Header Ads Widget

New Post

6/recent/ticker-posts
Telegram Join Whatsapp Channel Whatsapp Follow

आप डूुबलिकेट वेबसाइट से बचे दुनिया का एकमात्र वेबसाइट यही है Bharati Bhawan और ये आपको पैसे पेमेंट करने को कभी नहीं बोलते है क्योंकि यहाँ सब के सब सामग्री फ्री में उपलब्ध कराया जाता है धन्यवाद !

Class 9th Bharati Bhawan History Chapter 3 Long Type Answer Question | फ्रांस की क्रांति | कक्षा 9वीं भारती भवन इतिहास अध्याय 3 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 9th Bharati Bhawan History Chapter 3 Long Type Answer Question  फ्रांस की क्रांति  कक्षा 9वीं भारती भवन इतिहास अध्याय 3 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
Bharati Bhawan

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रशन 1:-- फ्रांस की क्रांति के कारणों का संक्षिप्त उल्लेख कीजिए।

उत्तर:-- 1789 की फ्रांसीसी क्रांति की पृष्ठभूमि बहुत पहले ही तैयार हो चुकी थी।तत्कालीन, राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और बौद्धिक कारणों से फ्रांस का वातावरण उद्वेलित था।

(1) राजनीतिक कारण:-- यूरोप के अन्य देशों के समान फ्रांस में भी निरंकुश राजतंत्र था। राजा के हाथों में सॉरी शक्ति केंद्रित थी। 1974 ईस्वी में लुइ 16  गद्दी पर बैठा जो अत्यधिक निरंकुश फिजूल खर्च एवं अयोग्य था। उसकी पत्नी मेरी एंतोएनेत  भी फिजूल खर्च तथा राजकल में दखल देने वाली थी। निरंकुश राजतंत्र पर नियंत्रण का अभाव था। 1789 आते-आते जनसाधारण शासन में भाग लेने के लिए उतावला होने लगा। उस समय वहां कोई ऐसी संस्था नहीं थी जो उसकी उग्र मनोवृति पर रोक लगा सके।

(2) सामाजिक कारण:-- फ्रांस का समाज वर्गों में विभाजित था, जिनकी स्थिति एक दूसरे से पूर्णतः भिन्न थी।समाज तीन वर्गों में विभक्त था पहला वर्ग पादरियों का तथा दूसरा वर्ग कूलीनों का था। तीसरे वर्ग में समाज के अन्य सभी लोग आते थे। यह वर्ग मध्यम वर्ष कहलाता था। मध्यम वर्ग के साथ कुलीन वर्ग के लोग बुरा व्यवहार करते थे। यह बात उन्हें बहुत अपमानजनक लगती थी। फ्रांस की क्रांति का सबसे महत्वपूर्ण नारा समानता का था।

(3) आर्थिक कारण:-- विदेशी युद्ध और अपव्यय फ्रांस की आर्थिक स्थिति डांवाडोल कर दी थी । यहां पर लगाने की प्रथा प्रचलित थी । जो असमानता और पक्षपात के सिद्धांत पर आधारित थी । करो के आर्थिक बोझ के अलावा फ्रांस की आर्थिक स्थिति को दयनीय बनाने में वहां के समाज में व्याप्त बेकारी की समस्या ने अहम भूमिका अदा की। इसके अलावा अव्यवस्थित शासन व्यवस्था ने व्यापारिक जीवन को भी पंगु बना दिया था।

(4) सैनिक कारण:-- फ्रांस के सैनिकों में भी बहुत आर्थिक असंतोष था। नियुक्त समानता रहती थी। खराब भोजन एवं कम वेतन इत्यादि से भी सैनिक रूष्ट रहते थे। अतः आगे चल कर फ्रांस की सेना भी क्रांतिकारियों का साथ दिया।

(5) व्यक्तिगत एवं धार्मिक कारण:-- फ्रांस में सभी तरह की स्वतंत्रता का अभाव था। भाषण, लेखन, विचार और धार्मिक स्वतंत्रता। फ्रांस में बिना अभियोग की गिरफ्तारी होती थी जिसको “लेर्टस द कैचेट” कहते थे।

प्रशन 2:-- फ्रांस की क्रांति में बौद्धिक कारणों की क्या भूमिका थी?

