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Bharati Bhawan Class 10th Physics Chapter 4 | Electric Current Short Questions Answer | भारती भवन कक्षा 10वीं भौतिकी अध्याय 4 | विद्युत धारा लघु उत्तरीय प्रश्न

Bharati Bhawan Class 10th Physics Chapter 4  Electric Current Short Questions Answer  भारती भवन कक्षा 10वीं भौतिकी अध्याय 4  विद्युत धारा लघु उत्तरीय प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. किसी बिंदु पर विद्युत विभव से आप क्या समझते हैं ? 
उत्तर- किसी बिंदु पर विद्युत विभव कार्य का वह परिमाण है जो प्रति एकांक (इकाई) आवेश को अनंत से उस बिंदु तक लाने में किया जाता है। 
नोट- अनंत पर विद्युत विभव शून्य माना गया है।
2. विद्युत धारा, विभवांतर  एवं प्रतिरोध की परिभाषा दें। इनके S.I. मात्रक भी लिखें।
उत्तर-विभवांतर (Potential difference) – एकांक धन आवेश को बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में जितना कार करना पड़ता है वह उन दो बिन्दुओं के बीच विभवांतर कहलाता है। इसका S.I. मात्रक वोल्ट (V) है।
विद्युत धारा (Electric current) – आवेश के प्रवाहित होने की दर को विद्युत धारा कहते हैं। इसका S.I. मात्रक ऐम्पियर (A) है।
प्रतिरोध (Resistance)—प्रतिरोध किसी चालक का वह गुण है जिसके कारण वह नालक से होकर विद्युत धारा प्रवाहित होने का विरोध करता है। इसका S.I. मात्रक ओम (Ω) होता है।
3. किसी तार का प्रतिरोध 10 है। इस कथन का क्या अर्थ है।
उत्तर- किसी चालक के सिरों पर 1 वोल्ट (V) का विभवांतर लगाने से चालक में 1 ऐम्पियर (A) की धारा प्रवाहित हो, तो चालक का प्रतिरोध 1 ओम (Ω) कहा जाता है। 
4. किसी चालक के सिरों के बीच विभवांतर किस प्रकार बनाए रखा जा सकता है ?
उत्तर- चालक में विद्युत धारा प्रवाहित करने के लिए उसके सिरों के बीच विभवांतर उत्पन्न करना आवश्यक है। किसी चालक का प्रतिरोध R उसके सिरों के बीच विभवांतर V और उसमें प्रवाहित धारा I का अनुपात है।  
5. विद्युत धारां की प्रबलता की परिभाषा दें।
उत्तर- किसी चालक के किसी अनुप्रस्थ काट को पार करने वाली विद्युत धारा की प्रबलता उस अनुप्रस्थ काट से गुजरने वाली प्रति एकांक समय में प्रवाहित होने वाले आवेश का परिमाण है। 
6. विद्युत धारा क्या है? इसका समीकरण एवं मात्रक लिखें।
उत्तर- किसी चालक पदार्थ में, किसी दिशा में दो बिन्दुओं के बीच आवेश के व्यवस्थित (Ordered) प्रवाह को विद्युत धारा कहते हैं।
समीकरण V = W/q
1V = IJ/IC = 1J /C
7. ओम के नियम में चालक का ताप क्यों अचर रहता है।
उत्तर- Iav
I = V/R
जहाँ R नियतांक (अचर ताप पर) है। जिसे चालकका प्रतिरोध (Resistance) कहा जाता है।
8. ओम के नियम को लिख कर इसकी व्याख्या करें।
उत्तर- किसी चालक के ताप में परिवर्तन न हो, तो उसमें प्रवाहित विद्युत धारा उसके सिरों के बीच आरोपित विभवांतर के समानुपाती होती है। अर्थात,
Φ V
I = V/R (जहाँ, R नियतांक है जिसे चालक का प्रतिरोध कहते हैं।)
9. किसी परिपथ में कई प्रतिरोधकों को श्रेणीक्रम में जुड़ा कब कहते हैं ? 
