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Class 10th Bharati Bhawan Geography Chapter 9 | परिवहन संचार और व्यापार | कक्षा 10वीं भारती भवन भूगोल अध्याय 9 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Bharati Bhawan Geography Chapter 9  परिवहन संचार और व्यापार  कक्षा 10वीं भारती भवन भूगोल अध्याय 9 लघु उत्तरीय प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रशन 1:-- परिवहन और संचार के आधुनिक साधनों को हमारे राष्ट्र की जीवन रेखाएं क्यों कहा गया है? 

उत्तर:-- परिवहन और संचार के आधुनिक साधन किसी भी देश और उसके अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएं होती है। परिवहन और संचार के विकसित साधनों से आज पूरा संसार घर आंगन बन चुका है। इस साधनों के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर बहुत आसानी से कम समय में पहुंचा जा सकता है। अपने घर बैठे संचार भर की घटनाओं और समाचारों के जान सकते हैं। परिवहन एवं संचार के साधनों ने तो जैसे जीवन के सभी क्षेत्रों में क्रांति पैदा कर दी है।परिवहन के साधनों द्वारा उपयोगी वस्तुओं को बाजार तक पहुंचाया जा सकता है। देश के विभिन्न क्षेत्रों में पैदा होने वाले अशांति, सूखा, बाढ़ ,महामारी जैसे आपदा के क्षेत्रों में सहायता कार्य करने में यातायात के साधन सहायक होते हैं। इसलिए परिवहन और संचार के आधुनिक साधनों को हमारे राष्ट्र की जीवन रेखाएं कहते हैं।

प्रशन 2:-- भारत में सड़कों का विकास तेजी से हो रहा है। इस कथन की पुष्टि करें।

उत्तर:-- प्रथम एवं द्वितीय विश्व युद्ध के साथ सड़कों का विकास शुरू हुआ लेकिन स्वतंत्रता के बाद भारत में सड़क मार्ग का तेजी से विकास हुआ है, वर्तमान में विकास कई गुना अधिक हुआ है ।1947 —48 ई० में भारतीय सड़क मार्ग की कुल लंबाई 3.48 लाख किलोमीटर थी जो वर्तमान समय में 18  लाख किलोमीटर है। इनमें से करीब 8 लाख किलोमीटर पक्की सड़कें हैं। क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रति 100 वर्ग किलोमीटर पर 62 किलोमीटर एवं 1 लाख  जनसंख्या पर 243 किलोमीटर लंबी सड़के हैं।जहां तक प्रादेशिक वितरण का प्रश्न है वह अत्यंत ही असमान है। सामान्यतः दक्षिण भारत में सड़कों का विकास अधिक हुआ है। सड़कों की सर्वाधिक लंबाई महाराष्ट्र में है। अतः इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि भारत में सड़कों का विकास तेजी से हो रहा है।

प्रशन 3:-- भारत में सड़कों की सघनता किन दो क्षेत्रों में अधिक है और क्यों? 

उत्तर:-- भारत में सड़कों की सघनता निम्न दो क्षेत्रों में अधिक पाई जाती है।

(1) गंगा के मैदान में (बंगाल से लेकर पंजाब तक)

(2) तमिलनाडु, केरल में (पूर्वी तट से पश्चिमी तट तक)

उत्तरी मैदानी भाग में सड़कों का घनापन अधिक है । परंतु पक्की सड़कें की लंबाई कम है। परंतु दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य और केरल राज्य में पक्की सङंके अधिक है। इन क्षेत्रों में सड़कों का घनापन अधिक होने का कारण यह है कि उत्तर भारत का मैदानी क्षेत्र हो या दक्षिण का तमिलनाडु या केरल राज्य हो, यह सभी क्षेत्र कृषि प्रधान क्षेत्र है,समतल भू भाग है अधिक जनसंख्या वाला क्षेत्र है। इसलिए इन क्षेत्रों में सड़कों की सघनता अधिक पाई जाती है।

