1. किसी राशि के परिमाण के पूर्ण विवरण के लिये किन बातों का ज्ञान आवश्यक होता है ? एक उदाहरण देकर समझाएँ ।
उत्तर- किसी राशि के परिमाण के पूर्ण विवरण के लिये दो बातों का ज्ञान आवश्यक है
(i) एक मात्रक (unit) जिसमें राशि को व्यक्त किया गया तथा
(ii) एक संख्यांक (numeral) जो यह बताता है कि दी गयी राशि में वह मात्रक कितनी बार शामिल है।
2. आधारी और व्युत्पन्न राशियाँ किसे कहते हैं ? इनके दो-दो उदाहरण दें।
उत्तर - आधारी राशि– वे राशियाँ जो स्वतंत्र मानी जाती हैं, जैसे— लंबाई, द्रव्यमान इत्यादि । वास्तव में आधारी राशियाँ सात हैं। -
व्युत्पन्न राशि - वे राशियाँ जो आधारी राशियों के पदों में व्यक्त की जाती हैं, जैसे (क्षेत्रफल, आयतन आदि।
3. संसक्त पद्धति क्या है ?
उत्तर- सभी प्रकार की राशियों के लिये मात्रकों के पूरे समूह को संसक्त पद्धति कहते हैं ।
4. SI मात्रक (SI units) के गुण लिखें |
उत्तर - SI मात्रक के गुण –
(i) यह मात्रकों की अन्तर्राष्ट्रीय पद्धति है जिसे प्रत्येक देश में ( आसानी से समझा जा सकता है।
(ii) इस पद्धति में ज्यामिति के दो राशि समतल कोण तथा घन कोण, जो भौतिक राशि नहीं हैं, के मापकों को भी सम्पूरक मात्रकों के रूप में परिभाषित किया जाता है।
5. मापन की अनिश्चितता से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- विज्ञान मापन पर आधारित है। यदि मापन सही नहीं होता है तो यह अनिश्चित होता है किसी भी राशि की माप के लिये कुछ मानक मापों की आवश्यकता होती है, इसी मानक को उस राशि का मात्रक कहते हैं। यदि राशि की माप के लिये कुछ मानक मापी नहीं होंगे तो उसकी माप अनिश्चित होती है और उसके मानक भी अनिश्चित होंगे।
Sir 9th ka physics part1 send kijeye
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