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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पर प्रकाश डालें।
उत्तर- श्रीलंका के अर्थव्यवस्था का प्रमुख साधन कृषि, खनन और उद्योग है।
कृषि - कृषि यहाँ की एक-चौथाई भूमि पर की जाती है। रबड़, चाय और नारियल के अलावा यहाँ की प्रमुख उपज धान है। इससे प्राप्त चावल का निर्यात व्यापार नहीं किया जाता है। क्योंकि छोटा होते हुए भी इस देश की जनसंख्या 2 करोड़ 11 लाख है और चावल की खपत यहीं हो जाती है।
इस देश में काली मिर्च, लौंग, दालचीनी, कोको, कहवा, काजू, तंबाकू, अनन्नास पान, सुपारी और गन्ने की भी उपज ली जाती है। भारत के बाद विश्व में सबसे अधिक चाय उत्पन्न करनेवाला देश यही है। यहाँ मछली पकड़ने का व्यवसाय भी सुव्यवस्थित है।
खनन— ग्रैफाइट, चूनापत्थर, अबरक, लोहा आदि प्रमुख खनिज हैं। यहाँ नीलम, रक्तमणि, पुखराज जैसे रत्नों और मणियों के भी भंडार है। यहाँ समुद्र से मोती निकालने का भी व्यवसाय होता है। जाफना में चूनापत्थर मिलने से सीमेंट के उद्योग लगाए गए हैं, परंतु ऊर्जा संसाधनों की कमी से उद्योगों का विकास नहीं हुआ है।
उद्योग — श्रीलंका के उद्योग कृषि पर आधारित सामान तैयार करते हैं, जैसे नारियल से तेल, रस्सी, चटाई बनाना, रबड़ से ट्यूब बनाना तथा चाय की डिब्बेबंदी करना । यहाँ कुटीर उद्योग विकसित हैं। श्रीलंका के मुख्य निर्यात चाय, नारियल के सामान, लौंग, गर्म मसाले और ग्रैफाइट हैं। चावल, आटा, चीनी, मशीनें, खनिज तेल, कोयला, सवारी गाड़ियाँ, सूती वस्त्र इत्यादि इसके मुख्य आयात हैं। जाफना में तंबाक उद्योग का प्रसिद्ध वाणिज्य - केंद्र है। अभी श्रीलंका विश्व में चाय का सबसे बड़ा निर्यातक है।
2. श्रीलंका की प्राकृतिक संरचना एवं भू-आकृति पर प्रकाश डालें।
उत्तर - भारत के दक्षिणी पठार के समान ही श्रीलंका गोंडवाना चट्टानों से निर्मित है जिनका काल श्री केम्ब्रियन काल है। इसका उतरी भाग जाफना चूनापत्थर की चट्टानों से भरा है। यह भाग मैदानी है। इस देश का आधा भाग पठार है ( पुरानी कड़ी चट्टानों से निर्मित), जिसकी ऊँचाई दो हजार मीटर से भी अधिक है। सर्वोच्च चोटी पिडुरू या पिडुरूतालागाला है जो 2,527 मीटर ऊँची है। इस पठार की औसत ऊँचाई 900 मीटर हैं पठार के चारों ओर समतल मैदान है जिसकी हरी-भरी घाटियाँ ● ऊँचाई 100 मीटर से कम है। यहाँ सालोभर वर्षा होती है, अत: पठारी भाग में है जिसकी मिलती हैं। यहाँ जलप्रपातों की छवि देखते बनती है। दियालुमा और लक्सपाना जलप्रपातों पर जलविद्युत का विकास किया गया है। इस देश के मध्यवर्ती उच्चभाग से चारों ओर छोटी-छोटी नदियाँ निकलती हैं जिनमें पूर्वी भाग की महावेली गंगा सबसे बड़ी है। रमपवुद्धपद, आदम यहाँ के कुछ प्रसिद्ध पर्वत शिखरों में से हैं।
3. श्रीलंका की भौतिक विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर- नारियल की आकृति में लगभग 66 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला श्रीलंका भारत का समुद्र के रास्ते सबसे नजदीकी पड़ोसी • देश है। भारत और श्रीलंका पाक जलसंधि तथा मन्ना खाड़ी द्वारा अलग होते हैं। भारत से मात्र 52 किलोमीटर दूर दक्षिण में स्थित इस देश में प्री केम्ब्रियनकालीन तथा गोंडवाना चट्टानें हैं। इस देश के मध्यवर्ती भाग में पठार का विस्तार है जहाँ पुरानी कड़ी चट्टानें मिलती हैं। इस पठार की सर्वोच्च चोटी पिडुरुतालागाला 2,527 मीटर ऊँची है। उत्तरी भा प्रायद्वीप मध्यवर्ती पठारी भाग के • चारों ओर समतल मैदान है। पठारी भाग में हरी-भरी घाटियाँ मिलती हैं। इन्हीं के अंतर्गत दियालुमा और लक्सपाना जलप्रपात है।
विषवुतरेखा के निकट होने के कारण इस देश में सालोंभर गर्मी पड़ती है तथा वर्षा भी सालोंभर होती है। यहाँ का औसत तापमान 27°C रहता है। यहाँ जाड़े की ऋतु नहीं होती है। जूनसे अक्टूबर तक दक्षिणी-पश्चिमी मॉनसूनी हवाओं से उत्तर-पूर्वी भागों में वर्षा होती है। पर्वतीय क्षेत्रों में औसतन 500 सेंटीमीटर वर्षा होती है जबकि तटीय भागों में 200 सेंटीमीटर ।
वर्षा, तापमान तथा उच्चावच की विशेषता के कारण इस देश के 20 प्रतिशत भाग पर वन का फैलाव है। यहाँ सदाबहार प्रकार के वन पाए जाते हैं जिनमें रबड़, सिनकोना, गटापार्चा, चंदन और नारियल के पेड़ मिलते हैं।
इस देश में बड़ी नदियाँ कम, पर छोटी नदियाँ अधिक हैं। यहाँ की प्रमुख नदियों में महावेली गंगा, पान और अरुवी उल्लेखनीय हैं। ये नदियाँ मध्यवर्ती उच्चभूमि से अरीय प्रणाली के रूप में बहती हुई समुद्र में गिरती है।
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