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अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. जर्मनी में नवम्बर क्रिमिनल्स किन्हें कहा गया ?
उत्तर- गणतंत्र के समर्थक को।
2. नाजी पार्टी का दूसरा नाम क्या था ?
उत्तर- नेशनल सोशलिस्ट जर्मन वर्कर्स पार्टी ।
3. नाजी पार्टी के झंडा पर किसका चिह्न बना हुआ था ?
उत्तर-- स्वतिक।
4. जर्मनी को राष्ट्रसंघ की सदस्यता किस संधि द्वारा मिली?
उत्तर- लोका।
5. हिटलर को चांसलर किसने नियुक्त किया ?
उत्तर- हिंडेनबर्ग।
6. जनरल फ्रैंको कहाँ का शासक था?
उत्तर- स्पेन ।
7. कॉमिण्टर्न-विरोधी समझौता में कौन-कौन देश सम्मिलित थे।
उत्तर- जर्मनी और जापान ।
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. नाजीवाद से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- यह हिटलर द्वारा जर्मनी में प्रतिपादित सिद्धांत था । यह सैनिकवाद, वीरपूजा, राज्य की सर्वोच्चता के सिद्धांत, यहूदी-विरोधी विचारधारा तथा आर्य प्रजाति की श्रेष्ठता का समन्वय था।
2. हिटलर के उत्कर्ष में वर्साय संधि का क्या महत्त्व था ?
उत्तर- वर्साय की संधि को जर्मनी की जनता एक अपमानजनक संधि मानती थी। उसे सैनिक एवं आर्थिक दृष्टि से पंगु बना दिया गया । अतः जर्मन वर्साय की संधि को "एक राष्ट्रीय कलंक" मानते थे
हिटलर ने जनभावना को और अधिक उभारा और जनता में अपनी पहचान बनाई । धीरे-धीरे जर्मन जनता हिटलर के नाजी दर्शन की ओर आकर्षित हुई । वर्साय की संधि हिटलर को राजनीतिक उत्कर्ष की ओर ले गया ।
3. वेमर गणतंत्र ने हिटलर के उदय का मार्ग कैसे प्रशस्त कर दिया ?
उत्तर- वेमर गणतंत्र ने 10 अगस्त, 1919 को वेमर संविधान लागू किया । इसके अनुसार जर्मनी में संघीय शासन-व्यवस्था लागू की गई तथा राष्ट्रपति को आपातकालीन शक्तियाँ दी गई। नई सरकार ने ही वर्साय की अपमानजनक संधि की। इसकी जर्मनी में काफी तीखी प्रतिक्रिया हुई । हिटलर ने भी जर्मन जनता के साथ अपना स्वर मिलाया । सामाजिक स्तरीकरण में सैनिकों का महत्त्व बढ़ गया । राजनेता और सेना उग्र राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय सम्मान की माँग करने लगे। हिटलर ने भी इसी विचार को नाजीवाद के रूप में प्रस्तुत किया । वेमर गणतंत्र ने हिटलर के उदय का मार्ग प्रस्तुत किया।
4. जर्मन पूँजीपतियों ने हिटलर का साथ क्यों दिया ?
उत्तर- जर्मनी का एक बड़ा जनसमुदाय, जिसमें मध्यम वर्ग और बेरोजगार थे, यहूदी-विरोधी थे । साधारण जनता भी यहूदियों से घृणा करती थी। वह यहूदियों को सूदखोर मानकर आर्थिक दृर्दशा के लिए उन्हें उत्तरदायी मानती थी। हिटलर ने यहूदियों के प्रति घृणा का प्रचार किया। हिटलर के इन विचारों का सेना, उद्योगपतियों, भूमिपतियों एवं गणतंत्र विरोधी राजनीतिज्ञों पर बड़ा प्रभाव पड़ा। वे सभी हिटलर को जर्मनी का मसीहा मानकर उसके साथ हो गए।
5. हिटलर की यहूदियों के प्रति क्या नौति थी?
उत्तर- हिटलर ने यहूदियों को समूल नष्ट करने की नीति अपनाई । यहूदियों को अवांछित प्रजाति घोषित कर अवर्णनीय अत्याचार किए।
यहूदी छात्रों एवं शिक्षकों को स्कूलों से निकाल दिया गया । यहूदियों को नौकरियों से निकाल दिया गया। उनकी संपत्ति जब्त कर ली गई । मताधिकार से वंचित कर नागरिकता छीन ली गई। यहूदियों को जर्मन छोड़कर जाने को विवश किया गया। यातना-शिविरों में पशुओं की तरह रखा गया। गैस चैंबर में डालकर लाखों यहूदियों की हत्या कर दी गई।
6. हिटलर ने शिक्षा-व्यवस्था में क्या परिवर्तन किए?
