1. वियतनाम में राष्ट्रवाद के उदय के कारणों का उल्लेख करें।
उत्तर- वियतनाम में राष्ट्रवाद के विकास में विभिन्न तत्वों का योगदान था जिनमें औपनिवेशिक शोषणकारी नीति तथा स्थानीय आंदोलनों ने काफी बढ़ावा दिया। 20वीं शताब्दी के शुरूआत में यह विरोध और मुखर होने लगा। वियतनामी राष्ट्रवाद के विकास में फा-बोई-चाऊ ने "द हिस्ट्री ऑफ द लॉस ऑफ वियतनाम'' लिखकर राष्ट्रवादियों के बीच हलचल पैदा कर दी। वियतनामी राष्ट्रवाद के विकास के प्रमुख कारण निम्नलिखित थे
(i)1929-30 की विश्वव्यापी आर्थिक मंदी।
(ii) औपनिवेशिक सरकार की शोषणकारी नीति।
(iii) किसानों पर बढ़ता बोझ।
(iv) गरीबी तथा बेरोजगारी की समस्या तथा
(v) उग्र (रैडिकल) आंदोलनों का प्रभाव।
2. होआ-हाओ आंदोलन के विषय में आप क्या जानते हैं?
उत्तर- होआ-होआ आंदोलन वियतनाम में चलाया गया जो उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन था। 1939 में होआ-हाओ आंदोलन आरंभ हुआ। इसका केन्द्र मेकांग डेल्टा था। इस आंदोलन की उत्पत्ति फ्रांसीसी उपनिवेशवादी विरोधी विचारों से हुई थी। इस आंदोलन का प्रणेता हुइन्ह फू सो था। वह जनकल्याण संबंधी कार्य करता था और समाजसुधारक भी था। उसने फिजूलखर्ची, शराबखोरी और बाल कन्याओं की बिक्री की प्रथा का विरोध किया। समाज में उसका व्यापक प्रभाव था। हुइन्ह फूसो के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए सरकार ने कठोर दमनात्मक कारवाई कर होआ-हाओ आंदोलन को दबा दिया। लेकिन यह आंदोलन राष्ट्रवाद की मुख्य धारा से जुड़ गया।
3. फ्रांसीसियों ने मेकोंग डेल्टा में नहरे क्यों बनवाई ? इनका क्या परिणाम हुआ?
उत्तर- फ्रांसीसियों ने कृषि के विस्तार के लिए मेकांग डेल्टा क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा के के लिए नहरें बनवाई। सिंचाई की समुचित व्यवस्था उपलब्ध होने से धान की खेती और उत्पादन में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि हुई। एक अनुमान के अनुसार 1873 में जहाँ 2,74,000 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती होती थी। वह 1930 में बढ़कर 22 लाख हेक्टेयर हो गया। क्षेत्र विस्तार के अतिरिक्त उत्पादन भी बढ़ा। 1931 तक वियतनाम विश्व का तीसरा चावल निर्यातक देश बन गया।
4. वियतनाम मुक्ति एसोशिएशन की स्थापना क्यों की गईं ?
उत्तर- 1911 की चीनी क्रांति से वियतनामियों को काफी प्रेरणा मिली थी। चीनी क्रांति के परिणामस्वरूप चीन में मंजू राजवंश का शासन समाप्त हुआ तथा चीनी गणतंत्र की स्थापना की गयी। चीन की घटनाओं से प्रेरित होकर वियतनामी विद्यार्थियों ने वियतनाम मुक्ति एसोशिएसन नामक संस्था की स्थापना की। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य राजशाही की पुनर्स्थापना न होकर लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना के लिए प्रयास करना था।
5. एकतरफा अनुबंध व्यवस्था पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर-वियतनाम में एकतरफा अनुबंध व्यवस्था के अंतर्गत बागानों में मजदूरों से काम करवाया जाता था। इस व्यवस्था में मजदूरों को एक एकरारनामा के अंतर्गत को बागान मालिक और मजदूरों के बीच होता था, काम करना पड़ता था। एकरारनामा में मजदरों कोई अधिकार नहीं दिया गया। सारे अधिकार मालिकों के पास थे। काम पूरा नहीं होने पर मजदूरों को मालिक दंडित कर सकते थे, उन्हें जेल भिजवा सकते थे। वस्तुत: बागान मजदूरों की स्थिति गुलामों के समान थी। ग्रामीण क्षेत्रों में सामंती व्यवस्था के प्रचलन के कारण किसानों और मजदूरों की स्थिति दयनीय थी।
6. बाओदायी के विषय में क्या जानते हैं ?
