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Class 10th Bharati Bhawan Geography (भूगोल) Chapter 6 Energy or Power Resource | कक्षा 10वीं भारती भवन भूगोल अध्याय 6 ऊर्जा या शक्ति संसाधन अतिलघु और लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Bharati Bhawan Geography (भूगोल) Chapter 6 Energy or Power Resource  कक्षा 10वीं भारती भवन भूगोल अध्याय 6 ऊर्जा या शक्ति संसाधन अतिलघु और लघु उत्तरीय प्रश्न
Class 10th Bharati Bhawan Geography

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रशन 1:-- भारत में सबसे बड़ा ऊर्जा संसाधन कौन है?

उत्तर :--  भारत में सबसे बड़ा ऊर्जा संसाधन कोयला है।

प्रशन 2:-- ग्रेफाइट किस पदार्थ का एक रूप है?

उत्तर:-- ग्रेफाइट कोयले का अपरूप (एक रूप) है।

प्रशन 3:-- कैम्बे ग्रेवान क्षेत्र किस राज्य में स्थित है?

उत्तर:-- कैम्बे ग्रेवान क्षेत्र गुजरात में स्थित है।

प्रशन 4:-- भारत में पहला जल विद्युत केंद्र कहां और कब स्थापित किया गया था?

उत्तर:-- भारत में प्रथम जल विद्युत केंद्र कर्नाटक के शिवसमुद्र में 1902 में स्थापित किया गया था।

प्रशन 5:-- पेट्रोलियम की खोज पेंसिलवेनिया में किस व्यक्ति ने की थी?

उत्तर:-- 1948 ई० मैं सैमूएल एम.  कियर नामक व्यक्ति ने  पेंसिलवेनिया में पेट्रोलियम की खोज की।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रशन 1:-- ऊर्जा संसाधन का क्या महत्व है?

उत्तर:-- शक्ति ऊर्जा का संसाधन किसी भी देश के औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक है। शक्ति संसाधन किसी राष्ट्र के उत्थान, विकास तथा प्रभुत्व की कुंजी कहे जाते हैं। आर्थिक महत्व के साथ-साथ इनका राजनीतिक एवं सामरिक महत्व कम नहीं है। प्राकृतिक शक्ति के साधनों में कोयला, खनिज, तेल, जल, शक्ति आदि प्रमुख है।

प्रशन 2:-- दो परंपरागत और दो गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के नाम लिखें। दोनों स्रोतों की दो दो विशेषताएं बताएं।

उत्तर:-- परंपरागत ऊर्जा के दो स्रोत कोयला और पेट्रोलियम (खनिज तेल) है। 

*विशेषता:-- (1) कोयला और पेट्रोलियम से विद्युत उत्पन्न की जाती है जिसका उपयोग मोटरगाड़ीयों तथा वायुयानों में होता है।

(2) कोयला का उपयोग तरह-तरह के सामान बनाने में किया जाता है, जैसे --- अलकतरा, रंग रोगन, सुगंधित तेल, कृत्रिम रबड़, कृत्रिम चीनी, ( सैकरीन)  कृत्रिम धागे, नायलॉन, फिनायल, कीटनाशक दवाएं,  युद्ध के बहुत से समान इत्यादि बनाने में किया जाता है। पेट्रोलियम का उपयोग किसानों के खेतों के ट्रैक्टर से लेकर डीजल के उपकरणों, घरों में रोशनी के लिए लालटेन, गैस लालटेन इत्यादि में किया जाता है।

*विशेषता:-- (1) पवन चक्की द्वारा भूमिगत जल निकाल कर देहातों में सिंचाई की व्यवस्था की जाती है विराम सौर ऊर्जा का उपयोग सोलर चूल्हा, हिटरों, कूलर , प्रकाश आदि उपकरणों में की जाती है।

(2) पवन ऊर्जा से विद्युत उत्पन्न की जाती है। सौर ऊर्जा का उपयोग खाना बनाने में किया जाता है।

प्रशन 3:-- ऊर्जा संकट दूर करने के लिए ऊर्जा के किन स्रोतों को विकसित करने की आवश्यकता है? इसके लिए कौन से प्रयत्न  चल रहे हैं?

