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Class 9th Bharati Bhawan Disaster Management Chapter 4 | Long Type Answer Question | समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन | कक्षा 9वीं भारती भवन आपदा प्रबंधन अध्याय 4 | दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 9th Bharati Bhawan Disaster Management Chapter 4  Long Type Answer Question  समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन  कक्षा 9वीं भारती भवन आपदा प्रबंधन अध्याय 4  दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
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  दीर्घ उत्तरीय प्रश्न  
1. आपदा प्रबंधन में समाज की केंद्रीय भूमिका का वर्णन करें। 
उत्तर- कोई आपदा न तो सूचना देकर आती है न ही इसके कोप का भुक्तभोगी एक व्यक्ति होता है। यह छोटे-बड़े, धनी-गरीब में कोई भेदभाव नहीं करती है। इससे निपटने के लिए समुचि तैयारी और पारस्परिक भागीदारी आवश्यक है। इसका प्रभाव जान-माल पर तो पड़ता ही  मानसिक क्लेश भी होता है। इन आपदाओं से निपटने की जिम्मेवारी समाज की सामूहिक रूप से होती है। समाज के अनुभवी लोग आपदाओं का पूर्वानुमान या उनसे निपटने के सर्वोत्तम सुझाव दे सकते हैं। उनके अनुभवों तथा नई वैज्ञानिक तकनीकों से आपदा प्रबंधन के कुछ उपाय किए जा सकते हैं। इनकी प्रारंभिक तैयारी आपदा के दुष्परिणामों को कम कर सकती है।
2. ग्रामीण आपदा प्रबंधन समिति के कार्यों का विवरण प्रस्तुत करें।
उत्तर- किसी आपदा के पूर्वानुमान की चेतावनी और सूचना देना ग्रामीण आपदा प्रबंधन समिति का प्रमुख कार्य है। अब तो उपग्रह के माध्यम से भी राष्ट्रीय या क्षेत्रीय स्तर पर प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान संभव है।
(i) राहत शिविर का चयन, व्यवस्था तथा आवश्यकतानुसार अग्निशामक और प्रशासन तंत्र को सूचित करना।
(ii) राहत शिविर में भोजन स्वच्छ जल और अन्य आवश्यक पदार्थों का प्रबंध। 
(iii) प्राथमिक उपचार की व्यवस्था ।
(iv) स्वच्छता पर ध्यान देना और किसी प्रकार की बीमारी फैलने की संभावना को दूर करना । 
3. आपदा प्रबंधन में समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करने की उपायों का वर्णन करें। 
उत्तर- (i) बाढ़, आँधी, तूफान की संभावना होने पर अधिक-से-अधिक लोगों को सूचित करना तथा बताने के उपायों पर विचार करना।
(ii) किसी आपदा के विषय में विद्यालय, पूजास्थल जैसे सार्वजनिक स्थानों पर घोषणा करना तथा आवश्यक निर्देश देना।
(iii) समाज के वृद्ध, रुग्ण, बच्चे, गर्भवती महिलाओं के लिए पहले से विस्थापन के प्रबंध करना जिससे आपदा के समय इनका विस्थापन आसानी से हो सके। 
(iv) गाँव की भौगोलिक स्थिति के अनुसार तैरने के जैकेट, डॉक्टर और कुशल लोगों की सूची तैयार रखना तथा ऐसे स्थान से संपर्क रखना जहाँ से आवश्यकता पड़ने पर नाव इत्यादि का शीघ्र प्रबंध हो सके।
4. समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन पर एक लेख लिखें।
उत्तर- आपदा एक कष्टकारी घटना है जिससे जानमाल की भारी क्षति होती है। ऐसी स्थिति में इसके प्रभाव को कम-से-कम करने में समुदाय की केंद्रीय भूमिका होती है जिसे समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन कहा जाता है। इसके तीन मुख्य घटक हैं
(i) पूर्वानुमान, चेतावनी और प्रशिक्षण 
(ii) आपदा के समय प्रबंधन गतिविधियाँ 
(iii) आपदा के बाद का प्रबंधन।
आपदा, प्राकृतिक हो अथवा मानवजनित, यह कभी भी और कहीं भी हो सकती है। अकेले किसी व्यक्ति के लिए किसी आपदा से निपटना कठिन है, परंतु मिल-जुलकर इससे आसानी से निपटा जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि समुदाय के लोग सामाजिक हित का ध्यान रखें। इसमें विशिष्ट गुणोंवाले लोगों को ही शामिल किया जाना चाहिए। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समय उत्पन्न हिंदू-मुस्लिम सांप्रदायिक दंगों को सामाजिक शक्तियों ने ही रोका था। आपदा के सामुदायिक प्रबंधन के लिए प्राथमिक क्रिया कलाप भी निर्धारित हैं। इसके लिए जरूरी है कि अफवाह न फैलने दिया जाए। अफवाह फैलने पर इसका तुरंत खंडन किया जाना चाहिए। आपदा के संबंध में सभी लोगों को सही जानकारी देनी चाहिए। प्रशासन को जानकारी देने के बाद तत्काल राहत कार्य चलाना चाहिए। राहत कार्य चलाने के लिए एक समुचित टीम का गठन करना चाहिए तथा शिविर में जीवनोपयोगी वस्तुओं, स्वच्छ जल, भोजन, वस्त्र और दूध को उपलब्ध करना चाहिए। 
समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन के लिए समुदाय की भागीदारी भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसके लिए संभावित आपदा के विषय में अधिक से अधिक लोगों को सूचित किया जाना चाहिए। गाँव की भौगोलिक स्थिति के अनुसार, विभिन्न प्रकार की कार्यसूचियों को तैयार रखना चाहिए ताकि आवश्यकता पड़ने पर आसानी से काम हो सके।

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