उत्तर- जब भिन्न-भिन्न प्रतिरोधों को श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है तो परिणामी प्रतिरोध भिन्न-भिन्न प्रतिरोधों के जोड़ के बराबर होता है।
जब चालकों को इस प्रकार जोड़ा जाए कि एक अंतिम सिरा दूसरे के पहले सिरे से तथा दूसरे का अंतिम सिरा तीसरे के पहले सिरे से तथा इसी प्रकार से ऐसे संयोजन को श्रेणीक्रम संयोजन कहते हैं। ऐसे संयोजन में सभी चालकों में से बहने वाली विद्युत धारा का मान समान होता है। उदाहरण—प्रतिरोध R1, R2 तथा R3 श्रेणीक्रम में जोड़े गए हैं तो उनका कुल प्रतिरोध निम्नलिखित सूत्र द्वारा प्रदर्शित किया जाता है
R = R1 + R2 + R3 
10. किसी परिपथ में कई प्रतिरोधकों को पाश्र्वंक्रम (समांतरक्रम) में जुड़ा कब कहते हैं? 
उत्तर- वह क्रम जिसमें सभी प्रतिरोधी के एक ओर के सिरे एक बिंदु तथा दूसरी ओर के सभी सिरे दूसरे बिंदु पर जुड़े होते हैं, इस प्रकार के संयोजन को समांतर क्रम संयोजन कहते हैं। मान लें यदि तीन चालक जिनके प्रतिरोध क्रमश: R1, R2, R3 हों, को समांतर क्रम में जोड़ा जाए तो उनका कुल प्रतिरोध R निम्नलिखित सूत्र द्वारा प्रदर्शित किया जाता है—
1/R = 1/R1 + 1/R2 + 1/R3
अर्थात् प्रतिरोधों को समांतर क्रम में जोड़ने से उनका परिणामी प्रतिरोध विभिन्न प्रतिरोधों के विपरीत क्रम के जोड़ के बराबर होता है। प्रतिरोधों को समांतर क्रम में जोड़ने से किसी भी चालक में विद्युत धारा स्वतंत्रतापवूक भेजी अथवा रोकी जा सकती है।
11. प्रतिरोध के उत्पत्ति के कारण क्या है?
उत्तर- कुछ पदार्थ अपने से होकर दूसरे पदार्थों की अपेक्षा कम धारा प्रवाहित होने देते हैं। दूसरे शब्दों में, कुछ पदार्थ धारा के प्रवाह में अन्य पदार्थों की तुलना में अधिक प्रतिरोध उत्पन्न करते हैं। निश्चित विभवांतर पर किसी चालक से कम धारा प्रवाहित होती है तो चालक का प्रतिरोध अधिक होता है। इसके विपरीत, यदि चालक से अधिक धारा प्रवाहित होती है, तो चालक का प्रतिरोध कम होता है।
12. प्रतिरोधों का समूहीकरण क्या है? विद्यत परिपथ के साथ वर्णन करें। 
उत्तर- प्रतिरोधों का समूहीकरण दो या दो से अधिक प्रतिरोधों को एक दूसरे से कई विधियों द्वारा जोड़ा जाता है, उसे प्रतिरोधों का समूहीकरण कहा जाता है। इनमं दो विधियाँ मुख्य है :
(i) श्रेणीक्रम समूहन (Series grouping)
R = R1 + R2 + R3
(ii) समांतरक्रम या पार्श्वक्रम समूहन parallel grouping) :
1/Rp = 1/R1 + 1/R2 + 1/R3
13. ऐमीटर एवं वोल्टमीटर के उपयोग बताएँ। 
उत्तर- जिस यंत्र द्वारा किसी विद्युत परिपथ की धारा मापी जाती है, उसे ऐमीटर (Ammeter) कहा जाता है।
जिस यंत्र द्वारा किसी विद्युत परिपथ के किन्हीं दो बिन्दुओं के बीच के विभवांतर को मापा जाता है, उसे वोल्टमीटर (Voltmeter) कहा जाता है।
14. किलोवाट घंटा (KWH) क्या है? इसका मान लिखें। 
उत्तर- I किलोवाट घंटा (KWH) विद्युत ऊर्जा का उपभोग हो रहा है। 1 किलोवाट घंटा (KWH) को 1 यूनिट विद्युत ऊर्जा भी कहा जाता है। 
1KWH = ( 1 किलोवाट) x ( 1 घंटा) 
= ( 100 वाट) x (60 x 60 सेकंड) 
= 3.6 x 10° जूल (J) 
अतः 1 KWH = 3.6 x 10°J
15. प्रतिरोध क्या है। इसका SI मात्रक लिखें।
उत्तर- किसी चालक का प्रतिरोध R उसके सिरों के बीच विभवांतर V और उसमें प्रवाहित धारा I का अनुपात है।
अर्थात् R = V/I
इसका SI मात्रक वोल्ट (v) है।
16. प्रतिरोधों का संयोजन क्या है? यह कितने प्रकार से होता है? 
