1. जीवन की कार्यात्मक इकाई क्या है ? परिभाषित कीजिये। द्वारा भी संपन्न हो सकते हैं।
उत्तर- जीवन की कार्यात्मक इकाई कोशिका हैं।
परिभाषा–कोशिका सभी जीवों की संरचनात्मक व कार्यात्मक इकाई है अर्थात् जीव का शरीर एक या अनेक कोशिकाओं से बना होता है तथा जीवों के सभी कार्य केवल एक कोशिका द्वारा भी संपन्न हो सकते है।
2. कोशिका को जीवों की कार्यात्मक इकाई क्यों कहते हैं ?
उत्तर- सभी कोशिकाएँ एककोशिक जीव के रूप में हों या बहुकोशिक जीवों के अंश के रूप में, कुछ आधारभूत कार्य संपन्न करती हैं। जैसे—श्वसन, पोषण आदि जो जीवों की उत्तरजीविता के लिए अनिवार्य हैं। इसलिए कोशिका को जीवों की कार्यात्मक इकाई कहते हैं।
3. कोशिका भित्ति क्या है ? इसका क्या महत्त्व है ?
उत्तर- पादप कोशिकाओं में कोशिका झिल्ली के बाहर एक और दृढ़ भित्ति होती है जिसे कोशिका भित्ति कहते हैं। कोशिका भित्ति का मुख्य अवयव सेल्यूलोज है। कोशिका भित्ति पौधों कठोरता व मजबूती प्रदान करती है।
4. कोशिका के तीन प्रमुख कार्यात्मक क्षेत्र कौन-कौन से हैं ?
उत्तर- कोशिकाओं में तीन प्रमुख कार्यात्मक क्षेत्र निम्नलिखित हैं(i) कोशिका झिल्ली (ii) केंद्रक (iii) कोशिका द्रव्य ।
5. ससीमकेंद्रक कोशिका क्या है ?
उत्तर- एक ससीमकेंद्रक कोशिका में झिल्लियों से घिरा एक केंद्रक होता है । इस कोशिका में केंद्रक के अतिरिक्त झिल्लियों से बने और भी कई कोशिकांग होते हैं। माइटोकॉण्ड्रिया, अंतर्द्रव्यी जालिका, गॉल्जीकाय कुछ ऐसे कोशिकांग हैं। पादप कोशिकाओं में कुछ और विशिष्ट कोशिकां होते हैं, – लवक (Plastids), बड़ी-बड़ी धानियाँ तथा कोशिका भित्ति ।
6. अमीबा अपना भोजन कैसे प्राप्त करता है ?
उत्तर- अमीबा एंडोसाइटोसिस (Endocytosis) द्वारा भोजन ग्रहण करता है। प्लाज्मा झिल्ली अन्दर की ओर मुड़कर कप के आकार का गड्ढा (Cavity) बना लेती है जिसमें भोजन प्रविष्ट हो जाता है, इसके बाद यह भोजनधानी (खाद्य धानी) का रूप ले लेती है।
7. असीमकेंद्रक कोशिका क्या है ?
उत्तर- एक असीमकेंद्रक कोशिका में न तो केंद्रक होता है और न ही कोई भीतरी झिल्लियाँ जो कि कोशिका झिल्ली से जुड़ी हों। ये पृथ्वी पर जीवन के पुरातन रूपों से बनी हैं।
8. कौन-सा कोशिकांग 'पाचक थैली' कहलाता है और क्यों ?
उत्तर- लाइसोसोम को 'पाचक थैली' कहते हैं क्योंकि इसमें सक्रिय एन्जाइम होते हैं जो सभी जैव पदार्थों के अपघटन तथा पाचन के लिए सक्षम होते हैं। लाइसोसोम अंतर्कोशिकीय पाचक संस्थान के रूप में कार्य करते हैं ।
9. कौन-सा कोशिकांग कोशिका के ऊर्जा संयंत्र है ? संक्षेप में इनके कार्य बताइए।
उत्तर- माइटोकॉण्ड्रिया को कोशिका का ऊर्जा संयंत्र (पावर हाउस) कहते हैं। कार्य–माइटोकॉण्ड्रिया में कोशिकीय श्वसन होता है। श्वसन के फलस्वरूप उत्सर्जित ऊर्जा ए.टी.पी. के रूप में संग्रहित हो जाती है।
10. क्या होगा यदि किसी कोशिका का संघटन किसी भौतिक अथवा रासायनिक प्रभाव द्वारा नष्ट हो जाता है ?
उत्तर- किसी कोशिका के संघटन पर भौतिक एवं रासायनिक प्रभाव पड़ने पर कोशिका स्वयं नष्ट हो जायेगी क्योंकि सभी कोशिकाएँ अलग-थलग पड़ जायेंगी। इस सभी के कार्य द्वारा कोशिका के मूल कार्य होते हैं।
11. कौन-सा कोशिकांग कोशिका की अधिकतर प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है ?
