2. इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी में दिखाई देने वाली एक जंतु कोशिका का नामांकित चित्र बनाइए| (वर्णन अपेक्षित)
3. माइटोकॉन्ड्रिया की रचना एवं कार्यों का संक्षिप्त वर्णन करें|
उत्तर :- माइटोकॉन्ड्रिया- यह छड़ के आकार के या गोल अंगत है जो बहुत बड़ी संख्या में कोशिका पाए जाते हैं| इनका आकार 0.2 से 2um x 3 से 5ूum के मध्य होता है| प्रत्येक माइट्रोकांड्रिया दोहोरी झिल्ली वाली होती है| वही परत चिकनी एवं चित्रित होती है| अतः परत बहुत अधिक ललित होती है और की कृश्ती निर्मित करती है|
कार्य - माइटोकॉन्ड्रिया में ऑक्सीकारक एंजाइम होते हैं और इस प्रकार यह विभिन्न रासायनिक क्रियाओं के लिए ऊर्जा उत्सर्जित करती है जो एटीपी के रूप में एकत्रित रहती है| इसलिए इसे कोशिका का पावर हाउस भी कहा जाता है|
4. यूकैरियोटिक तथा प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं में के अंतर को स्पष्ट करें
उत्तर:- (i) प्रोकैरियोटिक कोशिका - यह आदमी खुशी का है इसका आकार पराया छोटा (1-10um) होता है, जबकि यूकैरियोटिक कोशिका विकसित कोशिका है| इसका आकार पराया बड़ा (5-100 um होता है) होता है|
(ii) प्रोकैरियोटिक कोशिका में वास्तविक केंद्रक अनुपस्थित होती है जबकि यूकैरियोटिक कोशिका में वास्तविक केंद्रक उपस्थित होती है|
(iii) यूकैरियोटिक कोशिका यह केवल जीवाणुओं एवं सायनबैक्टीरिया में मौजूद रहता है ,जबकि यूकैरियोटिक कोशिका में यह सब ही पादपों और जंतुओं में मौजूद रहता है|
(iv) प्रोकैरियोटिक कोशिका में केंद्रक आ नहीं पाया जाता है, जबकि यूकैरियोटिक कोशिका में केंद्रक पाया जाता है|
(v) प्रोकैरियोटिक कोशिका में केवल एक क्रोमोसोम पाया जाता है, जबकि यूकैरियोटिक कोशिका में अनेक क्रोमोसोम पाया जाता है|
(vi) प्रोकैरियोटिक कोशिका में गॉल्जीकाय, माइटोकॉन्ड्रिया, अन्तप्रद्रव्यी जालिका नहीं पाए जाते हैं, जबकि यूकैरियोटिक कोशिका में गॉल्जीकाय माइट्रोकांड्रिया अंतप्रद्रव्यी जालिका पाए जाते हैं|
(vii) प्रोकैरियोटिक कोशिका में क्लोरोप्लास्ट नहीं पाया जाता है, जबकि यूकैरियोटिक कोशिका में क्लोरोप्लास्ट पादप कोशिकाओं में पाया जाता है|
(viii) प्रोकैरियोटिक कोशिका में कोशिका विभाजन विखंडन या मुकुलन द्वारा होता है, जबकि यूकैरियोटिक कोशिका में कोशिका विभाजन माइटोसिस या नियोसिस द्वारा होता है|
5. क्रोमोसोम की संरचना को सचित्र समझाएं
उत्तर :-
क्रोमोसोम एक सामान्य कोशिका के केंद्रक में महीन, लंबे तथा अत्यधिक कुंडलिक धागे के रूप में दिखते हैं| कोशिका विभाजन के समय यह स्पष्ट दिखाई देते हैं| सामान्यतः क्रोमोसोम बेलनाकार होते हैं| (i) पेलिकल, (ii)मैट्रिक तथा क्रोमेटिड्स|
क्रोमोसोम का सबसे बाहरी आवरण पेलिकल कहलाता है| पेलिकल के द्वारा घिरा हुआ भाग मैट्रिक्स कहलाता है| मैट्रिक्स में क्रोमोसोम की पूरी लंबाई में दो समानांतर कुंडली धागे के समान संरचना होती है जो अर्थ गुणसूत्र या क्रोमेटिड्स कहलाते हैं प्रत्येक क्रोमेटेड में दो या दो से अधिक अत्यंत महीन कुंडलिक धागे के समान रचनाएं होती है जिन्हें क्रोमोनेमता कहते हैं| प्रत्येक क्रोमेटेड के क्रोमोनेमता इतनी अधिक घनिष्ठता से एक दूसरे से संबंध होते हैं| कि वे एक ही दिखाई पड़ते हैं क्रोमेटेड DNA तथा हिस्टोन प्रोटीन का बना होता है| इसी DNA अनु के खंड जीन है जो क्रोमेटेड की पूरी लंबाई में दाने सदृश्य दिखते हैं| क्रोमोसोम के दोनों क्रोमेटेड एक स्थान पर सेंट्रोमेरिक के द्वारा एक-दूसरे से संयोजित रहते हैं|
