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Class 8th Sugam Social Science Chapter 1 | Short Answer Question | Bharati Bhawan Class 8 Constitution | कक्षा 8वीं सुगम सामाजिक विज्ञान अध्याय 1 | संविधान | लघु उत्तरीय प्रश्न

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लघु उत्तरीय प्रश्न  
1. संविधान किसे कहते है ?
उत्तर- आप अवगत है की अपने देश में लोकतंत्र है | लोकतंत्र का मुख्य आधार है समानता, अर्थात सबों के लिए समान अवसर और समान सुविधाएँ | इसी को सुनिश्चित करने के लिए हमारे द्वारा चुने गए प्रतिनिधि जनसमुदाय के हित में काम करते है तथा शासन चलाते है | लोकतंत्र में शासक मनमानी करने के लिए आजाद नहीं है | नागरिक भी लोकतंत्र के नियमों के अनुपालन करने को बाध्य होते है | तात्पर्य यह है की कुछ बुनियादी नियम है जिनका पालन सरकार और नागरिकों, दोनों को करना होता है | ऐसे सभी नियमों का सम्मिलित रूप संविधान कहलाता है |
2. बताएँ की भारत के लोगो के बीच किस तरह की भिन्नताएँ पाई जाती है |
उत्तर- वे न केवल अलग दिखते हैं, बल्कि वे अलग-अलग क्षेत्रों से भी आते हैं । उनके धर्म, रहन-सहन, खान-पान, भाषा, त्योहार आदि भी भिन्न होते हैं। ये भिन्नताएँ हमारे जीवन को कई तरह से रोचक बनाती हैं । इन भिन्नताओं के कारण ही भारत में विविधता है।
3. संसदीय शासन पद्धति का अर्थ सोदाहरण स्पस्ट करें |
उत्तर- संसदीय सरकार शासन की वह प्रणाली है जिसमें कार्यपालिका (मन्त्रिमण्डल) अपने कार्यों के लिए विधायिका (संसद) के प्रति उत्तरदायी होती है। इसलिए इसे उत्तरदायी सरकार भी कहा जाता है। इसमें कार्यपालिका अपने पद पर उसी समय तक रह सकती है, जब तक उसे विधायिका (संसद) का बहुमत या विश्वास प्राप्त है।
4. एक उदाहरण देकर धर्मनिरपेक्षता (पंथ-निरपेक्षता) का अर्थ स्पस्ट करे|
उत्तर- यहाँ पंथनिरपेक्ष का अर्थ है कि भारत सरकार धर्म के मामले में तटस्थ रहेगी। उसका अपना कोई धार्मिक पंथ नही होगा तथा देश में सभी नागरिकों को अपनी इच्छा के अनुसार धार्मिक उपासना का अधिकार होगा। भारत सरकार न तो किसी धार्मिक पंथ का पक्ष लेगी और न ही किसी धार्मिक पंथ का विरोध करेगी।
5. संविधान सभा किसे कहते है ? इनका गठन कैसे होता है ?