उत्तर- कोशिका से केंद्रक को निकालने पर इसकी मृत्यु हो जाती है। यह कोशिका चक्र का नियमन भी करता है। यह माता-पिता के लक्षणों को संतान में पहुँचाने हेतु उत्तरदायी है।
12. एककोशिकीय तथा बहुकोशिकीय जीव क्या हैं ? उदाहरण भी दीजिए।
उत्तर- एककोशिकीय जीव ऐसे जीव जिनका शरीर केवल एक कोशिका से बना होता है। एककोशिकीय जीव कहलाते हैं। उदाहरण— जीवाणु, अमीबा, क्लेमिडोमोनास, पैरामीशियम बहुकोशिकीय जीव ऐसे जीव जिनका शरीर असंख्य कोशिकाओं से बना होता है, बहुकोशिकीय जीव कहलाते हैं। जैसे—मनुष्य, हाथी, पक्षी, सरसों का पौधा, आम का वृक्ष ।
13. कोशिका सिद्धांत किसने प्रस्तुत किया ? कोशिका सिद्धांत क्या है ?
उत्तर- दो जर्मन जीव वैज्ञानिकों ने कोशिका सिद्धांत प्रस्तुत किया। इनके नाम हैं एम. श्लिडन तथा टी. श्वान ।
कोशिका सिद्धांत के अनुसार- सभी जीव (पौधे और प्राणी) कोशिकाओं से बने हैं तथा कोशिका जीवन की मूल इकाई है।
विरचो नामक जीव वैज्ञानिक ने इस अवधारणा द्वारा कोशिका सिद्धांत को आगे बढ़ाया कि सभी कोशिकाएँ पहले से विद्यमान कोशिकाओं द्वारा ही उत्पन्न होती हैं।
14. प्लाज्मा झिल्ली क्या है ? इसका मुख्य कार्य क्या है ?
उत्तर- प्रत्येक कोशिका का बाह्य आवरण प्लाज्मा झिल्ली या कोशिका झिल्ली है। यह कोशिका की अंतर्वस्तु को चारों ओर के माध्यम से पृथक् करती है। कोशिका झिल्ली के अंदर जो पदार्थ पाया जाता है उसे जीवद्रव्य या प्रोटोप्लाज्म कहते हैं।
केंद्रक व कोशिका द्रव्य दोनों को सम्मिलित रूप में प्रोटोप्लाज्म कहते हैं।
कोशिका झिल्ली, वसा तथा प्रोटीन से बनी होती है। कोशिका झिल्ली का मुख्य कार्य कोशिका और उसके बाह्य माध्यम के मध्य अणुओं के आवागमन को नियंत्रित करना है। कोशिका झिल्ली कोशिका में स्थित पदार्थ की सुरक्षा के लिए यांत्रिक अवरोध प्रदान करती है।
15. निम्नलिखित शब्दों की परिभाषा दीजिए :
(a) प्रोटोप्लाज्म (जीव द्रव्य), (b) साइटोप्लाज्म (कोशिका द्रव्य), (c) न्यूक्लिओप्लाज् (केंद्रक द्रव्य ) ।
उत्तर-(a) जीव द्रव्य- प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा तथा न्यूक्लिक अम्ल युक्त जीवनदायी पदार्थ जीव द्रव्य कहलाता है। केंद्रक तथा कोशिका द्रव्य को जीव द्रव्य कहते हैं।
(b) कोशिका द्रव्य- कोशिका झिल्ली तथा केंद्रक के अतिरिक्त कोशिका का शेष भाग कोशिका द्रव्य कहलाता है। कोशिका द्रव्य में विभिन्न कोशिकांग पाए जाते हैं।
(c) केंद्रक द्रव्य- केंकेंद्रक में उपस्थित पदार्थों को केंद्रक द्रव्य कहते हैं।
16. राइबोसोम तथा तारककाय में अन्तर बताओ।
उत्तर - राइबोसोम तथा तारककाय में अन्तर
राइबोसोम :-
1. ये सूक्ष्म दानेदार गोल संरचनाएँ होती हैं।
2. ये अन्तः प्रद्रव्यी जालिका से जुड़ी होती है।
3. राइबोसोम्स अमीनो अम्लों से प्रोटीनो का संश्लेषण करते हैं।
4. राइबोसोम RNA तथा प्रेटीन के बने होते है ।
तारककाय :-
1. यह एक सूक्ष्म पारदर्शक कार्य है।
2. यह जन्तु कोशिकाओं में केन्द्रक के बाहर स्थित होती है।
3. इस सूक्ष्म बिन्दु के आकार की संरचना के महीन तारक किरणें होती हैं।
4. यह जंतु कोशिकाओं में पायी जाती है।
17. पादप कोशिकाओं में कोशिका द्रव्य विभाजन (साइटोकाइनेसिस) क्रिया कैसे होती है ?
