1. सचित्र व्याख्या करें |
(a) पानी में अंशत डूबी तथा तिरछी रखी हुई एक छड़ी सतह पर क्यों मुड़ी दिखाई पड़ती है ?
उत्तर :- पानी में अंशत डूबी तथा तिरछी रखी हुई एक छड़ी सतह पर मुड़ी दिखाई पड़ती है, जैसे की चित्र में दिखाया गया है | छड़ी के सिरे C से आती प्रकाश की किरणे पर पानी से हवा में जाती है और इसलिए अभिलंब से दूर हट जाती है | आँख को ये किरणे बिंदु C से आती हुई प्रतिथोती है | C बिंदु C का प्रतिबिंब है | पानी में छड़ी के दुबे हुए भाग BC के किसी भी बिंदु के लिए यही होता है | हमें छड़ी ABC जैसे दिखाती है, अर्थात मुड़ी हुई दिखाई पड़ती है | यह क्रिया प्रकाश के अपर्वतन के कारण होती है |
(b) पानी से भरी बाल्टी की गहराई क्यों कम मालुम पड़ती है ?
उत्तर :- पानी से भरी बाल्टी की गहराई कम मालुम पड़ती है | जैसे की चित्र में दिखाया गया है | पानी से भरी बाल्टी के पेंदी पर एक बिंदु Q से आती किरणे पानी की सतह पर, चूँकि पानी से हवा में आती है, इसलिए अभिलंब से दूर हटाकर आँख तक पहुंचती है | बाल्टी उथली प्रतीत होती है, अर्थात बाल्टी की गहराई कम प्रतीत होती है |
2. जब प्रकाश काँच की आयताकार सिल्ली में तिरछा होकर गुजरता है, तो निर्गत किरण आपतित किरण के समांतर होती है | किरण-आरेख से इसे समझाएँ |
उत्तर :- जब प्रकाश काँच की आयताकार सिल्ली में तिरछा होकर गुजरता है जैसा की चित्र में दिखाया गया है | चित्र में PQ को L तक बढ़ा देते है | हम पाते है की यह रेखा निर्गत किरण RST के समान्तर है | इस तरह काँच की सिल्ली से पार करने के बाद प्रकाश की किरण अपने पूर्व पथ से हट तो गई है परन्तु अपनी दिशा के समान्तर ही रही इसे चित्र द्वारा समझा जा सकता है |
3. किरण आरेखों की मदद से उत्ताल और अवतल लेंसों के प्रथम तथा द्वितीय मुख्य फोकस को समझाएँ |
उत्तर :- चित्र a में उत्ताल लेंस के मुख्य अक्ष पर एक निश्चित बिंदु F1 से आती किरणे लेंस से अपवर्तित होकर मुख्य अक्ष के समान्तर हो जाती है | इस बिंदु F1 को उत्ताल लेंस का प्रथम मुख्य फोकस कहा जाता है | उसी प्रकार चित्र b में किसी अवतल लेंस के मुख्य अक्ष के निश्चित बिंदु F1 की दिशा में आपतित किरणे लेंस से अपवर्तन के बाद मुख्य अक्ष के समान्तर निकलती है | इस बिंदु F1 को अवतल लेंस का प्रथम मुख्य फोकस कहते अहि |
चित्र (a) यदि प्रकाश की किरणे किसी उत्ताल लेंस के प्रथम अक्ष के समान्तर आपतित हो तो वे लेंस से अपवर्तित होकर प्रधान अक्ष पर लेंस के दूसरी ओर स्थित एक निश्चित बिंदु से होकर जाती है | इस बिंदु को उस उत्ताल लेंस का द्वितीय मुख्य फोकस (F2) कहा जाता है |
चित्र (b) यदि प्रकाश की किरणे किसी अवताल्लेंस के मुख्य अक्ष के समान्तर आपतित हो, तो वे लेंस से अपवर्तित होकर अपसारित होती है | यदि इन अपवर्तित किरणों को पीछे की ओर बढाया जाए, तो वे लेंस के उस ओर जिधर से किरणे आपतित हुई है, मुख्य अक्ष के एक निश्चित बिंदु F2 पर मिलाती है | एक दर्शक को लेंस से अपसारित किरणे इसी बिंदु F2 से आती हुई प्रतीत होती है | इस बिंदु को अवतल लेंस का द्वितीय मुख्य फोकस कहते है |
4. किरण आरेख द्वारा एक उत्ताल लेंस में बने प्रतिबिंब को दर्शाएँ जब वस्तु ( बिम्ब ) फोकस और प्रकाश-केंद्र के बीच हो |
उत्तर :- जब वस्तु ( बिम्ब ) फोकस और प्रकाश केंद्र के बीच स्थित हो, तो उसका आभाशी प्रतिबिंब लेंस के उसी ओर बनता है जिस ओर वस्तु है | यह सीधा और वस्तु से आकार में बड़ा होता है |
5. उत्तल लेंस के किस दुरी पर एक वस्तु को मुख्य अक्ष पर रखा जाय की सामान साइज ( आकार ) का वास्तविक प्रतिबिंब बने ? किरण-आरेख द्वारा दर्शाएँ |
उत्तर :- बिंब का बनना बगल के किरण-आरेख में बाताया गया है | चित्र से स्पस्ट है की वस्तु को लेंस से 2f दुरी पर रखना होगा | तभी सामान आकार का वास्तविक प्रतिबिंब बनेगा |6. किरण आरेख कि सहायता से अनंत और फोकस-दुरी की दुनी दुरी के बीच रखी गई वस्तु ( बिंब ) का उत्तल लेंस द्वारा बने प्रतिबिंब का स्थान निर्धारित कीजिये |
उत्तर :- चित्र के अनुसार जब वस्तु अनंत और फोकस-दुरी की दुनी दुरी के बीच 2F1 के बीच स्थित हो, तो उसका वास्तविक प्रतिबिंब लेंस के दूसरी ओर F2 तथा 2F2 के बीच बनता है | यह प्रतिबिंब उलटा और वस्तु से छोटा होता है |
7. उत्तल लेंस द्वारा वास्तविक एवं आवर्धित प्रतिबिम्ब बनने की क्रिया का स्पष्ट किरण-आरेख खींचे |
उत्तर :- PQ - बिम्ब ( वस्तु )
P1Q1 - प्रतिबिम्ब
LOL1 लेंस
F - फोकस, C - वक्रता केंद्र
f और 2f के बीच को रखने पर प्रतिबिम्ब आवर्धित और वास्तविक बनता है |
Hello My Dear, ये पोस्ट आपको कैसा लगा कृपया अवश्य बताइए और साथ में आपको क्या चाहिए वो बताइए ताकि मैं आपके लिए कुछ कर सकूँ धन्यवाद |