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Class 10th Bharati Bhawan Geography Chapter 12 | (Natural Crisis and Disaster) Long Type Question Answer | कक्षा 10 भारती भवन भूगोल अध्याय 12 (प्राकृतिक संकट और आपदा) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Bharati Bhawan Geography Chapter 12  (Natural Crisis and Disaster) Long Type Question Answer  कक्षा 10 भारती भवन भूगोल अध्याय 12 (प्राकृतिक संकट और आपदा) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रशन 1:-- प्राकृतिक संकट और प्राकृतिक आपदा में अंतर स्पष्ट करें।

उत्तर:-- प्राकृतिक संकट और प्राकृतिक आपदा में अंतर निम्नलिखित हैं---

*प्राकृतिक संकट:--

(1) इस की गति धीमी होती है।

(2) इनमें धनजन की व्यापक हानि की संभावना होती है जैसे--

(क) महासागरीय धाराएं

(ख) भूस्खलन 

(ग) अस्थिर संरचना 

(घ) रेगिस्तान या बर्फीला स्थानों की जलवायु ।

*प्राकृतिक आपदा:--

(1) इसकी गति तीव्र होती है ।

(2) इसका प्रभाव तत्कालीन होता है।

(3)इनमें जनधन की व्यापक हानि होती है और नियंत्रण नहीं रह पाता है जैसे---

(क) युद्ध

(ख) वनों का कटाव

(ग) वायुमंडल का प्रदूषण

(घ) परिस्थितिक तंत्र के साथ छेड़छाड़।

प्रशन 2:-- विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के नाम लिखकर किसी एक को परिभाषित करें।

उत्तर:-- भारत प्राकृतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विविधताओं का देश है। इसकी विपुल जनसंख्या और विस्तृत क्षेत्र किसी न किसी आपदा से ग्रस्त होता रहता है। कोई क्षेत्र एक आपदा के लिए संवेदनशील है तो कोई दूसरी आपदा के लिए और कोई कई आपदाओं से एक साथ ग्रस्त हो जाता है।

अधिक विनाशकारी आपदाएं बाढ़, सूखा, सुखार, भूकंप, सुनामी।

कुछ कम विनाशकारी आपदाएं चक्रवात, ओलावृष्टि, हिमस्खलन, भूस्खलन, ब्रजपाट मेघास्फोट, ज्वालामुखी।

*सुनामी:-- भूकंपीय कंपन का केंद्र जब स्थल खंड पर होता है,तो उसे भूकंप कहते हैं, लेकिन जब वही कंपन महासागर  की तली पर होता है तो वह सुनामी के नाम से जाना जाता है। सुनामी के प्रभाव से समुद्री जल में कंपन होता है जिससे जल में  क्षैतिज गति उत्पन्न होती हैं। आंतरिक ऊर्जा से संचालित क्षैतिज प्रवाह का जल तटीय स्थल को टकराता है और तट पर सुनामी का विनाशलीला देखने को मिलती है।

20 जनवरी 2004 को दक्षिण पूर्व एशिया से लेकर बंगाल की खाड़ी तक आए सुनामी में सैकड़ों लोग विलुप्त हो गए। निकोबार दीप समूह के दक्षिणी इंदिरा पॉइंट इसके प्रभाव से विलुप्त हो गया।

प्रशन 3:-- बाढ़ के कारणों एवं सुरक्षा संबंधी उपायों का वर्णन करें।

उत्तर:-- बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है जिसके कारण अधिक संख्या में जानमाल का नुकसान होता है।

*बाढ़ के निम्न कारण है:--

(1) नदियों में अधिक मात्रा में वर्षा जल के पहुंचने से बाढ़ आती है।

(2) वर्षा जल के साथ नदी की घाटी में मिट्टी के जमा होने से भी बाढ़ आती है।

(3) वनस्पतियों की कटाई के कारण बाढ़ होती है।

(4) कमजोर तटबंध के टूटने से बाढ़ आती है।

*बाढ़ से सुरक्षा संबंधी निम्न उपायों को किया जा सकता है:--

(1) बाढ़ की सूचना प्राप्त होते ही उस क्षेत्र के लोगों को हटा देना चाहिए।

(2) बाढ़ पूर्व की दवा, खाद्य एवं पेयजल की सुविधा उपलब्ध कर लेनी चाहिए।

(3) नदियों के तटबंधो का नियमित मरम्मत कार्य होते रहना चाहिए।

(4) सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों द्वारा राहत कार्य किया जाना चाहिए।

(5) मानव समाज को इस दिशा में जागरूक करने की आवश्यकता है।

प्रशन 4:-- सुखार क्या है? इससे लोगों को राहत दिलाने के क्या-क्या उपाय हैं?

