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Class 10th Bharati Bhawan Disaster Management All Question with Answer | क्लास 10th भारती भवन आपदा प्रबंधन : अति लघु उत्तरीय प्रश्न : लघु उत्तरीय प्रश्न : दीर्घ उत्तरीय प्रश्न


अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन के अंतर्गत निजी तीन वस्तुओं की एक सूची बनाएं | 
उत्तर :- टॉर्च हेलमेट और लाइफ जैकेट 3 जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन की निजी वस्तुएं है| साथ ही फर्स्ट एड बॉक्स भी जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन की वस्तु है|
2. बाढ़ की स्थिति में अपनाए जाने वाले तीन आवश्यक प्रबंधन के उपाय बताएं |
उत्तर :- बाढ़ की स्थिति में आप पढ़ाए जाने वाले थे ना वैसे प्रबंधन के उपाय निम्नलिखित है-
(i) सरकारी अवसर पर चिकित्सकों का एक दल अत्यावश्यक दवाओं के साथ बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में तैनात करना चाहिए,
(ii) छोटे बच्चों के लिए दूध का प्रबंध तत्काल स्थानीय स्रोतों से करना चाहिए,
(iii) राहत शिविर यथासंभव ऊंचे भाग में स्थापित करना चाहिए|
3. सामान्य संचार व्यवस्था में बाधित होने के चार कारण लिखें |
उत्तर :-
(i) टेलीफोन कि केवल लाइनों का टूट जाना,
(ii) बिजली के तारों का टूटना,
(iii) संचार भवनों का ध्वस्त होना,
(iv) ट्रांसमिशन टावरो का क्षतिग्रस्त होना|
4. सुनामी संभावित क्षेत्रों में गृह निर्माण कैसे करना चाहिए ?
उत्तर :-
सुनामी संभावित क्षेत्र में तत्वों से बहुत दूर हटकर घर बनाना चाहिए मकान को भूकंप और सुनामी रोधी होना चाहिए|
5. सुखार में मिट्टी की नमी कैसे बनाए रखी जा सकती है ?
उत्तर :-
सुखार की स्थिति में जल विभाजक क्षेत्र की विकास योजनाओं द्वारा मिट्टी की नमी बनाए रखी जा सकती है|
6. उत्तरी बिहार के विद्यालयों में तैराकी का प्रशिक्षण क्यों उपयोगी है ?
उत्तर :-
बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र होने के कारण उत्तरी बिहार के विद्यालयों में तैराकी का प्रशिक्षण उपयोगी है|
7. तराई के क्षेत्रों में भूकंप रोधी मकानों के निर्माण पर क्यों बल दिया जा रहा है ?
उत्तर :-
भूकंप के दुष्प्रभाव से बचने के लिए तराई क्षेत्रों में भूकंप रोधी भवनों के निर्माण पर बल दिया जा रहा है|
8. 2 अगस्त 2008 को किस स्थान पर तटबंध के टूटने से कोसी में भयंकर बाढ़ आ गई थी |
उत्तर :-
2 अगस्त 2008 को कुशवाहा नामक स्थान पर कोसी का तटबंध टूट गया और इससे भयंकर बाढ़ आ गई थी|
9. 2001 के गुजरात भूकंप की सूचना सबसे पहले किस साधन से प्राप्त हुई थी ? 
उत्तर :-
2001 के गुजरात भूकंप की सूचना सबसे पहले रेडियो तथा हम रेडियो से प्राप्त हुई थी|
10. भारत के किस भाग में पर आया भूकंप नहीं आता है ?
उत्तर :-
भारत के पश्चिमी भाग में प्रायः भूकंप नहीं आता है|
11. कोसी नदी के कारण बिहार के तीन प्रभावित जिलों के नाम लिखें ?
उत्तर :-
मधेपुरा, अररिया और सहरसा कोसी नदी के कारण प्रभावित होते हैं|
12. भारत के किस समुद्री तट पर सुनामी का प्रभाव नहीं पड़ता है ?
उत्तर :-
भारत के पश्चिमी समुद्री तट पर सुनामी का प्रभाव नहीं पड़ता है|
13. भूस्खलन से प्रभावित होने वाले किन्ही 2 राज्यों के नाम लिखें ?
उत्तर :-
बिहार का तराई और उत्तर प्रदेश भूस्खलन से प्रभावित होने वाले राज्य हैं|
14. चक्रवात से प्रभावित होने वाले किन्ही दो प्रमुख राज्यों के नाम लिखें ?
