Bihar Board Class 10th Examination 2023 | Most VVI Question in Hindi Book | तू जिंदा है तो........, ईदगाह, कर्मवीर,

Bharati Bhawan
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Bihar Board Class 10th Examination 2023  Most VVI Question in Hindi Book  तू जिंदा है तो........, ईदगाह, कर्मवीर,

  तू जिंदा है तो........  
  कविता- शंकर शैलेन्द्र  
1. कब अत्याचारों के महल गिरेंगे और कब नये घरों के निर्माण होंगे? 
उत्तर – जब पेट की आग और दिल के दाग मिलकर ध्वंस रचकर नया विद्रोह खड़ा होगा, तब उस विद्रोह की आग में अत्याचारों के महल गिर जाएँगे और श्रमिकों के लिए नये-नये घर तैयार होंगे। विनाश के बाद ही नवनिर्माण होगा।
2. उत्तरज़मी के पेट में पली अगन, पले हैं जलजले' का भाव स्पष्ट करें। 
उत्तर- इस पंक्ति का भावार्थ है कि धरती के पेट की आग भूचाल को जन्म देती है। दुनिया में भूखे जन ही क्रांति का सृजन करते हैं। पेट की आग को रोकना कठिन है। इसमें भूकंप की ताकत और इंकलाब की शक्ति छिपी होती है। 
3. संघर्ष करने वाले मजदूर किसानों को मौत से क्यों नहीं डरना चाहिए? 
उत्तर – समाज में इंकलाब करने वाले मजदूर किसान मौत से नहीं डरते हैं । उसके दरवाजे पर मौत हजारों चेहरे बदल कर आती हैं। परंतु मौत इंकलाबी संघर्षरत मेहनतकश किसान-मजदूरों को धोखा नहीं दे पायी है। वह हारकर इनके दरवाजों से चली गयी है। मौत हारती है। हर सुबह नयी रोशनी देती है।
  ईदगाह  
  कहानी - मुंशी प्रेमचंद  
1. ईदगाह कहानी के रचनाकार कौन हैं? यह कहानी किस पर टिप्पणी करती है?
उत्तर- ईदगाह कहानी के रचनाकार प्रेमचंद हैं। बाल मनोविज्ञान पर आधारित यह कहानी बचपन के परिस्थितियों पर मार्मिक ढंग से टिप्पणी करती है।
2. 'ईदगाह' कहानी के अनुसार दुकानों में किस-किस तरह के खिलौने थे? 
उत्तर- 'ईदगाह' कहानी के अनुसार दुकानों पर तरह-तरह के खिलौने थे— सिपाही, गुजरिया, राजा और वकील, भिश्ती, धोबिन और साधु । 
3. ईद के दिन अमीना क्यों उदास थी?
उत्तर- अभागिन अमीना ईद के दिन उदास कमरे में बैठी रो रही थी। आज ईद का दिन है और उसके घर में दाना नहीं। वह इस अंधकार और निराशा के कारण उदास थी।
4. मेले में चिमटा खरीदने के पहले हामिद के मन में कौन-कौन से भाव आए?
उत्तर- मेले में चिमटा खरीदने से पहले हामिद के मन में कई तरह के भाव आए। सबसे पहले दादी चिमटा देखकर खुश होगी और दुआएँ देंगी फिर वह पड़ोस की औरतों को दिखाएँगी। सारे गाँव में चर्चा होने लगेगी। बड़ों की दुआएँ सीधे अल्लाह के दरबार में पहुँचती हैं।
5. हामिद ने चिमटे को किन-किन रूपों में उपयोग करने की बात कही है? 
उत्तर – हामिद ने बताया कि चिमटा कंधे पर रखा तो बंदूक हो गयी। हाथ में लिया तो फकीरों का चिमटा हो गया। वह चाहे तो इससे मंजीरे का काम ले सकता है। एक चिमटा जमा दूँ तो सारे खिलौने के प्राण निकल जाएँ। चिमटा शेर है। इसका बालबाँका नहीं हो सकता है।
6. मेला जाने से पहले हामिद दादी से क्या कहता है? 
उत्तर – मेला जाने से पहले हामिद अपनी दादी को सांत्वना देता है। वह कहता है कि तुम डरना नहीं अम्मा, मैं सबसे पहले मेला से आ जाऊँगा । 
7. हामिद कितने वर्ष का है और कैसा है?.
उत्तर – हामिद चार-पाँच साल का गरीब-सूरत, दुबला-पतला लड़का है। उसके माता-पिता इस दुनिया में नहीं हैं। वह अपनी बूढ़ी दादी अमीना के साथ रहता है। ·