उत्तर:-- सुखा एक प्राकृतिक आपदा है। जो किसी क्षेत्र में धीमी गति से अपना प्रभाव दिखाती है। सूखे जैसे आपदा से मानव का जीवन संकट में पड़ जाता है। कृषि फसल का उत्पादन कम होने लगता है। पेयजल की समस्या उत्पन्न होने लगती है। जीव जंतु की अचानक मृत्यु होने लगती है तापमान में वृद्धि होने लगती है।

*सुखाड़ जैसे आपदा के उत्पन्न होने के निम्न कारण है:--

(1) वर्षा की कमी।

(2) वनस्पतियों की कटाई।

(3) तापमान में वृद्धि।

(4) जल की कमी और जल स्तर में गिरावट।

(5) सिंचाई में जल की अधिक बर्बादी।

*सुखाड़ से बचाव के लिए निम्न उपाय किए जा सकते हैं:-- 

(1) वर्षा जल को छतो पर कुआं में, नहरों में, तालाबों में, झीलों में, संग्रह किया जाना चाहिए।

(2) वनस्पति वर्षा करने में मदद करते हैं। अतः अधिक संख्या में वनस्पतियों को लगाना चाहिए।

(3) नदियों पर बांध बनाकर ,नेहरें निकालकर सूखाग्रस्त क्षेत्रों में पानी पहुंचाना चाहिए।

(4) जल प्रदूषण पर नियंत्रण करना चाहिए।

प्रशन 5:-- भूकंप और सुनामी के विनाशकारी प्रभावों का वर्णन करें और इनसे बचाव के उपाय बताएं।

उत्तर:-- भूकंप और सुनामी एक प्राकृतिक आपदा है। इससे मानवीय जगत पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है । इससे जनधन की अपार क्षति होती है। बड़ी-बड़ी इमारतें मलबे का रूप ले लेती है। जिससे आर्थिक हानि होती है । सुनामी आने से समुद्र के किनारे के गरीब मछुआरों का जीवन संकट में पड़ जाता है। अभी हाल में जापान में भूकंप के झटको ने जापान वासियों को दहशत में ला दिया है। वहां के लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया है। भूकंप और सुनामी आने से न केवल धन जन की हानि होती है, बल्कि इसका देश की अर्थव्यवस्था पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। इन दोनों विनाशकारी आपदाओं से देश की स्थिति डांवाडोल हो जाती है। लोग अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं और दहशत में रहते हैं। इसका ज्वलंत उदाहरण जापान है, जहां भूकंप के झटको ने जापान में अपना विनाशकारी लीला दिखाया है। अतः इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि भूकंप और सुनामी के बहुत अधिक विनाशकारी प्रभाव होते हैं।

*भूकंप से बचाव के उपाय:--

(1) भूकंप का पूर्वानुमान:-- भूकंपलेखी यंत्र के द्वारा भूकंपीय तरंगों का पूर्वानुमान किया जा सकता है।

(2) भवन निर्माण:-- भवनों का निर्माण भूकंप रोधी तरीकों के आधार पर किया जाना चाहिए। खासकर उन क्षेत्रों में जो भूकंप प्रभावित हैं।

(3) प्रशासनिक कार्य:-- भूकंप के बाद राहत कार्य के लिए प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा विरोध दस्ते का गठन किया जाना चाहिए।

*सुनामी से बचाव के उपाय:--

(1) तटबंधो तथा मैंग्रोव झाड़ी का विकास:-- सुनामी के विनाशकारी प्रभाव से बचने के लिए कंक्रीट के तटबंधो का निर्माण तथा तटबंधो पर मैंग्रोव की झाइयों का विकास कर सुनामी के झटके को कम किया जा सकता है।

(2) तटीय प्रदेश के लोगों को प्रशिक्षण:-- तटीय प्रदेशों में रहने वाले लोगों को प्रशिक्षण देकर सुनामी के बाद राहत कार्यों में सामूहिक रूप से इनसे मदद लिया जा सकता है।

प्रशन 6:-- आपदा प्रबंधन के लिए राज्य और केंद्रीय स्तर पर क्या-क्या उपाय किए गए हैं?