उत्तर :-
झारखंड और बिहार चक्रवात से प्रभावित होने वाले दो मुख्य राज्य हैं|
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. ग्राम पंचायतों के पास आपदा प्रबंधन के रूप में किस सामग्रियों का भंडार रहना चाहिए ?
उत्तर :-
(i) अनाजों का पर्याप्त भंडारण
(ii) उपचार के लिए प्राथमिक उपचार व्यवस्था तथा दवाइया
(iii) हम रेडियो
(iv) टेंट, भोजन का प्रबंधन
(v) सिटी का प्रबंधन
(vi) रस्सी, सीढ़ियां, गिरनी, हथौरा, स्ट्रेचर, काटने के छोटे-छोटे औजार इत्यादि का प्रबंध
(vii) रुई, कीटाणुरहित पट्टी, क्रेप बैंडेज, चिपकने वाली टेप, थर्मामीटर, दस्ताने, ओ. आर. एस. का पैकेट
 एंटासिड साबुन इत्यादि का प्रयोग|
2. भूकंप के प्रभाव को कैसे कम किया जा सकता है ?
उत्तर :-
(i) भूकंप के दोस्त मकानों का मलबा साफ कर इन में फंसे लोगों को शीघ्र निकालना चाहिए,
(ii) भूकंप प्रभावित क्षेत्र में रक्तदान करने वाले तथा अस्थि रोग विशेषज्ञ तथा डॉक्टरों का दल शीघ्रता से भेजना चाहिए,
(iii) अस्थाई टेंट और शिविर का प्रबंध तेजी से करना चाहिए |
3. आग लगने पर क्या प्रबंधन करना चाहिए ?
उत्तर :-
(i) आग में फंसे लोगों को बाहर निकालना चाहिए, 
(ii) घायल लोगों का प्राथमिक उपचार करना चाहिए तथा 
(iii) यथाशीघ्र निकटतम फायर ब्रिगेड स्टेशन को सूचित करना चाहिए
4. बाडिया भूकंप में सामान्य संचार व्यवस्था भंग होने के क्या कारण है ?
उत्तर :-
बाडिया भूकंप जैसे दुर्घटनाओं के फल स्वरुप राजा सड़क और रेल लाइन लाइने टूट जाती है| जिससे स्थल परिवहन भंग हो जाता है इसी कारण टेलीफोन लाइनों के टूट जाने से संचार व्यवस्था भी भंग हो जाता है|
5. आकाश में प्रबंधन में स्थानीय प्रशासन की भूमिका की विवेचना करें |
उत्तर :-
आकाश में प्रबंधन के अंतर्गत राहत शिविरों का निर्माण बचाव कार्य के उपकरण, प्राथमिक उपचार की सामग्रीया, डॉक्टर, एंबुलेंस, अग्निशामक इत्यादि की व्यवस्था स्थानीय प्रशासन की ही कर सकता है| प्रशासनिक अधिकारियों का यह कर्तव्य है कि शीघ्र अति शीघ्र राहत सामग्री और अन्य आवश्यक वस्तुओं की व्यवस्था करें| इस संबंध में अधिकारियों को अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकार भी देना चाहिए|
6. भूकंप और सुनामी की स्थिति में आकस्मिक प्रबंधन का वर्णन करें |
उत्तर :-
(a) भूकंप के दोस्त मकानों के मलबे से जीवित लोगों को शीघ्र निकालना चाहिए,
(b) अस्थाई टेंट और शिविर प्रबंध तेजी से करना चाहिए,
(c) भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में रक्तदान करने वाले टीम तथा अस्थि रोग विशेषज्ञ और डॉक्टरों का दल शीघ्र भेजना चाहिए,
(d) रात के अन्य कार्य जैसे डीडीटी या ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव खाने-पीने का समुचित प्रबंध और बाद में पुनर्वास का प्रबंध करना चाहिए|
7. इंफ्रारेड कैमरा क्या है ?
उत्तर :-
भूकंप और सुनामी के दौरान हुए छतिग्रस्त इलाकों में मलबे के अंदर नीचे दबे हुए लोगों का पता लगाने के लिए किस उपकरण का प्रयोग किया जाता है| उसे इंफ्रारेड कैमरा कहते हैं इंफ्रारेड कैमरे से यह पता चलता है कि मलबे के अंदर कहां पर लोग दबे हुए हैं|
8. बरनोल नामक दवाई किस काम में प्रयुक्त होती है ?
