History (इतिहास)
गैस किया हुआ प्रश्न
कक्षा ~ 10वीं
1. यूरोपीय इतिहास में घेटो का क्या महत्त्व है ?
उत्तर :- यह शब्द मध्य में यूरोपीय देशों में यहूदी बस्ती लिए प्रयोग किया जाता था | आज की भाषा में यह एक धर्म, प्रजाति या समान पहचान वाले लोगों को दर्शाती है | घेटोकरण मिश्रित व्यवस्था के स्थान पर एक सामुदायिक व्यवस्था थी ; जो सामुदायिक दंगों को देशी रूप देते थे |
2. मेजिनी कौन था ?
उत्तर :- मेजिनी इटली में राष्ट्रवादियों के गुप्त दल कार्बोनरी का सदस्य था | वह सेनापति होने के साथ-साथ, गणतांत्रिक, विचारो का समर्थक साहित्यकार भी था | 1830 ई. में नागरिक आंदोलन द्वारा मेजिनी ने उत्तरी और मध्य इटली में एकीकृत गणराज्य स्थापित करने का प्रयास किया | इसमें असफल रहने पर उसे इटली से पलायन करना पड़ा | 1848 ई. में मेटरनिख के पराजय के बाद मेजिनी ने पुनः इटली आकर इटली के एकीकरण का प्रयास किया | इस बार भी वह असफल रहा और उसे पलायन पड़ा |
3. खुनी रविवार क्या है ?
उत्तर :- 1905 ई. के रूस-जापान युद्ध में रूस एशिया के एक छोटे-से देश जापान से गया | पराजय के अपमान के कारण जनता ने क्रान्ति कर दी | 9 फरवरी, 1905 ई. में लोगो प्रदर्शन करते हुए सेंत पिट्सबर्ग स्थिति की ओर जा रहा था | जार की सेना ने इन निहत्थे लोगों पर गोलियाँ बरसाईं जिसमे हजारों लोग मारे गए | यह घटना रविवार के दिन हुई, अतः इसे खुनी रविवार के है |
4. हिन्द-चीन फ्रांसीसी प्रसार का वर्णन करे |
उत्तर :- हिन्द चीन आनेवाले यूरोपियनों में पुर्तगाली, डच, स्पेन, अंग्रेजी तथा फ्रांसीसी थे | इनमे से केवल फ्रांस ही इस भू-भाग पर राजनीतिक प्रभुत्व कायम करने हेतु सक्रीय रहा | 1747 ई. में फ्रांस ने व्यापार के उद्देश्य से अन्नाम के साथ राजनयिक सम्बन्ध बनाया | 19वीं सदी के प्रारम्भ में अन्नाम और कोचीन-चीन फ्रांसीसी पादरियों के विरुद्ध उग्र आंदोलन छिड़ गया | फ्रांस ने सैन्य-बल पर 1862 ई. में अन्नम को संधि के लिए बाध्य किया | 1863 ई. में कम्बोडिया भी फ्रांस का संरक्षित राज्य बन गया |
5. असहयोग आंदोलन प्रथम जनांदोलन था | कैसे ?
उत्तर :- 1920 ई. में गांधीजी के नेतृत्व में चलाया गया असहयोग आंदोलन इस मायने में प्रथम जन-आंदोलन था की इससे पूर्व के सभी आंदोलन आर्थिक या सामाजिक आधार किसी वर्ग-विशेष के द्वारा अपने हितो की रक्षा अथवा पूर्ति के लिए चलाए गए थे जबकि जबकि असहयोग के कार्य ऐसे थे की हर के लोग इसमें अपना योगदान कर सकें | जैसे - सरकारी उपाधियों एवं अवैतनिक पदों का त्याग, सरकारी और अर्द्धसरकारी उत्सवों का बहिष्कार, सरकारी स्कूलों एवं कॉलेजों का बहिष्कार आदि | जनता ने अपने-अपने स्तर के अनुरूप इन कार्यक्रमों में योगदान दिया और असहयोग आंदोलन को जन-आंदोलन का रूप प्रदान दिया |
6. न्यूनतम मजदूरी कानून कब पारित हुआ और इसके क्या उद्देश्य थे ?
