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भारती भवन कक्षा 10वीं जीवविज्ञान जनन लघु उत्तरीय प्रश्नों के ऊत्तर : Bharati Bhawan Class 10th Biology Generation : Long Type Question and Answer : BharatiBhawan.org

भारती भवन कक्षा 10वीं जीवविज्ञान जनन लघु उत्तरीय प्रश्नों के ऊत्तर  Bharati Bhawan Class 10th Biology Generation  Long Type Question and Answer  BharatiBhawan.org

6. Generation

जनन 

 लघु उत्तरीय प्रश्न :-

1. अलैंगिक जनन की मुख्य विशेषताएं क्या है ? 

उत्तर :- (i) इसमे जीवों का सिर्फ एक व्यष्टि भाग लेता है | 

(ii) इसमे युग्मक भाग नहीं लेता है  |

(iii) इस प्रकार के जनन में समसूत्री कोशिका विभाजन होता है | 

(iv) अलैंगिक जनन के बाद जो संतानें पैदा होती है | वे आनुवांशिक गुणों में ठीक जनकों के सामान होती है | 

2. द्विखंडन एवं बहुखंडन में क्या विभेद है ? 

उत्तर :-  

 

द्विखंडन

 

बहुखंडन

1  

कोशिका के चारों ओर सिस्ट अथवा रक्षी भित्ति नहीं बनती है |

1

कोशिका के चारों ओर सिस्ट अथवा रक्षी भित्ति बन जाती है |

2

द्विखंडन में बहुखंडन की सतह की कोई प्रक्रिया नहीं होती है |

2

सिस्ट के भीतर कोशिका का केन्द्रक कई बार खंडित होकर अनेक छोटे-छोटे केन्द्रक बनाता है जो संतति केन्द्रक कहलाते है | प्रत्येक संतति केंद्र के चारो ओर कुछ कोशिका द्रव्य एकत्रित हो जाता है और उसके चारों ओर पतली झिल्लियाँ बन जाती है |

3

जनन जीव खंडित होकर दो नए जीवों को जन्म देता है |

4

जब सिस्ट फटती है तब उसमे उपस्थित अनेक संतति कोशिकाएं निकल आती है जो नए जीवों को उत्पन्न करती है |

3. कायिक प्रवर्धन को परिभाषित करें | 

उत्तर :- जनन की वह प्रक्रिया जिसमे पादप शारीर का कोई कायिक या वर्धि भाग जैसे-तना, पत्ती आदि परिवर्तन या विलग होकर नए पौधे का निर्माण करते है उसे कायिक प्रवर्धन कहते है | इसके द्वारा बनाने वाले पौधे अपने जनक के अनुरूप होते है | कायिक प्रवर्धन सामान्यत आर्किड, अंगूर, गुलाब एवं सजावटी पौधे में होता है | कायिक प्रवर्धन प्राकृतिक एवं कृत्रिम दोनों तरीके से होता है, ये प्रवर्धन जड़ ताने एवं पत्तियों से होते है | 

4. पुनर्जनन में क्या होता है ? 

उत्तर :- यह जनन की एक विधि है | इस जनन में जीवों का शारीर किसी कारण से दो या अधिक टुकड़ों में खंडित हो जाता है तथा प्रत्येक खंड अपने खाए हुए भागों का विकास कर पूर्ण विक्सित नए जीवों में परिवर्तन हो जाता है और सामान्य जीवन-यापन करता है | इस प्रकार के जनन स्पाइरोगाइरा हाइड्रा तथा प्लेनेरिया आदि में होता है | 

5. बीजाणुजनन से जीवों को क्या लाभ है ?

उत्तर :- बीजाणु द्वारा जनन से जीव लाभान्वित होता है क्योंकि बीजाणु के चारों ओर एक मोती भित्ति होती है जो प्रतिकूल परिस्थितियों में उसकी रक्षा करती है, और नम सतह के संपर्क में आने पर वह वृद्धि करने लगती है |  

6. क्या जटिल संरचनावाले जीव पुनर्जनन द्वारा नै संतति उत्पन्न कर सकते है | 

उत्तर :- नहीं, इसका मुख्य कारण है की पुनर्जनन के सामान नहीं है क्योंकि जटिल संरचनावाले जीव के किसी भाग को काटकर सामान्यत नया जीव उत्पन्न नहीं करते | जटिल संरचना वाले जीव केवन लैंगिक जनन द्वाक्षारा ही नयी संतति उत्पन्न कर सकते है | 

7. लैंगिक जनन की क्या महत्ता है ?