उत्तर- दो या दो अधिक प्रतिरोधकों को एक-दूसरे से कोई विधियों द्वारा जोड़ा जा सकता है। इनमें दो विधियाँ मुख्य
(i) श्रेणीक्रम संयोजन (Series groping ) 
(ii) समांतरक्रम या पार्श्वक्रम संयोजन (Panalled grouping ) 
17. विद्युत-बल्ब का नामांकित चित्र बनाएँ।
उत्तर- 
Bharati Bhawan Class 10th Physics Chapter 4  Electric Current Short Questions Answer  भारती भवन कक्षा 10वीं भौतिकी अध्याय 4  विद्युत धारा लघु उत्तरीय प्रश्न
18. विद्युत बल्व में निष्क्रिय गैस क्यों भरी जाती है?
उत्तर- विद्युत बल्व का फिलामेंट टंग्स्टन का बना होता है जिससे उच्च ताप पर प्रकाश निकलता है। यदि इस स्थिति में फिलामेंट हवा (वायु) के संपर्क में आ जाए तो वह हवा के ऑक्सीजन से ऑक्सीकृत (Oxidised) होकर भंगुर (brittle) हो जाएगा और टूट जाएगा। इसलिए बल्व के भीतर की हवा को निकालकर निष्क्रिय गैस (Inert gas) भर दी जाती है।  
19. समान पदार्थ और समान लम्बाई के तारों में यदि एक घतला तथा दूसरा मोटा हो, तो इनमें से किसमें विद्युत धारा अधिक आसानी से प्रवाहित होगी जबकि उन्हें समान विद्युत-स्रोत से संयोजित किया जाता है? इसका कारण भी बताएं?
उत्तर- मोटे तार में विद्युत धारा अधिक आसानी से प्रतिरोध R उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल A के व्युत्क्रमानुपाती होता है, अर्थात्
RΦI/A
20. यदि किसी विद्युत अवयव (element) के दो सिरों के बीच विभवांतर को उसके पूर्व विभांतर की तुलना में घटाकर आधा कर देने पर भी उसका प्रतिरोध नियत रहता तो उस अवयव से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा में क्या परिवर्तन होगा? 
उत्तर- यदि प्रतिरोध नियत हो, तो ओम के नियम से अवयव में प्रवाहित विद्युत धारा उसके सिरों के बीच आरोपित विभवांतर से समानुपाती होती है। अतः विभवांतर को आधा करने पर विद्युत धारा भी आधी हो जाएगी।
21. किसी तार में विद्युत धारा प्रवाहित होने पर उसमें ऊष्मा क्यों उत्पन्न होती है ? 