उत्तर :- कारखाना मालिकों द्वारा अधिकाधिक लाभ उद्देश्य से मजदूरों द्वारा अधिक-से-अधिक काम लिया जाता और मजदूर कम-से-कम दी जाती थी | अतः मजदूरों सन्न 1948 ई. में न्यूनतम मजदूरी कानून पारित किया गया | इसके द्वारा कुछ उद्दोगों में मजदूरी की दरें निश्चित की गई | इसी आधार पर द्वितीय पंचवर्षीय योजना में यह विचार रखा गया की मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी उनके केवल गुजारा कर लेने भर न होकर इससे कुछ अधिक हो ताकि वह अपनी कुशलता को भी बनाये सके | न्यूनतम मजदूरी कानून पारित होने से मजदूरों की दशा में सुधार शुरुआत हुई |
7. भूमंडलीकरण क्या है ?
उत्तर :- विभिन्न राष्ट्रों में लोगों, सामान तथा सेवाओं की उपलब्धता के अवसर प्रदान करने की गतिविधियों की अनुमति को भूमंडलीकरण कहते है | आज सम्पूर्ण विश्व भूमण्डली कृत है |
8. शहरों ने किन नई समस्याओं को जन्म दिया ?
उत्तर :- शहरों ने कई नई-नई समस्याओं को जन्म दिया | श्रमिकों की संख्या काफी अधिक थी | अतः आवास की समस्या उत्पन्न हुई | कारखानों के मालिकों द्वारा बनाये गए उसमे पर्याप्त रोशनी, पानी, स्वच्छ हवा भी उपलब्ध नहीं थी | फलतः स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएँ उत्पन्न हुई |
शहरो की आबादी बढ़ने के साथ-साथ बेरोजगारी समस्या भी बढ़ी | बेरोजगारी की समस्या से कई भयंकर समस्याएँ का जन्म हुआ | बेरोजगारी के फलस्वरूप नकारात्मक प्रवृति उत्पन्न हुई | लोगो का नैतिक पतन हुआ, अपराध की प्रवृति उत्पन्न हुई | इस प्रकार, शहरों ने अनेक समस्याओं को जन्म दिया |
9. गावँ के कृषिजन्य आर्थिक क्रियाकलापों की विशेषता को दर्शाएँ |
उत्तर :- गावँ की आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि सम्बन्धी व्यवसाय से जुड़ा होता है | खेती और पशुपालन उनकी आजीविका का प्रमुख साधन है | उनकी आय का प्रमुख स्रोत कृषि उत्पाद है | गावों की अर्थव्यवस्था कृषि-प्रधान अर्थव्यवस्था है जो जीवन निर्वाह अर्थव्यवस्था की अवधारणा आधारित है |
10. 1929 ई. के आर्थिक संकट के कारणों संक्षेप में स्पस्ट करें |
अथवा
1929 ई. के आर्थिक संकट के तीन कारणों का संक्षेप विवरण दें |
उत्तर :- 1929 ई. के आर्थिक संकट का प्रमुख कारण था अति उत्पादन | प्रथम महायुद्ध के समय कृषि तथा औद्दोगिक उत्पादन में वृद्धि की गई थी | युद्ध के बाद उत्पादन के अनुपात में खरीददारों की संख्या काफी कम थी | इससे उद्दोगपतियों तथा कृषकों दोनों की स्थिति खराब हो गई थी |
युद्ध के बाद अपनी अर्थव्यवस्था सुधारने हेतु अनेक देशों ने अमेरिकी पूंजीपतियों से कर्ज ले रखा था | संकट के समय वे पूंजीपति कर्ज वापस माँगने लगे | इससे कर्जखोर देश संकट में पड़ गए |
संकट के समय सभी देश संरक्षणात्मक उप्पय कर अपनी आवश्यकता की वस्तुएँ स्वयं बनाने का प्रयास करने लगे | इससे विश्व बाजार आधारित पूंजी-व्यवस्था चरमरा गई |
अमेरिकी पूंजीपतियों ने यूरोप को ऋण न देकर मुद्रा बाजार में सट्टा लगाना शुरू किया | इससे यूरोप की स्थिति बिगड़ गई | उधर अमेरिका में शेयर के भाव में तेजी से निचे गिरे | इस प्रकार इन सभी कारणों ने 1929 ई. की आर्थिक मंदी की शुरुआत की |
11. विश्व बाजार किसे कहते है ?
