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Class 12th History (इतिहास) Most VVI Subjective Questions 2022 : Bihar Board Class XII Question :

Class 12th History (इतिहास) Most VVI Subjective Questions 2022 : Bihar Board Class XII Question :

प्रश्न 1 से 31 तक के प्रश्नों के उत्तर के लिए क्लिक करे 

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 प्रशन 32:--  कैबिनेट मिशन की योजना   की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख करें।

उत्तर:-- कैबिनेट मिशन नेम 16 मई 1946 को अपने प्रस्ताव की घोषणा की,

उनकी घोषणा निम्नलिखित है---

1. ढ़ीले -ढ़ाले  त्रिस्तरीय महासंघ का सुझाव जिसमें भारत एकीकृत रहने वाला था।

2. केंद्रीय सरकार के पास सिर्फ विदेश रक्षा और संचार विभाग रहता था।

3. प्रांतीय सभाओं को तीन भागों समूह---क, ख,ग में विभक्त कर क्षेत्रीय ईकाईयों  का गठन करना था।

4. इनके पास कार्यकार और विधाई शक्तियां रहती हैं। प्रस्ताव अस्वीकृति हो गया।

* कैबिनेट मिशन की विशेषताएं :--कैबिनेट मिशन की विशेषताएं निम्नलिखित हैं---

1. भारत की एकता बनाए रखी जाए ।

2. मुस्लिम लीग की पाकिस्तान की मांग इस आधार पर ठुकरा दी गई इसके संप्रदायिक अल्पसंख्यकों की समस्या का समाधान नहीं होगा ।

3. भारत का एक संघ होगा जिसमें ब्रिटिश प्रांत तथा देशी रियासतें शामिल होंगी ।

4. संघीय सरकार तथा उसके विधानमंडल के पास सीमित शक्तियां होंगी ।

5. संघीय विषयों को छोड़कर अन्य सभी विषय तथा सभी अवशिष्ट शक्तियां प्रांतों के पास रहेगी ।

6. नवीन संविधान बनाने तक भारत में एक अंतरिम सरकार स्थापित की जाएगी। इसमें सभी दलों के कुल मिलाकर 14 प्रतिनिधि लिए जाएंगे ।

प्रशन 33:-- गोलमेज सम्मेलन क्यों आयोजित किए गए? इनके कार्यों की विवेचना कीजिए।

उत्तर:--पहला गोलमेज सम्मेलन--पहला गोलमेज सम्मेलन नवंबर 1930 ईस्वी को लंदन में हुआ। इसका उद्देश्य भारतीयों को सत्ता में भागीदारी बनाना था जिसमें देश के प्रमुख नेता शामिल हुए इसी कारण या बैठक असफल रही ।

अतः जनवरी 1931 ईस्वी में गांधी जी जेल से रिहा हुए फिर गांधीजी और इरविन के बीच समझौता हुआ।

* इसकी शर्तें थी:---

1. सविनय अवज्ञा आंदोलन का वापस लेना।

2. सभी कैदियों की रिहाई।

३. समुद्र के पास के प्रदेशों में नमक बनाने की अनुमति देना।

*दूसरा गोलमेज सम्मेलन:-- 7 दिसंबर 1931 ईस्वी को दूसरा गोलमेज सम्मेलन शुरू हुआ इसमें गांधीजी कॉन्ग्रेस का नेतृत्व कर रहे थे गांधी जी का कहना था कि उनका फैसला भारत स्वीकार करेगा परंतु  तीन चुनौतियां इस प्रकार है---

1. मुस्लिम लीग का कहना था कि वह मुस्लिम अल्पसंख्यकों के लिए काम करती हैं ।

2. राजवाड़ों का कहना था कि वह गरीब लोगों के लिए काम करती हैं।

3. डॉक्टर बी आर अंबेडकर का कहना था कि वह निचली जाति के लिए काम नहीं करती हैं ।

* तीसरा गोलमेज सम्मेलन:-- भारत में नए संविधान का नक्शा तैयार करने के लिए भारत मंत्री तीसरा गोलमेज सम्मेलन बुलाया कुछ भारतीय प्रतिनिधि जो सरकार की हां में हां मिलाने वाले थे जिसमें कांग्रेस भाग नहीं लिया ।यह सम्मेलन 17 नवंबर 1932 से 24 दिसंबर 1932 तक चला। अतः यह सम्मेलन सफल रहा।

प्रशन 34:-- आधुनिक भारत के निर्माण में डॉक्टर बी आर अंबेडकर के दिनों का वर्णन करें।

उत्तर:-- डॉक्टर बी आर अंबेडकर का जन्म 1891 ई०  में महाराष्ट्र की एक निचली जाति में हुआ था।इन्होंने इंग्लैंड एवं अमेरिका में शिक्षा पाई थी। 1927 ईस्वी में इन्होंने बैरिष्टरी का परीक्षा पास किया। निम्न जातियों को राजनीतिक जागृति लाने का श्रेय डॉ भीमराव को ही दिया जाता है। इनका उद्देश्य था कि अछूतों, कमजोर और दलित वर्गों के लोगों को इंसाफ दिलाना, क्योंकि पहले के लोग निचली जातियों से बहुत छुआछूत करते थे जातियों में भेदभाव करते थे ऊंच-नीच की भावना प्रचलित थी। उन लोगों को मंदिरों में जाने का अधिकार नहीं था कुआं से पानी भरने का अधिकार नहीं था।इसलिए अंबेडकर ने निचली जातियों को इंसाफ दिलाया। जुलाई 1924 ईस्वी में उन्होंने बहिष्कृत हितकारिणी सभा की स्थापना की। वह हिंदुओं की रुढ़िवादी से निराशा हो गए और उन्होंने अछूतों के लिए कार्य किया। इन्होंने भारतीय संविधान का निर्माण किया। डॉ आंबेडकर ना केवल देशभक्त थे, बल्कि राष्ट्रीय एकता को भी बनाए रखे थे तथा नेहरू, पटेल आदि कांग्रेसी नेताओं ने इनको समझकर इन्हें संविधान प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया गया। इसलिए इनको संविधान का पिता भी कहा जाता है। इन्हें  आजादी के बाद न्याय मंत्री भी बनाया गया। इन्होंने हिंदू कोड बिल पास किया एवं संविधान में हरिजनों को आरक्षण दिलवाया। इन्होंने गोलमेज सम्मेलन में भी भाग लिया था। अतः 1956 में इनका निधन हो गया।

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