उत्तर :-
जले हुए लोगों का प्राथमिक उपचार के रूप में जले भाग पर बरनोल नामक दवाई का लेप लगाना उचित होता है|
9. प्राकृतिक आपदा काल में वैकल्पिक संचार साधन का वर्णन करें |
उत्तर :-
प्राकृतिक आपदा काल में सड़क रेल लाइन टेलीफोन लाइन के टूट जाने से संचार व्यवस्था भंग हो जाती है| जिससे बचाव एवं सहायता कार्य में कठिनाई होती है| इस कठिनाई से बचने के लिए हेलीकॉप्टर नावे और मोबाइल और वॉकी टॉकी का सहारा लिया जाता है| वायरलेस और टेलीविजन की मदद पहुंचाने में सहायता होते हैं| लाउडस्पीकर का भी सहारा लिया जाता है| वर्तमान में हम रेडियो वैकल्पिक व्यवस्था में उत्तम साधन है इसमें टावर इत्यादि की आवश्यकता नहीं होती| इसमें संबंध बनाने का कार्य सेटेलाइट से होता है| संचार उपग्रह से भी आपदा संबंधी जानकारी मिलती है| संचार उपग्रह पर आपदा का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है अतः ऐसे समय में इनका महत्व और भी बढ़ जाता है|
10. भारत के पश्चिमी राज्यों में बाढ़ का प्रकोप पराया हो नहीं होता क्यों ?
उत्तर :-
भारत के पश्चिमी राज्यों में जो नदियां और सहायक नदियां हैं| उनकी जलधारा बहुत तेज नहीं होती है इसलिए भारत के पश्चिमी राज्यों में बाढ़ का प्रकोप पराया नहीं होता है|
11. भारत का पश्चिमी और मध्य भाग क्यों सूखे से पराया ग्रसित होता है ?
उत्तर :-
भारत का पश्चिमी और मध्य भाग सूखे से पराया ग्रसित होता है क्योंकि यहां जलवायु शुष्क है| जिससे पराया वर्षा नहीं होती है इसलिए यह क्षेत्र पराया सूखाग्रस्त रहता है|
12. किसी छात्र को सूखाग्रस्त घोषित करने के लिए किस बात पर विचार किया जाता है ?
उत्तर :-
(i) लंबे समय तक और पर्याप्त वर्षा और वर्षा का वितरण असंतुलित होना,
(ii) आद्रता की कमी से फसलों का मुरझा जाना 30% से भी कम खेतों में सिंचाई किया जाना,
(iii) कम वर्षा के कारण जल संग्रहण क्षेत्र जलाशय और झीलें सुखी रह जाएं,
(iv) जल की कमी के कारण उत्पादन 30% से भी कम हो जाना|
13. क्या कारण है कि हिमालय की तराई का भाग और पूर्वोत्तर राज्यों में अधिक भूकंप आते हैं ?
उत्तर :-
भारत में भूकंप का प्रमुख कारण इंडियन प्लेट और यूरोपीय प्लेट की पारस्परिक क्रिया प्रतिक्रिया है|
हिमालय की तराई का भाग और पूर्वोत्तर राज्य इंडियन प्लेट की उत्तरी सीमा पर स्थित है| इसलिए इन भागों में इंडियन प्लेट के उत्तर की ओर खिसकने और यूरोपियन प्लेट से टकराने के कारण अधिक भूकंप आते हैं|
14. उड़ीसा और गुजरात के चक्रवातों में क्या अंतर है ?
उत्तर :-
उड़ीसा और गुजरात की भौगोलिक दशाएं अलग-अलग है| इसलिए उड़ीसा और गुजरात के चक्रवात में अंतर पाया जाता है| दोनों की वायु का बहाव सर पीली यानी भाव और की तरह चक्कर काटते हुए वायु की स्थिति अलग अलग होती है| उड़ीसा राज्य के बयान एक समुद्री लहरें और तीव्र वायु होती है| समुद्री जल और साधारण रूप से ऊपर उठ जाता है| जिसे तूफान और भी कहा जाता है जबकि गुजरात में यह स्थिति नहीं पाई जाती है यही कारण है कि दोनों राज्यों की चक्रवातों में अंतर है|
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 में क्या बताया गया है ?