उत्तर :- विश्व बाजार उन स्थलों के बाजारों को कहते है जो विश्व के अनेक देशों की वस्तुएं आमलोगों के खरीदने के लिए उपलब्ध कराती हों जैसे- भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई |
12. छापाखाना क्या है ? इससे क्या सम्भव है ? इसको बनाने का श्रेय जाता है ?
उत्तर :- छापाखाना एक यंत्र है जिसके द्वारा कागज़ पर छपाई संभव हो सकी है | छापाखाना के कारण ही आज किताबों की भारी संख्या में छपाई संभव है | छापाखाना के आविष्कार का श्रेय जर्मनी के गुटेनवर्ग को जाता है |
13. छापाखाना से क्या लाभ हुआ ? छापाखाना यूरोप में कैसे पहुँचा ? अथवा, छापाखाना यूरोप में कैसे प्रारम्भ हुआ ?
उत्तर :- छपाई लकड़ी के ब्लॉक द्वारा होता था | यह मुद्रण कला समरकंद पर्शिया मार्ग से यूरोप तक पहुँची | इसे यूरोप पहुँचाने वाला रोमन मिशनरी एवं मार्कोपोलो था | वहाँ इस कला का प्रयोग ताश एवं धार्मिक चित्र छपने के लिए किया गया, किन्तु रोमन लिपि में अक्षरों की संख्या कम थी | अतः लकड़ी तथा धातु घुमावदार टाइपों का प्रसार तेजी से हुआ | छापाखाना से पुस्तकें ज्यादा मात्रा में जल्दी छपने लगी | फलस्वरूप ज्ञान का वितरण संपूर्ण विश्व में तेजी से फैल गया |
14. यूरोप में राष्ट्रवाद के फैलाने में नेपोलियन बोनापार्ट किस तरह सहायक हुआ |
अथवा, यूरोप में राष्ट्रवाद के विकास में नेपोलियन बोनापार्ट की क्या भूमिका थी |
उत्तर :- यूरोप में राष्ट्रवाद पिलाने में नेपोलियन की महत्वपूर्ण भूमिका थी | उसने इटली और जर्मनी राज्यों को भौगोलिक नाम की परिधि से बाहर कर उसे वास्तविक तथा राजनैतिक रूप-रेखा प्रदान की जिससे इनके एकीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ | नेपोलियन के प्रभुता तथा उत्कर्ष से अन्य राज्य अपनी-अपनी रक्षा का सम्पूर्ण प्रबंध करने लगे इससे उनमे आपसी एकता और राष्ट्रीयता की भावना का विकास हुआ | नेपोलियन के नेतृत्व में इटली के विभिन्न भागों एकत्र सेना में परस्पर प्रेम एवं सहानुभूति भावना जगी | इटली में नेपोलियन के संगठित शाशन से प्रगति हुई | नेपोलियन ने जर्मनी के 300 से अधिक स्वतंत्र राज्यों के स्थान पर 39 राज्यों का संघ बनाकर जर्मनी की जनता में राष्ट्रवाद का भाव भरा |
15. रुषि क्रान्ति के किन्हीं दो कारणों का वर्णन करें |
उत्तर :- (i) जार की निरंकुशता एवं अयोग्य शासन- यद्धपि 19वीं सदी के मध्य में राजतंत्र की शक्ति सिमित की जा चुकी थी | रुसी राजतंत्र अपना विशेषाधिकार छोड़ने को तैयार नहीं था | जार निकोलस द्वितीय राजा के दैवी अधिकारों में विशवास रखता था | जार की अफसरशाही अस्थिर और नेतृत्व अकुशल थी |
(ii) कृषक के रूप में मजदूरों की दयनीय स्थिति- रूस की बहुसंख्या जनता कृषक थी जो अपने छोटे-छोटे खेत पर पुराने ढंग से खेती करती थी | दयनीय आर्थिक स्थिति में भी वे करों के बोझ से दबे हुए थे | मजदूरों को कम मजदूरी में अधिक काम होता था | अपनी माँगो के समर्थन में वे हड़ताल भी नहीं कर सकते थे | उन्हें कोई राजनैतिक अधिकार प्राप्त नहीं था |
16. सर्वाहारा वर्ग किसे कहते है ?