प्रशन 4:-- कुछ महत्वपूर्ण राष्ट्रीय महामार्गै  का विवरण दें।

उत्तर:-- भारत के कुछ महत्वपूर्ण राष्ट्रीय महामार्गै का विवरण इस प्रकार है---

(1) ग्रैंड ट्रंक रोड जिसका निर्माण शेरशाह सूरी ने करवाया था। जो दिल्ली, कानपुर, इलाहाबाद और वाराणसी से होकर जाती है। इसके अतिरिक्त यह पश्चिम बंगाल, झारखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब राज्य से होकर गुजरती है। इसकी लंबाई 2000 किलोमीटर है।।

(2) आगरा मुंबई सड़क NH-3 यह ग्वालियर, इंदौर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से होकर गुजरती है।

(3) चेन्नई, मुंबई सड़क यह बंगलुरु, बेलगाम और पुणे से होकर जाती है।

(4) चेन्नई बहारागोड़ा सड़क NH-5 यह विजयवाड़ा, विशाखापट्टनम, भुवनेश्वर और कटक से होकर जाती है।

(5) कोलकाता हजीरा महासागर NH-6 यह बहरागोड़ा, संभलपुर, रायपुर और कानपुर से होकर जाती है।

(6) ग्रेट डेक्कन महामार्ग NH-7 यह रीवां, जबलपुर, नागपुर, हैदराबाद और बुंगलुरु से होकर जाती है।

प्रशन 5:-- भारत को रेलमार्गो से क्या स्थान मिला है? पहाड़ी भागों की अपेक्षा मैदानी भागों में रेल मार्गों का अधिक विस्तार क्यों है?

उत्तर:-- भारत के परिवहन के विभिन्न साधनों में रेलवे का प्रमुख स्थान है। यहां एशिया की दूसरी लंबी रेलमार्ग। हमारे देश में अभी रेलमार्ग की कुल लंबाई लगभग 64 हजार किलोमीटर है। इन रेल मार्गो से भारत को विभिन्न लाभ मिला है। जैसे -- रेलमार्गों के द्वारा भारत के लोग जल्द और आसानी से एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र की यात्रा कम समय में कर लेते हैं। साथ ही रेलमार्गो व्यावसायिक, औद्योगिक और कृषि वस्तुओं की ढुलाई आसानी से की जाती है। कच्चे माल और निर्मित माल की ढुलाई इन रेलमार्गों द्वारा होने से हमारे देश में कृषि, व्यवसाय और उद्योग धंधों का विकास करने में सहायता मिलती है। इन रेलमार्गो से देश को बड़ी मात्रा में आय की भी प्राप्ति होती है जिससे राष्ट्रीय आय में वृद्धि हुई है। परिणाम स्वरूप देश की अर्थव्यवस्था का विकास करने में भी सहायता मिली है।

प्रशन 6:-- भारतीय रेलमार्ग किन तीन विभिन्न पटरियों में विभाजित है? इनमें से कौन पर्वतीय है भागों में सीमित है?

उत्तर:--भारतीय रेल मार्ग तीन विभिन्न पटरियों में विभाजित है---

(1) चौड़े गेजबाली पटरियां (1,676 किमी०):-- इन्हें बड़ी लाइन कहते हैं । इनकी मार्ग दूरी  49,820 किलोमीटर है।

(2) मोटी गेजवाली पटरियां (1,000 किमी०):-- इन्हें छोटी लाइन कहते हैं । इनकी मार्ग दूरी 10,621 किलोमीटर है।

(3) संकरे गेजवाली पटरियां (726 और 610 किमी०):-- इन सबसे छोटी या संकरी लाइन कहते हैं। इनकी मार्ग दूरी 2,886 किलोमीटर है।

इन तीनों रेल मार्ग की पटरियों में संकरे गेजवाली पटरियां पर्वतीय भागों में सीमित हैं। जैसे--- दार्जिलिंग क्षेत्र में।

प्रशन 8:-- दक्षिण भारत के किस राज्य में रेलमार्गों की सघनता पाई जाती है? 

