काल
क्रिया करने में जो समय लगाता है, उसे काल कहते है | जैसे :- राम खाता है, सीता पढ़ चुकी थी, मोहन गाना गायेगा इत्यादि |
- काल के तीन भेद होते है :-
- वर्त्तमान काल, 2. भूत काल और 3. भविष्यत् काल
- वर्त्तमान काल के तीन भेद होते है :-
2. भूत काल
- भूतकाल के छ भेद होते है :-
- वाच्य के तीन भेद होते है :-
- वाच्य परिवर्तन के कुछ नियम :-
- कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य में परिवर्तन
वर्त्तमान काल
भूतकाल
भविष्यत् काल
उपसर्ग
उपसर्ग वे शब्दांश है जो किसी शब्द के पहले लगते है |
और
उपसर्ग वह शब्दांश है जो किसी शब्द के पहले आकर अर्थ में परिवर्तन ला देता है | जैसे डर इस शब्द का अर्थ है भय, पर इसके पहले नि उपसर्ग लगा दे तो शब्द बनेगा निडर और इसका अर्थ होगा नहीं डरनेवाला |
उपसर्ग |
अर्थ |
शब्द |
बनाने वाला
शब्द |
दूर |
बुरा |
जन, बल |
दुर्जन, दुर्बल |
नि |
निषेध, अभाव |
डर |
निडर |
अ |
नहीं |
भाव, निश्चित |
अभाव, अनिश्चित |
कु, क |
बुरा |
कर्म, पुत्र |
कुकर्म, कपुत्र |
भर |
पूरा |
पेट, सक |
भरपेट, भरसके |
वे |
बिना |
जान, कार |
वेजान, बेकार |
बद |
बुरा |
नाम, शकल |
बदनाम, बदशकल |
सर |
मुख्य |
पंच, ताज |
सरपंच, सरताज |
हम |
बराबर |
दर्द |
हमदर्द |
हर |
प्रत्येक |
वक्त, साल |
हरवक्त, हरसाल |
स, सु |
अच्छा |
पुत्र, पेरा |
सुपुत्र, सपेरा |
प्रत्येक
शब्द के अंत में जो शब्दांश या शब्द-समूह लगाए जाते है, उसे प्रत्यय कहा जाता है | जैसे - मनुष्य शब्द में त्व प्रत्यय लगाने पर मनुष्यत्व शब्द बनता है |
- प्रत्यय के दो प्रकार होते है :-
- कृदंत प्रत्यय के पाँच भेद होते है :-
क्रिया |
प्रत्यय |
शब्द |
गाय |
क |
गायक |
गावे, खेवे |
ऐया |
गवैया, खिवैया |
भूल, बूझ |
अक्कड़ |
भुलक्कड़, बुझक्कड़ |
झगड़ |
आलू |
झगड़ालू |
2. कर्मवाच्य :- ये क्रिया के पीछे जुड़कर कर्म का अर्थ प्रकट करते है | जैसे -
क्रिया |
प्रत्यय |
शब्द |
पढ़, हँस |
ना |
पढ़ना, हँसना |
पढ़, सुन |
हुआ |
पढ़ाहुआ, सुनाहुआ |
लिख, देख |
हुई |
लिखिहुई, देखिहुई |
ओढ़, चाट, सूंघ |
नी |
ओढ़नी, चटनी, सुंघनी |
क्रिया |
प्रत्यय |
शब्द |
चल, कतर |
नी |
चलनी, कतरनी |
ढक, चल |
ना |
ढकना, चलना |
क्रिया |
प्रत्यय |
शब्द |
मिल |
आप |
मिलाप |
गढ़ |
अंत |
गढ़ंत |
लिख |
वट |
लिखावट |
चिल्ला |
हट |
चिल्लाहट |
लिख |
आई |
लिखाई |
मीठा |
ई |
मिठाई |
बच |
आव |
बचाव |
उड़ |
आन |
उड़ान |
क्रिया |
प्रत्यय |
शब्द |
बनने वाला शब्द |
भाग |
ता + हुआ |
भागता हुआ |
भागता हुआ आदमी मर गया |
दौड़ |
ता + हुआ |
दौड़ता हुआ |
दौड़ता हुआ घोड़ा गिर पडा |
- ताद्धित प्रत्यय के पाँच भेद होते है :-
शब्द |
प्रत्यय |
बनाने वाला
शब्द |
लकड़ी |
हारा |
लकड़हारा |
गाड़ी |
वाला |
गाड़ीवाला |
साँप, लूट |
ऐरा |
सपेरा, लूटेरा |
शब्द |
प्रत्यय |
बनाने वाला
शब्द |
आ |
भूख |
भूका |
इक |
नगर |
नागरिक |
ई |
प्राण |
प्राणी |
आलू |
दया |
दयालु |
शब्द |
प्रत्यय |
