लघु उत्तरीय प्रश्न
1. परमाणु ऊर्जा का क्या अर्थ है?
उत्तर-यूरेनियम, रेडियम, प्लूटोनियम, थोरियस जैसी धातुओं के नाभिकीय विखंडन से अपार ऊर्जा निकलती है। सामान्य स्थिति में भी इनसे अल्फा, बीटा और गामा किरणें निकलती रहती है। परंतु विशेष प्रकार के नाभिकीय रिएक्टरों द्वारा इस गति को तीव्र कराया जाता है, जिससे प्राप्त ऊर्जा परमाणु ऊर्जा कहलाती है।
2. किस दिन विश्व में पहला परमाणु बम गिराया गया था और कहाँ ?
उत्तर-विश्व में पहला परमाणु बम जापान के हिराशिमा नामक शहर में 6 अगस्त 1945 ई. में गिराया गया था।
3. भारत में कब और कहां परमाणु परीक्षण किया गया?
उत्तर-18 मई 1974 को पोखरन नामक स्थान में परमाणु परीक्षण किया गया।। उसके बाद उसी स्थान में 11 मई 1998 ई. को पुनः परीक्षण किया गया।
4. नाभिकीय विकिरण से उत्पन्न घातक किरणों के नाम लिखें।
उत्तर- 3 एवं किरण।
5. किस देश में यहूदी लोगों को गैस चेंबर में बंदकर मारा गया था।
उत्तर-जर्मनी में।
6. कीटनाशकों में किस रासायनिक पदार्थ का अधिक उपयोग होता है।
उत्तर-गैमेक्सेन डी.डी.टी., जिंक फॉस्फाइड आदि।
7. हैजा और पलेग फैलने का कारण स्पष्ट करें।
उत्तर-जल के दूषित होने या हवा की गंदगी से फैलता है।
8. हेपेटाइटिस बीमारी के कारणों का वर्णन करें।
उत्तर-विषाणु के संक्रमण से होता है।
9. एड्स क्या है? इसे घातक क्यों माना जाता है?
उत्तर-एड्स का पता भारत में 1986 में चला जिसमें संक्रमित व्यक्ति के रोग-प्रतिरोधक क्षमता धीरे-धीरे घटती जाती है। यह एक विशेष प्रकार के वाइरस से होता है, जिसे HIV कहा जाता है। यह साधारण संपर्क में नहीं फैलता है। भारत में लगभग 25 लाख लोग HIV से संक्रमित है। -
10. जैविक आपदा से बचाव के तरीकों को लिखें।
उत्तर-(i) स्वच्छ, ताजा एवं गर्म भोजन करना
(ii) पानी को उबालकर पीना
(iii) कीटनाशकों का आवश्यकतानुसार छिड़काव करना
(iv) अनजान व्यक्ति द्वारा दिए गए बंद पदार्थों को न छूना, न खोलना
(v) अनजानी वस्तु को छूते समय दस्ताना पहनना
(vi) जैविक अस्त्रों के विरूद्ध अत्यंत कठोर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाना
(vii) संदेह की स्थिति में विशेष प्रकार के प्रशिक्षित कुत्तों की मदद लेना
11. रासायनिक आपदा से बचाव के कुछ दीर्घकालीन सुझाव दें।
उत्तर-(i) रासायनिक उर्वरकों की जगह जैविक खाद के प्रयोग पर बल देना चाहिए।
(ii) कार्बन डाइऑक्साइड, मैथेन, सल्फर डाइऑक्साइड जैसी विनाशकारी गैसों के उत्सर्जन पर नियंत्रण स्थापित किया जाना चाहिए।
(iii) उद्योगों को बस्तियों से दूर लगाया जाना चाहिए।
12. रासायनिक आपदा से निपटने के कुछ तात्कालिक प्रबंधों का उल्लेख करें।
उत्तर-(i) रासायनिक कारखानों में अग्निशामक एवं जल का पर्याप्त भंडार होना चाहिए।
(ii) कारखानों में गैस रिसाव जाँच यंत्र अनिवार्यतः होना चाहिए।
(iii) सभी कर्मचारियों की एक निश्चित अंतराल पर चिकित्सीय जाँच होती रहनी चाहिए।
(iv) रासायनिक आयुधों एवं अन्य अनावश्यक पदार्थों के उत्पादन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।
(v) गैस रिसाव रोकने के उपकरण एवं अन्य आकस्मिक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
13. रासायनिक आपदा प्रबंधन हेतु कुछ दीर्घकालीन उपायों की चर्चा करें।
उत्तर-(i) कृषि क्षेत्र में रासायनिक उर्वरकों की जगह जैविक खाद का प्रयोग को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।
(ii) विनाशकारी गैसों के उत्सर्जन पर नियंत्रण के उपाय होने चाहिए।
(iii) बस्तियों से दूर उद्योगों को लगाना चाहिए।
(iv) उद्योगों के निकट अस्पताल, स्वच्छ जल एवं निःशुल्क चिकित्सा की व्यवस्था होनी चाहिए।
14. कालाजार क्या है? यह कैसे फैलता है?
