उत्तर : पदमा के ललकार ने पर भी अशोक ने युद्ध करना स्वीकार नहीं किया| क्योंकि उनके सामने कलिंग महाराज की वीरांगना पुत्री पदमा शास्त्री सैनिकों के साथ उन से लोहा लेने के लिए खड़ी थी| स्त्रियों से युद्ध करना शास्त्र विरुद्ध है| यदि वह पदमा के साथ युद्ध करते तो उनकी वीरता कलंकित होती तथा भारतीय आदर्श का अपमान होता इसलिए पदमा के ललकार ने पर भी अशोक ने युद्ध करना स्वीकार नहीं किया|
2. पदमा को अशोक से बदला लेने का अच्छा अवसर था तब भी उसने अशोक को जीवित क्यों छोड़ दिया?
अथवा,
पद्मा ने अशोक को जीवित क्यों छोड़ दिया?
उत्तर : निहत्थे पर वार करना शास्त्री ब्रिज है| अशोक ने स्त्रियों पर शस्त्र ना उठाने का निश्चय कर अपनी तलवार फेंक दिया और सैनिकों को भी तलवार फेंक देने का आदेश दिया फल तभी निहत्था हो चुके थे| अशोक और उनके सैनिकों ने को निहत्था देखकर पुल पर हथियार उठाना अनुचित मानकर उसने बदला लेने का अवसर पाकर भी उसने अशोक को जीवित छोड़ दिया| अपने पिता की हत्या का बदला नहीं लिया|
3. (क) बुद्ध शरणम् गच्छामि (ख) धर्मं शरणं गच्छामि (ग) संघम शरणम गच्छामि - दिए गए उपर्युक्त वाक्य संस्कृत भाषा में लिखे गए हैं इन्हें हिंदी में अनुवाद कीजिए
उत्तर : (क) मैं बुद्ध की शरण में जाता हूं| (ख) मैं धर्म की शरण में जाता हूं| (ग) मैं संघ की शरण में जाता हूं|
4. अस्त्र और शस्त्र के अंतर को लिखिए
उत्तर : ठीक कर चलाया जाने वाला उपकरण अस्त्र है जैसे- रॉकेट लॉन्चर| हाथ में रखकर ले चलने वाला उपकरण शस्त्र है जैसे- बंदूक|
5. अगर आप अशोक या पदमा की जगह होते तो क्या करते और क्यों?
उत्तर : अगर हम अशोक या पदमा की जगह होते तो हम भी वही करते जाता उन लोगों ने किया| हम भी अपने आन मान सम्मान के लिए अपने प्राण की बाजी लगा देते| क्योंकि जन्म भूमि की रक्षा से बढ़कर कोई कार्य नहीं होता| इसी प्रकार हम अशोक की तरह प्राण देना अच्छा समझते किंतु स्टीरियो पर हाथ ना उठाते और राजकुमारी पदमा की जगह निहत्थे पर वार नहीं करते| क्योंकि हमारे शास्त्र ने ऐसा करने से मना किया है| स्त्रियों पर हाथ उठाना तथा निहत्थे पर वार करना दोनों धर्म विरुद्ध कार्य है| इन दोनों को अपनाना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है|
6. कल्पना कर बताइए कि यदि अशोक और पदमा का युद्ध हो गया होता तो क्या होता है?
उत्तर : यदि अशोक और पदमा का युद्ध हो गया होता तो महाविनाश हो जाता| अशोक की सेना कलिंग की स्त्री सेना को मार डालती और फिर खून की नदी बह जाती| फलता अशोक महान के बदले अशोक हत्यारा के नाम से जाना जाता दूसरी और पिता भाई पुत्र तथा पति की मृत्यु से बौखलाई स्त्रियां भूख सिहानी के समान खून की प्यासी थी| उनके अंदर प्रतिशोध की ज्वाला धधक रही थी| इसलिए यदि दोनों के बीच युद्ध होता तो महाविनाश हो जाता मगध या कलिंग दोनों में से किसी एक का दीपक सदा के लिए बुझ जाता|
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