उत्तर- बाओदायी वियतनाम के प्राचीन राजवंश का सम्राट था। जापानियों ने हिन्द-चीन से वापस लौटते समय अन्नाम का शासन आदायी को सौंप दिया। लेकिन बाओगई साम्यवादियों का सामना करने में असमर्थ था इसलिए उसने मन्नाम के सम्राट का पद त्याग दिया। वियतनाम के आजादी के बाद फ्रांसीसी बांओरायों को अपने प्रभाव में लेकर वियतनाम पर अप्रत्यक्ष शासन करते रहे।
7. वियतनाम का विभाजन क्यों और कैसे हुआ?
उत्तर- वियतनाम और फ्रांस के युद्ध में फ्रांसीसियों की बुरी तरह पराजय हुई। अमेरिका ने हिन्द-चीन में हस्तक्षेप करने का निश्चय किया जिससे स्थिति विस्फोटक हो गई तथा तृतीय विश्वयुद्ध का खतरा उत्पन्न हो गया। ब्रिटेन, फ्रांस युद्ध नहीं चाहते थे तथा समझौता की नीति अपनाई। इसके लिए जेनेवा में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। 1954 के जेनेवा समझौता के द्वारा इंडो-चीन के लाओस और कम्बोडिया स्वतंत्र कर दिए गए। दोनों राज्यों में वैध राजतंत्र एवं संसदीय व्यवस्था लागू की गई। वियतनाम का विभाजन अस्थाई रूप से दो भागों में कर दिया गया-(i) उत्तरी वियतनाम (ii) दक्षिणी वियतनाम। दोनों राज्यों की विभाजक रेखा सत्रहवीं समानांतर बनाई गई। उत्तरी वियतनाम में हो ची मिन्ह की कम्युनिस्ट सरकार को मान्यता दी गई। दक्षिणी वियतनाम में बाओदाई की सरकार बनी रही। यह व्यवस्था भी की गई कि 1956 में पूरे वियतनाम के लिए चुनाव करवाए जाएंगे।
8. जेनेवा समझौता क्यों हुआ?
उत्तर-वियतनाम में शांति स्थापित करने हेतु जेनेवा में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। अमेरिका के द्वारा हिन्द-चीन में हस्तक्षेप तथा तृतीय विश्वयुद्ध के खतरा को टालने के लिए ही 1954 में जेनेवा समझौता हुआ। जेनेवा समझौता के द्वारा इंडो-चीन के लाओस और कम्बोडिया स्वतंत्र घोषित कर दिए गए तथा वियतनाम का विभाजन अस्थायी रूप से दो भागों में कर दिया गया उत्तरी एवं दक्षिणी वियतनाम।
9. माई ली हत्याकांड का परिचय दें।
उत्तर- माई ली दक्षिण वियतनाम का एक गाँव था जहाँ 1968 के युद्ध में एक लोमहर्षक घटना घटी। अमेरिकी सेना ने अपनी पराजय की बौखलाहट में इस गाँव पर आक्रमण कर दिया। पूरे गाँव को घेर कर सभी पुरुषों को मार दिया गया। स्त्रियों, यहाँ तक कि बच्चियों के साथ सामूहिक बलात्कार कर उनकी भी हत्या कर दी गई। उसके बाद पूरे गाँव को आग लगाकर जला दिया गया। समाचार पत्रों ने जब इसका विवरण छापा तो अमेरिका के प्रति तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई तथा अमेरिकी प्रशासन की कटु आलोचना हुई।
10. अमेरिका ने वियतनामी युद्ध में क्यों भाग लिया ? इसका क्या परिणाम हुआ?