उत्तर-कालाजार बीमारी बालू मक्खी द्वारा फैलती है। इसमें अनियमित बुखार होता है। लवीर और तिल्ली में सूजन आ जाती है। भारत में उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल का बाढ़ या जलजमाव का क्षेत्र इस बीमारी का क्षेत्र है। 1992 में इन क्षेत्रों में लगभग 77,000 तथा 1995 में 2 लाख 56 हजार लोगों की मृत्यु इस बीमारी से हुई थी।
15. महानगरों में कभी-कभी सड़कों पर दम घुटने लगता है। क्यों?
उत्तर- महानगरों में बदलती जीवन-पद्धति के कारण वाहनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इन वाहनों से विभिन्न प्रकार की प्रदूषित गैसें निकलती है जिससे सड़कों पर ऑक्सीजन की मात्रा तुलनात्मक रूप से तथा आवश्यकता से कम हो जाती है। फलतः, सड़कों पर दम घुटने लगता है।
16. एड्स की बीमारी कैसे फैलती है? उल्लेख करें।
उत्तर- एड्स एक जानलेवा बीमारी है। यह दीर्घकाल तथा प्रभावित करनेवाली बीमारी है। जिसमें रोग-प्रतिरोधक क्षमता समाप्त होने लगती है। यह HIV वाइरस के कारण होता है तथा यह वंशानुगत होता है। संक्रमित माता से यह बच्चे में फैल जाता है। संक्रमित खून चढ़ाने से भी यह बीमारी फैलती है। परंतु, साधारण संपर्क से यह नहीं फैलता है।
17. जैविक अस्त्र से उत्पन्न आपदा का वर्णन करें।
उत्तर-जैविक अस्त्र युद्ध के मारक अस्त्रों की एक नई तकनीक है जिसे आतंक और भारी विनाश का अस्त्र भी कहा गया है। इस तकनीक का विकास का जापान में हुआ, परंतु उपयोग 2001 में अमेरिका के 'वर्ल्ड ट्रेड सेंटर' के हमले के बाद हुआ। विषैले जीवाणुओं को डाकपत्रों के द्वारा गंतव्य स्थानों पर भेजा जाता है। इस पत्रों को खोलते ही इनमें उपस्थित जीवाणु साँस द्वारा फेफड़े तक पहुँचकर हानि पहुँचाते हैं और जहर फैलने लगता है। इन्हें बीमारी या रुग्णता के विषाणु कहा जाता है। इनमें एक विषाणु का नाम ऐंथैक्स है।
18. जीवाणु अथवा विषाणु के घातक प्रभाव से बचाव के उपाय लिखें।
उत्तर-(i) ताजा गर्म भोजन करना तथा स्वच्छ जल पीना चाहिए।
(ii) जलजमाव को दूर करना चाहिए।
(iii) खुले स्थानों पर कीटनाशकों का प्रयोग होना चाहिए।
(iv) डी. डी. टी. का छिड़काव निश्चित अंतराल होना चाहिए।
(v) लोगों को खून की जाँच कराते रहनी चाहिए।
(vi) सार्वजनिक शौचालयों को साफ रखना चाहिए।
(vii) विद्यालयों में छात्रों को इसकी सम्यक जानकारी दी जानी चाहिए।
(viii) घर की साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
(ix) घरों के आस-पास मुहल्लों में भी साफ सफाई होती रहनी चाहिए।
19. जैविक आपदा पर एक संक्षिप्त निबंध लिखें।
उत्तर-हवा या पानी में एसे कई जीवाणु या विषाणु होते हैं जो दिखाई नहीं देते। इनमें से कुछ लाभदायक होते हैं. छ अत्यंत ही घातक होते हैं। ये बड़ी तेजी से फैलते हैं। इनके संपर्क जीव या मानव इनसे संक्रमित हो जाता है जो मानवजीवन के लिए घातक सिद्ध होता है। संयुक्त राज्य अमेरिका के रुग्णता नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र ने जैविक आपदा को चार वर्गों में बाटा है। इन्हें क्रमशः कम विनाशकारी, घातक, अतिघातक तथा दीर्घकाल तक प्रभावित करनेवाली बीमारियाँ कहा जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने जैविक आपदा से सजग रहने के लिए एक प्रतीक भी विकसित किया है। चूंकि इन जीवाणुओं या विषाणुओं का फैलाव मानव शरीर में बड़ी तेजी से होता है। इसलिए इनसे बचने का प्रबंधन शीघ्र और प्रभावशाली होना चाहिए।