उत्तर :- (i) लैंगिक जनन से जनन संतति में विविधता आती है | 

(ii) जीव के आने युग्मक बनाते है जिसके कारण आनुवांशिक विविधता का विकास होता है | 

(iii) नए जीवों के विकास में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है |  

8. एक प्ररुपी पुष्प के सहायक अंग एवं आवश्यक अंग में क्या भिन्नता है ? 

उत्तर :- एक प्ररुपी पुष्प के सहायक अंग फूल को आकर्षक बनाने के साथ आवश्यक अंगों की रक्षा भी करते है अथा आवश्यक अंग जनन का कार्य करते है | 

9. स्व-परागण एवं पर-परागण में क्या अन्तर है ? 

उत्तर :- 

 

स्व-परागण

 

पर-परागण

1  

परागकण उसी फूल के या उसी पौधे के दुसरे फूल के वर्तिकाग्र पर पहुँचते है |

1

परागकण किसी दुसरे पौधे के फूल के वर्तिकाग्र पर पहुँचते है |

2

परागकणों के नष्ट होने की संभावना कम होती है |

2

परागकणों के नष्ट होने की संभावना अधिक रहती है |

3

इस क्रिया से उत्पन्न बीज अधिक स्वस्थ नहीं होती है |

4

इस क्रिया से उत्पन्न बीज अधिक स्वस्थ होती है |

4

इस क्रिया से नै जातियां उत्पन्न नहीं होती |

4

इस क्रिया से नै जातिया उत्पन्न होती है |

  10. अलैंगिक जनन की तुलना में लैंगिक जनन से क्या लाभ है ? 

उत्तर :- (i) लैंगिक जनन में शुक्राणु तथा अंडाणु के संयुजन के कारण डी. एन. ए. द्वारा पैत्रिक गुण वर्तमान पीढ़ी के सदस्य में हस्तांतरित हो जाते है जो जीवित रहने के लिए अधिक शक्तिशाली होते है जबकि अलैंगिक जनन में एकल डी. एन. ए. होने के कारण जीवित रहने की संभावना कम हो जाती है | 

(ii) लैंगिक जनन में डी. एन. ए. की दोनों प्रतिकृतियों में कुछ-न-कुछ अंतर अवश्य होती है जिसके परिणामस्वरूप नै पीढ़ी के सदस्य जीव में भिन्नता अवश्य दिखाई देती है जबकि अलैंगिक जनन में भिन्नता नहीं दिखाई देती | यदि उसमे किसी कारण से भिन्नता आ जाती है तो जीव की मृत्यु हो जाती है | 

(iii) लैंगिक जनन उद्द्विकास में बहुत सहायक है जबकि अलैंगिक जनन उद्द्विकास में सहायक नहीं है | 

Class 10th Biology Chapter 1 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 1 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 1 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 

Class 10th Biology Chapter 2 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 2 लघु उत्तरीय प्रश्न 

Class 10th Biology Chapter 2 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 

Class 10th Biology Chapter 3 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 3 लघु उत्तरीय प्रश्न 

Class 10th Biology Chapter 3 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 4 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 4 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 4 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 5 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 5 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 5 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 6 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 6 लघु उत्तरीय प्रश्न 

Class 10th Biology Chapter 6 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 

Class 10th Biology Chapter 7 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 7 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 7 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 

Class 10th Biology Chapter 8 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 8 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Biology Chapter 8 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

 Class 10th Chemistry Chapter 1 Question and Answer

Class 10th Chemistry Chapter 2 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Chemistry Chapter 2 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Political Science Chapter 2 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Political Science Chapter 2 लघु उत्तरीय प्रश्न

11. बीजपत्र का क्या काम है ? 