उत्तर:-- दक्षिण भारत के सौराष्ट्र और तमिलनाडु में रेलमार्गों की सघनता पाई जाती है,क्योंकि इन राज्यों में समतल भूमि अधिक है और इन राज्यों में कृषि उत्पाद की अधिकता है, यहां कृषि के अतिरिक्त खनिज पर आधारित उद्योग भी विकसित है। तटीय मैदान होने के कारण विदेशी व्यापार की भी सुविधाएं हैं। यह घनी आबादी वाले क्षेत्र हैं अतः इन राज्यों में रेलमार्गों की सघनता पाई जाती है।

प्रशन 9:-- भारत के दो अंतरिक जल मार्गों का विवरण दें।

उत्तर:-- भारत के दो आंतरिक जलमार्गों  का विवरण इस प्रकार है---

(1) गंगा नदी में इलाहाबाद से हल्दिया।

(2) ब्रह्मपुत्र में सादिया से धुबरी ।

प्रशन 10:-- भारत के प्रमुख पत्तनों का महत्व बताएं।

उत्तर:-- भारत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार में पत्तनों का महत्वपूर्ण स्थान है । अंतरराष्ट्रीय व्यापार के निमित्त लगभग 95% माल का परिवहन समुद्री मार्ग से ही होता है अर्थात पत्तन अंतरराष्ट्रीय व्यापार के माध्यम हैं। इससे आयात निर्यात होता है।

भारत के प्रमुख पत्तनों का महत्व बहुत अधिक है, क्योंकि पत्तन पर ही समुद्री जहाज ठहरते। विदेशों में माल भेजने के लिए पत्तन से ही समुद्री जहाजों पर माल लादा जाता है निर्यात व्यापार होता है। इसी प्रकार समुद्री जहाजों से आए माल को पत्तन पर ही उतारा जाता है। और देश के आंतरिक भागों में रेलवे तथा सड़क मार्ग के द्वारा पहुंचाया जाता है। अतः विदेशी व्यापार के लिए देश के प्रमुख पत्तनों का महत्व बहुत अधिक है।

प्रशन 11:-- भारत में संचार के प्रमुख साधन कौन-कौन है? उनका विवरण दें।

उत्तर:-- भारत में विभिन्न प्रकार के संचार के साधन पाए जाते हैं जिनका विवरण इस प्रकार हैं---

(1) डाक सेवाएं:-- भारत में डाक सेवाओं का प्रारंभ प्राचीन काल में हुआ था। वर्तमान समय में इनकी संख्या बहुत अधिक है। वर्तमान समय में इनकी सर्वाधिक संख्या ग्रामीण क्षेत्रों में है। एक डाकघर औसतन 6,623 लोगों की सेवा में संगठन है।

(2) तार टेलीफोन सेवाएं:-- भारत में तार (टेलीग्राफ) की सेवाएं 1851 ईसवी में आरंभ हुई थी और टेलीफोन की सेवाएं 1881 में आरंभ हुई थी। इन दोनों सेवाओं की शुरुआत सबसे पहले कोलकाता में हुई थी। आज भारत में 38, 338 टेलीफोन एक्सचेंज हैं।

(3) रेडियो टेलीविजन और सिनेमा:-- यह संचार के इलेक्ट्रॉनिक्स माध्यम है। यह मनोरंजन के सबसे महत्वपूर्ण साधन है। अभी भारत में 200 से ज्यादा अकाशवानी केंद्र है।

(4) मुद्रण माध्यम:-- मुद्रण माध्यम जैसे पुस्तकें, समाचार पत्र, पत्रिकाएं इत्यादि महत्वपूर्ण  संचार के साधन है। इनसे लोगों का ज्ञान बढ़ता है। अभी भारत में इस माध्यम का प्रचार प्रसार बढ़ता जा रहा है।

प्रशन 12:-- भारतीय आयात और निर्यात व्यापार का उल्लेख करें। भारत का विदेशी व्यापार संतुलित है या असंतुलित? 

