंगो के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए नियंत्रण की आवश्यकता होती है | बिना नियंत्रण के अंगों के कार्य करने का समय एक नहीं होगा एवं वे व्यवस्थित ढंग से अपने कार्यों का संपादन नहीं कर सकेंगे | इसलिय जीवों के विभिन्न अंगों एवं अन्ग्तंत्रों का समन्वय एवं नियंत्रण उनके विभिन्न कार्यों के कुशल संचालन के लिए अनिवार्य है |
2. जिबरेलिन्स की मुख्य उपयोगिता क्या है ?
उत्तर :- जिबरेलिन्स का मुख्य हार्मोन जिबरेलिक अम्ल है, जो जटिल कार्बनिक यौगिक है | कोशिका विभाजन एवं कोशिका दिर्घन द्वारा ये पौधे के स्तम्भ की लम्बाई में वृद्धि करते है | इनके उपयोग से वृहत आकार के फलों एवं फूलों का उत्पादन किया जाता है | बीजरहित फलो के उत्पादन में ये आक्जिन की तरह सहायक होते है |
3. वृद्धि नियंत्रण पदार्थ से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर :- आक्जिन पादप हार्मोन है | यह पौधे के स्तंभ शीर्ष पर मुख्य रूप से संश्लेषित होने वाला कार्बनिक यौगिक है | जब पौधे पर प्रकाश पड़ता है तो आक्जिन प्ररोह के छाया वाले भाग की ओर विसरित हो जाता है | यह पौधे की ताने की वृद्धि में सहायक होता है |
4. वृद्धि-नियंत्रण पदार्थ से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर :- वैसे पदार्थ जो सजीवों के सामान्य वृद्धि की क्रिया को प्रभावित करता है | इस पदार्थ के इस्तेमाल से पौधों एवं जंतुओं में सामान्य रूप से होने वाली वृद्धि रुक जाती है |
5. अगर स्तम्भ-शीर्ष काट दिया जाए तो पौधों पर क्या असर पड़ेगा ?
उत्तर :- यदि स्तम्भ का शीर्ष काट दिया जाए तो पौधे की लम्बाई में वृद्धि रुक जाती है और पार्श्व शाखाएं निकलने लगती है |
6. साइटोकाईनिन की कोशिका-विभाजन में क्या उपयोगिता है ?
उत्तर :- साइटोकाईनिन एक कार्बनिक पदार्थ है जो बीजों के भ्रूण पोश एवं पौधों की जड़ो में संश्लेषित होते है | यह कोशिका द्रव्य के विभाजन में मुख्य भूमिका अदा करता है | साइटोकाईनिन जीर्णता को रोकते है एवं पर्णहरित को काफी समय तक नष्ट नहीं होने देता है | इससे पत्तियाँ अधिक समय तक हरी एवं ताज़ी रहती है | इससे पौधे की कोशिका में ताजगी वर्तमान रहती है जिससे कोशिका का विभाजन आसानी से होता है |
7. छुई-मुई की पत्तियाँ किस गति को दर्शाता है ? हमारी टांगो की गति से यह कैसे भिन्न है ?
उत्तर :- पौधों में केक्ल रासायनिक नियंत्रण होता है | छुई-मुई की पत्तियाँ को छूने से उसमे य्द्दीपन की क्रिया होती है | यह पौधे उद्दीपन के खिलाफ तुरंत अनुक्रिया करता है और शीध्रता से मुड़कर बंद हो जाता है | इस प्रकार की गति का पौधे की वृद्धि से कोई संबंध नहीं है | जब छुई-मुई की पत्तियों को छूटे है तब स्पर्श की अनुक्रिया से पत्तियाँ जल की मात्रा में त्वरित परिवर्तन करती है जिससे ये अपनी आकृति बदल कर नीचे झुक जाती है | चूँकि पौधे में केवल रासायनिक नियंत्रण होता है | इसके विपरीत मानव में जटिल पेशीय और तंत्रिका नियंत्रण होता है | इसलिए हमारी टांगों का नियंत्रण तंत्रिका द्वारा होता है जो उसकी गति से काफी भिन्न है |
8. पौधों में प्रकाश-अनुवर्तन किस प्रकार होता है ?