उत्तर- समसूत्री विभाजन के दौरान पश्चावस्था में तर्क तन्तु लुप्त हो जाते हैं तथा कोशिका द्रव्य कोशिका के मध्य एक कोशिका भित्ति द्वारा पूर्णतया विभाजित हो जाता है। इस प्रक्रिया को कोशिका द्रव्य विभाजन कहते हैं।
18. काइएज्मेटा (काइएज्मा ) क्या है ? इसका महत्त्व बताइए।
उत्तर- काइएन्मेटा (काइएज्मा) वह क्षेत्र है जहाँ पर आनुवंशिक पदार्थ का विनिमय समजात गुणसूत्रों के क्रोमेटिड्स के मध्य होता है।
महत्त्व- इसमें गुणसूत्रों की रचना बदलने से जीनों के नए युग्म बनते हैं अर्थात् संतति कोशिकाओं के गुणसूत्र अपने जनकों से गुणात्मक रूप में भिन्न होता है और जीवों में विभिन्नता' का कारण बनते हैं। ये विभिन्नताएँ जैव विकास (organic evolution) का आधार है।
19. कोशिकांगों के नाम लिखें।
उत्तर- कोशिकांग के नाम निम्नलिखित हैं(i) गॉल्जी उपकरण (iii) अंतर्द्रव्यी जालिका (ii) लाइसोसोम (iv) परॉक्सिसोम (v) माइटोकॉन्ड्रिया (vi) प्लैस्टिड्स (लवक) (vii) सेन्ट्रोसोम (तारककाय) (viii) धानियाँ (रिक्तकाएँ)
20. कोशिका में विद्यमान दोनों न्यूक्लिक एसिड के नाम बताइए । वे क्या कार्य करते हैं?
उत्तर- कोशिका में पाए जानेवाले दो न्यूक्लिक एसिड प्रमुख हैं
(i) डीऑक्सीराइबोज न्यूक्लिक एसिड (DNA) (ii) राइबोज न्यूक्लिक एसिड (RNA)
कार्य – (i) डीऑक्सीराइबोज न्यूक्लिक एसिड- ये आनुवंशिक सूचना को संग्रह करने तथा उसे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित करने के लिए उत्तरदायी हैं।
(ii) राइबोज न्यूक्लिक एसिड- ये प्रोटीन संश्लेषण में सहायक होते हैं।
21. क्रोमेटिन, क्रोमेटिड और क्रोमोसोम (गुणसूत्र ) में अंतर बताइए।
उत्तर- क्रोमेटिन, क्रोमेटिड तथा क्रोमोसोम में अंतर
क्रोमेटिन– क्रोमेटिन केंद्र में न्यूक्लियोप्रोटीन से बना आनुवंशिक पदार्थ का पतला जाल - सा होता है। यह उपापचयी रूप से सक्रिय नहीं होता है।
क्रोमेटिड— प्रत्येक क्रोमोसोम कोशिका विभाजन के समय दो भागों में बँट जाते हैं। ये प्रत्येक भाग को क्रोमेटिड कहते हैं। प्रत्येक क्रोमोसोम के दोनों क्रोमेटिड आपस में सेन्ट्रोमीयर से जुड़े रहते हैं।
क्रोमोसोम– केंद्रक में उपस्थित क्रोमेटिन कोशिका विभाजन के समय लम्बे धागों जैसी संरचनाओं में बदल जाते हैं, जिन्हें क्रोमोसोम कहते हैं। क्रोमोसोम पर उपस्थित जीन आनुवंशिक गुणों के वाहक होते हैं।
22. जीवद्रव्य क्या है ?
उत्तर- जीवद्रव्य कोशिका का जीवित पदार्थ है। इसे जीवन का भौतिक आधार कहा जाता है। यह जटिल कोलायडी पिंडक है।
जीवन देने वाले पदार्थ के अणु
कार्बनिक यौगिक :-
1. कार्बोहाइड्रेट्स
2. वसा
3. प्रोटीन्स
4. न्यूक्लिक अम्ल (डी०एन०ए० तथा आर०एन०ए०)
5. इन्जाइम आदि।
अकार्बनिक यौगिक :-
1. जल
2. गैसें
3. अम्ल
4. क्षार आदि
23. हरित लवक कहाँ पाये जाते हैं ? इसकी संरचना का उल्लेख कीजिए।
उत्तर- ये दोहरी झिल्ली वाली रचना है, जो केवल पादप कोशिका में पाई जाती है। इसकी भीतरी झिल्ली फैलकर ग्रैना नामक समूह बनाती है। ग्रैना सौर ऊर्जा के शोषण से संबंधित रचना है। इसमें क्लोरोफिल तथा अनेक वर्णक होते हैं। क्लोरोप्लास्ट के बीच का आधारी पदार्थ स्ट्रोमा (पीठिका) कहलाता है जिसमें प्रायः मंड कण होते हैं। हरितलवक प्रकाश संश्लेषण क्रिया का स्थान है।
Hello My Dear, ये पोस्ट आपको कैसा लगा कृपया अवश्य बताइए और साथ में आपको क्या चाहिए वो बताइए ताकि मैं आपके लिए कुछ कर सकूँ धन्यवाद |