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Class 10 Geography : Notes Chapter 2 : भूमि और मृदा संसाधन : Bharati Bhawan

Class 10 Geography
भूमि और मृदा संसाधन


 कक्षा 10                                                भूगोल 

भूमि और मृदा संसाधन  

  • भूमि निम्नीकरण :- भूमिनिम्नीकरण का अर्थ है, भूमि के उपजाऊ वन में कमी | भूमि एक ऐसा संसाधन है, जिसका उपयोग हमारे पूर्वज करते है और आने वाली पीढ़ियाँ भी करेंगी | 
          कारण :-
                              वनो की कटाई 
                             अति पशुचारण 
                             खनन (खुदाई)
                             अति सिंचाई 
                             औद्दोगिकी 
       उपाय :- 
                              पेड़ लगाना 
                             भूमि सिंचाई न करना 
                             अति पशुचारण न करना 
                              प्रदूषित जल न फेंकना 
मृदा संसाधन ( मिट्टी )  
  • इसे एक महत्वपूर्ण संसाधन है | 
  • इसकी निर्माण में लाखों वर्ष लगते है | 
  • इसका प्रमुख कारक :- भूआकृति, जलवायु, तापमान, पवन 

 मिट्टी के प्रकार 
  1. जलोढ़ मिट्टी  
  2. काली मिट्टी 
  3. लाल और पीली मिट्टी 
  4. लेटराइट मिट्टी 
  5. मरुस्थली या रेतीली मिट्टी 
1. जलोढ़ मिट्टी 
  • महत्वपूर्ण :- विस्तृत रूप में फैलाव 
  • पूरा उत्तरी मैदान इसी से बना ,
  • सिंधु , गंग, ब्रह्मपुत्र द्वारा लाए गए निक्षेपों से बनी 
  • आयु के आधार पर पहचान 
काली मिट्टी दो प्रकार के होते है :- 
  1. बांगर मिट्टी ( पुरानी ) :- ये कंकरीली होती है | 
  2. खादर मिट्टी ( नई ) :- इसमें छोटे-छोटे कण और उपजाऊ भी होते है | 
2. काली मिट् टी 
  • इसकी रंग काली होती है | 
  • इन्हें 'रेगर' मिट्टी भी कहते है | 
  • ये कपास की खेती के लिए best है |
  • दक्कन के पठार क्षेत्र में पाई जाती जाती है | 
  • ये लावा से बानी है | 
  • इसमें पॉस्फोरस की कमी होती है | 
  • इसे गीला करने पर चिपचिपी हो जाती है | 
3. लाल और पीली मिट्टी  
  • कम वर्षा वाले क्षेत्र में पाए जाते है | 
  • इनका लाल रंग आग्नेय चट्टानों में लॉह धातु के प्रसार से होता है | 
  • इसमें पानी मिलाने पर पीली हो जाती है | 
4. लेटराइट मिट्टी  
  • लेटराइट शब्द ग्रीक भाषा से शब्द लेटर से लिया गया है, जिसका अर्थ है, ईंट | 
  • उच्च तापमान और अत्यधिक वर्षा वाला क्षेत्र 
  • इसमें ह्यूमस की मात्रा काम पाई जाती है | 
  • इसमें खाद्य और उर्वरक डालकर ही खेती की जा सकती है | 
  • ये मिट्टी कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और ओडिसा क्षत्रो में पाई जाती है | 
5. मरुस्थली मिट्टी  
  • इसका रंग लाल/भूरा होता है | 
  • रेतीली/लवणीय - नमक की मात्रा ज्यादा होती है | 
  • उच्च तापमान के कारण ह्यूमस की मात्रा कम/नमी में कमी होती है | 
  • इस मृदा को सिंचाई द्वारा खेती के योग्य बनाया जा सकता है | 
6. वन मृदा 
  •  ये पहाड़ी क्षेत्रो में पाई जाती है | 
  • ह्यूमस नहीं होती है | 
  • नदी घाटियों में ये सिलटदार होती है, पर ऊपरी ढालों में मोटे कण होते है | 
  • नदी घाटियों के निचले क्षेत्रों में ये उपजाऊ होती है | 
  • ये वर्षावनों में पाई जाती है |  

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