उत्तर:-- क्रांति में फ्रांस के बौद्धिक वर्ग की महत्वपूर्ण भूमिका थी। फ्रांस में अनेक दार्शनिक विचारक और लेखक हुए। इन लोगों ने तत्कालीन व्यवस्था पर करारा प्रहार किया। जनता इनके विचारों से गहरे रूप से प्रभावित हुए और क्रांति के लिए तैयार हो गई। जिन दार्शनिकों ने फ्रांस के जनमानस को झकझोर दिया उनमें मोंटेग्यू वॉल्टियर और दूसरों के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है।

इन विचारकों के अतिरिक्त  फ्रांस में अन्य लेखक एवं विद्वान हुए जिनके विचारों ने क्रांति को प्रेरणा दी। अपने विश्वकोष में विद्रोह ने निरंकुश राजतंत्र, सामंतवाद एवं जनता के शोषण की घोर भत्सृना की। फ्रांस के अर्थशास्त्रियों- क्वेसने, बातचीत ऊर्जा और नेकर ने फ्रांस की दुर्बल अर्थव्यवस्था की आलोचना की तथा मुक्त व्यापार की वकालत की। इन सभी का फ्रांस की जनता पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा।

प्रशन 3:-- क्या आप समझते हैं कि फ्रांस की क्रांति बुर्जुआ वर्ग की क्रांति थी? व्याख्या कीजिए।

उत्तर:-- हां! फ्रांस की क्रांति को मध्यमवर्गीय (बुर्जुआ वर्ग की) क्रांति कहा जाता है। इस वर्ग ने क्रांति के पूर्व क्रांति के दौरान एवं क्रांति के बाद भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। क्रांति के अधिकांश नेता और दार्शनिक इसी वर्ग से आते थे। क्रांति से मध्यम वर्ग के लोग ही अधिक लाभान्वित हुए। स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के सिद्धांत से मध्यमवर्ग की ही लाभान्वित हुए ।साधारण जनता को मताधिकार भी नहीं मिला । प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के विशेशधिकारों को समाप्त कर मध्यमवर्ग ने ही  उनका लाभ उठाया। मिल मजदूरों के संगठनों पर तो पाबंदी भी लगा दी गई। अतः कहा जा सकता है कि 1789 की फ्रांसीसी क्रांति मध्यमवर्गीय क्रांति थी।

प्रशन 4:-- आतंक के राज्य पर संक्षिप्त निबंध लिखें।

उत्तर:-- राजशाही समाप्त करने के बाद रोब्सपियरे शासन पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया। 1793 में आतंक का राज्य आरंभ हुआ। गणतंत्र के विरोधियों कुलीनों, पादरियों , जिरोंनदिस्तो को बड़ी संख्या में गिरफ्तार कर उन्हें गिलोटिन पर चढ़ा दिया गया। महंगे सफेद आटा के व्यवहार पर रोक लगा कर “बराबरी का प्रतीक माने जाने वाली समता रोटी” का उपयोग अनिवार्य करना। मजदूरों की मजदूरी की दरें तय करना। धनिको पर युद्ध कर तथा आयकर लगाना। क्रांति विरोधियों की संपत्ति जब्त करना गरीबों के बच्चों के लिए बुनियादी शिक्षा की व्यवस्था करना। गिरजाघर बंद कर दिए गए, उनकी संपत्ति जब्त कर ली गई तथा गिरजाघरों में दफ्तर और सैनिक छावनी बनाए गए। फ्रेंच भाषा को फ्रांस की राष्ट्रभाषा बनाया गया।

रॉब्स्पीयर के अति कठोर और धनात्मक नीतियों से कन्वेंशन के अंदर ही उसके विरोधी सक्रिय हो गए। एक योजनानुसार उसे गिरफ्तार कर उसके 92 साथियों सहित 27 जुलाई, 1794 को गिलोटिन पर चढ़ा दिया गया। इस प्रकार आतंक का राज्य समाप्त हो गया।

प्रशन 5:-- फ्रांस की क्रांति के महत्वपूर्ण परिणामों की विवेचना करें।

उत्तर:--  (1) सामंती व्यवस्था:-- (पुरातन व्यवस्था) की समाप्ति फ्रांसीसी क्रांति ने सामंती व्यवस्था को समाप्त कर दिया। समांतो के विशेषधिकार समाप्त कर दिए गए। इससे सबसे बड़ी राहत किसानों को मिली। उनका शोषण समाप्त हो गया।