उत्तर- हिटलर ने शिक्षा की पद्धति में अनेक परिवर्तन किए। सरकारी नियंत्रण में शिक्षा की व्यवस्था की गई। शिक्षालयों में विद्यार्थियों पर नाजी दर्शन थोपा गया। पाठ्यपुस्तक पुनः लिखवाया गया। प्रजाति विज्ञान को पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया गया। शारीरिक गठन एवं चरित्र बल पर विशेष ध्यान दिया गया। विद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में जर्मन जाति की श्रेष्ठता की शिक्षा दी जाती थी। यहूदियों से घृणा करने, हिटलर के प्रति समर्पण एवं वीर पूजा की शिक्षा दी जाती है। जर्मन युवकों को राजनीतिक सैनिक बनाना ही नाजी शिक्षा का मुख्य उद्देश्य था।
7. हिटलर ने आर्थिक व्यवस्था में क्या सुधार किए
उत्तर- हिटलर ने योजनाबद्ध रूप से जर्मनी का आर्थिक विकास करने का निश्चय किया। सभी आर्थिक सुधार राजकीय नियंत्रण में किए गए। कृषि के विकास के लिए विशेष कार्यक्रम बनाया गया जिससे खाद्यान्न उत्पादन में जर्मनी शीघ्र आत्मनिर्भर हो सके। उद्योगों के विकास के लिए चतुवर्षीय योजना 1936 में लागू की गई जिससे देश स्वावलंबी बन सके कारखानों में तालाबंदी, हड़ताल आदि पर प्रतिबंध लगा दिया गया। जर्मन लेबर फ्रंट का निर्माण पर पूँजीपतियों, उद्योगपतियों और श्रमिकों के झगड़े दूर करने का प्रयास किया गया। स्वदेशी वस्तुओं के उत्पादन. एवं उपभोग पर बल दिया गया। आयात को नियंत्रित किया गया, निर्यात को बढ़ावा दिया गया। हिटलर के इन कार्यों से जर्मनी में पुन: आर्थिक प्रगति हुई।
8. रोम-बर्लिन-टोकियो धुरी का गठन कैसे हुआ?
उत्तर- अबीसीनियाई युद्ध में जर्मनी ने इटली की सहायता की थी। फलतः, रोम (इटली की राजधानी) और बर्लिन (जर्मनी की राजधानी) ने आपस में एक संधि कर ली। यहोम-बर्लिन घूरी के नाम से विख्यात हुआ। 1936 में जर्मनी और जापान ने साम्यवाद के विरुद्ध एक आपसी समझौता (कॉमिण्टन-विरोधी समझौता) किया। 1937 में इटली भी इसमें सम्मिलित हो गया। फलतः यह त्रिदलीय संधि रोम-बर्लिन-टोकियो धुरी के नाम से विख्यात हुई।
9. हिटलर ने पोलैंड पर क्यों आक्रमण किया? इसके क्या परिणाम हुए?
उत्तर- वर्साय की संधि में पोलैंड को जो "पोलिस गलियारा" दी गई थी उसे हिटलर वापस ले लेना चाहता था। उसने पोलैंड से इसे वापस करने की मांग की। हिटलर की मांग को पोलैंड ने ठुकरा दिया। फलतः, 1 सिम्बर, 1939 को हिटलर ने पोलैंड पर आक्रमण कर दिया। इसके साथ ही द्वितीय विश्वयुद्ध आरंभ हो गया ।
10. नाजीवाद ने द्वितीय विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि कैसे तैयार कर दी?
उत्तर- हिटलर जर्मनी के साथ मित्र राष्ट्रों द्वारा किए गए अपमानजनक और विद्वेषपूर्ण व्यवहार को भूला नहीं था । अपने नाजी दर्शन के अनुसार वह शक्ति के बल पर जर्मन साम्राज्य की सीमा और गौरव को बढ़ाना चाहता था। नाजीवाद का विदेश नीति के मूलतत्त्व थे अपमानजनक वर्साय संधि को समाप्त करना, जर्मनी को एकसूत्र में बाँधना तथा जर्मन साम्राज्य का विस्तार करना । वह यूरोप में साम्राज्यवाद के प्रसार को भी रोकना चाहता था। इस तरह नाजीवाद ने द्वितीय विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि तैयार कर दी।
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