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अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. प्रथम इंस्पेक्टर जनरल ऑफ फॉरेस्ट्स इन इंडिया कौन थे?
उत्तर—डायट्रिच ब्रैन्डिस ।
2. इम्पिरियल फॉरेस्ट रिसर्च इस्टिच्यूट, देहरादून की स्थापना किस वर्ष हुई ?
उत्तर-1906
3. तिलका मांझी ने किस अंगरेज कलक्टर की हत्या की?
उत्तर- ऑगस्टस क्लीवलैंड।
4. कोल विद्रोह कहाँ से आरंभ हुआ?
उत्तर—छोटानागपुर (सिंहभूम के सोनपुर परगना) ।
5. कंध विद्रोह को किसने नेतृत्व प्रदान किया।
उत्तर- कंध विद्रोह को चक्र विसोई ने नेतृत्व प्रदान किया।
6. बिरसा मुंडा का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर-15 नवम्बर, 1875 को उलिहातू गाँव में।
7. धरती आबा' की उपाधि किसे दी गई थी?
उत - बिरसा मुंडा।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. भारतीय वन अधिनियम पारित करने का क्या उद्देश्य था?
उत्तर- वनों के अधिकतम उपयोग और वन-संपदा को अनावश्यक विनाश से बचाने के लिए सरकार ने 1865 में भारतीय वन अधिनियम पारित किया।
2. दिकू किन्हें कहा जाता था? उन लोगों ने जनजातीय जीवन को कैसे प्रभावित किया ?
उत्तर- जंगलों में बाहरी लोगों को दिकू कहा जाता है । दिकुओं ने जनजातियों के सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक एवं राजनीतिक जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाला । जनजातियों का जीवन जंगलों पर ही आधृत था, परंतु सरकारी नीतियों के कारण वे जंगल उत्पादों का व्यवहार करने से रोक दिए गए । वे जंगलों में न तो शिकार कर सकते थे और नहीं जलावन अथवा घरों के लिए लकड़ी ले सकते थे।
इसके साथ-साथ व्यापारी, महाजन और साहूकार भी आए । इन सबने मिलकर किसानों और जनजातियों का शोषण आरंभ किया। जनजातियों की पारंपरिक राजनीतिक और प्रशासनिक-व्यवस्था नष्ट हो गई। 'दिकुओं' के संपर्क में आने से परंपरागत सामाजिक जीवन भी बिखरने लगा । इसाई मिशनरियों के आगवन से धार्मिक जीवन भी प्रभावित हुआ । जनजातियों का शारीरिक एवं आर्थिक शोषण बढ़ गया।
3. ईसाई मिशनरियों का आदिवासियों पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर- इसाई धर्म का भी आदिवासियों पर व्यापक प्रभाव पड़ा । ईसाई श्मिानरियों ने शिक्षा प्रचार और मानव-कल्याण कार्यों के अतिरिक्त अपने धर्म का भी प्रसार किया। आदिवासी धर्म और संस्कृति को निंदनीय बताकर आदिवासियों का धर्मातरण भी करवाया । यह परंपरागत धार्मिक व्यवस्था पर कुठाराघात था। अतः परंपरावादी आदिवासियों ने इसका विरोध किया ।
4. चुआर आंदोलन का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-1805 में कंपनी सरकार ने जमोंदारी घटवाली पुलिस-व्यवस्था स्थापित की । दारोगा के रूप में गैर-आदिवासियों के स्थान पर स्थानीय लोगों को नियुक्त किया गया । जंगल महाल जिला भी बनाया गया। परिणामस्वरूप 1830 तक मानभूम क्षेत्र में शांति बनी रही।
5. चेरो विद्रोह पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर- चेरो जनजाति तत्कालीन बिहार के पलामू क्षेत्र में निवास करती थी। यह विद्रोह चेरो राजा के अत्याचारों के खिलाफ हुआ। 1783 में चूड़ामन राय राजा बना । वह अँगरेजी सरकार का समर्थक था। उसकी नीतियों के विरुद्ध 1800 में भूषण सिंह ने चेरो लोगों को नेतृत्व प्रदान किया खुला विद्रोह कर दिया। विद्रोह को दबाने में चेरो राजा असमर्थ रहा। अतः, उसने सरकारी सहायता की माँग की। सरकार ने कर्नल जोंस के अधीन सेना भेजी। दो वर्षों के संघर्ष के बाद सेना ने विद्रोह को कुचल दिया। 1802 में भूषण सिंह को गिरफ्तार कर फाँसी पर लटका दिया गया।
6. तमार विद्रोह का परिचय दीजिए।
उत्तर—यह विद्रोह 1789 को छोटानागपुर के उराँव जनजाति ने किया था। इसका मुख्य कारण जमींदारी शोषण था । यह विद्रोह करीब 1794 तक चला । यद्यपि कंपनी सरकार ने इसे जमींदारों की सहायता से कुचल दिया तथापित विद्रोह की ज्वाला शांत नहीं हुई। उराँवों ने आगे चलकर मुंडाओं और संथालों के साथ मिलकर विद्रोह किया । यद्यपि सरकार ने छोटानागपुर में शांति-व्यवस्था की स्थापना के लिए जमींदारी पुलिस बल की स्थापना की तथापि इससे विशेष लाभ नहीं हुआ।
7. उड़ीसा में चक्र विसोई की क्या भूमिका था?
उत्तर- कंध जनजाति में मरियाह प्रथा प्रचलित थी। 1837 में कंपनी सरकार ने इस प्रथा को प्रतिबंधित करने के प्रयास किया। कंधों ने इसे अपने सामाजिक-धार्मिक जीवन में सरकारी हस्तक्षेप माना । अतः वे विरोध कर उतारू हो गए। इस विरोध को चक्र विसोई ने नेतृत्व प्रदान किया। उनका जन्म घुमसार के ताराबाड़ी गाँव में हुआ था। उसने कंपनी सरकार की नीति का जोरदार विरोध किया। 1857 के विद्रोह में कंध आदिवासियों ने भी भाग लिया।
8. आदिवासियों के क्षेत्रवादी आंदोलन का क्या परिणाम हुआ?
उत्तर- 1935 के भारत सरकार अधिनियम में ही जनजातियों के लिए शिक्षा एवं आरक्षण की व्यवस्था की गई। भारतीय संविधान की धारा 342 में जनजातियों को कमजोर वर्ग मानकर उनके लिए आरक्षण एवं अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की गई। 1952 में 'नई वन नीति' बनाई गई। इसके द्वारा वनों की रक्षा एवं आदिवासियों के अधिकारों की सुरक्षा की व्यवस्था की गई है । आदिवासी बहुल राज्यों की स्थापना की माँग होने लगी हे । उनकी मांगों पर ध्यान देते हुए भारत सरकार ने मध्य प्रदेश राज्य का पुनर्गठन कर 1 नवंबर, 2000 को पृथक् छत्तीसगढ़ राज्य का गठन किया। इसी प्रकार, 15 नवम्बर, 2000 को बिहार का पुनर्गठन कर नया झारखंड राज्य बनाया गया।
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