उत्तर :- पौधों में प्रकाश की ओर गति ताने के प्रकाश अनुवात्रण कहलाता है | इस प्रकार की गति ताने के शीर्ष भाग या पत्तियों में स्पस्ट दिखाई देती है | पौधे में बाह्य उद्दीपन को ग्रहण करने की क्षमता होती है | पौधे सूर्य के प्रकाश की ओर अनुक्रिया करते है | अर्थात सूर्य के प्रकाश से उद्दीप्त होते है | इस कारण वह अनुक्रिया के रूप में उसी ओर वृद्धि करते है |
9. जंतुओं के शारीर में स्थित तंत्रिका तंत्र का क्या काम है ?
उत्तर :- जंतुओं में तंत्रिका तंत्र विभिन्न प्रकार की आंतरिक संवेदना या उद्दीपन जैसे प्यास, भूख, तृष्णा, रोग इत्यादि तथा बल संवेदना या उद्दीपन जैसे भौतिक, रासायनिक, यांत्रिक या विद्दुतीय प्रभावों को ग्रहण करने, शारीर के विभिन्न भागों में उनका संवहन करने तथा संवेदनाओं की प्रतिक्रया व्यक्त करने के लिए अंगों को प्रेरित करने का कार्य करती है |
10. मनुष्य के तंत्रिका तंत्र के विभिन्न भाग कौन-कौन से है तथा ये किन किन रचनाओं से बनाते है ?
उत्तर :- (i) केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र - इस तंत्र में मस्तिष्क तथा रीढ़ रज्जू सम्मिलित होते है |
(ii) परिधीय तंत्रिका तंत्र - इसमे कपालीय तंत्रिकाएं स्पाइनल, मेरु तंत्रिकाएं तथा आन्तारांगी तंत्रिकाएं सम्मिलित होती है |
(iii) स्वायत तंत्रिका तंत्र - यह दो प्रकार का स्वीकार किया जाता है -
(क) अनुकंपी तंत्रिका तंत्र
(ख) परानुकंपी तंत्रिका तंत्र
11. मस्तिष्क के महत्वपूर्ण कार्यों का उल्लेख करें |
उत्तर :- मस्तिष्क तंत्रिका तंत्र का सबसे महत्वपूर्ण भाग है | इसके द्वारा विभिन्न जैव क्रियाओं का समन्वय एंव नियंत्रक होता है | मस्तिष्क सभी संवेदी अंगों से आवेशों को ग्रहण करता है और इसका विश्लेषण करता है | इसके बाद उचित निर्देश जारी करता है | मस्तिष्क संवेदी अंगों में एक साथ कई तरह के आवेग या संकेत प्राप्त कर सह-संबंधन करता है | इसके द्वारा ही सारे शरीर में उचित समन्वय एंव नियंत्रण होता है | यह सूचनाओं का संरक्षण करता है तथा चेतना का ज्ञान का रूप प्रदान कर संचित रखता है |
12. मनुष्य के शरीर में पाई जानेवाली अंतस्रावी ग्रंथियों के नाम लिखे |
उत्तर :- (i) पिटयुटरी ग्रंथि (ii) थाइराइड (iii) पाराथाइराइड (iv) एंड्रीनल ग्रंथि (v) अग्न्याशय की लैंगरहैंस द्विपिकाएँ (vi) जनन ग्रंथि
13. पिटयुटरी ग्रंथि मास्टर ग्रंथि क्यों कहलाती है ?
उत्तर :- पिटयुटरी ग्रंथि, लाल भूरे रंग की, सेम के बीज के आकार की होती है, जो मस्तिष्क के आधार के पास स्थित होती है | ये आप्टिक किएज्मा के पास होती है जहाँ से तंत्रिकाएं आँखों में जाती है | यह ग्रंथि एनी ग्रंथियों को भी नियंत्रित करती है, इसी कारण इसे मास्टर ग्रंथि कहा जाता है |
14. हार्मोन थाइराक्सिन का क्या महत्त्व है ?
