Class 9th Bharati Bhawan Geography Chapter 7 | Neighboring Country of India - Nepal | Short Answer Question | कक्षा 9वीं भारती भवन भूगोल अध्याय 7 | भारत का पड़ोसी देश-नेपाल | लघु उत्तरीय प्रश्न

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Class 9th Bharati Bhawan Geography Chapter 7  Neighboring Country of India - Nepal  Short Answer Question  कक्षा 9वीं भारती भवन भूगोल अध्याय 7  भारत का पड़ोसी देश-नेपाल  लघु उत्तरीय प्रश्न
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लघु उत्तरीय प्रश्न

1. एवरेस्ट चोटी की ऊंचाई कितनी है ? यह नेपाल के किस भाग में अवस्थित है ? 
उत्तर-एवरेस्ट् चोटी की ऊँचाई 8,848 मीटर है। यह नेपाल के उत्तरी सीमा पर स्थित है। 
2. नेपाल के पड़ोसी देशों और भारतीय राज्यों के नाम लिखें। ये नेपाल की किस दिशा में अवस्थित हैं?
उत्तर-नेपाल हिमालय के दक्षिणी. ढलान पर भारत और उत्तर में चीन के बीच स्थित है। उतर में तिब्बत है और दक्षिण में भारत के दो राज्य बिहार और उत्तर प्रदेश है। पश्चिम में उत्तराखंड एवं पूरब में सिक्किम और पश्चिम बंगाल की सीमा को छूती है। 
3. नेपाल की तीन बड़ी नदियों के नाम लिखें।
उत्तर-कोसी, बागमती एवं गंडक नेपाल की तीन बड़ी नदियाँ हैं। 
4. नेपाल का प्रमुख औद्योगिक नगर कौन है ?
उत्तर-विराटनगर, वीरगंज।
5. किस वर्ष नेपाल में वायुयान सेवा प्रारंभ की गई? 
उत्तर- 1950
6. नेपाल की संरचना का वर्णन करें।
अथवा, नेपाल की संरचनात्मक विशेषताओं को लिखें। 
उत्तर- नेपाल की संरचना हिमालय की उत्पत्ति से प्रभावित है। यहाँ धरातल के निकट मुलायम अवसादी चट्टानें तथा नीचे कठोर चट्टानें हैं। पर्वतीय भाग में आग्नेय तथा परिवर्तित चट्टाने पाई जाती हैं। हिमालय पर्वत यहाँ अल्पाइन संरचना का प्रतिनिधित्व करता है।
7. नेपाल की स्थलाकृति का वर्णन करें।
अथवा, नेपाल के स्थलाकृतिक प्रदेशों का संक्षिप्त विवरण दें। 
उत्तर- आकृति के आधार पर नेपाल के उत्तरी भाग में हिमालय प्रदेश, मध्य में मध्यवर्ती उत्तरपहाड़ी प्रदेश एवं दक्षिण का तराई प्रदेश पाया जाता है। तराई प्रदेश भारत की उत्तरी सीमा से सटा है, जिसकी औसत ऊँचाई 300 मीटर है। 500-1,500 मीटर की ऊँचाईवाले मध्यवर्ती पहाड़ी प्रदेश में महाभारत लेख एवं चुरे की पहाड़ियाँ मिलती है। सबसे उत्तर में हिमालय प्रदेश है जहाँ विश्व के कई उच्चतम शिखर मिलते हैं। SI SEL
8. नेपाल की ऋतुओं का संक्षिप्त परिचय दें। 
उत्तर- नेपाल के चार स्पष्ट ऋतुएँ होती हैं
 (i) शीत ऋतु-दिसम्बर से फरवरी तक 
(ii) वसंत ऋतु-मार्च से मई तक 
(iii) ग्रीष्म ऋतु-जून से अगस्त तक 
(iv) शरद ऋतु-सितंबर से नवंबर तक 
वसंत एवं ग्रीष्म ऋतु के दौरान ही यहाँ वर्षा होती है।
9. नेपाल की मृदा को स्पष्ट करें।
उत्तर- नेपाल के पर्वतीय प्रदेश में तीव्र ढाल के कारण भूक्षरण की समस्या है। बीच के उत्तरउबड़-खाबड़ पर्वतीय प्रदेश में अस्थिरता के कारण अनुर्वर पॉडजोल मिट्टी मिलती है। निचले भागों में लैटेराइट मिट्री जबकि तराई एवं घाटियों में जलोढ़ उपजाऊ मिट्टी पाई जाती है।