बनाने वाला
शब्द |
ता |
मुर्ख , सज्जन |
मुर्खता , सज्जनता |
आपा |
बूढा |
बूढ़ावा |
पन |
बच्चा, लड़का |
बचपन , लड़कपन |
आस |
मीठा , खट्टा |
मिठास, खटास |
लोटा से लुटिया , बाबू से बबुआ, छाता से छतरी, बेटी से
बिटिया |
लोटा से लुटिया , बाबू से बबुआ, छाता से छतरी, बेटी से
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- संधि का अर्थ होता है ''मेल''
- संधि :- संधि दो वर्णों के मेल से पैदा होने वाला विकार को कहा जाता है | जैसे
महा + ईस = |
महेश |
विद्धा + अर्थी = |
विद्यार्थी |
- संधि के तीन भेद होते है :-
अ + आ |
शिवालय |
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भोजनालय |
- स्वर संधि के पाँच भेद होते होते है :-
2.गुण संधि |
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3. वृद्धि
संधि |
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4. यण संधि |
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5. अयादी
संधि जब ए, ऐ, ओ, औ, के बाद
कोई एनी स्वर हो तो इनके स्थान पर क्रम से अय, आय, अव, आव हो जाते है जी |
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शब्द |
पर्यायवाची
शब्द |
आग |
अग्नि, पावक, दहन,
ज्वाला |
आकाश |
गगन, अम्बर, आसमान |
आँख |
नेत्र, लोचन,नयन, द्रिग
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इन्द्र |
सुरपति, देवेन्द्र,
देवराज, देवेश |
कमल |
पंकज, सरोज, नलिन,
तामरस |
यमराज |
धर्मराज, मृत्युदेव,
अन्तक, पितृपति |
रात |
रात्री, निशा, रैन,
रजनी |
विष्णु |
नारायण, हरी, जनार्दन,
माधव |
शब्द |
विपरीतार्थक
शब्द |
आदान |
प्रदान |
आकर्षण |
विकर्षण |
अकाल |
सुकाल |
आमिर |
गरीब |
आहार |
अनाहार |
अन्धकार |
प्रकाश |
ऊँचा |
नीचा |
आशा |
निराशा |
एक |
अनेक |
खरीद |
बिक्री |
मुहावरा |
लोकोत्कियाँ |
वाक्य |
अंगूठा दिखाना |
समय पर धोका देना |
अपना काम पूरा कर अच्छे
लोग अंगूठा नहीं दिखाते |
अंधे की लकड़ी |
एक ही सहारा |
एकलौता पुत्र अपने
माता-पिटा के लिए अंधे की लकड़ी होता है |
अपना उल्लू सीधा करना |
अपना काम निकालना |
वह किसी का भला नहीं
करता, केवल अपना उल्लू सीधा करना जानता है |
आस्तीन का साँप |
धोखेवाज मित्र |
मैंने तुझपर विशवास
किया, लेकिन तू आस्तीन का साँप निकला |
ईद का चाँद होना |
बहुत दिनों पर मिलना |
क्या बात है ! आजकल तुम
ईद का चाँद हो गए हो |
गाल बजाना |
डिंग हाँकना |
कायर तो सिर्फ गाल
बजाना ही जानते है |
चार दिनों की चाँदनी |
थोड़े ही दिनों का सुख |
अभी मौज उड़ा लो,
क्योंकि तेरी तो चार दिनों की चाँदनी है |
खून खुलना |
गरम होना |
उसकी बोली पर मेरा खून
खुल गया |
सफेद झूठ |
सरासर झूठ |
यह सफेद झूठ है की
मैंने उसे पिटा है |
अनेक शब्दों
के लिए एक शब्द |
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Hello My Dear, ये पोस्ट आपको कैसा लगा कृपया अवश्य बताइए और साथ में आपको क्या चाहिए वो बताइए ताकि मैं आपके लिए कुछ कर सकूँ धन्यवाद |