उत्तर- संविधान सभा का गठन 6 दिसम्बर 1946 को भारतीय संविधान के निर्माण के लिए किया गया था जिससे भारतीय शासन व्यवस्था को नियंत्रित किया जा सके। संविधान सभा मांग पहली बार 1895 में की गयी थी जिसके बाद 1938 में इसकी स्थापना निर्णय लिया गया। जिसके बाद 6 दिसम्बर 1946 में इसका गठन हुआ और 9 दिसम्बर 1947 से अपना कार्य आरम्भ किया।
6. भारतीय संविधान के बुनियादी आदर्श क्या है? उल्लेख करे |
उत्तर- भारतीय संविधान की प्रस्तावना का उद्देश्य एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, गणराज्य की स्थापना करना है। शब्द 'धर्मनिरपेक्ष' का तात्पर्य है कि राज्य का कोई विशिष्ट धर्म नहीं है।
7. संविधान की प्रस्तावना को ध्यान से पढ़ें और लिखे की इसमे कौन-कौन-सी समानताओं का उल्लेख है |
उत्तर- संविधान की प्रस्तावना में लोकतांत्रिक शब्द का इस्तेमाल वृहद् रूप से किया है, जिसमें न केवल राजनीतिक लोकतंत्र बल्कि सामाजिक व आर्थिक लोकतंत्र को भी शामिल किया गया है। व्यस्क मताधिकार, समाजिक चुनाव, कानून की सर्वोच्चता, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, भेदभाव का अभाव भारतीय राजव्यवस्था के लोकतांत्रिक लक्षण के स्वरूप हैं।
8. अल्पसंख्यकों के विचारों का सम्मान करना क्यों महत्वपूर्ण है? दो-तीन कारण लिखें |
उत्तर- एक कारखाने के भोजनालय में मांसाहारी अल्पसंख्यक है । अतः शाकाहारियों को जो कि बहुमत में है , मांसाहारी के विचारों का आदर करना चाहिए। (घ) 50 विद्यार्थियों की कक्षा में 40 विद्यार्थी संपन्न परिवारों से हैं अतः बहुमत को चाहिए कि वे अल्पसंख्यक छात्रों के विचारों का आदर करें, ताकि वे अपने आप को हीन न समझे।
9. भारत का संविधान तैयार करते समय पंथ-निरपेक्षता को शामिल करने में संविधान निर्माताओं के सामने क्या चुनौतियाँ थी? लिखें |
उत्तर- इसको संविधान में प्राथमिक तौर पर एक मूल्य की तरह प्रतिबिम्बित किया गया है ताकि यह हम लोगों के बहुलवादी समाज को समर्थन दे | पंथ निरपेक्षता भारत के विभिन्न समुदायों के बीच सम्बद्धता को बढ़ावा देता है । आपके साथ पढ़ने वाले मित्र आपसे भिन्न धर्म में विश्वास रखते हैं तथा उसका आचरण करते हैं । वे अलग-अलग जाति के हैं ।
10. भारत के संविधान में दिए गए मूल्यों में कौन-सा मूल्य आपको सर्वाधिक पसंद है? कारण बताएँ |
उत्तर- इन मूल्यों में लोकतंत्र, स्वतंत्रता, समानता, न्याय व धर्मनिरपेक्षता प्रमुख मूल्य हैं। इन मूल्यों का महत्व इस तथ्य से पता चलता है कि इन्हें सबसे पहले संविधान सभा द्वारा स्वीकार किये जाने वाले संविधान के उद्देश्यों में शामिल किया गया था एवं उसे संविधान की उद्देशिका में लिखा गया।
11. संविधान की प्रस्तावना में पंथ-निरपेक्ष शब्द कैसे जुड़ा ?
उत्तर- एनसीआरटी के अनुसार पंथ निरपेक्ष होने का अर्थ है कि भारत नागरिकों को किसी भी धर्म को मानने की पूरी स्वतंत्रता है। लेकिन कोई धर्म आधिकारिक नहीं है। सरकार सभी धार्मिक मान्यताओं और आचरणों को समान सम्मान देगी। भारत के संविधान की प्रस्तावना जब तैयार की गई तो शुरुआत में इसमें सेक्युलर शब्द नहीं था।
12. सरकार के तीन अंग कौन-कौन-से है? उनके कार्यों की चर्चा करें |
उत्तर- सरकार के तीन अंगों में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच आपसी विश्वास, सहयोग और समन्वय स्थापित करके सरकार प्रभावी ढंग से और कुशलता से शासन कर सकती है। विधायिका कानून बनाने के लिए कार्य करती है। जबकि न्यायपालिका कानूनों को लागू करने और कानून का उल्लंघन करने वालों को दंडित या दंडित करने का कार्य करती है।
13. एक स्वतंत्र देश के नागरिकों के लिए संविधान क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर- संविधान वह सत्ता है जो, सर्वप्रथम, सरकार बनाती है। संविधान का दूसरा काम यह स्पष्ट करना है कि समाज में निर्णय लेने की शक्ति किसके पास होगी। संविधान यह भी तय करता है कि सरकार कैसे निर्मित होगी।

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