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कक्षा :~ 9वीं भारती भवन बल तथा गति के नियम दीर्घ उत्तरीय प्रश्न : Class 9th Bharati Bhawan Physics Solution of Force and Laws of Motion : Bharatibhawan.org

कक्षा ~ 9वीं भारती भवन  बल तथा गति के नियम दीर्घ उत्तरीय प्रश्न  Class 9th Bharati Bhawan Physics Solution of Force and Laws of Motion  Bharatibhawan.org
  बल तथा गति के नियम 

Force and laws of motion

कक्षा :~ 9वीं 

  • दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :- 
1. बल की अवधारणा स्पस्ट करें |

उत्तर :- बल वह भौतिक आरण है जो किसी वस्तु पर कार्य कर उसकी विराम की अवस्ता अथवा सरल रेखा में एकसमान गति की अवस्था में परिवर्तन लाता है अथवा लाने की चेष्टा करता है | 

             बल का संख्यात्मक मान या छोटा हो सकता है | अर्थात बल को परिमाण है किसी वस्तु पर आरोपित बल का प्रभाव बल सिर्फ परिमाण पर निर्भर नहीं करता है, बल्कि बल की दिशा पर भी निर्भर करता है | बल एक सदिश राशि है | 

 इसे बल वस्तुओं पर आरोपित होने वाले बालों के अनुसार इसे दो भागो में बांटा जा सकता है | 

(i) स्पर्श बल (ii) दुरी-पर-क्रिया बल 

न्यूटन के द्वितीय गति नियम के अनुसार, ''किसी वस्तु के संवेग के परिवर्तन की दर उस वस्तु पर लगे बल के समानुपाती होती है और यह परिवर्तन उस बल की दिशा में ही होती है'' | बल का S.I. मात्रक न्यूटन (N) होता है |  

3. न्यूटन के द्वितीय गति नियम से बल, द्रव्यमान और त्वरण का संबंध सत्यापित करे | 
उत्तर :- किसी वस्तु पर कार्यरत बल उस वस्तु की मात्रा तथा त्वरण के गुणनफल के बराबर होता है अथवा किसी वस्तु पर आरोपित बल संवेग परिवर्तन की दर के समानुपाती होता है  |
            न्यूटन के गति के द्वितीय नियम के अनुसार किसी वस्तु पर असंतुलित बल लगाए जाने पर वस्तु में उत्पन्न त्वरण, बल के समानुपाती तथा वस्तु की मात्रा के व्युत्क्रमानुपाती होता है तथा त्वरण की दशा बल की दशा होती है | 
             न्यूटन के गति के द्वितीय नियम से बल की माप होती है | 
             न्यूटन के द्वितीय गति नियम से बल द्रव्यमान और त्वरण का संबंध निम्न है :-
             माना m द्रव्यमान वाले पिंड पर बल F आरोपित होने से उत्पन्न त्वरण का मान α है |
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यदि बल की इकाई इस बल को माना जाए तो इकाई द्रव्यमान वाले पिंड पर आरोपित होकर पिण्ड में इकाई त्वरण उत्पन्न कर दे तो,
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4. न्यूटन के तृतीय गति नियम को लिखकर उसे एक प्रयोग द्वारा सत्यापित करें | 
उत्तर :- प्रत्येक क्रिया की बराबर तथा विपरीत प्रतिक्रया होती है | जैसे- मेज पर रखी किताबें, बन्दुक से गोली छोड़ी जाने पर स्थिति, नाव खोना, पृथ्वी पर चलना इत्यादि |  
प्रयोग :~ दो कमानीदार तुलाओं द्वारा तृतीय गति नियम का प्रदर्शन - इसके लिए हम दो कमानीदार तुलाएं लेते है और उनके हकों को एक दुसरे से फँसा देते है, जैसा की चित्र में दिखाया गया है | हम तुलाओं को अब विपरीत दिशाओं में खितते है तो हम देखते है की दोनों तुलाएं सामान पाठ्यांक सूचित करते है इससे यह स्पस्ट होता है की एक तुला का दूसरी तुला पर क्रिया बल और दूसरी तुला का पहली तुला पर प्रतिक्रया बल परिमाण के बराबर है और दिशा में विपरीत है | इस प्रकार न्यूटन के तृतीय गति नियम का प्रदर्शन हो जाता है | 
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5. संवेग संरक्षण का नियम लिखें और उसे एक ही सरल रेखा पर गति करते हुए टकराने वाले दो गोलों के लिए प्रमाणित करे | 
उत्तर :- न्यूटन के द्वितीय गति नियम से स्पस्ट है की यदि वस्तु पर कोई बल आरोपित न हो तो उसके संवेग में कोई परिवर्तन नहीं होगा, अर्थात संवेग नियत रहेगा | इस निष्कर्ष के व्यापक रूप को संवेग संरक्षण का सिद्धांत के नाम से जाना जाता है | 
प्रमाण ~ एक ही सरल रेखा पर गति करते हुए टकराने वाले दो गोलों का प्रमाण निम्न है- 
दो या दो से अधिक वस्तुओं में केवल पारस्परिक क्रियाएं होने पर बाह्य बल की अनुपस्थिति में किसी भी दिशा में उसके संवेग का बिजिय योगफल आचार है |  
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