8. चिमटा देखकर अमीना के मन में कैसा भाव आया ?  
उत्तर- चिमटा देखकर अमीना के मन में कई तरह के भाव उठे। पहले तो चिमटा देखकर क्रोधित हुई। बाद में वह क्रोध स्नेह में बदल गया। वह स्नेह मूक था। उसे हामिद के त्याग का ख्याल आया। मिठाई और खिलौने की जगह चिमटा खरीद कर उसके बच्चे ने महान त्याग दिखाया है। अमीना की आँखों से आँसू बहने लगे। वह खुदा से दामन फैला कर हामिद के लिए दुआएँ माँगने लगी।
  कर्मवीर  
  कविता - अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'  
1. कर्मवीर किसे कहा जा सकता है?
उत्तर- जो विघ्न-बाधाओं को देखकर नहीं घबराते, भाग्य के भरोसे नहीं बैठते, ! कठिन काम से जी नहीं चुराते उन्हें कर्मवीर कहा जा सकता है। कहने का तात्पर्य है कि कर्मवीर कोरी कल्पना नहीं करते बल्कि कठिन कार्य को हँसते हुए सरल बना देते हैं और जो ठान लेते हैं उसे पूरा कर देते हैं।
2. कर्मवीर की क्या पहचान है?
उत्तर- सच्चा कर्मवीर साहसी और परिश्रमी होते हैं। वह विघ्न और बाधाओं से कठिन कार्य को भी वह हँसते-हँसते पूरा कर लेता है। बड़े-बड़े संकट भी उसे अपने काम से विचलित नहीं कर सकता। वह जिस काम को आरम्भ करता है उसे समाप्त करके ही दम लेता है। वह किसी कार्य को बीच में अधूरा नहीं छोड़ता। यही कर्मवीर की पहचान है।
3. कर्मवीर की कौन सी बातें दूसरों से अलग होती हैं?
उत्तर- कर्मवीर की कई बातें दूसरों से अलग होती है। कर्मवीर आज का काम आज करते हैं, उसे कल पर नहीं छोड़ते। वे केवल सोचते नहीं कर दिखाते हैं। वे सबकी सुनते पर मन की करते हैं। कर्मवीर अपनी मदद आप ही करते हैं। वे दूसरों के मुख नहीं ताकते रहते।
4. अपने देश हित के लिए आप क्या क्या कर सकते हैं? 
उत्तर- अपने देश हित के लिए हम पर्वतों को काटकर सड़के बना सकते हैं। मरुभूमि में नदियों का निर्माण कर सकते हैं। सागर की अतल गहराइयों में जहाज चला सकते हैं एवं जंगलों में महामंगल रचा सकते हैं।
कहने का तात्पर्य है कि कर्मवीर और पुरुषार्थ व्यक्ति अपने देश हित के लिए । कोई भी असंभव कार्य कर सकता है। उसके लिए कुछ भी कठिन नहीं होता। वह कर्म और बुद्धिबल से हर मुश्किल को आसान बना सकता है।
5. आज कर्मवीरों के पुरुषार्थ के कारण क्या-क्या परिवर्तन दिखाई पड़ता है?
उत्तर – आज कर्मवीरों के पुरुषार्थ के कारण देश फूले-फले दिखायी पड़ते हैं। वहाँ बुद्धि - विद्या, धन, वैभव के डेरे पड़े हैं। कर्मवीर पुरुषों के हाथ से ही देश का विकास संभव है। दरअसल, जो देश विकसित हुए हैं, वे देश कर्मवीरों के हाथों पले हैं। 
6. निम्नांकित दोहे का भावार्थ अपने शब्दों में लिखें।  
पर्वतों को काटकर सड़कें बना देते हैं वे । 
सैकड़ों मरुभूमि में नदियाँ बहा देते हैं वे ।
उत्तर- प्रस्तुत दोहा 'कर्मवीर' शीर्षक पाठ से उद्धत है। इस दोहे के रचनाकार अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' हैं। प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से कवि कहते हैं कि कर्मवीर या पुरुषार्थ व्यक्ति अपने कर्म के बल पर पर्वतों को काटकर रास्ता बना देते हैं तो मरुभूमि में भी नदियाँ बहा देते हैं। कवि के कहने का तात्पर्य है कि पुरुषार्थी के लिए कुछ भी कठिन नहीं होता। वह कर्म एवं बुद्धिबल से आकाश की ऊँचाई को भी छू सकता है।

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