उत्तर :- थाइराक्सिन कार्बोहाईड्रेट, प्रोटीन तथा वसा के सामान्य उपापचय का नियंत्रण करता है | यह शारीर की सामान्य वृद्धि, विशेषकर हड्डियां, बालों इत्यादि के विकास के लिए अनिवार्य है |
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. पादप हार्मोन के मुख्य उदाहरण लिखें एवं आक्जिन के प्रभावों का वर्णन करें |
उत्तर :- पादप हार्मोन के मुख्य उदाहरण -
(i) आक्जिन
(ii) जिबरेलिन्स
(iii) साइटोकाईनिन
(iv) एबसिसिक एसिड
(v) एथिलीन
आक्जिन के प्रभाव - पौधे के स्तम्भ शीर्ष पर मुख्यत संश्लेषण होनेवाली ये कार्बनिक यौगिक कोशिका-विभाजन एवं कोशिका-दिर्घन में सहायता करते है | जब पौधों पर प्रकाश पड़ता है तो आक्जिन प्ररोह के छायावाले भाग की ओर विसरित हो जाते है |
कोशिका-दिर्घन के द्वारा ये आक्जिन ताने की वृद्धि में सहायक होते है | यदि सतम्भ का शीर्ष काट दिया जाए तो पौधों की लम्बाई में वृद्धि रुक जाती है और पार्श्व शाखाएं निकलने लगती है | ये प्राय बीजरहित फलों के उत्पादन में सहायक होते है |
2. वृद्धि नियंत्रण पदार्थ से आप क्या समझते है ? पौधों में रासायनिक समन्वय कैसे होता है ?
उत्तर :- पौधों की जैविक क्रियाओं के बीच समन्वय स्थापित करनेवाले रासायनिक पदार्थ पादप हार्मोन या फाईटोहार्मोन कहते है | ये पौधों की विभिन्न अंगों में, बहुत लघु मात्रा में पहुँचकर वृद्धि एवं अनेक उपापचयी क्रियाओं को नियंत्रित एवं प्रभावित करते है | इनके संश्लेषण का स्थान इनके क्रियाक्षेत्र से दूर होता है एवं ये विसरण द्वारा क्रिया क्षेत्र तक पहुँचते है | बहुत से कार्बनिक यौगिक जो पौधों से उत्पन्न नहीं होते, परन्तु पादप हार्मोन की तरह ही कार्य करते है उन्हें भी वृद्दि नियंत्रण पदार्थ कहा जाता है |
पौधों की विशेष कोशिकाओं द्वारा कुछ रासायनिक पदार्थ स्रावित होते है जिन्हें पादप हार्मोन कहते है | विभिन्न के पादप हार्मोन वृद्धि व् विकास तथा बाह्य वातावरण के साथ समन्वय स्थापित करते है | ये पादप हार्मोन क्रिया स्थान से दूर कहीं स्रावित होकर विसरण द्वारा उस स्थान तक पहुँच कर कार्य करते है |
3. जिबरेलिन्स एवं साइटोकाईनिन के कार्यों की विवेचना करें |
उत्तर :- जिबरेलिन्स के कार्य -
(i) कोशिका विभाजनेवं कोशिका-दिर्घन द्वारा ये पौधे के स्तम्भ की लम्बाई में वृद्धि करते है |
(ii) इनके उपयोग से वृहत आकार के फूलों का उत्पादन किया जाता है |
(iii) बीजरहित फलों के उत्पादन में ये सहायक होते है |
साइटोकाईनिन के कार्य -
(i) ये जीर्णता को रोकते है एवं पर्णहरित को काफी समय तक नष्ट नहीं होने देते है |
(ii) इससे पत्तियाँ अधिक हरी और ताजी बनी रहती है |
(iii) फलों और बीजों में इनकी सांद्रता अधिक रहती है |
4. तंत्रिका कोशिका या न्यूरान की संरचना का सचित्र वर्णन करे |
