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Class 9th Bharati Bhawan History Chapter 3 ( फ्रांस की क्रांति ) | कक्षा 9वीं भारती भवन इतिहास अध्याय 3 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 9th Bharati Bhawan History Chapter 3 ( फ्रांस की क्रांति )  कक्षा 9वीं भारती भवन इतिहास अध्याय 3 लघु उत्तरीय प्रश्न

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रशन 1:-- फ्रांस की क्रांति के समय समाज कितने वर्गों में बांटा था? तीसरे वर्ग की स्थिति का संक्षिप्त परिचय दें।

उत्तर:-- समाज तीन वर्गों में बांटा था---

(1) पादरी वर्ग

(2) कुलीन वर्ग

(3) सर्वसाधारण वर्ग।

*सर्वसाधारण वर्ग:-- सर्वसाधारण वर्ग की स्थिति बहुत खराब थी। जनसंख्या का 90% हिस्सा किसानों का था। लेकिन जमीन का 40% भाग ही था। करों का सारा बहुत साधारण जनता पर ही था। कुलीन और चर्च कर नहीं देते थे। क्रांति के पूर्व फ्रांस की जनसंख्या तीव्र गति से वृद्धि हुई। अनाज के उत्पादन की तुलना में इसकी आपूर्ति कम हो गई। पावरोटी जो  जनसाधारण का भोजन था, उसकी कीमत में अप्रत्याशित उछाल आई।

प्रशन 2:-- फ्रांस की गति में रूसो का क्या योगदान था?

उत्तर:--ज्यां जाक रूसो:-- रूस और फ्रांस का सबसे बड़ा दार्शनिक था। वह लोकतंत्रात्मक शासन व्यवस्था का समर्थक था। अपनी पुस्तक “दी सोशल कॉन्ट्रैक्ट ” में उसने जनमत को ही सर्व शक्तिशाली माना राज्य तो जनता की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए ही बनी थी। वह वर्तमान स्थिति से असंतुष्ट था ।

 उसका कहना था, मनुष्य स्वतंत्र पैदा हुआ है,पर वह हर जगह जंजीरों से जकड़ा है। रूसो ने  जंजीरों को तोड़ फेंकने को कहा। रूसो  के क्रांतिकारी विचारों ने फ्रांस में क्रांति के विस्फोट के लिए पृष्ठभूमि तैयार कर दी।

प्रशन 3:-- मानव एवं नागरिकों के अधिकारों की घोषणा में किस पर बल दिया गया?

उत्तर:-- मानव एवं नागरिकों के अधिकारों की घोषणा में दोनों पर बल दिया गया। 1791 में राष्ट्रीय सभा ने मानव के मूलभूत अधिकारों की घोषणा की तथा स्वतंत्रता एवं समानता के सिद्धांत का प्रतिपादन किया इसके द्वारा समाज में प्रत्येक व्यक्ति के महत्व को स्वीकार किया गया। प्रत्येक व्यक्ति को राजनीतिक स्वतंत्रता मिली तथा जनता की सार्वभौमिकता स्वीकार की गई।  व्यक्तितक  का सिद्धांत स्थापित हुआ।सामाजिक असमानता का अंत हुआ और वर्ग विभेद समाप्त हो गया।

नागरिकों की स्वतंत्रता का सिद्धांत स्वीकार कर लिया गया। अब फ्रांस में न तो शासक वर्ग और न ही शासित वर्ग था। सभी नागरिक एक समान माने गए। उन्हें विचार अभिव्यक्ति और चुनावों में भाग लेने की स्वतंत्रता मिली। कर मनमाने ढंग से नहीं,  बल्कि कानून के अनुकूल वसूलने की व्यवस्था हुई।

प्रशन 4:-- अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम ने फ्रांसीसी क्रांति को कैसे प्रभावित किया?

