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Class 9th Bharati Bhawan Disaster Management Chapter 4 | Short Answer Question | समुदाय आधारित आपदा प्प्रबंधन | कक्षा 9वीं भारती भवन आपदा प्रबंधन अध्याय 4 | लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 9th Bharati Bhawan Disaster Management Chapter 4  Short Answer Question  समुदाय आधारित आपदा प्प्रबंधन  कक्षा 9वीं भारती भवन आपदा प्रबंधन अध्याय 4  लघु उत्तरीय प्रश्न
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  लघु उत्तरीय प्रश्न  
1. आग लगने पर अग्निशामक के आने के पहले क्या करना आवश्यक है ? 
उत्तर- आग लगने संबंधी आपदा होने पर अग्निशामक दस्ते को तुरंत खबर करनी चाहिए उसे आने में कुछ समय अवश्य लग सकता है। इसलिए अग्निशामक के आने के पहले निम्नलिखित प्रयास करना आवश्यक है।
(i) घर में फंसे व्यक्तियों को जल्दी बाहर निकालना। 
(ii) घायलों को तत्काल अस्पताल पहुँचाना। 
(iii) जले भाग पर ठंडा पानी, बर्फ या चंदन का लेप लगाना इत्यादि । 
2. ग्रामीण स्तर पर की आपदा प्रबंधन समिति में कौन-कौन लोग सदस्य बनते हैं ? 
उत्तर- ग्रामीण क्षेत्र में सुविधाओं की कमी होती है, परन्तु सामुदायिक भावना प्रबल होती है।
कुछ विशेष लोग आपदा प्रबंधन समिति में विशेष सहयोग दे सकते हैं जैसे
(i) विद्यालय के प्रधानाचार्य और अन्य शिक्षक। 
(ii) गाँव के मुखिया, सरपंच एवं अन्य सदस्य । 
(iii) गाँव के कुछ उत्साही समर्पित लोग। 
(iv) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के डॉक्टर एवं अन्य लोग । 
(v) राष्ट्रीय सुरक्षा सेवा के सदस्य | 
(vi) स्वयंसेवी संस्थाओं की महिला सदस्य । 
(vii) ग्राम सेवक एवं स्वयंसेवी संगठन के सदस्य। 
3. आपदा प्रबंधन के सदस्यों में किन गुणों का होना आवश्यक है ? " 
उत्तर- (i) समुदाय के लोग व्यक्तिगत हितों की अपेक्षा समाज के हित का ध्यान रखें। 
(ii) सामूहिक कार्यों के लिए साहसी परिश्रमी लोगों का चयन करना चाहिए। 
(iii) सामूहिक संगठन के सदस्यों में जात-पाँत, धर्म-संप्रदाय की तुच्छ भावना की जगह मानव कल्याण और सद्भाव की भावना रहनी चाहिए। 
(iv) समुदाय के लोगों में, साहस, उत्साह तथा न्याय के गुण होने चाहिए, गैर कानूनी कार्य यहाँ करनेवालों पर सख्ती बरतना भी समुदाय का आवश्यक गुण है।  
4. बाढ़ की समाप्ति पर प्रायः मलेरिया, हैजा और डेंगू की बीमारियाँ फैलती हैं। कारण बताएँ।
उत्तर- बाढ़ की समाप्ति के बाद कई मृत जीव इधर-उधर सड़ रहे होते हैं। साथ ही, कई स्थानों एवं गड्ढों में पानी जमा होकर सड़ने लगता है। इस स्थिति में मलेरिया, हैजा और डेंगू उ फैलानेवाले जीव पनपने लगते हैं, जिससे ये बीमारियाँ अधिक फैलती हैं।
5. जम्मू-कश्मीर भारत का अंग होकर भी अशांत राज्य बना हुआ है। क्यों? 
उत्तर- जम्मू-कश्मीर राज्य भारत का एक अंग है। परंतु, इस राज्य पर पड़ोसी देश पाकिस्तान एवं चीन भी अपना हक मानते हैं। उनके अनुसार, इस राज्य के कुछ हिस्से उनके देश के हैं। अतः, ये देश आतंकवाद को प्रायोजित कर इस राज्य को अशांत बनाए हुए हैं।
6. भारत के संविधान में धर्मनिरपेक्षता पर जोर दिया गया है। क्यों?
उत्तर- भारत एक विशाल भौगोलिक क्षेत्रफलवाला देश है, जहाँ विभिन्न धर्मों के लोग निवास करते हैं। पूर्व, पश्चिम, उत्तर एवं दक्षिण के क्षेत्रों की धार्मिक मान्यताओं में भी अंतर मिलता है। इनके बीच समरसता एवं एकता की भावना बनी रहे तथा राष्ट्र मजबूत हो, इसलिए भारत के संविधान में धर्मनिरपेक्षता पर जोर दिया गया है ।
7. कुछ स्वाभाविक आपदाओं का विवरण दें।
उत्तर- आपदा कई रूपों में आती है। इसमें कुछ आपदाएँ ऐसी हैं जो स्वाभाविक रूप से समय- विशेष के दौरानी आती हैं। इनमें प्रमुख
(i) गर्मी के दिनों में आग लगने की संभावना
(ii) बरसात के समय पानी में डूबने, बाढ़ का प्रकोप एवं विषैले जीव-जंतुओं के काटने का भय 
(iii) खेत-खलिहानों एवं झुग्गी-झोपड़ियों में आग लगना
(iv) भीड़भरी सड़कों अथवा अन्य परिवहन साधनों से होनेवाली दुर्घटना  
8. ग्रामीण आपदा प्रबंधन के प्रमुख कार्यों को उल्लेख करें।
उत्तर- (i) किसी आपदा के पूर्वानुमान की चेतावनी और सूचना देना।
(ii) राहत शिविर का चयन करना, उसकी व्यवस्था तथा प्रशासन तंत्र को आपदा की सूचना देना 
(iii) राहत शिविरों में भोजन, वस्त्र, जल एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं का प्रबंध करना 
(iv) प्राथमिक उपचार की व्यवस्था करना
(v) स्वच्छता पर ध्यान देना एवं अफवाह न फैलने देना।
9. समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन क्या है? 