उत्तर:-- भारत जिन वस्तुओं का आयात करता है उनमें पेट्रोलियम, कच्चा तेल और उत्पाद, मशीनरी, मोती, कीमती और अर्ध  कीमती रत्न, कार्बनिक और अकार्बनिक रसायन, अलौह धातुएं, उर्वरक, खाद्य तेल , कृत्रिम रेजिन इत्यादि प्रमुख हैं।

भारत जिन वस्तुओं का निर्यात करता है उन में सूती वस्त्र, रत्न और जवाहरात,कृषि उत्पादन और इसके उत्पाद, इंजीनियरिंग के समान, चमरा और चमड़े के समान, खनिज इत्यादि प्रमुख हैं।

*भारत का विदेशी व्यापार असंतुलित अवस्था में है।

प्रशन 13:-- भारत के अंतरराष्ट्रीय महत्व वाले चार पत्तनों का उल्लेख करें ।

उत्तर:-- भारत के अंतरराष्ट्रीय महत्व वाले चार वायु पत्तन (हवाई अड्डे) का उल्लेख इस प्रकार है---

(1) मुंबई का वायु  पत्तन शांताक्रुज के नाम से प्रसिद्ध था, किंतु अब इसका नाम छत्रपति शिवाजी वायुपत्तन रखा गया है।

(2) चेन्नई का वायु पत्तन मनांबकम के नाम से जाना जाता था, अब इसका नाम चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय वायु पत्तन रखा गया है।

(3) दिल्ली का वायु पत्तन पालन के नाम से जाना जाता था, अब इनका नाम इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय वायु पत्तन रखा गया है।

(4) कोलकाता का वायुपत्तन दमदम के नाम से जाना जाता था, अब इसका नाम सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय वायु पत्तन रखा गया है।

प्रशन 14:-- परिवहन और संचार में अंतर स्पष्ट करें।

उत्तर:-- परिवहन और संचार में निम्नलिखित अंतर है---

*परिवहन और संचार:-- एक स्थान से दूसरे स्थान तक बोझा या यात्री ढोने के साधन परिवहन के साधन कहलाते हैं। सड़कें, रेलें, नावें , नदियां, नहरें, जलमार्ग, वायुमार्ग परिवहन के साधन है।संचार के साधनों से हम अपने संदेश एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजते हैं। डाक- तार, टेलीफोन और रेडियो संचार के साधन है।

प्रशन 15:-- भारत की सड़कों को किन किन वर्गों में बांटा जाता है? इनमें सबसे अधिक महत्वपूर्ण कौन है? 

उत्तर:-- भारत की सड़कों को मुख्य रूप से 4 वर्गों में बांटा जाता है---

(1) राष्ट्रीय राजमार्ग/महामार्ग

(2) प्रांतीय राजमार्ग/राज्य महामार्ग

(3) जिला स्तर की सड़कें तथा

(4) ग्रामीण सड़कें।

इन चारों सड़कों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग हैं।

प्रशन 16:-- सड़क मार्ग के किन्हीं तीन गुणों का उल्लेख करें।

उत्तर:-- सड़क मार्ग के तीन गुण इस प्रकार है---

(1) छोटी दूरियों को सड़क यातायात द्वारा आसानी से तय किया जाता है ।

(2) सड़क मार्ग द्वारा जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं को शीघ्रता से दूसरे स्थानों तक पहुंचाया जा सकता है।

(3) सड़क मार्ग के द्वारा ही वस्तुओं को निर्माता के द्वार से उपभोक्ता के घर तक पहुंच सकते हैं। यह रेल मार्ग के लिए सहायक मार्ग के रूप में कार्य करता है।