उत्तर:-- अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम का भी फ्रांस पर प्रभाव पड़ा। फ्रांसीसी सैनिकों ने लफायतें के नेतृत्व में इस युद्ध में भाग लिया था। उन्होंने देखा था कि अमेरिका के 13 उपनिवेशों ने कैसे औपनिवेशिक शासन को समाप्त कर वहां लोकतंत्र की स्थापना की थी । स्वदेश वापस लौटने पर उन्होंने देखा कि जिन सिद्धांतों की रक्षा के लिए वे अमेरिका में युद्ध कर रहे थे उनका अपने देश में ही अभाव था। अतः वे सैनिक फ्रांस में क्रांति के अग्रदूत बनकर लोकतंत्र का संदेश फैलाने लगे। जनसाधारण इससे अधिक प्रभावित हुआ।

प्रशन 5:-- बॉस्तिल के पतन का फ्रांसीसी क्रांति में क्या महत्व था?

उत्तर:-- 14 जुलाई, 1789 को भीड़ ने सुदृढ़ किला पर आक्रमण कर दिया। यह किला राजशाही का प्रतीक था, पूरी तरह नष्ट कर दिया गया। इसका व्यापक प्रभाव पड़ा। गांव गांव में विद्रोह फैल गया। किसानों ने जमींदारों के ग्रामीण किलो को नष्ट कर दिया,गोदामों में रखे गए अनाज को लूट लिया एवं लगान और भूमि संबंधी दस्तावेजों को जलाकर खाक कर दिया। ग्रामीण इलाकों में पूरी तरह अव्यवस्था और अराजकता व्याप्त हो गई। समान्तों  को भागने पर विवश कर दिया गया। आगे 14 जुलाई ही फ्रांस का स्वतंत्रता दिवस बन गया।

प्रशन 6:-- रोब्सपियर के विषय में आप क्या जानते हैं?

उत्तर:-- रॉब्सपियर जैकोबिन दल का नेता था। 1792 में रोब्सपियर ने खदानों की कमी एवं महंगाई को मुद्दा बनाकर जगह-जगह विद्रोह करवाएं। पेरिस की नगरपालिका को भंग कर एवं क्रांतिकारी कम्यून (पेरिस कम्यून) ने शासन अपने हाथों में ले लिया। 10 अगस्त 1792 को  टयूलेरिये के राजमहल पर पेरिस वालों ने आक्रमण किया। राजा बंधक बना लिया गया। नेशनल एसेंबली पर दबाव डालकर राजा और उसके परिवार को गिरफ्तार करने का प्रस्ताव पारित करवाया गया। नई एसेंबली के लिए चुनाव करवाने का भी निर्णय लिया गया। नई एसेंबली में उग्रपंथी जैकोबिनों को बहुमत मिला।

प्रशन 7:--  फ्रांस की क्रांति के स्वरूप के विषय में आप क्या जानते हैं?

उत्तर:-- फ्रांसीसी क्रांति एक मध्यमवर्गीय क्रांति था । जो बाद में उग्र रूप धारण कर लिया। इस क्रांति में बुद्धि जीवी , साधारण जनता, किसान और अमेरिका से वापस आए सैनिकों ने भाग लिया। 5 मई, 1789 ईस्वी थे। स्टेटस जनरल की बैठक हुई और मतदान के प्रश्न पर विवाद बढ़ गया।तीसरे स्टेट के प्रतिनिधियों ने सभा की बैठक का विरोध किया और इसका बहिष्कार कर दिया। क्रांति का प्रभाव यहीं से शुरू हो गया। विश्व के अनेक देशों पर इसका प्रभाव पड़ा।

प्रशन 8:-- विश्व इतिहास में फ्रांस की क्रांति का क्या महत्व है?

उत्तर:-- पुरातन व्यवस्था का अंत,नई व्यवस्था की नींव 1789 की फ्रांसीसी क्रांति का विश्व इतिहास में विशिष्ट स्थान है। इस क्रांति ने एक युग का अंत कर दूसरे युग का आरंभ कर दिया। मध्यकाल का अंत और आधुनिक काल का आरंभ हुआ। प्रजातंत्र, राष्ट्रवाद, समाजवाद ,व्यक्ति की महत्ता, स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों की सुरक्षा की भावना क्रांति के परिणाम स्वरूप बलवती हुई।

Class 9th Bharati Bhawan History Chapter 1 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 9th Bharati Bhawan History Chapter 1 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 9th Bharati Bhawan History Chapter 1 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 9th Bharati Bhawan History Chapter 2 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 9th Bharati Bhawan History Chapter 2 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 9th Bharati Bhawan History Chapter 2 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 9th Bharati Bhawan History Chapter 3 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

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