सभी जीवो की कोशिकाओं के केंद्रक में पाए जाने वाले क्रोमोसोम की संख्या निश्चित होती है जैसे मानव शरीर की कोशिकाओं में 46 क्रोमोसोम ड्रोसोफिला की कोशिकाओं में आठ क्रोमोसोम मकई के पौधे की कोशिकाओं में 20 क्रोमोसोम टमाटर के पौधे की कोशिकाओं में 24 क्रोमोसोम आलू के पौधों की कोशिकाओं में 48 क्रोमोसोम पाए जाते हैं| यह क्रोमोसोम सदा जोड़े में रहते हैं| एक जोड़े के दोनों क्रोमोसोम हमेशा एक दूसरे के समान होते हैं| इसीलिए यह दोनों समझा क्रोमोसोम कहलाते हैं| ऐसी कोशिका के क्रोमोसोम समूह में दोनों संघात क्रोमोसोम होते हैं| द्विगुणित कहलाते हैं परंतु युग्मक हो जैसे शुक्राणुओं तथा अंडाणु में क्रोमोसोम की संख्या अधिक कोशिका के क्रोमोसोम की संख्या की आधी होती है| ऐसे कोशिका के क्रोमोसोम समूह अनुनित कहलाते हैं|
6. केंद्रक का क्या कार्य है? चित्र सहित इनकी रचना का उल्लेख करें|
उत्तर :-
केंद्रक कोशिका द्रव्य के बीच एक बड़ी गोल गाड़ी संरचना पाई जाती है| सभी जीवित कोशिकाओं में केंद्रक मौजूद रहता है| इसके चारों ओर दोहरे परत की एक झिल्ली रहती है| जिसे केंद्रक कला या केंद्रक झिल्ली कहते हैं| इन इसमें अनेक चंद्र क्षेत्र रहते हैं इन क्षेत्रों के द्वारा केंद्रक द्रव्य एवं कोशिका द्रव्य के बीच पदार्थों का आदान-प्रदान होता है पराया एक केंद्र का हर जीवित कोशिका में पाया जाता है लेकिन कुछ कोशिकाओं में एक से ज्यादा केंद्रक पाए जाते हैं|
केंद्र के अंदर गाढ़ा और तरल द्रव्य भरा रहता है जिसे केंद्रक द्रव्य न्यूक्लियोप्लाज्म कहते हैं| केंद्र में महीनों की जाल जैसी रचना पाई जाती है| जिसे क्रोमेटिक जालिका कहते हैं यह डी ऑक्सी राइबो न्यूक्लिक अम्ल डीएनए एवं प्रोटीन से बने होते हैं| डीएनए आनुवंशिक लक्षणों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक ले जाता है| कोशिका विभाजन के समय क्रोमेटिक जालिका के धागे अलग होकर कई छोटी और मोटी सर जैसी रचनाओं में बदल जाते हैं| जिन्हें गुणसूत्र या क्रोमोसोम चाहते हैं डीएनए अनु में कोशिका के निर्माण एवं संगठन की सभी आवश्यक सूचनाएं होती है| डीएनए के क्रियात्मक खंड कोचीन कहते हैं| यह जीव पैतृक गुणों के वाहक होते हैं| अतः डीएनए को अनुवांशिक पदार्थ तथा जिनको अनुवांशिक इकाई कहते हैं|
केन्द्रक के कार्य - (i) केन्द्रक कोशिका की रक्षा करता है और कोशिका विभाजन में भाग लेता है केंद्र की अनुपस्थिति में कोशिका विभाजन संभव नहीं है|
(ii) केंद्रक कोशिका के भीतर संपन्न होने वाली सभी उपापचय या जैविक तथा रासायनिक क्रियाओं का नियंत्रण करता है|
(iii) कुछ जीवो में को सीखिए जनन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है|
(iv) यह कोशिका के विकास एवं परिपक्व को निर्धारित करता है|
(v) केंद्रक प्रोटीन संश्लेषण के लिए आवश्यक कोशिकीय RNA उत्पन्न करते हैं|
7. कोशिका झिल्ली पदार्थों के परिवहन में किस प्रकार अपनी भूमिका अदा करती है ?