प्रशन 17:-- किन क्षेत्रों में रेलमार्ग यातायात के लिए सुविधाजनक है? सकारण उत्तर दें।

उत्तर:-- रेलमार्ग परिवहन का सबसे प्रमुख साधन माना जाता है, क्योंकि रेलमार्ग से यात्री अपनी यात्रा आसानी से पूरी करते हैं । इसी प्रकार माल की ढुलाई भी रेलमार्गों के द्वारा सुविधापूर्वक की जाती है।भारत के मैदानी क्षेत्रों में रेलमार्ग यातायात के लिए सुविधाजनक है ,क्योंकि मैदानी क्षेत्रों में रेलमार्गों का जाल बिछा हुआ है जिससे रेलवे का समुचित विकास हुआ है। जिन क्षेत्रों में जनसंख्या अधिक पाई जाती है उन क्षेत्रों में ही रेलमार्ग परिवहन के लिए अनुकूल है। साथ ही मैदानी क्षेत्रों में वाणिज्य व्यवसाय  , उद्योग धंधों और कृषि का समुचित विकास हुआ है। इसलिए वस्तुओं को रेलमार्ग के द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान में आसानी के साथ पहुंचाया जाता है।

प्रशन 18:-- सीमावर्ती सड़कों का क्या महत्व है?

उत्तर:-- सीमावर्ती सड़कों के निर्माण का कार्य सीमावर्ती सड़क विकास संगठन (1960 में स्थापित) द्वारा किया जाता है। भारत का सीमावर्ती क्षेत्र पश्चिम  में गुजरात से लेकर जम्मू कश्मीर तथा पूर्व में अरुणाचल प्रदेश में मिजोरम, त्रिपुरा तक फैला हुआ है।इन सीमावर्ती क्षेत्र में धरातल बहुत दुर्गम तथा ऊंचा नीचा है तथा जलवायु दशाएं प्रतिकूल है। इन कठिन परिस्थितियों में हमारे सैनिक जवान दिन-रात सुरक्षा के कार्य में लगे रहते हैं। इन्हें खाद्य पदार्थों तथा अन्य सामान की आपूर्ति करने में सीमावर्ती मार्ग बहुत सहायक है। इन सड़क मार्गों के बिना भारत की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। अतः हम कह सकते हैं कि सीमावर्ती सड़कें सामरिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है।

प्रशन 19:-- स्थानीय व्यापार और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अंतर बताएं।

उत्तर:-- जब दो देशों के बीच व्यापार होता है तो वह अंतरराष्ट्रीय व्यापार कहलाता है। यानी वैसा व्यापार जो देश की सीमा से बाहर किया जाता है। दूसरे शब्दों में दो देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहा जाता है। *अंतरराष्ट्रीय व्यापार में दो अंग होते हैं--आयात और निर्यात। जैसे-- भारत द्वारा अमेरिका के साथ व्यापार करना अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का उदाहरण है।दूसरी ओर स्थानीय व्यापार वैसा व्यापार होता है जो देश की सीमा के अंदर किया जाता है ।यानी देश के एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में व्यापार करना स्थानीय व्यापार कहलाता है। स्थानीय व्यापार में आयात निर्यात जैसे अंग नहीं होते हैं, क्योंकि यहां देश की सीमा के अंदर किया जाता है। दूसरे शब्दों में स्थानीय व्यापार दो स्थानीय स्थानों से संबंधित व्यापार होता है। जैसे-- बिहार द्वारा कोलकाता के साथ व्यापार करना स्थानीय व्यापार का उदाहरण है।

*अंतरराष्ट्रीय व्यापार तथा स्थानीय व्यापार में निम्नलिखित अंतर इस प्रकार है---

(1) अंतर्राष्ट्रीय व्यापार दो देशों के बीच होता है, जबकि स्थानीय व्यापार गांवों, कस्बों तथा शहरों में होता है।

(2) अंतर्राष्ट्रीय व्यापार बड़े पैमाने पर होता है, परंतु  स्थानीय व्यापार बहुत ही छोटे पैमाने पर होता है।

(3) स्थानीय व्यापार से स्थानीय लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति होती है, जबकि अंतरराष्ट्रीय व्यापार से पूरे देश की आवश्यकताओं की पूर्ति होती है।

(4) स्थानीय व्यापार में देश का धन देश में ही रहता है।इसके विपरीत अंतरराष्ट्रीय व्यापार में विदेशी मुद्रा का आदान-प्रदान होता है।

प्रशन 20:-- विशेष आर्थिक क्षेत्र क्या है?