उत्तर :- बीज पत्र जिसमे खाद्द-पदार्थ जमा रहता है वह अन्कुराते हुए भ्रूण का पोषण करता है | 

12. पुरःस्थ ग्रंथि के कायों का उल्लेख करें | 

उत्तर :- पुरस्थ ग्रंथि से पुरस्थ द्रव स्रावित होता है | पुरस्थ द्रव, शुक्राणु द्रव तथा शुक्राशय द्रव मिलकर वीर्य बनाते है | पुरस्थ द्रव के कारण ही वीर्य में विशेष गंध होती है | पुरस्थ द्रव वीर्य के शुक्राणुओं (नर युग्मक ) को उत्तेजित करते है |  

13. फैलोपिअन नलिका की संरचना का वर्णन करें | 

उत्तर :- फैलोपिअन नलिका एक जोड़ी चौड़ी नलिकाएँ है जो अंडाशय के ऊपरी भाग से शुरू होकर नीचे की ओर जाती है और अंत में गर्भाशय से जुड़ जाती है | प्रत्येक फैलोपियन नलिका का शीर्षभाग एक चौड़े किप के सामान होता है जो अंडाणु को फैलोपियन नलिका में प्रवेश करने में सहायता करते है | फैलोपियन नलिका दीवार मांसल एवं संकुचनाशील होती है | इसकी भीतरी सतह पर सिलिया लगी होती है, जो अंडाणु को फैलोपिअन नलिका में नीचे की ओर बढ़ने में सहायता देती है, इस नलिका के द्वारा अंडाणु गर्भाशय में पहुँचते है | 

14. निषेचित न हो सकने वाले एक परिक्व अंडाणु का क्या होता है ? 

उत्तर :- एक परिक्व अंडाणु यदि निषेचित न हो तो यह लगभग एक दिन जीवित रहती है क्योंकि अंडाशय प्रत्येक माह एक अंड का मोचन करता है, अत निषेचन अंड की प्राप्ति हेतु गर्भाशय भी प्रति माह तैयार करता है |  अत इसकी अंतनिषेचन मांसल एवं स्पंजी हो जाती है | यह अंड के निषेचन होने की अवस्था में उसके पोषण के लिए आवश्यक है | परन्तु निषेचन न होने की अवस्था में इस परत को भी आवश्यकता नहीं रहती है | अत यह परत धीरे-धीरे छुट कर योनी मार्ग से रुधिर एवं म्यूकस के रूप में निष्काषित होती है | इस चक्र में लगभग एक मॉस का समय लगाता है तथा इसे ऋतुस्राव अथवा रजोधर्म कहते है | इसकी अवधि लगभग 2 से 8 दिनों की होती है |  

15. जनसंख्या-नियंत्रण में रासायनिक विधियों का उपयोग किस प्रकार सहायक है ? 

उत्तर :- ऐसी विधियों में विभिन्न रसायनों से निर्मित गर्भ-निरोधक साधनों का उपयोग किया जाता है | जैसे-रसायनों से निर्मित ऐसा क्रीम स्त्री की योनी में लगा दिया जाता है जो शुक्राणुओं को नष्ट कर देते है| इससे निषेचन नहीं हो पाटा है | कृत्रिम तरीके से विभिन्न रसायनों द्वारा एस्ट्रोजेन जब इनका सेवन करती है तब उनके सामान्य मासिक चक्र बाधित हो जाते है तथा अण्डोत्सर्ग नहीं हो पाटा है | यह जनसंख्या नियंत्रण की अत्यंत सुरक्षित और प्रभावी विधि है | 

16. लैंगिक संचारित रोगों को तालिका के माध्यम से दर्शाएं | 

उत्तर :-

 

बैक्टीरिया जनित रोग  

वायरस जनित रोग

प्रोटोजोआ जनित रोग

1  

गोनोरिया

सर्विक्स कैंसर

ट्राईकोमोनिएसिस

2

सिफलिस

हर्पिस

 

3

युरेथ्राईटिस

एड्स

 

4

सर्विसाईंटिस

 


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