उत्तर :- तंत्रिका कोशिका (न्यूरान) संदेशों का संवहन करने वाली मूल इकाई है | यह विशेष रूप से लंबी होती है | इसमे जीव द्रव्य से घिरा हुआ केन्द्रक होता है | जीव द्रव्य से डेड्राइट्स नामक अनेक छोटी-छोटी शाखाएँ निकलती है | इन शाखाओं में से एक शाखा अधिक लंबी होती है | इसे एक्सान कहते है | यह संदेशों को कोशिका से दूर ले जाता है | कोई भी तंत्रिका कोशिका सीधी दूसरी तंत्रिका कोशिका से जुड़ी हुई नहीं होती | इनके बीच कुछ रिक्त स्थान होता है जिसमे बहुत-ही समीप का संवहन होता है | इसे अन्त्रग्रथान कहते है | यदि हमारे पैर में दर्द है तो इसकी सूचना पैर में स्थित संवेदी तंत्रिका कोशिका के डेन्डॉइट ग्रहण करते है | तंत्रिका कोशिका उसे विधुत संकेत में बदल देती है | यह विदुत संकेत तंत्रिकाक्ष के द्वारा प्रवाहित होता है | अन्तर्ग्रथन में होता हुआ यह मस्तिष्क तक पहुँचता है | मस्तिष्क सन्देश ग्रहण कर उस पर अनुक्रिया करता है | प्रेरक तंत्रिका इस अनुक्रिया को पैर की पेशियों तक पहुँचायी है और पैर की पेशियाँ उचित अनुक्रिया करती है | तंत्रिका कोशिका तिन प्रकार की है |
(i) संवेदी तंत्रिकोशिका :- शारीर के विभिन्न भागों से यह संवेदनाओं को मस्तिष्क की ओर ले जाती है |
(ii) प्रेरक तंत्रिकोशिका :- यह मस्तिष्क से आदेशों को पेशियों तक पहुचाती है |
(iii) बहुध्रुबी तंत्रिकोशिका :- यह संवेदनाओं को मस्तिष्क की तरफ और मस्तिष्क से पेशियों की ओर ले जाने का कार्य करती है |
5. मनुष्य के मस्तिष्क की संरचना का सचित्र वर्णन करें |
उत्तर :- मनुष्य का मस्तिष्क - मस्तिष्क एक अत्यंत महत्वपूर्ण कोमल अंग है | तंत्रिका तंत्र के द्वारा शारीर की क्रियाओं के नियंत्रण और समन्वयन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका मस्तिष्क की ही होती है | मस्तिष्क खोपड़ी की मस्तिष्क गुहा या क्रेनियम के अन्दर सुरक्षित रहता है | यह चारो ओर से तंतुमय संयोगी ऊतक की एक झिल्ली से घिरा होता है जिसे मेनिन्जिज कहते है | यह झिल्ली कोमल मस्तिष्क को बाहरी आघातों तथा दबाव से बचाता है | मेनिन्जिज और मस्तिष्क के बीच सेरिब्रोस्पैनल द्रव्य भरा होता है | मस्तिष्क की गुहा भी इस द्रव्य से भरी होती है | सेरिब्रोस्पाईनल द्रव्य मस्तिष्क को बाहरी आघातों से सुरक्षित रखने में मदद करता है तथा यह मस्तिष्क को नम बनाए रखता है |
मनुष्य का मस्तिष्क एनी कशेरुकों की अपेक्षा ज्यादा जटिल और विक्सित होता है | इसका औसत आयतन लगभग 1950mL तथा औसत भार करिब 1.5 kg होता है | मस्तिष्क को तीन भागों में बांटा गया है-
1. अग्रमस्तिष्क :- यह दो भागो में बनता होता है (क) प्रमस्तिक या सेरीब्रम (ख) डाइएनसेफलान
(क) प्रमस्तिष्क या सेरीब्रम :- यह मस्तिष्क के शीर्ष, पार्श्व तथा पश्च भागो को ढंके रहता है | यह एक अनुदैर्ध खाँच द्वारा दाएँ एवं बाएँ भागो में बंटा होता है, जिसे प्रमस्तिष्क गोलार्ध कहते है |
(ख) डाईएनसेफलान :- अग्रमस्तिष्क का यह भाग प्रमस्तिष्क गोलार्द्ध के द्वारा ढंका होता है \यह कम या अधिक ताप के आभास तथा दर्द और रोने जैसी क्रियाओं का नियंत्रण करता है |
2. मध्यमस्तिष्क :- यह मस्तिष्क स्टेम का ऊपरी भाग है | इसमे अनेक तंत्रिका कोशिकाएं कई समूहों में उपस्थित होती है |
इसमे संतुलन एवं आँख की पेशियों को नियंत्रित करने के केंद्र होते है |
3. पश्चमस्तिष्क :- पृष्ठभाग में (क) अनुमस्तिष्क या सेरिबेलम एवं अधरभाग में (ख) मस्तिष्क स्टेम मिलकर पश्चभाग बनाते है |
6. मनुष्य के शारीर में पाई जानेवाली अंतस्रावी ग्रंथियों के नाम लिखे | पीटत्युतरी ग्रंथि द्वारा स्रावित हार्मोनों के कार्य का उल्लेख करें |