उत्तर:-- ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों की मांग कृषि, उद्योग, परिवहन तथा दैनिक जीवन में बढ़ती जा रही है। अतः विद्युत का उत्पादन बढ़ाना आवश्यक हो गया है। इसके लिए ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों को विकसित करने की आवश्यकता है। इसके लिए आयोग बनाए गए हैं और गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोत विभाग स्थापित किए गए हैं। इस दिशा में अन्य ऊर्जा संसाधनों की खोज की जा रही है। इसमें सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, जैविक ऊर्जा तथा अपशिष्ट पदार्थ से उत्पन्न ऊर्जा को विकसित करने पर बल दिया जा रहा है। भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में गोबर गैस प्लांट स्थापित कर उर्जा की प्राप्ति की जाती है। आजकल शहरों में भी सड़कों पर रोशनी के लिए बायोगैस का प्रयोग किया जा रहा है।

प्रशन 4:--निम्नांकित शक्ति के चार चार  उत्पादन केंद्रों के नाम लिखें।

(क) आणविक, (ख)तापीय, (ग) जल विद्युत। 

उत्तर:-- (क )आणविक शक्ति उत्पादन केंद्र--- रावतभाटा , नरोरा , कैगा एवं काकरापारा 

(ख) तापीय शक्ति उत्पादन केंद्र-- बरौनी, पतरातू, बोकारो एवं कहलगांव

(ग)  जल विद्युत उत्पादन केंद्र-- मैथन,पंचेत एवं शिवसमुद्र ।

प्रशन 5:-- कोयला और पेट्रोलियम की तीन तीन उपयोग बताएं।

उत्तर:-- कोयला और पेट्रोलियम का-- (1) कोयला और पेट्रोलियम से विद्युत उत्पन्न की जाती है जिसका उपयोग मोटरगाड़ियों तथा वायुयानों में होता है।

(2) कोयला का उपयोग तरह-तरह के समान बनाने में किया जाता है, जैसे--- अलकतरा, रंग रोगन, सुगंधित तेल, कृत्रिम  रबड़, कृत्रिम चीनी, (सैकरीन) कृत्रिम धागे (नायलॉन), फिनायल, कीटनाशक दवाएं,  युद्ध के बहुत से समान इत्यादि बनाने में किया जाता है। पेट्रोलियम का उपयोग किसानों के खेतों के ट्रैक्टर से लेकर डीजल के उपकरणों, घरों में रोशनी के लिए लालटेन, गैस लालटेन इत्यादि में किया जाता है।

(3)  कोयला का उपयोग लोहा इस्पात तैयार करने, सीमेंट बनाने और रसायन उद्योग में किया जाता है। पेट्रोलियम का उपयोग मशीनों को चिकनाई प्रदान करने वाले स्नेहक के रूप में भी किया जाता है।

प्रशन 6:-- खनिज तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन क्षेत्र कौन कौन है?

उत्तर:-- खनिज तेल के उत्पादन क्षेत्र :-- भारत में 14 लाख वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में (लगभग 16 अरब टन) खनिज तेल का भंडार है। इस संभावित खनिज तेल क्षेत्र के अंतर्गत उत्तर के मैदान, तटीय पटि्टयां, गुजरात के मैदान थारमरुस्थल और अंडमान निकोबार द्वीप समूह आते हैं।

*प्राकृतिक गैस के उत्पादन क्षेत्र:-- भारत में त्रिपुरा और राजस्थान में प्राकृतिक गैस के भंडार खोज निकाले गए हैं और उत्पादन लिए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त गुजरात, महाराष्ट्र,( मुंबई हाई), तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश , (कृष्णा गोदावरी बेसिन), उड़ीसा के तट के हटकर समुद्र में झारखंड, असम ,अंडमान, निकोबार और अरुणाचल प्रदेश में प्राकृतिक गैस के भंडार मिले हैं।

प्रशन 7:-- प्राकृतिक गैस का महत्व बताएं। भारत में इसकी पाइप लाइनें किस भाग में बिछाई गई है?

उत्तर:-- प्राकृतिक गैस का महत्व--- प्राकृतिक गैस का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है। प्राकृतिक गैस जैसे ऑक्सीजन का हमारे जीवन में इतना महत्व है कि इसके बिना हम जीवित नहीं रह सकते हैं। अन्य प्राकृतिक गैस का उपयोग उद्योग धंधों में कच्चे माल के रूप में किया जाता है। प्राकृतिक गैस जैसे L.P.G का उपयोग हम अपने दैनिक जीवन में खाना बनाने के रूप में करते हैं जिससे हमारा जीवन आसान हो जाता है। अतः कहा जा सकता है की प्रकृति की गैस का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है। भारत में प्राकृतिक गैस की पाइप लाइनें हजीरा, बीजापुर और जगदीशपुर में बिछाई गई है।

प्रशन 8:-- परंपरागत और गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोतों में अंतर बताएं।

उत्तर:-- परंपरागत और गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोतों में निम्नलिखित अंतर है---

