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Bharati Bhawan Class 10th Physics Chapter 5 | Sources of Energy Long Questions Answer | भारती भवन कक्षा 10वीं भौतिकी अध्याय 5 | ऊर्जा के स्रोत दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Bharati Bhawan Class 10th Physics Chapter 5  Sources of Energy Long Questions Answer  भारती भवन कक्षा 10वीं भौतिकी अध्याय 5  ऊर्जा के स्रोत दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
  दीर्घ उत्तरीय प्रश्न  

1. बायोगैस संयंत्र की बनावट और कार्यविधि का वर्णन करें। 
उत्तर- तैरती हुई गैस टंकी वाले बायोगैस संयंत्र की रचना - इस बायोगैस संयंत्र में कुएँ के आकार वाला एक भूमिगत टैंक T होता है जिसे संपाचक टैंक कहते हैं। यह ईंटों का बना होता है। इस भूमिगत टैंक में गोबर तथा पानी का घोल भर देते हैं। ड्रम के आकार वाली एक स्टील की बनी गैस टंकी H संपाचक टैंक में भरे गोबर के घोल के ऊपर उलटी तैरती रहती है। यह टंकी बायोगैस इकट्ठा करने के लिए होती है। गैस टंकी की चोटी पर एक गैस निर्गम, S होता है जिसमें गैस वाल्व V लगा होता है। घरों में सप्लाई करने के लिए बायोगैस निर्गम S से ही··· निकाली जाती है।
Bharati Bhawan Class 10th Physics Chapter 5 | Sources of Energy Long Questions Answer | भारती भवन कक्षा 10वीं भौतिकी अध्याय 5 | ऊर्जा के स्रोत दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
कार्यविधि— गोबर तथा पानी की बराबर मात्रा टैंक M में मिलाकर एक घोल बनाया जाता है जिसे स्लरी कहते हैं। गोबर गैस तथा पानी के इस घोल को प्रवेश पाइप के द्वारा संपाचक टैंक में डाल दिया जाता है। गोबर तथा पानी के घोल को संपाचक टंकी में लगभग 50-60 दिन के लिए ऐसे ही रखा जाता है। इस अवधि के दौरान गोबर व पानी की उपस्थिति में अनॉक्सी सूक्ष्मजीवों द्वारा निम्नीकरण होता है जिससे बायोगैस बनती है जो टंकी H में इकट्ठी होती रहती है। बायोगैस को निर्गम S पाइपों द्वारा घरों तक पहुँचाया जाता है।
अनॉक्सी अपघटन अनॉक्सी बैक्टीरिया नामक सूक्ष्म जीवों द्वारा सम्पन्न की जाती है। यह अपघटन पानी की उपस्थिति में होता है परन्तु ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है।  
2. महासागर की विभिन्न महराइयों पर तापों में अंतर का उपयोग विद्युत उत्पन्न करने के लिए कैसे किया जा सकता है ? वर्णन करें।
उत्तर- सागर या महासागर की सतह पर स्थित पानी सूर्य द्वारा गर्म होता है जबकि इसकी गहराई में स्थित पानी अपेक्षाकृत ठंडा होता है। ताप के अंतर का उपयोग ऊर्जा प्राप्त करने के लिए महासागर-तापीय ऊर्जा परिवर्तन संयंत्रों (Ocean thermal energy conversion Plants) में किया जाता है। ये संयंत्र तभी काम कर सकते हैं जब सतह पर पानी और 2 km की गहराई तक पानी के बीच के ताप का अंतर 20°C या उससे अधिक हो । गर्म सतह पानी का उपयोग अमोनिया जैसे वाष्पशील द्रव को उबालने के लिए किया जाता है तथा द्रव के वाष्प का उपयोग जनित्र के टरबाइन को चलाने के लिए किया जाता है। महासागर की गहराई से ठंडे पानी के ऊपर की ओर पंप किया जाता है और वाष्प को फिर से द्रव में संघनित किया जाता है।
3. समझाएँ कि कैसे जल-ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदला जा सकता है। जल ऊर्जा के दो लाभ भी लिखें।
उत्तर- जल विद्युत उत्पन्न करने के लिए नदियों के बहाव को रोककर बड़े जलाशयों (कृत्रिम झीलों) में जल एकत्र करने के लिए ऊँचे-ऊँचे बाँध बनाए जाते हैं। इन जलाशयों में जल संचित होता रहता है जिसके फलस्वरूप इनमें भरे जल का तल ऊँचा हो जाता है। बाँध के ऊपरी भाग से पाइपों द्वारा जल, बाँध के आकार के पास स्थापित टरबाइन के ब्लेडों पर मुक्त रूप से गिरता है। फलस्वरूप टरबाइन के ब्लेड घूर्णन गति करते हैं और जनित्र द्वारा विद्युत उत्पादन होता है। 
जल ऊर्जा के दो लाभ- 
(i) ऊर्जा का यह स्रोत नाविकरनीय है और प्रदूषण मुक्त है। 
(ii) जल विद्युत संयंत्र के लिए बनाए गए बाँध बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई में भी सहायक है।  
4. (a) पवन (b) तरंग (c) ज्वार से ऊर्जा निष्कर्षण की सीमाएँ क्या हैं ? 