उत्तर- मानव एक सामुदायिक प्राणी है, जिसका स्वभाव सुख-दुःख के साथ रहना है। प्राचीनकाल से ही गाँव या मुहल्ले में रहना की परंपरा आपसी सहयोग के कारण विकसित हुई है। अभी भी गाँव में किसी भी तरह के कार्य या वृहत आयोजन में सब लोग मिलकर सहयोग करते हं। जंगली जानवरों के हमले या डकैतों का सामना सभी लोग मिल-जुलकर करते हैं। बाढ़ या हो फिर भूकंप या आपदा, आरंभ से ही हमारे यहाँ समुदाय के आधार पर उसके प्रबंधन की बाती की जाती है। सभी लोगों यानी समुदाय के सहयोग से आपदा के प्रभाव को कम करने का सम्मिलित प्रयास एवं उपाय ही समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन है।
10. भारत परंपरागत रूप में सामुदायिक आपदा प्रबंधन का समाज रहा है। स्पष्ट करें। 
उत्तर- भारतीय समाज में जीवन के विभिन्न संस्कार बनाए गए हैं। इन संस्कारों को पूरा करने में एक व्यक्ति पूरे समाज का सहयोग लेता रहा है। इसके अलावा बाढ़, आग, भूकंप, आँधी, तूफान का सामना लोग मिल-जुलकर करते रहे हैं। भारतीय समाज संयुक्त परिवार की व्यवस्था पर आधारित रहा है, जिसकी मुख्य विशेषता सभी के सहयोग से सभी का कल्याण करना रहा है यद्यपि आज विशेष कारणों से संयुक्त परिवार एकाकी परिवार बनता जा रहा है, फिर भी विभिन्न अवसरों पर वह समाज के साथ चलता है और समाज को लेकर चलता है। बिजली, पानी, सडक, साफ-सफाई के लिए मुहल्ला एक साथ आवाजा उठाता है। विभिन्न पर्व, त्योहारों, मेलें एवं अन्य धार्मिक अवसरों पर वह आज भी परस्पर मिल-जुलकर आनंद उठाता है तथा सुख-दुःख का भागीदार बनता है।  
11. आपदा प्रबंधन में समुदाय की केंद्रीय भूमिका को स्पष्ट करें।
उत्तर- कोई भी आपदा न तो सूचना देकर आती है और न ही इसके कोप का भुक्तभोगी कोई एक व्यक्ति होता है। यह छोटे-बड़े, अमीर-गरीब में कोई भेदभाव नहीं करती है। फलतः, इससे निपटने के लिए समुचित तैयारी और परस्पर भागीदारी आवश्यक है। ऐसी सिीति में एक व्यक्ति असहाय महसूस करता है। इसी समय समुदाय की महत्ता उजागर होती है। इन आपदाओं से निपटने में समुदाय की सामूहिक जिम्मेवारी होती है। इनकी प्रारंभिक तैयारी आपदा के दुष्परिणामों को कम कर सकती है। आपदा के पूर्व, आपदा के समय और बाद में भी समुदाय की अहम भूमिका होती है। इससे यह स्पष्ट है कि आपदा प्रबंधन में समुदाय की केंद्रीय भूमिका होती है।
12. आपदा प्रबंधन के लिए प्राथमिक क्रियाकलाप का वर्णन करें। 
उत्तर- आपदा के सामुदायिक प्रबंधन के लिए प्राथमिक क्रियाकलाप निम्नलिखित हैं
(i) किसी भी प्रकार की अफवाह को फैलने से रोकने का प्रयास करना 
(ii) किसी अफवाह के फैलने पर उसका सामुदायिक स्थलों पर तुरंत खंडन करना  
(iii) प्रशासन को आपदा से तुरंत अवगत कराना
(iv) धार्मिक एवं जातीय सद्भावना फैलाना और लोगों का आत्मविश्वास बढ़ाना 
(v) निकटतम स्वास्थ्य केंद्र को भी आपदा के विषय में सूचित करना और घायलों को तुरंत अस्पताल पहुँचाना।
(vi) पंचायत के सहयोग से तत्काल राहत कार्य प्रारंभ करना
(vii) राहत कार्यों के लिए समुचित टीम का गठन करना
(Viii) आवश्यक जीवनोपयोगी वस्तुओं, जल, भोजन, वस्त्र, दूध इत्यादि का प्रबंध कर उपलब्ध करना
(ix) आवश्यकता पड़ने पर राहत शिविर का प्रबंध करना।

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