1. मतदान का क्या अर्थ है ?
उत्तर- जब मतदान करने की प्रक्रिया में कोई व्यक्ति भाग लेकर अपने मत का प्रयोग करता है तो इसे मतदान कहा जाता है।
2. मतदाता किसे कहा जाता है ?
उत्तर- चुनाव में मतदान करनेवाले व्यक्ति को मतदाता कहा जाता है।
4. राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता क्या है ? या, राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से आप क्या समझते हैं ? या, राजनीति प्रतिद्वंद्विता का क्या अर्थ है ?
उत्तर- वर्तमान युग को यदि प्रतिद्वंद्विता का युग या प्रतियोगिता का युग कहा जाए तो इसमें कुछ भी अतिशयोक्ति नहीं होगी। जिस प्रकार एक सफल व्यवसायी अपने सामानों की बिक्री बढ़ाने हेतु तरह-तरह के विज्ञापनों एवं विभिन्न स्कीमों को नियत अवधि तक जारी रहने का संदेश आकाशवाणी, दूरदर्शन, अखबार एवं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से देता है, ठीक उसी प्रकार विभिन्न दलों के उम्मीदवार एवं नेता अपने दल या अपनी सरकार की नीतियों का जमकर प्रचार-प्रसार करते हैं। वे विभिन्न प्रकार के लुभावने नारे भी देते हैं ताकि आम जनता उन्हें दूसरे दलों की अपेक्षा उनकी नीतियों की ओर ज्यादा आकर्षित हो सके और उसे आगामी चुनाव में जीत दिला सके। राजनीतिक क्षेत्र में भी प्रत्येक दल एवं नेता इस प्रकार के कार्य अक्सर करते हैं, इसे ही राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता कहा जाता है।
लोकतंत्र में चुनाव का मतलब राजनीति प्रतिस्पर्धा या राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता है। यह प्रतिद्वंद्विता विभिन्न प्रकार की हो सकती है। बिना प्रतिद्वंद्विता अथवा प्रतिस्पर्धा के लोकतंत्र पारदर्शी हो ही नहीं सकता।
4. मताधिकार किसे कहते हैं ? या मताधिकार से आप क्या समझते हैं ? "
उत्तर- नागरिकों द्वारा अपने मत के प्रयोग करने के अधिकार को मताधिकार कहा जाता है।
5. निर्वाचन क्षेत्र का क्या अर्थ है।
उत्तर- निर्वाचन क्षेत्र का अर्थ है कि खास क्षेत्र जो प्रतिनिधि निर्वाचित जनता के द्वारा किया जाता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. निर्वाचन की आवश्यकता क्यों पड़ती है ?
उत्तर- चुनाव प्रतिनिधियों के चयन का एक आदर्श तरीका या माध्यम है। कहने का तात्पर्य यह है कि चुनाव के माध्यम से जनता अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करती है। यों तो सिद्धांत के तौर पर बिना चुनाव के भी लोगों के शासन को स्थापित कर सकते हैं। परंतु आधुनिक युग में जहाँ प्रत्येक देश में बहुत बड़ी आबादी है, जो कि भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में निवास करती है, तो ऐसी परिस्थिति में यह कदापि संभव नहीं है कि सभी मिल-बैठकर प्रत्येक समस्या का निबटारा बिना 'चुनाव के आम सहमति से तय कर लें। वास्तव में ऐसा कर पाना न तो संभव है और न तो व्यावहारिक ही। इसलिए निर्वाचन की आवश्यकता पड़ती है।
2. निर्वाचन को लोकतांत्रिक बनाने की किन्हीं चार शर्तों का वर्णन करें।
उत्तर- निर्वाचन को लोकातंत्रिक बनाने की चार शर्ते निम्नलिखित हैं-
(i) चुनाव सार्वजनिक हो जिसमें सभी मतदाताओं को बिना किसी भेदभाव के मतदान करने का अधिकार प्राप्त रहे, सबों के मतों का मूल्य भी एक हो । निर्वाचन में विभिन्न दलों के उम्मीदवारों को भाग लेने का अधिकार हो, जिससे मतदाताओं के सामने विकल्प की सुविधा हो ।
(iii) निर्वाचन एक निश्चित अवधि के बाद अवश्य हो जाना चाहिए ।
(iv) विभिन्न दलों द्वारा अपने दलों के उम्मीदवारों का चयन योग्यता और कर्मठता के आधार पर किया जाना चाहिए।
3. राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता किस प्रकार लाभदायक है?
उत्तर- राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से उसी प्रकार लाभ होता है जिस प्रकार उपभोक्ताओं को विज्ञापन के माध्यम से अपने सामानों की बिक्री के लिए लुभाया जाता है। नेता भी अपने प्रचार कार्यों के माध्यम से मतदाताओं को लुभाने का कार्य करते हैं।
4. आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र का क्या अर्थ है ?
उत्तर- आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र का अर्थ है कि हमारे समाज के कमजोर वर्ग, विशेषकर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोग, चुनावी दंगल में सफल नहीं हो सकेंगे। इसी दलों की अपेक्षा उनकी नीतियों की ओर ज्यादा आकर्षित हो सके और उसे आगामी चुनाव में जीत दिला सके। राजनीतिक क्षेत्र में भी प्रत्येक दल एवं नेता इस प्रकार के कार्य अक्सर करते हैं, इसे ही राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता कहा जाता है।
लोकतंत्र में चुनाव का मतलब राजनीति प्रतिस्पर्धा या राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता है। यह प्रतिद्वंद्विता विभिन्न प्रकार की हो सकती है। बिना प्रतिद्वंद्विता अथवा प्रतिस्पर्धा के लोकतंत्र पारदर्शी हो ही नहीं सकता।
4. मताधिकार किसे कहते हैं ? या मताधिकार से आप क्या समझते हैं ? "
उत्तर- नागरिकों द्वारा अपने मत के प्रयोग करने के अधिकार को मताधिकार कहा जाता है।
5. निर्वाचन क्षेत्र का क्या अर्थ है।
उत्तर- निर्वाचन क्षेत्र का अर्थ है कि खास क्षेत्र जो प्रतिनिधि निर्वाचित जनता के द्वारा किया जाता है।
6. निर्वाचन आयोग के किन्हीं चार कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर- निर्वाचन आयोग के चार कार्य निम्न हैं
(i) विभिन्न संस्थाओं, जैसे— संसद, राज्य विधानसभाओं, राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए मतदाताओं की सूची तैयार करना ।
(ii) विभिन्न चुनावों और उपचुनावों का पर्यवेक्षण करना ।
(iii) संसद और राज्य विधानसभाओं के निर्वाचन के लिए निर्वाचन क्षेत्रों का निश्चय करना।
(iv) निर्वाचन कार्यक्रम निर्धारित करना, जैसे— नामांकन की तिथि, नामांकन वापस लेने की तिथि, उम्मीदवारों के नामांकन पत्र की जाँच की तिथि तथा मतदान की तिथि निश्चित करना।
7. मतदान केन्द्रों पर वृथ-छापामारी कैसे रोकी जा सकती है?
उत्तर- मतदान केन्द्रों पर बूथ छापामारी मतदाता को जागरूक कर रोकी जा सकती है।
You sir for help
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