उत्तर:-- भारत एशिया का पहला देश है जिसने निर्यात की वृद्धि के लिए निर्यात संसाधन क्षेत्र को स्वीकार किया ।परंतु कुछ खामियों के चलते निर्यात के संवर्धन की दिशा में ये क्षेत्र  (गुजरात में कांडला और सूरत, महाराष्ट्र में सांताक्रूज, केरल में कोच्चि ,तमिलनाडु में चेन्नई ,आंध्र प्रदेश में विशाखापट्टनम ,पश्चिम बंगाल में फाल्टा और उत्तर प्रदेश में नोएडा) करनार नहीं हो पाएगा। परिणाम स्वरूप अप्रैल 2000 में कई नई प्रावधानों के साथ विशेष आर्थिक क्षेत्र की नीति की घोषणा की गई। उपयुक्त सारे स्थान विशेष आर्थिक क्षेत्र कहलाए जाने लगे। इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों के सही संचालन एवं रोजगार के अधिक अवसर पैदा होने के चलते निवेश रोजगार निर्यात और अवसंरचनात्मक विकास में अतिरिक्त वृद्धि हुई है।

प्रशन 21:-- 31 अगस्त, 2004 की नई विदेश व्यापार नीति किस उद्देश्य से लाई गई? 

उत्तर:-- 31 अगस्त, 2004 को नई विदेश व्यापार नीति भारत में लाई गई। इस नीति को लाए जाने का यह उद्देश्य था कि 2004-2009 के बीच विश्व बाजार में भारत का हिस्सा दुगुना हो जाए। इसमें वर्णित प्रावधानों के चलते इसका सापेक्षिक (सकारात्मक) परिणाम देखने को मिला ।

प्रशन 22:-- भारत की आर्थिक प्रगति में परिवहन का महत्व निर्धारित करें।

उत्तर:-- भारत की आर्थिक प्रगति में परिवहन का महत्व बहुत अधिक है। परिवहन के साधनों के उपलब्ध रहने से ही कारखानों तक कच्चा माल पहुंचाया जाता है जिससे उत्पादन कार्य किया जाता है जो आर्थिक प्रगति में सहायक होता है। कृषि द्वारा उत्पादित उत्पादों को परिवहन की सहायता से अच्छे बाजार तक पहुंचाया जा सकता है जिससे उचित कीमत की प्राप्ति होती है जो आर्थिक प्रगति में सहायक है। साथ ही परिवहन साधनों की सहायता से विदेशी व्यापार भी किया जाता है जिससे देश की आर्थिक प्रगति होती है। अतः कहा जा सकता है कि परिवहन आर्थिक प्रगति में से एक महत्वपूर्ण कड़ी का  काम करता है।

प्रशन 23:-- पर्यटन से होने वाले लाभ की चर्चा करें।

उत्तर:-- पर्यटन उद्योग का एक महत्वपूर्ण अंग है। पर्यटन से होने वाले लाभ इस प्रकार हैं---

(1) पर्यटन के विकास से रोजगार के अवसर उत्पन्न होते हैं।

(2) विदेशी मुद्रा अर्जित करने की दृष्टि से यहां न्यूनतम पूंजी निवेश का उद्योग है।

(3) आंतरिक पर्यटन से राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा मिलता है।

(4) पर्यटन से  स्थानीय हस्तकला और संस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहन प्राप्त होता है।