(2) राजतंत्र की समाप्ति:-- 1789 की फ्रांसीसी क्रांति ने फ्रांस में राजतंत्र को समाप्त कर दिया; यद्यपि यह व्यवस्था स्थाई नहीं हो सकी। राजा को गद्दी से हटाकर उसे मृत्युदंड दिया गया। फ्रांस में गणतंत्र रात मक व्यवस्था लागू की गई।

(3) प्रशासनिक एकरूपता:--  राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से फ्रांस को एक इकाई में परिवर्तित कर दिया। पुरानी प्रशासनिक व्यवस्था समाप्त कर दी गई।

(4) राजनीतिक चेतना का विकास:-- 1789 की क्रांति जनसाधारण में भी राजनीतिक चेतना जगह दी। यद्यपि यह एक मध्यवर्गीय क्रांति थी तथापि जनसाधारण ने भी इसमें भाग।

(5) राष्ट्रीयता की भावना का उदय:-- फ्रांसीसी क्रांति ने नागरिकों में राष्ट्रीयता की भावना जगा दी। अपने को एक राष्ट्र के रूप में देखने लगे। क्षेत्रीयता कि भावना विलुप्त हो गई। वे एकजुट होकर तानाशाही और शोषण के विरुद्ध खड़े हो गए।

प्रशन 6:-- क्या आप मानते हैं कि फ्रांस की क्रांति एक युगांतरकारी घटना थी?

उत्तर:-- हां! फ्रांसीसी क्रांति के बाद यूरोप के अनेक राष्ट्रों में क्रांतियां हुई। 1789 की क्रांति का जन्म जीवन और उनकी  रोजाना की जिंदगी पर गहरा प्रभाव पड़ा। स्वतंत्रता एवं समानता की भावना बलवती हुई। क्रांति के बाद फ्रांसीसी उपनिवेशो में रहने वाले सभी दासों को मुक्त करने का निश्चय किया। यूरोपीय राष्ट्रों में राष्ट्रीयता की भावना जागृत कर दी। फलत: इटली के भावी  एकीकरण की नींव पड़ी। बाद में जर्मनी एवं पोलैंड का एकीकरण हुआ। इंग्लैंड में संसदीय सुधारों का मार्ग प्रशस्त कर दिया।1789 की क्रांति के परिणामस्वरुप इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति को भी गति मिली। फ्रांस की क्रांति से भारत भी अछूता नहीं रहा। महान समाज सुधारक राजा राममोहन राय के विचारों पर भी इस क्रांति में गहरा प्रभाव डाला। स्वतंत्रता और जनवादी अधिकारों के लिए फ्रांसीसी क्रांति के सबसे महत्वपूर्ण विरासत बन गए।

प्रशन 7:-- फ्रांस की क्रांति का अन्य देशों पर क्या प्रभाव पड़ा? स्पष्ट करें।

उत्तर:-- फ्रांस की क्रांति के प्रभाव सिर्फ फ्रांस तक ही सीमित नहीं रहे। इसने समस्त रूप में एक तहलका मचा दिया। यूरोप के राजाओं और वहां की जनता दोनों का ध्यान फ्रांस की ओर था।क्रांति से जहां यूरोपीय तानाशाह अपने लिए खतरा महसूस करने लगे वही उन देशों की जनता आशा भरी निगाहों से फ्रज्ञंस की ओर देख रही थी।फ्रांस की देखा देखी सामंती व्यवस्था को मिटाने एवं समानता के सिद्धांत को लागू करने का प्रयास किया गया।

जर्मनी एवं पोलैंड के भावी एकीकरण का रूप रेखा बना। इंग्लैंड में 1832 का रिफॉर्म एक्ट पारित हुआ। इसने इंग्लैंड में संसदीय सुधारों का मार्ग प्रशस्त कर दिया। 1789 की क्रांति के परिणाम स्वरुप इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति को भी गति मिली। फ्रांस की क्रांति से प्रेरणा लेकर मैसूर के शासक टीपू सुलतान ने भी अंग्रेजों की सत्ता समाप्त करने का प्रयास किया।

Class 9th Bharati Bhawan History Chapter 1 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 9th Bharati Bhawan History Chapter 1 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 9th Bharati Bhawan History Chapter 1 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 9th Bharati Bhawan History Chapter 2 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 9th Bharati Bhawan History Chapter 2 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 9th Bharati Bhawan History Chapter 2 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 9th Bharati Bhawan History Chapter 3 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 9th Bharati Bhawan History Chapter 3 लघु उत्तरीय प्रश्न

Post a Comment

0 Comments