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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. भूटान का संक्षिप्त परिचय दें।
उत्तर- भूटान एक पहाड़ी देश है जो भारत की उत्तर सीमा से सटा हुआ है। हिमालय की गोद में स्थित इस देश को हिमालयी राज्य कहना अनुचित न होगा। अपने प्राकृतिक सौंदर्य और दृश्यों के लिए प्रसिद्ध यह देश स्वशासित होते हुए भी हमारे भारत के साथ अनेक समझौतों से सम्बद्ध है। इसकी सुरक्षा का भार भारत पर है। भूटान के पूर्व की ओर उच्च हिमालय के शिखर, भारत और चीन के बीच विभाजक रेखा का काम करते हैं। दक्षिण में असम और पश्चिम में सिक्किम तथा पूर्व में अरूणाचल प्रदेश भूटान से सटे हुए हैं। भूटान 26°45°N और 28°201N अक्षांशों तथा 89°45'E और 92°05'E देशान्तरों के बीच अवस्थित है। यह चारों ओर से स्थल से घिरा हुआ है।
2. भूटान के जलवायु की विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर- भूटान एक छोटा-सा पहाड़ी देश है, जो हिमालय की गोद में बसा है। भारत-संरक्षित यह देश अपने प्राकृतिक सौंदर्य एवं दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ स्थलाकृति एवं उच्चावच की पर्याप्त विविधताएँ पायी जाती हैं। यहाँ 7,553 मीटर ऊंची कुला कांगड़ी सर्वाधिक ऊँची चोटी है तो दूसरी ओर 600 मीटर ऊंचा दक्षिणी भाग में स्थित मैदानी प्रदेश भी है। पर्व एवं मैदान की विशेषताओं, अक्षांशीय विस्तार तथा उच्चावच की विविधता के कारण भूटान का जलवायु सर्वत्र एकसमान नहीं है। यहाँ विभिन्न भागों के जलवायु में पर्याप्त विविधताएँ देखने को मिलती है।
जलवायु की दृष्टि से दक्षिण का द्वार प्रदेश उष्ण कटिबंधीय जलवायुवाला प्रदेश है जहाँ का जलवायु उष्ण एवं आर्द्र विशेषताओं वाला देश है। यहाँ गर्मी भी अधिक पड़ती है तथा वर्षा भी अधिक होती है। तापमान प्रायः यहाँ 15°C-30°C के बीच रहता है। मध्यवर्ती भाग में शीतोष्ण जलवायु पाया जाता है जहाँ उष्ण ग्रीष्म ऋतु एवं शीत ऋतु के साथ सामान्य वर्षा होती है। उत्तरी भाग में शीत ऋतु बहुत कष्टदायक होती है, परंतु ग्रीष्मकाल सुहावना एवं शीतल होता है। सुदूर उत्तरी भाग में आर्कटिक जलवायु पाया जाता है।
उच्चावच की भिन्नता के अनुरूप ही यहाँ वर्षा की मात्रा में विविधताएं देखने को मिलती हैं। दक्षिण मैदानी भाग में 200 सेंटीमीटर तक तथा मध्यवर्ती प्रदेश में 100-150 सेंटीमीटर तक वर्षा होती है जबकि सुदूर उत्तरी भाग में शुष्क स्थितियाँ देखने को मिलती हैं। यहाँ कभी-कभी हिमपात भी होता है। भूटान में वर्षा का औसत 250 सेंटीमीटर हैं।
इस देश में गर्मी और ठंडी दो स्पष्ट ऋतुएँ होती हैं। इनके बीच के कुछ समय के लिए दो बार वसंत ऋतु का वातावरण रहता है। यहाँ जून से सितंबर तक भारी वर्षा होती है।
3. भूटान के आर्थिक संसाधन, कृषि एवं उद्योगों पर प्रकाश डालें। अथवा, भूटान के आर्थिक विकास का वर्णन करें।