(5) आपसी मेलजोल से विभिन्न क्षेत्रीय संस्कृतियों के समन्वय द्वारा एक नई राष्ट्रीय संस्कृति का विकास होता है।

(6) साथी पर्यटन से छोटे छोटे व्यापारियों और फेरीवालों को भी लाभ पहुंचता है।

प्रशन 24:-- राष्ट्रहित के आलोक में 1991 की नई आर्थिक नीति के अनुकूल एवं प्रतिकूल प्रभावों का विवरण प्रस्तुत करें।

उत्तर:-- भारत की नई आर्थिक नीति के संबंध में भारतीय अर्थशास्त्रियों के विचार भिन्न-भिन्न है। कुछ अर्थशास्त्री इसे राष्ट्रहित में मानते हैं। उनके अनुसार इससे उत्पादकता के स्तर में वृद्धि होगी ,लोगों के जीवन स्तर में वृद्धि होगी, कार्य कुशलता में वृद्धि होगी ,अच्छी वस्तुएं कम मूल्य पर उपलब्ध होंगी, अर्थव्यवस्था की संरचना में सुधार होगा, निर्यात में वृद्धि होगी और राष्ट्रीय संसाधनों का समुचित उपयोग होगा ,औद्योगिक विकास से रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

वहीं दूसरी ओर कुछ अर्थशास्त्री इसे राष्ट्रहित में नहीं मानते उनके अनुसार पूंजी प्रधान उद्योग का महत्व बढ़ने से कंप्यूटर आदि का उपयोग अधिक बढ़ेगा जिससे रोजगार के अवसर घटेंगे। भारत के लघु और कुटीर उद्योग इससे प्रभावित होंगे, महंगाई बढ़ेगी,गरीबी बढ़ेगी, बाजार की मांग अनुसार नकदी फसलों के उत्पादन पर बल दिया जाएगा और खाद्य फसल का उत्पादन घटेगा।

प्रशन 25:-- राष्ट्रीय महामार्ग क्या है? कुछ राष्ट्रीय महामार्गो के नाम लिखें।

उत्तर:-- राष्ट्रीय महत्व की सड़कों को राष्ट्रीय महामार्ग कहा जाता है जो एक राज्य से दूसरे राज्य से मिलाती है। इनका निर्माण कार्य एवं रखरखाव केंद्रीय सरकार करती है।

*कुछ राष्ट्रीय महामार्गो के नाम लिखें--- 

(1) ग्रैंड ट्रंक रोड

(2) आगरा मुंबई सड़क NH-3

(3) चेन्नई मुंबई सड़क NH-4

(4) चेन्नई बहरागोड़ा सड़क NH-5

(5) कोलकाता हजीरा महामार्ग NH-6

(6) ग्रेट डेक्कन महामार्ग NH-7 ।

प्रशन 26:-- रेल परिवहन की कुछ समस्याओं का उल्लेख करें।

उत्तर:-- रेल परिवहन की कुछ समस्याएं इस प्रकार हैं--

(1) बहुत से यात्री बिना टिकट लिए चलते हैं और जंजीर खींचकर गाड़ियां रोकते हैं जिससे सरकार और यात्रियों को क्षति पहुंचती है।

(2) चोरियां बढ़ रही है।चोर न सिर्फ रेल की संपत्ति ले जाते हैं बल्कि यात्रियों को भी लूटते हैं।

(3) देश के अनेक भागों में पर्याप्त रेलगाड़ी का अभाव है। फलत: भीड़ बढ़ती है और यात्रियों को कष्ट होता है।

(4) कई भागों में दोहरा रेलमार्ग नहीं होने के कारण गाड़ियां विलंब से चला करती है।

(5) रेलमार्गों में देश में 3700 ऐसे संपार हैं जहां फाटक की व्यवस्था नहीं है। इन संपारो पर सावधानी की जरा सी चूक से दुर्घटनाएं होने का भय रहता है।

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