लघु उत्तरीय प्रश्न :
1. उत्पत्ति के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण करें |
उत्तर :- उत्पत्ति के आधार पर संसाधन दो प्रकार के होते है
(i) जैव संसाधन :- जैव संसाधन में सभी सजीव शामिल है, जैसे- पेड़-पौधे, जीव-जंतु आदि |
(ii) अजैव संसाधन :- अजैव संसाधन में सभी निर्जीव वस्तुएँ शामिल है, जैसे- चट्टान, खनिज, भवन, रेल, सड़क आदि |
2. संभाव्य और विकसित संसाधनों में अंतर बताएँ |
उत्तर :- संभाव्य संसाधन की कुल मात्रा का पता नहीं होता, परन्तु उसके होने की संभावनाएँ होती है| भविष्य में इनका उपयोग किया जा सकता है, जैसे- लद्दाख क्षेत्र का युरेनियम तथा केरल में मिलनेवाला थोरियम | जबकि विकसित संसाधन को ज्यात संसाधन भी कहा जाता हिया | इनका वर्तमान में उपयोग किया जाता है | सभी खनिज पदार्थ जिनका खनन किया जा रहा है, विकसित संसाधन है | मध्यप्रदेश में मिलनेवाला मैंगनीज, राजस्थान का ताँबा, झारखंड का अभ्रक सभी विकसित संसाधन है|
3. मानवनिर्मित संसाधन को स्पष्ट करें |
उत्तर :- उत्पादन, उपभोग और आर्थिक विकास के उद्देश्य से मानव जिस संसाधन का निर्माण करता है, उसे मानवनिर्मित संसाधन कहा जाता है, जैसे- भवन, कारखाना, रेलमार्ग, सड़क, औजार, कृषि-यंत्र, मशीन इत्यादि |
4. सतत पोशनीय विकास किन बातों पर जोर देता है |
उत्तर :- संसाधनों विशेषकर अनविकरणीय संसाधनों का उपयोग विवेकपूर्ण ढंग से किया जाना जरुरी है| संसाधनों के बिना कोई भी देश उन्नति नहीं कर सकता| इनके निरंतर उपलब्ध रहने पर ही समाज की निरंतर प्रगति संभव है| यदि हम मानवजनित के अस्तित्व को आगे भी बरकरार रखना चाहते है तो संसाधनों का संरक्षण आवश्यक है | संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग एवं इनके नवीकरण के लिए पर्याप्त समय देना संसाधन संरक्षण कहलाता है |
5. संसाधनों के असमान वितरण पर अपने विचार प्रस्तुत करें |
उत्तर :- संसाधनों के असमान वितरण के कारण ही पृथ्वी पर प्राकृतिक संसाधनों के वितरण में भिन्नताएं मिलाती है| इन भिन्नताए में स्थलरुप, जलवायु, अक्षांश, समुद्र से दुरी एवं ऊंचाई जैसे कारक शामिल है|
संसाधनों के वितरण की तरह इनके उपयोग में भी असमानताएँ है, क्योंकि विश्व के सभी भागों में मानव एक जैसा जीवन व्यतीत नही कर रहा है| तकनीकी ज्ञान में अंतर का होना इसका सबसे बड़ा कारण माना जाता है|
6. संसाधन और मूल्य के बीच क्या संबंध है? स्पष्ट करें |
उत्तर :- किसी भी संसाधन का मूल्य उसके रूप और गुण में परिवर्तन से बदल जाता है| जैसे, वन में पदों की लकड़ी का कोई आर्थिक मूल्य नहीं होता, परन्तु जब पेड़ की लकड़ी को काटकर फर्नीचर में बदला जाता है तब उसका आर्थिक मूल्य बढ़ जाता है ( क्योंकि उसके रूप और गुण दोनों में परिवर्तन आ जाता है ) | सभी संसाधनों का आर्थिक मूल्य नहीं होता | कुछ संसाधनों का आर्थिक मूल्य होता है तो कुछ का नहीं |
7. नवीकरणीय संसाधन को उदाहरण देकर स्पष्ट करें |
उत्तर :- नवीकरणीय संसाधनों की उपलब्धता प्रकृति में हमेशा बनी रहती है| मानव के उपयोग से इनके कुल भण्डार पर कोई असर नहीं पड़ता, जैसे सूर्य की किरणे एवं पवन | मृदा और जल जैसे संसाधनों पर मानवीय गतिविधियों का प्रभाव पद सकता है | ऐसे संसाधनों के उपयोग के लिए पुन चक्रन विधि को अपनाना जरुरी है |
8. प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग में भिन्नता को उदाहरण के साथ समझाएँ |
उत्तर :- प्रकृति में पाई जानेवाली सभी उपयोगी एवं लाभकारी चीजें प्र्काकृतिक संसाधन है, जैसे- भूमि, मृदा, जल, वायु, वनस्पति, जीव-जंतु, खनिज पदार्थ इत्यादि |
संसाधनों के असमान वितरण के कारण ही पृथ्वी पर प्राकृतिक संसाधनों के वितरण में भिन्नताएं मिलाती है| इन भिन्नताए में स्थलरुप, जलवायु, अक्षांश, समुद्र से दुरी एवं ऊंचाई जैसे कारक शामिल है|
संसाधनों के वितरण की तरह इनके उपयोग में भी असमानताएँ है, क्योंकि विश्व के सभी भागों में मानव एक जैसा जीवन व्यतीत नही कर रहा है| तकनीकी ज्ञान में अंतर का होना इसका सबसे बड़ा कारण माना जाता है|
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न :- https://www.bharatibhawan.org/2021/03/8-1-class-8th-bharati-bhawan-geography.html
1 Comments
Thanks for accurate and perfect answer. 😊😊 Thank u
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