उत्तर- जब किसी चालक से विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तब वह चालक गर्म हो जाता  है, अर्थात विद्युत ऊर्जा का ऊष्मा में रूपांतरण होता है।
किसी चालक (जैसे—धातु के एक तार) के दोनों सिरों को सेल या बैटरी से जोड़ा जाता है, तो चालक के सिरों के बीच एक विभवांतर स्थापित हो जाता है। चालक के मुक्त इलेक्ट्रॉनों चालक के उच्च विभव के सिरों की ओर त्वरित होते हैं। परंतु, इन इलेक्ट्रॉनों की चाल लगातार बढ़ नहीं पाती, क्योंकि वे अपने मार्ग में पड़नेवाले चालक के धनायनों से बार-बार टकराते रहते हैं। इससे उनकी चाल मंद पड़ जाती है। इस प्रकार विभवांतर के कारण इलेक्ट्रॉन जो गतिज ऊर्जा प्राप्त करते हैं। उसका कुछ भाग वे चालक के आयनों को दे देते हैं। इससे चालक की आंतरिक ऊर्जा बढ़ जाती है और इसके फलस्वरूप चालक का ताप बढ़ जाता है। तप्त चालक इस प्रकार से प्राप्त ऊर्जा को अपने अगल-बगल की वस्तुओं में ऊष्मा अंतरण द्वारा वितरित करता है।
22. विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव किन कारकों पर निर्भर करता है।
उत्तर - विद्युत धारा का ऊष्मीय प्रभाव का हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव निम्न कारकों पर निर्भर करता है
1. प्रतिरोधकता–प्रतिरोधकता बहुत अधिक हो, ताकि इसके साधारण लम्बाई एवं मोटाई वाले तार का प्रतिरोध अधिक हो और इसमें कम धारा प्रवाहित होने पर भी अधिक ऊष्मा उत्पन्न हो सके।
2. गलनांक-गलनांक अत्यधिक उच्च ताकि इनमें प्रबल धारा (heavy current) प्रवाहित होने पर उत्पन्न अत्यधिक ऊष्मा से तापन अवयव पिघले नहीं।
23. किसी चालक से प्रवाहित धारा के कारण उत्पन्न ऊष्णा संबंधी जूल के नियम क्या है?
उत्तर - किसी चालक से प्रवाहित धारा के कारण उत्पन्न ऊष्मा संबंधी नियम का प्रतिपादन ने किया था जिसे जूल का ऊष्मीय नियम कहते हैं। इस नियम के अनुसार चालक में उत्पन्न जूल ऊष्मा (Q)
(i) उस चालक हानवाली विद्युत धारा (I) के वर्ग के सीधा समानुपाती होती है, अर्थात Q ox I] (जहाँ R t अचर है। ) से
(ii) चालक के प्रतिरोध (R) का सीधा समानुपाती होती है अर्थात् Q oc R (जहाँ R एवं t अचर है) J
(iii) चालक से प्रवाहित होनेवाली धारा में लगे समय (t) का सीधा समानुपाती होता है अर्थात Q oc t (जहाँ I और R अचर है।)  
24. विद्युत तापम युक्तियों के मूल सिद्धांत क्या हैं?
उत्तर- विद्युत तापन युक्ति की प्रतिरोधकता बहुत उच्च होती है तथा तापमान परिवर्तन से प्रतिरोधकता में विशेष कमी नहीं आ पाती, इसके साथ-साथ यह अधिक तापमान पर ऑक्सीकृत भी नहीं होती है। इस युक्तियों या उपस्करों के जिस भाग में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर ऊष्मा उत्पन्न होती है, उसे तापन अवयव कहा जाता है।
25. विद्युत तापन युक्तियों, जैसे ब्रेड-टोस्टरों तथा विद्युत इस्तरियों के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर किसी मिश्रधातु के क्यों बनाए जाते हैं ?
उत्तर - मिश्रधातुओं की प्रतिरोधकता उन्हें बनाने वाली शुद्ध धातुओं की अपेक्षा अधिक होती है। उच्च ताप पर भी ये मिश्रधातु ऑक्सीकृत नहीं होते। इसी कारण टोस्टर, इस्तरी आदि विद्युत तापन युक्तियों के चालक शुद्ध धातु के न बनाकर मिश्रधातु के बनाए जाते हैं।
26. किसी विद्युत हीटर के परिपथ में जुड़ा चालक तार क्यों उत्तप्त नहीं होता, जबकि उसका तापन अवयव उत्तप्त हो जाता है ?
उत्तर- तापन अवयव का प्रतिरोध बहुत अधिक होता है। इसलिए जब विद्युत हीटर को कॉपर तार के साथ जोड़ा जाता है तो तापन अवयव उत्तप्त हो जाता है, क्योंकि इसका प्रतिरोध बहुत अधिक होता है, परन्तु संयोजित हीटर का तार उत्तप्त नहीं होता क्योंकि हीटर के तार का प्रतिरोध बहुत ही कम होता है।
27. विद्युत परिपथ में फ्यूज तार क्यों लगाए जाते हैं ?