10. नेपाल के खनन उद्योग का वर्णन करें।
अथवा, नेपाल के खनिजों का विवरण दें।
उत्तर- नेपाल में खनिजों का पर्याप्त भंडार भूगर्भ में है। परंतु, इनकी खोज कम हुई है। फिर उत्तरभी, काठमांडू के दक्षिणी भाग में फूलचौकी, झिरपांग एवं थोसे नामक स्थानों में लौह-अयस्क निकाला जाता है। ताँबा, सीसा, जस्ता, निकेल, जिप्सप, कोबाल्ट इत्यादि भी यहाँ से निकाले जाते हैं। तराई भाग में लिग्नाइट और ग्रेफाइट का खनन होता है। चूनापत्थर और अभ्रक भी नेपाल में पाया जाता है। >
11. नेपाल के पर्यटन उद्योग का परिचय दें।
उत्तर- नेपाल में सबसे विकसित उद्योग पर्यटन उद्योग है, जो यहाँ से प्राकृतिक सौंदर्य, पर्वतारोहण की अनुकूल दशाओं तथा अन्य धार्मिक धरोहरों के कारण है। सरकारी स्तर पर यदि परिवहन, आवास एवं सुरक्षा साधनों को विकसित किया जाए यहाँ का पर्यटन उद्योग और विकसित हो सकता है तथा देश की आर्थिक स्थिति सुधारने में अपना योगदान दे सकता है।
12. नेपाल की जलविद्युत परियोजनाओं का वर्णन करें।
उत्तर- नेपाल की नदियों तथा यहाँ के प्राकृतिक दशाओं के कारण जलविद्युत उत्पादन की पर्याप्त संभावनाएँ हैं। इसी दृष्टि से काठमांडू के दक्षिण में फारपिंग तथा उत्तर-पूर्व में सुंदरीजन में जलविद्युत संयंत्र लगाए जा चुके हैं। थाडोखेला, रोसीखोला एवं त्रिशूली नदियों पर त्रिशूली-योजना के अंतर्गत भारत के सहयोग से जलविद्युत संयत्र स्थापित हो चुके हैं। कोसी-परियोजना में भी सस्ती दर पर विद्युत नेपाल को उपलब्ध करायी जाती है। 
13. नेपाल में होनेवाली वर्षा की स्थिति को स्पष्ट करें।
उत्तर- नेपाल में होनेवाली वर्षा का 80% प्रायः ग्रीष्म ऋतु में होता है। देश के पूर्वी भाग में 500 सेंटीमीटर तक वर्षा होती है। पश्चिमी सीमा पर लगभग 25 सेंटीमीटर वर्षा होती है जबकि तराई भाग में 200 सेंटीमीटर होती है। काठमांडू घाटी में वार्षिक प्राय: 130 सेंटीमीटर होती है। 
14. नेपाल की व्यापारिक स्थिति का वर्णन करें।
उत्तर-खनिज और उद्योगों के तेजी से विकास के कारण नेपाल तथा विदेशी व्यापार प्रगति पर है। इस देश का व्यापार पड़ोसी देशों भारत, चीन, बांग्लादेश और भूटान तक सीमित है। इनमें भारत नेपाल का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। नेपाल भारत को चावल, तिलहन, जूट, घी, हाथीदाँत, जड़ी-बूटी, कस्तूरी, लकड़ी के सामान एवं बकरियों का निर्यात करता है तथा भारत से से कपड़ा, धागा, ताँबा, लोहा, तंबाकू, किरासन तेल, पेट्रोलियम पदार्थ, नमक, मसाले एवं अन्य तैयार मालों का आयात करता है। इनके साथ हो यह बाहन, विद्युत उपकरण तथा भारी मशीनों का भी आयात करता है। बाहरी दुनिया से व्यापारिक संपर्क के लिए नेपाल को भारत के कोलकाता बंदरगाह की सुविधा उपलब्ध है।
15. नेपाल में यातायात के साधनों का सीमित विकास हुआ है। क्यों ? 