उत्तर- उत्तर वियतनाम में हो ची मिन्ह और नेशनल लिबरेशन फ्रंट ने वियतनाम को एकीकरण के लिए प्रयास तेज कर दिए। अमेरिका 1954 से ही दक्षिणी वियतनामी सरकार को आर्थिक और सैनिक सहायता दे रहा था। वह वियतनाम और दक्षिण-पूर्व एशिया में कम्यूनिस्टों का प्रभाव रोकना चाहता था। इसलिए दक्षिण वियतनाम के पक्ष में अमेरिका ने प्रत्यक्ष रूप से युद्ध में भाग लिया।
वियतनाम युद्ध में अमेरिका ने जो नीति अपनाई उसकी तीखी भर्त्सना हुई। अमेरिका में ही नागरिक सरकारी नीतियों के विरोधी हो गए। उसने तो वियतनामी जनता का समर्थन मिला और न ही वह वियतनामियों के प्रतिरोध को दबा सका। अमेरिकी धन-जन की भी क्षति हुई। बड़ी संख्या में निर्दोष वियतनामी तो मारे हो गए, हजारों अमेरिकी सैनिकों को अपने प्राण गँवाने पड़े।
11. 1970 में जकार्ता सम्मेलन क्यों बुलाया गया ?
उत्तर-18 मार्च, 1970 को कम्बोडियाई राष्ट्रीय संसद ने नरोत्तम सिंहानुक को सर्वसम्मत प्रस्ताव द्वारा सत्ता से हटा दिया और जनरल लोन नौल के नेतृत्व में सरकार बनी जिसे अमेरिका का समर्थन प्राप्त था। सिंहानुक ने नई सरकार के विरुद्ध युद्ध छेड़ दिया। अमेरिका ने तुरंत इसमें हस्तक्षेप किया। अमेरिकी फौज कंबोडिया में प्रवेश कर गई और व्यापक संघर्ष शुरू हो गया। यह युद्ध बड़ा भयंकर था। स्थिति को भांपते हुए इंडोनेशिया ने एशियाई देशों का सम्मेलन बुलाने का प्रस्ताव रखा। 16 मई, 1970 को जकार्ता में एक सम्मेलन बुलाया गया।
12. अमेरिका-वियतनामी युद्ध में हो. ची मिन्ह मार्ग की क्या भूमिका थी? में
उत्तर- अमेरिकी-वियतनामी युद्ध में हो ची मिन्ह मार्ग वियतनामियों के लिए उत्तरी वियतनाम से दक्षिणी वियतनाम जाने का सुरक्षित मार्ग था। हालाँकि अमेरिका ने इसक मार्ग पर भी काफी बम गिराए परंतु, वियतनामी इसे तुरंत ठीक कर लेते थे। हो ची मिन्ह मार्ग द्वारा ही वियतनामियों ने अपने सीमित संसाधनों का उपयोग किया। इसी मार्ग द्वारा दक्षिणी वियतनाम को सैनिक साजो-सामान तथा रसद पहुँचाया जाता था। यह भूलभुलैया मार्ग था। इस मार्ग में स्थान-स्थान पर विद्रोही सैनिक छावनियाँ, घायलों की चिकित्सा के लिए चिकित्सालय बनवा रखे थे। ज्यादातर सामानों की ढुलाई कुली स्त्रियाँ इसी मार्ग से करती थी।
13. अमेरिका के द्वारा एजेंट ऑरेंज के प्रयोग का वियतनाम पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-एजेंट ऑरेंज एक ऐसा जहर है जिसके छिड़काव से पेड़ों की पत्तियाँ झड़ जाती हैं और पौधे मर जाते हैं। इसे जिस ड्रमों में रखा जाता था उन पर नारंगी रंग की पट्टियाँ बनी होती थी इसलिए इसका नाम एजेंट ऑरेंज पड़ा। 1961 से 1971 के बीच अमेरिकी फौजों के मालवाही विमानों ने वियतनाम पर लगभग 1.1 करोड़ गैलन एजेंट ऑरेंज का छिड़काव किया।
अमेरिका जनरल वियतनाम के जंगलों और खेतों को तबाह कर देना चाहते थे ताकि वियतनामी सैनिक जंगलों में नहीं छुप सकें। इस जहर के कारण खेतिहर जमीन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा। एजेंट औरेंज में इस्तेमाल होनेवाला डायोक्सीन पदार्थ कैंसर को जन्म देता है और के मस्तिष्क को भी नुकसान पहुंचाता है। जिन इलाकों में इसका छिड़काव हुआ वहाँ जन्मजात विकलांगता की समस्याएं हो गई है। वियतनाम में अमेरिकी हमले के दौरान जितने बम और रासायनिक हथियारों का प्रयोग किया गया उसकी मात्रा दूसरे विश्वयुद्ध में इस्तेमाल किए गए हथियारों से अधिक थी।