उत्तर- फ्यूज तार सुरक्षा की एक युक्ति है। विद्युत परिपथों में अचानक धारा का मान अतिभारण और लघुपथन के कारणों से अत्यधिक बढ़ जाने से परिपथ में लगी युक्तियाँ जलकर नष्ट हो सकती हैं। ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए परिपथ में जहाँ-तहाँ फ्यूज श्रेणी में संयोजित किये जाते हैं। फ्यूज ऐसे पदार्थ के तार का टुकड़ा होता है जिसका गलनांक बहुत कम होता है जब कभी धारा अत्यधिक बढ़ जाती है, तो सबसे पहले फ्यूज गर्म होकर गल जाता है और परिपथ टूट जाता है, जिससे उसमें लगी युक्तियों तथा बल्ब, पंखे, हीटर आदि जलने से बच जाते हैं। 
28. फ्यूज की क्षमता से आप क्या समझते हैं ? .
उत्तर- विद्युत धारा की प्रबलता के जिस मान पर पहुँचते ही फ्यूज गल जाता है (जिसे साधारण भाषा में हम फ्यूज का उड़ जाना जाता है) उसे फ्यूज या तार का अनुमतांक (या क्षमता) कहते हैं।
29. यदि एक ऐमीटर को समांतर क्रम में जोड़ा जाए तो उसकी कुंडली (coil) के जल जाने का खतरा रहता है। क्यों ?
उत्तर- दो युक्तियों को किसी विद्युत परिपथ में समांतरक्रम में जोड़ने पर कम प्रतिरोधवाली युक्ति से अधिक धारा प्रवाहित होती है। चूँकि ऐमीटर का प्रतिरोध बहुत कम होता है, इसलिए किसी युक्ति के साथ इसे समांतरक्रम में जोड़ने पर परिपथ की लगभग कुल धारा ऐमीटर से होकर प्रवाहित होती है। इसके कारण उत्पन्न अत्यधिक ऊष्मा से उसकी कुंडली के जल जाने का खतरा होता है।
30. 2V के चार सेलों से बनी एक बैटरी, 502, 82 और 102 के प्रतिरोधकों और एक दाब- कुंजी से श्रेणी क्रम में जुड़ी है। इसका परिपथ आरेख (circuit diagram) खींचें।
उत्तर- 
Bharati Bhawan Class 10th Physics Chapter 4  Electric Current Short Questions Answer  भारती भवन कक्षा 10वीं भौतिकी अध्याय 4  विद्युत धारा लघु उत्तरीय प्रश्न
31. जब (a) 1Q तथा 10°2 (b) 12, 100 तथा 10'Q के प्रतिरोध पार्श्वक्रम (समांतरक्रम) में संयोजित किए जाते हैं, तो इनके तुल्य प्रतिरोध के संबंध में आप क्या निष्कर्ष निकालेंगे ?
उत्तर- जब प्रतिरोधकों को पार्श्वक्रम में संयोजित किया जाता है तो तुल्य प्रतिरोध व्यक्तिगत निम्नतम प्रतिरोध से कम होता है
(a) तुल्य प्रतिरोध <Ω 
(b) तुल्य प्रतिरोध <Ω
32. बिजली के एक बल्व पर 220V-100W लिखा है। बल्ब से प्रवाहित विद्युत-धारा तथा बल्व का प्रतिरोध ज्ञात करें।
उत्तर- यदि बल्व से I विद्युत धारा प्रवाहित हो, तो I = W/V
या I = 100W/200V 
5/11A
फिर यदि बल्ब का प्रतिरोध R हो, तो 
R = V/I
220V/5/11A
= 220V x 11/5Ω

Class 10th Physics Chapter 1 Notes

Class 10th Physics Chapter 1 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Physics Chapter 1 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Physics Chapter 1 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Physics Chapter 2 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Physics Chapter 2 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Physics Chapter 2 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Physics Chapter 3 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Physics Chapter 3 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Physics Chapter 3 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Physics Chapter 4 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

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