*ऊर्जा के परंपरागत साधन:--

(1) ऊर्जा के परंपरागत साधनों में कोयला, खनिज तेल, प्राकृतिक गैस आदि के नाम लिए जा सकते हैं ।

(2) परंपरागत साधनों में कोयले और तेल के भंडार अक्षय नहीं है।

(3) परंपरागत साधनों के प्रयोग में काफी खर्च करना पड़ता है ।

*ऊर्जा के गैर परंपरागत साधन:--

(1)ऊर्जा के गैर परंपरागत साधनों में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, जैव पदार्थ से प्राप्त ऊर्जा तथा गोबर, खेती के कूड़े कचरे तथा मानव के मल मूत्र से प्राप्त उर्जा सम्मिलित है ।

(2) गैर परंपरागत साधन या तो नवीकरणीय योग्य है या अक्षय  हैं।

(3) गैर परंपरागत ऊर्जा के साधन कम खर्चीले हैं।

प्रशन 9:-- भूरे कोयले का विशाल भंडार किस राज्य में मिला है? वहां का कौन क्षेत्र इसके उत्पादन के लिए भी प्रसिद्ध है? 

उत्तर:-- भूरे कोयले का विशाल भंडार तमिलनाडु में मिला है। तमिलनाडु के नेवेली क्षेत्र भूरे कोयले (लिग्नाइट) के उत्पादन के लिए प्रमुख हैं।

तमिलनाडु के अतिरिक्त भूरा कोयला, राजस्थान, गुजरात, केरल और जम्मू कश्मीर में मिलता है।

प्रशन 10:-- टिप्पणियां लिखे---

(1) दामोदर नदी घाटी के कोयला क्षेत्र

(2) मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा की कोयला क्षेत्र 

(3) राष्ट्रीय कोयला विकास निगम (NCDC) 

उत्तर:-- (1) दामोदर नदी घाटी के कोयला क्षेत्र:-- भारत के कुल कोयला भंडार का 60% झारखंड तथा पश्चिम बंगाल की कोयला पट्टी मुख्यत:  दामोदर नदी घाटी में है। रानीगंज, झरिया, गिरिडीह, बोकारो और   कर्णपुरा  इसी पट्टी के प्रमुख कोयला क्षेत्र है।

(2) मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के कोयला क्षेत्र:-- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा की कोयला पट्टी सोन और महानदी की घाटियों में है जो उत्तर में चौड़ी और दक्षिण पूर्व में पतली होती गई है। मध्यप्रदेश में सिंगरौली, सोहागपुर, उमरिया तथा छत्तीसगढ़ में सोनहाट, झीलिमिली, चिरमिरी, कोरवा और रायगढ़ प्रमुख कोयला खदानें है । उड़ीसा की कोयला खदानों में तालचर प्रमुख है जो ब्राह्मणी घाटी में स्थित है।

(3) राष्ट्रीय कोयला विकास निगम (NCDC):-- भारत सरकार ने अब कोयले का उत्पादन अपने हाथ में ले लिया है और सार्वजनिक क्षेत्र में राष्ट्रीय कोयला विकास निगम (NCDC) की स्थापना की गई है। यह हमारे देश में कोयला क्षेत्रों का तेजी से विकास कर रहा है और कोयले की बर्बादी को रोकने के लिए प्रयत्नशील है।

प्रशन 11:-- भारत के किस भाग में जल विद्युत शक्ति उत्पन्न करने की आवश्यकता है और क्यों? उद्योगों के विकेंद्रीकरण में यह किस प्रकार सहायक सिद्ध हो सकती है? 

उत्तर:-- भारत में खासकर दक्षिण भारत में जल विद्युत शक्ति उत्पन्न करने की बहुत आवश्यकता है, क्योंकि यहां कोयले और पेट्रोलियम का अभाव है।

उद्योगों के विकेंद्रीकरण में जलविद्युत बहुत ही सहायक सिद्ध हो सकती है, क्योंकि जिन उद्योगों में सस्ती और अधिक बिजली चाहिए, उनके लिए जल विद्युत विशेष महत्वपूर्ण है। जलविद्युत से उत्पन्न बिजली को कारखानों में पहुंचाकर उसके उत्पादन शक्ति को बढ़ा सकते हैं। जैसे--  तमिलनाडु में सूती वस्त्र उद्योग का विकेंद्रीकरण वहां की विकसित जल शक्ति के कारण नहीं हो पाया है। अतः उद्योगों के विकेंद्रीकरण में जल विद्युत बहुत ही सहायक सिद्ध हो सकती है।

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