उत्तर- भूटान की स्थलाकृति कृषिकार्य के अनुकूल नहीं है। यहाँ के मात्र 10% भाग पर ही कृषिकार्य किया जाता है, जिसमें नदियों की घाटियाँ एवं कम ढालानवाले क्षेत्र शामिल हैं। देश के दक्षिण-पश्चिम में सघन कृषि की जाती है जबकि पूर्वी भाग में अभी भी झूम खेती ही की जाती है। इस देश में मुख्य रूप से चावल, गेहूँ, जौ, आलू, मक्का और सब्जियों का उत्पादन किया जाता है। कृषिकार्य के तहत यहाँ भेड़पालन भी किया जाता है।
भूटान में खनिज संसाधनों का अभाव है। यहाँ कुछ खनिज मिलते हैं, जिनमें कोयला, जिप्सम, डोलोमाइट, ग्रेफाइट एवं लौह-अयस्क प्रमुख हैं। इन खनिजों के आधार पर बड़े उद्योगों का विकास नहीं हो पाया है, क्योंकि इनके लिए आवश्यक मिश्रण योग्य खनिज यहाँ नहीं मिलते हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ यातायात के साधनों का भी पर्याप्त विकास नहीं हो पाया है। यही कारण है कि इस देश में कृषि एवं वन आधारित छोटे एवं कुटीर उद्योग ज्यादा चल रहे हैं। प्लाईवुड, पैकिंग, डिस्टिलरी, रेजीन एवं तारपीन के तेल के उद्योग चह रहे हैं।
इन उद्योगों के आलावा देश के आर्थिक विकास में पर्यटन उद्योग का भी उल्लेखनीय स्थान है। जहाँ तक आर्थिक विकास में कृषि और उद्योगों के योगदान का संबंध है, इनका आकलन यहाँ के व्यापार से होता है, भूटान का अधिकांश व्यापार भारत के साथ होता है। भूटान भारत को ऊन, ऊनी वस्त्र, कालीन, कंबल, मोम, मधु इत्यादि का निर्यात करता है। इसके बदले वह भारत से सभी आवश्यक वस्तुएँ आयात करता है।
4. भूटान का विस्तृत परिचय दें।
उत्तर- भारत की उत्तरी सीमा से सटा भूटान एक पहाड़ी देश है जो चारों ओर से स्थलों से घिरा है। अक्षांशीय दृष्टि से यह 26°45' उत्तर तथा 28°20° उत्तर एवं देशांतरीय दृष्टि से 89°05' पूर्व के बीच स्थित है।
इस देश की औसत ऊँचाई बहुत अधिक है। कुला कांगड़ी यहाँ की सर्वोच्च चोटी है, जिसकी ऊँचाई 7553 मीटर है। स्थलाकृति की दृष्टि से सुदूर उत्तरी भाग में महान हिमालय, उसके दक्षिण मध्यवर्ती प्रदेश तथा सबसे दक्षिण में मैदानी प्रदेश है जिसे दक्षिणी द्वार कहा जाता है।
47,000 है जिसमें 47 प्रतिशत साक्षर तथा 11 प्रतिशत नगरीय जनसंख्या है। जलवायु की दृष्टि से सुदूर उत्तरी पर्वतीय भाग में आर्कटिक जलवायु, मध्यवर्ती प्रदेश में शीतोष्ण तथा दक्षिणी मैदान भाग में उष्ण कटिबंधीय जलवायु मिलता है। स्थलाकृति के अनुरूप यहाँ वर्षा की मात्रा में भी अंतर मिलता है। इस देश में गर्मी एवं ठंड की दो ऋतुएँ में उच्चावच के अनुरूप ही यहाँ वनस्पतियाँ भी उगता है। देश के लगभग 68 प्रतिशत भाग पर वन का फैलाव है।
कृषि कार्य यहाँ के मात्र 10 प्रतिशत भू-भाग पर मुख्यतः नदी-घाटियों एवं कम ढलानवाले क्षेत्रों पर किया जाता है। मुख्य फसलों में चावल, गेहूँ, जौ, आलू एवं मक्का शामिल हैं। इस देश में छोटी-छोटी नदियों के साथ कुछ बड़ी नदियाँ भी है जो दक्षिण की ओर बहकर ब्रह्मपुत्र नदी में मिल जाती है। खनिजों के रूप में यहाँ कोयला, जिप्सम, डोलोमाइट, ग्रेफाइट एवं लौह-अयस्क - पाए जाते हैं।
आर्थिक विकास की दृष्टि से यह एक पिछड़ा हुआ देश है। फिर भी,यहाँ कुछ उद्योग चल रहे हैं। पर्यटन उद्योग का विकास किया जा रहा है। इस देश का अधिकांश व्यापार भारत के साथ होता है।
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