उत्तर :- मनुष्य के शारीर में पाई जानेवाली अंतस्रावी ग्रंथियां इस प्रकार है -
(i) पिट्युटरी ग्रंथि (ii) थाईराईड ग्रंथि (iii) पाराथाईराइड ग्रंथि (iv) एड्रिनल ग्रंथि (v) अग्न्याशय या लैंगरहैंस की द्विपिकाएँ (vi) जनन ग्रंथियां
पिट्युटरी ग्रंथि दो मुख्य भागों अग्रपिंडक में बंटा होता है |
अग्रपिंडक द्वारा स्रावित एक हार्मोन वृद्धि हार्मोन कहलाता हिया | यह शारीर की वृद्धि विशेषकर हड्डियों तथा मांसपेशियों के वृद्धि को नियंत्रित करता है | इस हार्मोन के अधिक मात्रा में स्राव से मनुष्य की लम्बाई औसत से बहुत अधिक बढ़ जाती है | हड्डिया भारी तथा मोती हो जाती है | इस अवस्था को वृहत्तता या जाईगैन्तिज्म कहते है | बाल्यावस्था में इस हार्मोन के कम स्राव से शारीर की वृद्धि रुक जाती है, जिससे मनुष्य में बौनापन हो जाता है |
अग्रपिंडक द्वारा स्रावित एनी हार्मोन नर में शुक्राणु तथा मादा में अंडाणु बनने की क्रिया को नियंत्रित करते है | एक एनी हार्मोन मादा के स्तनों को दुग्ध-स्राव के लिए उत्तेजित कराता है |
पश्चपिंड द्वारा स्रावित हार्मोन में शारीर में जल-संतुलन को बनाए रखने में सहायक होता है | पश्चपिंड से स्रावित एक अन्दर हार्मोन मादा में बच्चे के जनन में सहायक होता है |
7. एड्रिनल और जनन ग्रंथियों द्वारा स्रावित हार्मोनों और उनके कार्यों का उल्लेख करें |
उत्तर :- एड्रिनल ग्रंथि :- इसे सुप्रारिनल ग्लैंड भी कहते है | यह प्रत्येक वृक्क के ऊपरी सिरे पर अन्दर की ओर स्थित र्रहती है | इसके दो भाग कार्तिक्स एवं मेडुला होते है | ये दोनों भाग कार्यात्मक रूप से तथा उत्पत्ति में भी एक-दुसरे से भिन्न होते है | एड्रिनल ग्रंथि कार्टेक्स से निम्न हार्मोन्स स्रावित होते है |
1. ग्लूको कार्टीक्वायाड्स :- यह हार्मोन भोज्य उपापचय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है | ये कार्बोहाईड्रेट, प्रोटीन एवं वसा उपापचय का नियंत्रण करते है | शारीर में जल एवं इलेक्ट्रोलाइट्स के नियंत्रण में सहायता करता है |
2. मिनरलोकार्टिक्वायाड्स :- इनका मुख्य कार्य वृक्क नलिकाओं द्वारा लावन के पुनः अवशोषण एवं शारीर में एनी लवणों की मात्रा का नियंत्रण करता है | यह हार्मोन शारीर में जल संतुलन को भी नियंत्रित करते है |
3. लिंग हार्मोन :- ये हार्मोन पेशियों तथा हड्डियों के परिवर्द्धन, बाह्य लिंगों, बालों के आने का प्रतिमान एवं यौन आचरण को नियंत्रित करते है |
उपर्युक्त तीनो हार्मोन्स एड्रिनल द्वारा स्रावित होते है |
एड्रिनल मेदुला द्वारा निम्न हार्मोन स्रावित होते है-
1. एपिनेफ्रिन :- यह भय, गुस्सा, उत्तेजना, तनाव के कारण स्रावित होता है | इसके स्राव से चहरे पर तनाव, गुस्सा, भय आदि का भाव स्पस्ट दिखाई देता है | यह रक्त शर्करा की मात्रा को बढाता है |
2. नारएपिनेफ्रिन :- यह ह्रदय पेशियों की उत्तेजनशीलता एवं संकुचनशीलता को तेज करते है | फलस्वरूप रक्तचाप बढ़ जाता है | इस कारण रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ जाता है |
जनन ग्रंथि :- जनन कोशिकाओं के निर्माण के महत्वपूर्ण कार्य के अतिरिक्त जनन-ग्रंथियों अंतस्रावी ग्रंथ्यों के रूप में भी कार्य करती है |