14. हो ची मिन्ह पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर- हो ची मिन्ह (1890-1969) वियतनामी स्वतंत्रता के नेता थे। उनकी आरंभिक जीवन के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है, क्योंकि वह अपनी निजी पृष्ठभूमि के बारे में बहुत बात नहीं करते थे। उनका मूल नाम न्यूयेन आई क्वोक था। उन्होंने स्वयं को वियतनाम की आजादी के लिए झोंक दिया था।
हो ची मिन्ह का जन्म मध्य वियतनाम में हुआ था। उनकी शिक्षा पेरिस और मास्को में हुई थी। शिक्षा पूरी करके उन्होंने कुछ समय 1910 में बच्चों को स्कूल में पढ़ाया। 1911 में उन्होंने बेकिंग सखी और फ्रांसीसी जहाज पर नौकरी कर ली। वे मार्क्सवादी विचारधारा से अत्यन्त प्रभावित थे। बाद में हो ची मिन्ह कॉमिन्टन के सक्रिय सदस्य बन गए। वे लेनिन तथा अन्य नेताओं से मिले। यूरोप, थाइलैंड और चीन में 30 वर्ष बिताने के बाद मई, 1914 में वह वियतनाम लौट आए। साम्यवाद से प्रेरित होकर 1925 में उन्होंने वोरोदिन (रूस) में वियतनामी क्रांतिकारी दल का गठन किया। 1943 में उन्होंने अपना नाम नगूयेन आई क्वोक से बदल कर हो ची मिन्ह रख लिया। जिसका अर्थ पथप्रदर्शक होता है। जब वियतनाम लोक गणराज्य की स्थापना हुई तो उन्हें राष्ट्रपति चुना गया। वियतनाम की स्वाधीनता के लिए उन्होंने 40 वर्ष से ज्यादा समय तक संघर्ष किया। उन्होंने 1930 में 'वियतनामी कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की। इस दल का नाम बाद में बदलकर इंडो-चाइनिज कम्युनिस्ट पार्टी रख दिया गया। इसी दल के अधीन हो ची मिन्ह के नेतृत्व में वियतनाम ने स्वतंत्रता प्राप्त की। 3 सितम्बर 1969 को ही ची मिन्ह की मृत्यु हो गई। -
15. वियतनाम को स्वतंत्र राष्ट्र बनाने में कौन-कौन-से सहायक तत्त्वों का योगदान था?
उत्तर- वियतनाम की स्वतंत्रता एवं उसके एकीकरण में निम्नलिखित तत्वों की भूमिका सराहनीय थी-
(i) वियतनाम के नेता हो ची मिन्ह जैसे राष्ट्रभक्त के योगदान के बिना वियतनाम की स्वतंत्रता कठिन हो जाती।
(ii) अनेक देशभक्तों ने अपनी जान की बाजी लगाकर आंदोलन एवं युद्ध में शामिल हुए जिनके प्रयास से वियतनाम न केवल स्वतंत्र हुआ बल्कि एकीकृत भी हुआ।
(iii) जनता देश के विभाजन के विरुद्ध थी। इसलिए फ्रांस के साथ संघर्ष हुआ और द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद फ्रांस, ब्रिटेन एवं रूस और अंत में अमेरिका के साथ युद्ध किया। ।
(iv) वियतनामी जनता का राष्ट्रप्रेम, समाजवादी देशों द्वारा वियतनाम को दी गई मदद, एशियाई तथा अफ्रीकी देशों का राजनीतिक समर्थन तथा विश्व के अधिकांश भागों की जनता द्वारा व्यक्त एकजुटता इत्यादि तत्वों ने वियतनाम की जनता की विजय में सहायता पहुँचाई।
इन सभी सहायक तत्त्वों के कारण वियतनाम एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उभर कर विश्व के समक्ष आया।
Hello My Dear, ये पोस्ट आपको कैसा लगा कृपया अवश्य बताइए और साथ में आपको क्या चाहिए वो बताइए ताकि मैं आपके लिए कुछ कर सकूँ धन्यवाद |