उत्तर :- समाज का वह लाचार वर्ग जिसमे गरीब किसान, कृषक मजदूर, सामान्य मजदूर, श्रमिक एवं आम गरीब लोग शामिल हो उसे सर्वाहारा वर्ग कहते है | इस वर्ग के लोगों बुनियादी चीजें भी उपलब्ध नहीं होती | घनी वर्ग इस वर्ग को उपेक्षित नज़रों से देखते है |
17. अक्टूबर क्रांति क्या है ?
उत्तर :- 7 नवम्बर, 1917 ई. में बोल्शेविकों ने पेट्रोग्राद के रेलवे स्टेशन, बैंक, डाकघर, टेलीफोन केंद्र, कचहरी तथा अन्य सरकारी भवनों पर अधिकार कर लिया | करेंसकी भाग गया और शाशन की बागडोर बोल्शेविकों के हाथो में आ गई जिसका अध्यक्ष लेलिन को बनाया गया | इसी क्रान्ति को नवम्बर क्रान्ति कहते है | इसे अक्टूबर की क्रान्ति भी कहा जाता है क्योंकि पुराने कैलेण्डर के अनुसार यह 25 अक्टूबर, 1917 ई. की घटना थी |
18. होआ-हाआ आंदोलन की चर्चा करे |
उत्तर :- जेनेवा समझौते के बाद दक्षिण वियतनाम में गृह कलह की स्थिति बन गई | इसमें एक धार्मिक वर्ग होआ-हाआ द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन मुख्य भूमिका थी | होआ-हाआ आंदोलन के काफी आक्रामक हो जाने पर नयो दीन्ह डीएम ने बड़ी क्रूरतापूर्वक इसे दबाया |
19. प्रथम विश्व युद्ध के किन्हीं दो कारणों का वर्णन करें |
उत्तर :- (i) यूरोपीय औपनिवेशिक प्रतिस्पर्द्धा- यह युद्ध औद्दोगिक क्रान्ति के परिणामस्वरूप उत्पन्न औपनिवेशिक बनाये रखने के कारण हुआ | इस युद्ध के द्वारा ब्रिटेन अपने भारतीय उपनिवेश पर अपना प्रभाव बनाए रखना एवं सुरक्षा करना चाहता था |
(ii) साम्राज्यवादी प्रतिस्पर्द्धा- 1871 के बाद जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया | यह युद्ध मित्र राष्ट्रों और केंद्रीय शक्तियों के बीच हुआ | मिश्र-राष्ट्रों में फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, इटली और जापान थे | केंद्रीय शक्तियों में आस्ट्रिया-हंगरी और तुर्की थे |
20. मार्टिन लूथर कौन था ? वह विश्व इतिहास में क्यों प्रसिद्ध है ?
उत्तर :- मार्टिन लूथर ने रोमन कैथोलिक चर्च की कुरीतियों की आलोचना करते हुए अपनी 95 स्थापनाएँ लिखी | उसने चर्च को इसके माध्यम से शास्त्रार्थ के लिए चुनौती भी दी | लूथर के लेख आम लोगों में काफी लोकप्रिय हे | लूथर ने धर्म-सुधार आंदोलन की शुरुआत की जिसके फलस्वरूप प्रोटेस्टेंटवाद का जन्म हुआ |
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V.V.I Question Answers Bharati Bhawan Class 10th ECONOMICS ( अर्थशास्त्र )
Hello My Dear, ये पोस्ट आपको कैसा लगा कृपया अवश्य बताइए और साथ में आपको क्या चाहिए वो बताइए ताकि मैं आपके लिए कुछ कर सकूँ धन्यवाद |