अंडाशय :- अंडाशय के द्वारा कई हार्मोनों का स्राव होता है | बालिकाओं के शारीर में यौवनावस्था में होनेवाले सभी परिवर्तन इन हार्मोनों के कारण ही होता है |
वृषण :- वृषण द्वारा स्रावित हार्मोनों को एन्द्रोजेंस कहते है | सबसे प्रमुख एन्द्रोजेन हार्मोन को टेस्टोंस्टेरान कहते है | यह हार्मोन पुरुषोषित लैंगिक लक्षणों के परिवर्द्धन एवं यौन-आचरण को प्रेरित करता है |
Class 10th Biology Chapter 1 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
Class 10th Biology Chapter 1 लघु उत्तरीय प्रश्न
Class 10th Biology Chapter 1 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
Class 10th Biology Chapter 2 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
Class 10th Biology Chapter 2 लघु उत्तरीय प्रश्न
Class 10th Biology Chapter 2 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
Class 10th Biology Chapter 3 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
Class 10th Biology Chapter 3 लघु उत्तरीय प्रश्न
Class 10th Biology Chapter 3 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
Class 10th Biology Chapter 4 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
Class 10th Biology Chapter 4 लघु उत्तरीय प्रश्न
Class 10th Biology Chapter 4 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
Class 10th Biology Chapter 5 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
Class 10th Biology Chapter 5 लघु उत्तरीय प्रश्न
Class 10th Biology Chapter 5 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
Class 10th Biology Chapter 6 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
Class 10th Biology Chapter 6 लघु उत्तरीय प्रश्न
Class 10th Biology Chapter 6 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
Class 10th Biology Chapter 7 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
Class 10th Biology Chapter 7 लघु उत्तरीय प्रश्न
Class 10th Biology Chapter 7 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
Class 10th Biology Chapter 8 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
Class 10th Biology Chapter 8 लघु उत्तरीय प्रश्न
Class 10th Biology Chapter 8 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
Class 10th Chemistry Chapter 1 Question and Answer
Class 10th Chemistry Chapter 2 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
Class 10th Chemistry Chapter 2 लघु उत्तरीय प्रश्न
Class 10th Political Science Chapter 2 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1 Comments
This site is very useful for student
ReplyDeleteAll student use this site for complete their question answer during exam time and in free time also.
This site is useful for bihar board student. So use more and more this site to solve their questions and answer
THANKS