उत्तर:-- आपदा प्रबंधन के लिए केंद्रीय स्तर पर प्रभावशाली उपाय करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान की स्थापना की गई है। यह संस्थान आपदा प्रबंधन के सिलसिले में अपनी भूमिका निभाता है। साथ ही केंद्रीय स्तर पर भी आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की व्यवस्था भी की गई है।

राज्य स्तर पर भी इसके लिए समुचित प्रबंध की व्यवस्था की गई है जिससे कि बाढ़, भूकंप, चक्रवात, भूस्खलन, होने की स्थिति में प्रभावशाली कदम उठाया जाता है और ऐसी आपदाओं से होने वाली क्षति को कम किया जा सके।केंद्र और राज्य सरकारों के आपदा राहत और पुनर्वास विभाग तथा आपदा प्रबंध निर्माण तो हैं ही, साथ ही जिला, प्रखंड और पंचायत स्तर पर भी समितियां हैं। स्वयंसेवी संस्थाएं बहुत उपयोगी होती है।

प्रशन 7:-- बाढ़ से होने वाली हानियों का विस्तृत वर्णन करें।

उत्तर:-- बाढ़ आने के पश्चात निम्न हानियां होती है---

(1) बाढ़ के कारण उपजाऊ भूमि पर अधिक समय तक जलजमाव रहता है।

(2) बाढ़ के दौरान वनस्पति, जीव जंतुओं की मृत्यु हो जाती है।

(3) बाढ़ के कारण महामारी जैसे मलेरिया ,हैजा ,चेचक जैसे रोगों का प्रकोप बढ़ जाता है।

(4) बाढ़ के कारण सड़क एवं रेल मार्ग टूट जाते हैं।

(5) बाढ़ के कारण मकान और ढांचों के गिरने या छतिग्रस्त होने से आर्थिक हानि के साथ आवास की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है।

(6) बाढ़ के कारण फसलें बर्बाद हो जाती हैं तथा जन धन की बहुत हानि होती है।

प्रशन 8:-- बिहार में बाढ़ की स्थिति की व्याख्या करें। बिहार सरकार ने इसका सामना करने के लिए कौन-कौन से प्रबंधन किए हैं? 

उत्तर:-- मौनसून की अनिश्चितता के कारण बिहार के किसी न किसी भाग में प्रतिवर्ष बाढ़ का आगमन होता है। बिहार की कोसी बाढ़ की विभीषिका के लिए बदनाम है। उत्तरी बिहार के मैदान बाढ़ से अधिक प्रभावित है। उत्तरी बिहार में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में सारण, गोपालगंज, वैशाली, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, सहरसा, खगरिया, दरभंगा, मधुबनी इत्यादि है ।ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्यत: घाघरा, गंडक, कमला, बागमती और कोसी नदियों से बाढ़ आती है। उत्तरी बिहार की नदियों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने के प्रमुख कारण हिमालय तराई के क्षेत्र में अधिक वर्षा है। एक सर्वेक्षण के अनुसार बिहार के कुल बाढ़ क्षेत्र का लगभग 64 लाख हेक्टेयर है।

बाढ़ वे प्राकृतिक आपदाएं हैं, जिनका संबंध वर्षा से है। जब मौनसूनी वर्षा अत्यधिक होती है,  तो नदियों के जलस्तर में तूफान आता है और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है। मॉनसून की अनिश्चितता के कारण भारत के किसी न किसी भाग में प्रति वर्ष बाढ़ का आगमन होता है। कुछ नदियां तो बाढ़ की विभीषिका के लिए बदनाम हो चुकी है, जैसे कोसी।हाल के वर्षों में बाढ़ की स्थिति मानवीय स्थिति से भी उत्पन्न होने लगी है। बाढ़ को रोकने के लिए बांध और तटबंध बनाए गए हैं ,लेकिन नदी का बढ़ता जलस्तर जब इन्हें तोड़ देता है तो अनेक ऐसे क्षेत्र भी जल प्लावित हो जाते हैं। 2008 ईस्वी में भारत नेपाल की सीमा पर कुसहा के पास तटबंध के टूटने से आई भयंकर बाढ़ है।