20. रासायनिक आपदा पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें। में आनेवाला कोई भी था
उत्तर- रसायनों का प्रयोग प्रचीनकाल से ही विभिन्न कार्यों में हो रहा है। परंतु, वर्तमान समय में इनका उपयोग जीवन के हर क्षेत्र में हो रहा है। इन रसायनों के उत्पाद से संबंधित समस्याओं ने आपदा का रूप ले लिया है। इन आपदाओं को तीन वर्गों में रखा जाता है
(क) विषैले रासायनिक उत्पाद से उत्पन्न होनेवाली गुप्त आपदाएँ,
(ख) रासायनिक युद्ध सामग्री के उपयोग से उत्पन्न आपदाएँ एवं
(ग) रासायनिक औद्योगिक इकाइयों में रिसाव और कचरे से उत्पन्न आपदाएँ। रासायनिक आपदा से बचने के लिए दो प्रकार के प्रबंधन
(i) तात्कालिक प्रबंधन एवं (ii) दीर्घकालीन प्रबंधन की आवश्यकता है।
21. रासायनिक युद्ध सामग्री के उपयोग से उत्पन्न आपदा की चर्चा करें।
उत्तर- प्रथम विश्वयुद्ध के बाद से ही यूरोप में रसायनिक अस्त्रों का विकास प्रारंभ हो गया और द्वितीय विश्वयुद्ध में इसका व्यापक उपयोग हुआ। जर्मनी में लाखों यहूदियों की हत्या विले गैस चेंबर में की गई। वियतनाम में अमेरिका के रासायनिक अस्त्रों के प्रयोग से जंगल नष्ट हो गए। अमेरिका ने इराक पर हमला सिर्फ इसी आरोप पर किया था कि वह विनाशक रासायनिक अस्त्रों का भंडार बढ़ा रहा है। ये विषैली गैसें श्वसन-प्रणाली और शरीर की त्वचा पर सबसे पहले और अधिक प्रभाव डालती हैं जो अंततः मृत्यु का कारण बन जाती है।
22. रासायनिक औद्योगिक इकाइयों में रिसाव और कचरे से उत्पन्न किसी एक आपदा का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर-रासायनिक औद्योगिक इकाइयों में कई विनाशकारी रसायनों का उपयोग किया जाता है। इनमें थोड़ी-सी भूल भयानक आपदा का रूप ले लेती है। इस संदर्भ में दिसम्बर 1984 को भोपाल गैस त्रासदी उल्लेखनीय है। यहाँ स्थित यूनियन कार्बाइड फैक्टरी में कीटनाशी बनाने के लिए मेथिल आइसोसायनेट का उपयोग होता था। 2-3 दिसंबर की रात्रि को इस यौगिक के रिसने से हवा में मिलकर दूर-दूर तक यह गैस फैल गई जिससे लगभग 2,000 लोगों की जानें गई और 10,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए। कुल मिलाकर 16,000 लोग मरे तथा 50 हजार से अधिक लोग अपंग हो गए।
23. नाभिकीय आपदा का संक्षेप में वर्णन करें।
उत्तर-रेडियोधर्मी खनिजों के नाभिकीय विखंडन से अपार ऊर्जा मुक्त होती है। सामान्य स्थिति में भी इनसे निरंतर अल्फा, बीटा और गामा नामक हानिकारक किरणें निकलती रहती है। इसी सिद्धांत के आधार पर कुछ विकसित देशों ने परमाणु बम भी बन रखे हैं। परमाणु बम विस्फोट अथवा नाभिकीय ऊर्जा-प्राप्ति के बाद बचे कचरे से भी हानिकारक प्रभाव जारी रहता है जिसे नाभिकीय आपदा कहा जाता है। अमेरिका के श्रीमाइल आइलैंड के रिएक्टर में तथा रूस के चेर्नोबिल शहर स्थित रिएक्टर में रिसाव से रेडियोधर्मी किरणों के प्रभाव से भयंकर दुर्घटना हुई थी जिससे सैकड़ों लोग मारे गए थे इससे पूर्व जापान के हिरोशिमा और नागाशाकी शहरों पर अमेरिका द्वारा जो बम गिराया गया था, उसका असर आज भी देखा जा रहा है।
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