उत्तर- (a) पवनें-
(i) पवन ऊर्जा निष्कर्षण के लिए पवन ऊर्जा फार्म की स्थापना हेतु बहुत अधिक बड़े स्थान की आवश्यकता होती है।
(ii) पवन ऊर्जा तभी उत्पन्न हो सकती है जब हवा की गति 15 km/h से अधिक हो। 
(iii) हवा की तेज गति के कारण टूट-फूट और नुकसान की संभावनाएँ अधिक होती हैं। 
(b) तरंगें-
(i) तरंग ऊर्जा तभी प्राप्त की जा सकती है जब तरंगें बहुत प्रबल हों। 
(ii) इसके समय और स्थिति बहुत बड़ी परिसीमाएँ हैं।
(c) ज्वार-
ज्वारभाटा के कारण सागर की लहरों का चढ़ना और गिरना घूर्णन गति करती पृथ्वी पर मुख्य रूप से चंद्रमा के गुरुत्वीय खिंचाव के कारण होता है। तरंगों की ऊँचाई और बाँध बनाने की स्थिति इसकी प्रमुख परिसीमाएँ हैं।
5. जीवाश्म ईंधन और ऊर्जा के प्रत्यक्ष रूप में सूर्य की तुलना
उत्तर-
जीवाश्म ईंधन
1. यह ऊर्जा का अनवीकरणीय स्रोत है। 
2. यह बहुत अधिक प्रदूषण फैलाता है। 
3. रासायनिक क्रियाओं से ऊष्मा और प्रकाश उत्पन्न करता है।
4. निरंतर ऊर्जा प्रदान नहीं कर सकता है। 
5. मानव मन चाहे ढंग से उसपर नियंत्रण कर सकता है।
सूर्य
1. यह ऊर्जा का विकीरणीय स्रोत है। 
2. यह प्रदूषण नहीं फैलाता है। 
3. परमाणु संलयन से बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा और प्रकाश उत्पन्न करता है। 
4. निरंतर ऊर्जा प्रदान करता है।
5. मनचाहे ढंग से उसमें ऊर्जा उत्पत्ति पर मानव किसी भी अवस्था में नियंत्रण नहीं कर सकता।
6. ऊर्जा के स्रोतों के रूप में जीव द्रव्यमान और जल विद्युत की तुलना करें।
उत्तर- जीव द्रव्यमान-
1. जीव द्रव्यमान नवीकरणीय एवं परंपरागत ऊर्जा स्रोत है।
2. जीव द्रव्यमान में रासायनिक ऊर्जा निहित होती है।
3. जीव द्रव्यमान के उपयोग से वातावरण प्रदूषित होती है।
4. जीव द्रव्यमान का प्रयोग पारिस्थितिकीय असंतुलन उत्पन्न नहीं करता है।
5. जल विद्युत की अपेक्षा जीव द्रव्यमान सस्ता ऊर्जा स्रोत है।
जल विद्युत-
(i) जल विद्युत भी नवीकरणीय एवं परंपरागत ऊर्जा स्रोत है।
(ii) बहते जल में उपस्थित गतिज ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदला जाता है। 
(iii) जल विद्युत, ऊर्जा का प्रदूषण मुक्त ऊर्जा स्रोत है।
(iv) जल विद्युत के लिए बाँध बनाने पर पारिस्थितिकीय असंतुलन उत्पन्न होता है। 
(v) जल विद्युत अपेक्षाकृत महँगा ऊर्जा स्रोत है।

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