अथवा, नेपाल में विकसित यातायात के साधनों का वर्णन करें।
उत्तर-पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण नेपाल में सड़कमार्ग एवं रेलमार्ग का निर्माण करना एक कठिन कार्य है। अतः, यहाँ भारत-नेपाल सीमा पर रक्सौल से अमलेखगंज और जयनगर से विजुलपुरा तक ही रेलमार्ग विकसित है। जहाँ तक सड़क मार्ग का संबंध है, यहाँ रक्सौल से काठमांडू तक त्रिभुवन राजपथ का निर्माण भारत के सहायोग किया गया है। सिद्धार्थ राजमार्ग भी भारत द्वारा बनाया गया है। चीन के सहयोग से तिब्बत तक जाने के लिए कोडारी-काठमांडू सड़क बनाई गई है। भारत, पूर्व सोवियत संघ, ब्रिटेन तथा अमेरिका के सहयोग से महेन्द्र राजपथ नाम से तराई क्षेत्र में सड़क बनी है। 1950 से नेपाल में वायुसेना प्रारंभ हुई है। स्थलाकृति की जटिलता एवं पिछड़ी अर्थव्यवस्था के कारण नेपाल में यातायात साधनों का सीमित विकास हुआ है। 
16. नेपाल की नदियों का विवरण दें।
उत्तर- नेपाल में कई छोटी-छोटी नदियाँ हैं, परंतु यहाँ कोसी, गंडक और घाघरा ही प्रमुख नदी तंत्र का निर्माण करती हैं। इस देश की सबसे लंबी नदी करनाली है जो घाघरा की सहायक नदी है। गंडक यहाँ बीच से बहती है। पूर्वी नेपाल में कोसी प्रमुख है। बागमती के किनारे ही काडमांडू शहर बसा है। नेपाल की अधिकांश नदियाँ उत्तर से दक्षिण की ओर बहती हुई भारत में प्रवेश करती है।
पर्वतीय ढालों के कारण इन नदियों में तेज प्रवाह रहता है जिससे अपरदन भी अधिक होता है। नेपाल का नदी तंत्र जलविद्युत उत्पादन के लिए बहुत अनुकूल है, परंतु इसका समुचित विकास नहीं पाया है।
17. नेपाल की कृषि का विवरण दें। 
उत्तर- नेपाल हिमाच्छादित पर्वतीय चोटियों का देश है। इसके कारण यहाँ के जलवायु पर स्थानिक ऊँचाईयों का स्पष्ट प्रभाव पड़ा है। 4,877 मीटर से अधिक ऊँचे भागों में सालोभर बर्फ जमी रहती हैं तथा तापमान शून्य से भी नीचे चला जाता है। इस देश का 75% भाग समुद्रतल से काफी ऊँचाई पर है। इसलिए, दक्षिण के तराई प्रदेश को छोड़कर यहाँ सभी स्थानों पर निम्न तापमान की स्थिति पाई जाती है। काठमांडू घाटी का तापमान जनवरी में 2°C से 18°C के बीच रहता है। तराई क्षेत्र में पर्याप्त गर्म रहता है।
18. नेपाल की प्राकृतिक वनस्पति का विवरण दें।
उत्तर-" विशिष्ट स्थलाकृतिक विशेषताओं के कारण नेपाल के वन का फैलाव है तथा इससे भी आधे भाग पर चारागाह हैं। उच्चावच में विभिन्नता के अनुसार, यहाँ वनस्पतियाँ भी बदलती जाती हैं। 1,200 मीटर की ऊँचाई तक उष्ण कटिबंधीय पतझड़ वन के पेड़ मिलते हैं जिनमें सखुआ, सागवान, शीशम, बाँस प्रमुख हैं। 1,200-2,400 मीटर की ऊंचाई , , के बीच सदाबहार चौड़ी पत्ती के वन मिलते हैं। 1,400-4,000 मीटर की ऊँचाई तक सदाबहार कोणधारी वन पाए जाते है, जिनमें चीड़, देवदार, लार्च, फर जैसे वृक्ष मिलते हैं। तराई क्षेत्र में सदाबहार वन मिलते हैं।
19. नेपाल के उद्योगों का वर्णन करें।
उत्तर- औद्योगिक दृष्टि से नेपाल एक पिछड़ा हुआ देश है। यहाँ बड़े उद्योग स्थापित करने के लिए उपयुक्त कारकों का अभाव है, परंतु लघु उद्योगों के विकास के लिए यहाँ अपार संभावनाएँ लघु उद्योगों के अंतर्गत यहाँ कृषि और वन आधारित उद्योगों का विकास हो रहा है। इनमें सूती वस्त्र, चीनी, जूट, चमड़ा, तंबाकू, दियासलाई, कागज की लुगदी तथा वनस्पति तेल के उद्योग महत्वपूर्ण हैं। सीमेंट और कृषि उपकरणों के उद्योग भी यहाँ विकसित किए जा रहे हैं। विराटनगर इस देश का एकमात्र औद्योगिक नगर है! नेपाल का सबसे विकसित उद्योग पर्यटन उद्योग है। नेपाल के औद्योगिक विकास में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है। 
20. नेपाल को स्थलाकृतिक विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर- उच्चावच की विभिन्नता के आधार पर नेपाल के उत्तरी भाग में हिमालय प्रदेश का विस्तार है। यहाँ विश्व की सर्वोच्च चोटी एवरेस्ट के साथ-साथ कई अन्य उच्चतम शिखर पाए जाते हैं। अत्यधिक ऊँचाई के कारण ऊँची चोटियों हिम से हमेशा ढंकी रहती हैं। दक्षिण में तराई क्षेत्र का विस्तार है जिसकी औसत ऊँचाई 300 मीटर है। इन दोनों के मध्य मध्यवर्ती पहाड़ी प्रदेश पाया जाता है जिसकी ऊँचाई 500 मीटर से 1,500 मीटर तक है। इसी भाग में महाभारत लेख एवं चुरे की पहाड़ियाँ पाई जाती हैं।

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