*सुरक्षा संबंधी उपाय---

(1) नदियों के किनारे तटबंध बनाना।

(2) बांध का निर्माण किया गया है।

(3) नवीकरण को प्रोत्साहित किया गया है।

(4) जलाशय का निर्माण किया गया है।

(5) सूचना तंत्र को सुदृढ़ किया गया है आदि।

प्रशन 9:-- वर्षा जल संचयन की व्याख्या करें।

उत्तर:-- वर्षा के जल को संचय करके रखना वर्षा जल संचयन कहलाती है वर्षा जल संचयन सूखे के दुष्परिणाम से बचने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। वर्षा ऋतु में होने वाली वर्षा के जल को विभिन्न उपाय करके उसको जमा करके रखने से बहुत हद तक जल की समस्या को दूर किया जा सकता है। हमारे देश में आजकल वर्षा कम हो रही है जिससे जल संकट उत्पन्न होते जा रहा है। वर्षा जल का संचयन करना आवश्यक है।

प्रशन 10:-- भूकंप क्या है? भारत के प्रमुख भूकंप संवेदनशील क्षेत्रों के नाम लिखकर उनका संक्षिप्त विवरण दें।

उत्तर:-- पृथ्वी की आंतरिक भागों में अचानक उत्पन्न कंपन को भूकंप कहते हैं। भूकंप की तीव्रता को सिस्मोग्राफ यंत्र द्वारा रिक्टर स्केल में मापते हैं।

*भारत को निम्नांकित भूकंप क्षेत्र में वर्गीकृत किया गया है---

(क) जोन–1:--इसके अंतर्गत भारत के दक्षिणी पठारी भाग आते हैं जहां भूकंप का खतरा नहीं के बराबर है।

(ख) जोन–2:-- इसके अंतर्गत प्रायद्वीपीय भारत के तटीय मैदानी क्षेत्र आते हैं जहां भूकंप का तीव्रता कम होती है।

(ग) जोन –3:--इसके अंतर्गत मुख्यतः गंगा, सिंधु का मैदान, राजस्थान तथा उत्तरी गुजरात के क्षेत्र आते हैं।

(घ) जोन –4:-- इसके अंतर्गत शिवालिक हिमालय का क्षेत्र, पश्चिम बंगाल का उत्तरी भाग, असम घाटी एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र , अंडमान निकोबार द्वीप समूह। यह सब क्षेत्र भूकंप के अधि का खतरनाक क्षेत्रों में आते हैं।

(ड़) जोन –5:-- इसके अंतर्गत गुजरात का कच्छ प्रदेश, जम्मू कश्मीर ,हिमालय प्रदेश, उत्तराखंड के पर्वतीय भाग, सिक्किम राज्य सम्मिलित हैं जो भूकंप के सर्वाधिक खतरनाक क्षेत्र माने जाते हैं।

प्रशन 11:-- सुनामी क्या है? इससे बचाव के उपाय लिखें।

उत्तर:-- महासागरों के आंतरिक पृष्ठीय  भागों में उत्पन्न हलचल को सुनामी कहते हैं। सुनामी एक प्राकृतिक आपदा है। जो समुद्र तटीय क्षेत्रों में मानव ,जीव जंतु, बनस्पति, मकान, उद्योग आदि को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाते हैं।

*सुनामी से बचने के लिए निम्न उपाय किए जा सकते हैं---

(1) समुद्र तटीय क्षेत्रों में मैंग्रोव वनस्पति को लगाना चाहिए।

(2) समुद्र तटीय क्षेत्र में कंक्रीट के तटबंध बनाना चाहिए।

(3) समुद्री क्षेत्रों के समीप रहने वाले लोगों को प्रशिक्षित करना चाहिए।

(4) समुद्र तटीय क्षेत्रों में सुनामी का पूर्वानुमान यंत्र के सहारे पहले ही सूचित किया जाना चाहिए।

(5) सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों की मदद से लोगों को जागरूक करना चाहिए।

Class 10 Geography Notes Chapter 1

Class 10 Geography Notes Chapter 2

Class 10 Geography Chapter 1 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 1 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 1 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 2 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 2 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 2 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 3 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 3 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 3 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 4 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 4 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 4 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 5 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 5 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 5 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 6 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 6 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 6 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 7 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 7 लघु उत्तरीय प्रश्न

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Class 10 Geography Chapter 8 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 8 लघु उत्तरीय प्रश्न

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Class 10 Geography Chapter 9 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

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Class 10 Geography Chapter 10 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 10 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 11 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10 Geography Chapter 11 लघु उत्तरीय प्रश्न

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Class 10 Geography Chapter 12 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

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