उत्तर :-
कोशिका झिल्ली के द्वारा ही प्रकरण की क्रिया संपन्न होती है| पदार्थों के परिवहन के लिए जीवन तंत्रों में परिवहन तंत्र होता है| जिसके अंतर्गत जल एवं खाद्य पदार्थों का शरीर के एक भाग से दूसरे भाग तक संवहन होता है| पौधों में खाद्य पदार्थों का स्थानांतरण सदा अधिक सांद्रता वाले भागों से कम सांद्रता वाले भागों की ओर कोशिका झिल्ली के द्वारा ही होता है| जंतुओं में भी गैसों, पोषक तत्व, हार्मोन, उत्सर्जी पदार्थों का उपापचय क्रियाओं के फल स्वरुप उत्पन्न पदार्थों का शरीर के एक भाग से दूसरे भाग में परिवहन होता रहता है| जिसमें कोशिका झिल्ली की मुख्य भूमिका रहती है|
8. अल्पपरासरी समपरासरी तथा अतिपरासरी विलियन में किसी जीवित कोशिका को बारी-बारी से डाला जाए तो कोशिका पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?
उत्तर :-
जब कोशिका को अल्प पाराशरी बिलियन (ऐसा बिलियन जिन की सांद्रता कोशिका के विलियन की अपेक्षा कम हो) मैं रखा जाता है तो बाहरी बिलियन से पानी कोशिका के अंदर प्रवेश करता है इस प्रक्रिया को अंतपरासरण कहते हैं| जल के अणु कोशिका झिल्ली के दोनों ओर आते जाते हैं लेकिन कोशिका के अंदर जाने वाले जल की मात्रा कोशिका के बाहर आने वाले जल की मात्रा से अधिक होगी| इसका परिणाम यह होता है जल के कोशिका के भीतर प्रवेश करने से कोशिका फुल जाएगी| जब कोशिका को समपरासरी विलयन ( ऐसा बिलियन चीन की सांद्रता कोशिका रस की सांद्रता के बराबर हो) मे रखा जाता है तो कोशिका के आकार एवं वजन में कोई परिवर्तन नहीं होता है| जल के अणु कोशिका झिल्ली के आर पार हो जाते हैं आते हैं लेकिन जल की जितनी मात्रा भीतर जाती है उतनी ही बाहर आ जाती है| इस प्रकार शुद्ध रूप से जल की कोई गति नहीं हुई|
जबकि कोशिका को अतिप्रा श्री बिलियन (ऐसा बिलियन जिस दिन की सांद्रता कोशिका के विलियन की तुलना में अधिक है) में रखा जाता है| तब कोशिका के अंदर से जल निकलकर बारी विलियन में प्रवेश करता है| इस प्रक्रिया को वही परासरण कहते हैं| इस क्रिया के दौरान भी जल अनु कोशिका झिल्ली के दोनों ओर आवागमन करने के लिए स्वतंत्र होते हैं लेकिन कोशिका से बाड़ी आने वाले जल की मात्रा कोशिका के भीतर जाने वाले जल की मात्रा से अधिक होती है फल स्वरुप को चिकाचिक उड़ जाएगी|
Hello My Dear, ये पोस्ट आपको कैसा लगा कृपया अवश्य बताइए और साथ में आपको क्या चाहिए वो बताइए ताकि मैं आपके लिए कुछ कर सकूँ धन्यवाद |