1. नदी और विद्वान में क्या समानता है?
उत्तर :- जिस प्रकार नदियां बहती हुई अपने वास्तविक नाम को त्याग कर समुद्र में मिल जाती है| उसी प्रकार विद्वान व्यक्ति अपने नाम को छोड़कर दिव्य श्रेष्ठ पुरुष को प्राप्त कर लेता है|
2. महान लोग संसार रूपी सागर को कैसे पार करते हैं?
उत्तर :- महान लोग अपने को अज्ञानी तथा अन्य विद्वान को ज्ञानी समझकर संसार रूपी सागर से पार कर जाते हैं| अर्थात महान व्यक्ति अपने नाम को छोड़ कर उस दिव्य श्रेष्ठ पुरुष को प्राप्त कर लेता है|
3. मंगलम पाठ का 5 वाक्यों में परिचय दें|
अथवा मंगलम पाठ के आधार पर सत्य का स्वरूप बताएं|
उत्तर :- इस पाठ के 4 मंत्र क्रमश इशावास्य, कठ, मुंडक तथा स्वेताश्वतर नामक उपनिषदों से संकलित है | यह मंगलाचरण के रूप में पठनीय है वैदिक साहित्य में विशुद्ध आध्यात्मिक ग्रंथों के रूप में उपनिषदों का महत्व है| इन्हें पढ़ने से परम सत्ता के प्रति श्रद्धा उत्पन्न होती है| सत्य के अन्वेषण की प्रवृत्ति होती है तथा आध्यात्मिक खोज की उत्सुकता होती है उपनिषद ग्रंथ विभिन्न वेदों से संबंध है|
पाटलिपुत्र वैभवम
1. दामोदर गुप्त ने पटना के संबंध में क्या लिखा है?
उत्तर :- दामोदर गुप्त नामक कवि ने स्वलिखित कूटनी मत रानी काव्य में पटना के संबंध में लिखा है कि प्राचीन भारतीय नगरों में अग्रणी पटना गंगा के किनारे बसी विचित्र महानगर है| पृथ्वी का तिलक विद्वानों की निवास स्थली पटना नाम का महानगर स्वर्ग से भी सुंदर स्थान है|
2. प्राचीन ग्रंथों में पटना के कौन कौन से नाम मिलते हैं?
उत्तर :- पटना में गुप्त वंश के शासन काल में कौमुदी महोत्सव मनाया जाता था| यह उत्सव शरद काल में मनाया जाता था| कौमुदी महोत्सव में सभी लोग उत्साह पूर्वक भाग लेते थे एवं आनंदमय होते थे|
3. पटना में कौमुदी महोत्सव कब मनाया जाता था?
उत्तर :- पटना में गुप्त वंश के शासन काल में कौमुदी महोत्सव बहुत धूमधाम से मनाया जाता था| इस अवसर पर सभी लोग आनंद मग्न रहते थे| आजकल दुर्गा पूजा के अवसर पर वैसा ही समारोह देखा जाता है|
4. राजशेखर ने पटना के संबंध में क्या लिखा है?
उत्तर :- कभी राजशेखर ने काव्यमीमांसा नामक कभी शिक्षा प्रमुख अपने ग्रंथ में सादर स्मरण करते हुए लिखा है कि यहां वर्शोपवर्शो, पानिनि, पिन्ग्ल तथा पतंजलि आदि ने महान योगदान देकर छाती को प्राप्त किया|
5. पटना के मुख्य दर्शनीय स्थलों का नाम उल्लेख करें|
उत्तर :- पटना में गांधी सेतु नामक पुल (जो एशिया का सबसे लंबी पुल), संग्रहालय, उच्च न्यायालय, सचिवालय, गोलघर, तारामंडल, जैविक उद्यान, मौर्यकालीन अवशेष, महावीर मंदिर तथा गुरु गोविंद सिंह का जन्म स्थान गुरुद्वारा आदि दर्शनीय स्थल है| जिसने जिसे देखने के खयाल से विदेशी सदैव आते हैं|
6. कौन-कौन से विदेशी यात्री पटना आए थे?
उत्तर :- विदेशी यात्री मेगास्थनीज, हेनसांग तथा फरहान अपने यात्रा के क्रम में पटना आए तथा अपने संस्मरण में पटना का विस्तृत वर्णन किए हैं|
7. भगवान बुद्ध ने पटना के संबंध में क्या कहा था?
उत्तर :- भगवान बुद्ध ने पटना के संबंध में कहा था कि यह गांव पाटली ग्राम भविष्य में महानगर होगा| किंतु आपसी झगड़ा आग लगी और बाढ़ के भय से सदैव पीड़ित रहेगा|
8. प्राचीन ग्रंथों में पटना के कौन कौन से नाम मिलते हैं?
उत्तर :- प्राचीन संस्कृत ग्रंथों एवं पुराणों में पटना का नाम पुष्पपुर कुसुमपुर पाया जाता है|
9. पाटलिपुत्र नगर के वैभव का वर्णन करें|
अथवा पाटलिपुत्र वैभव पाठ के आधार पर पटना के वैभव का वर्णन पांच वाक्यों में करें|
चंद्रगुप्त मौर्य के काल में पाटलिपुत्र की रक्षा व्यवस्था कैसी थी?
उत्तर :- पाटलिपुत्र प्राचीन काल से ही अपनी वैभव परंपरा के लिए विख्यात रही है| विदेशी यात्री ने आसमानों में यहां की अनेक उत्कृष्ट संपदाओं का वर्णन किया है| मेगास्थनीज ने लिखा है कि चंद्रगुप्त मौर्य काल में यहां की शोभा और रक्षा व्यवस्था अति उत्कृष्ट थी| अशोक काल में यहां निरंतर समृद्धि रहे कवि राजशेखर ने अपनी रचना काव्यमीमांसा में ऐसी ही बात लिखी है| यह बड़े-बड़े कभी व्याकरण भाषा कार हुए|
आज पाटलिपुत्र नगर पटना के नाम से जाना जाता है| जहां संग्रहालय है गोलघर जैविक उद्यान इत्यादि दर्शनीय स्थल है| इस प्रकार पाटलिपुत्र प्राचीन काल से आज तक विभिन्न क्षेत्रों में वैभव धारण करता है| इसका संकलित रूप संग्रहालय में देखने योग्य है|
10. चंद्रगुप्त मौर्य के काल में पाटलिपुत्र की रक्षा व्यवस्था कैसी थी?
उत्तर :- पाटलिपुत्र प्राचीन काल से ही अपनी वैभव परंपरा के लिए विख्यात रही है| विदेशी यात्रियों ने अपने चरणों में यहां की अनेक उत्कृष्ट संपादाओं का वर्णन किया है| मेगास्थनीज ने लिखा है कि चंद्रगुप्त मौर्य काल में यहां की शोभा और रक्षा व्यवस्था अति उत्कृष्ट थी| अशोक काल में यहां निरंतर समृद्धि रही है|
11. सिख संप्रदाय के लोगों के लिए पटना क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर :- गुरु अर्जुन देव पटना सिटी में जन्म लिए पटना सिटी में सभी सिख धर्म गुरु पधारे हैं| दसवें गुरु गोविंद सिंह का गुरुद्वारा भी यही है इसलिए इस पवित्र स्थल का सिख संप्रदाय में बड़ा महत्व है|
Hello My Dear, ये पोस्ट आपको कैसा लगा कृपया अवश्य बताइए और साथ में आपको क्या चाहिए वो बताइए ताकि मैं आपके लिए कुछ कर सकूँ धन्यवाद |