उत्तर :-
विभिन्न आपदा से बचने के लिए सरकार द्वारा 2005 ईस्वी में एक अधिनियम की घोषणा की गई जिसे आपदा प्रबंधन अधिनियम का नाम दिया गया है| इस अधिनियम के अनुसार किसी क्षेत्र में घटित दुर्घटना संकट महावीर पति या गंभीर घटना को आपदा के रूप में निरूपित किया गया है जो मानव कृत या प्राकृतिक कारणों या लापरवाही या दुर्घटना का परिणाम हो और जिससे बड़े स्तर पर जानमाल की क्षति पर्यावरण की हानि और विनाश और जिसका परिणाम प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले मनुष्य की सहन क्षमता से बाहर हो|
2. व्याख्या करें |
(i) हम रेडियो 
(ii) उपग्रह संचार सेवा 
उत्तर :-
(i) हेम रेडियो - इसे M4 के नाम से भी जानते हैं इसका प्रयोग यार वाणिज्य प्रयोजनों के लिए किया जाता है| जिसके संचालन में ऊर्जा की आवश्यकता पूर्ति की जनरेटर तथा यात्रियों के द्वारा किया जाता है| हम रेडियो अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार नियमों के अनुसार कार्य करता है| इसका प्रयोग बड़ी बड़ी प्राकृतिक आपदा वाले क्षेत्रों में किया जाता है| जिस संचार प्रणाली में कोई भी बाहरी तार की आवश्यकता नहीं पड़ती है| आपदा के दौरान सूचना के प्रशन में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है|
(ii) उपग्रह संचार - आपदा के पूर्व आपदा के दौरान एवं आपदा पश्चात उपग्रह संचार प्रणाली महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है| उपग्रह संचार के अंतर्गत सुदूर संवेदी उपग्रह का प्रयोग किया जाता है| इसका प्रयोग दूरदर्शन मौसम विभाग विज्ञान आपदा संबंधी चेतावनी एवं संसाधनों के खोज के लिए प्रमुख रूप से उपयोगी होता है| सुदूर संवेदी तरंगों के सहारे धरातल के पूर्व सूचनाओं को संग्रहित करता है तथा इमेज के रूप में उतारता है| जिसे देखकर विभिन्न तथ्यों एवं सूचनाओं को समझने में आसानी होती है| बाढ़, सूखा, भूकंप, सुनामी आदि में उपग्रह संचार महत्वपूर्ण होते हैं|
3. आकाश में प्रबंधन में स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका की विवेचना करें |
उत्तर :-
आकाश मिक बंधन में स्वयंसेवी संस्थाओं की काफी महत्वपूर्ण भूमिका होती है| स्वयंसेवी संगठन आपदाओं के समय सरकार के साथ मिलकर आपदा पर नियंत्रण पाने में अपनी सहा सराहनीय कार्य करती है| यूं तो स्वयं सेवी संगठनों से सेवा भावना से ओतप्रोत होते हैं फिर भी उन्हें निरंतर प्रशिक्षित करते रहना चाहिए| इन्हें इस बात का भी प्रशिक्षण मिलना चाहिए कि आपदा के समय हुए जाति धर्म स्त्री-पुरुष इत्यादि की भावना से ऊपर उठकर काम करें| इस प्रकार की शिक्षा विद्यालय स्तर पर भी छोटी कक्षाओं से ही दिया जाना चाहिए| पंचायतों में मुखिया का भी कर्तव्य है कि समय-समय पर सामूहिक कार्य जैसे मेले लगाना खेलकूद की प्रतियोगिता आयोजित करना विचार| गोष्ठी आयोजित करना जैसे कार्य करते रहें और इनमें स्वयंसेवी संगठनों का निश्चित रूप से उपयोग करें इससे अप्रत्यक्ष रूप से उनका प्रशिक्षण होता रहता है| इस प्रकार प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वयं सेवी संगठन आपदाओं के समय अपनी भूमिका का सही प्रकार से निर्वहन कर सकेंगे|
4. आपदा प्रबंधन और सह अस्तित्व की व्याख्या करें |
उत्तर :-
आपदा प्रबंधन स्वस्थ व दोनों ही एक दूसरे के पूरक है| आपसी प्रेम सद्भाव दया ममता इत्यादि तो मानवीय गुणों में सर्वश्रेष्ठ माने ही जाते हैं| विपत्ति में फंसे लोगों को बचाने में नव युवकों को अपने शौर्य और जवानी पर अभिमान होता है और प्लॉट लोगों को अपने जीवन की सार्थकता का अनुभव होता है| पराया इसमें स्थानीय समुदाय जिले राज्य या देश से सहायता पहुंचती है| साथ ही अंतरराष्ट्रीय सहायता भी प्राप्त होती है| इन सामग्रियों की मात्रा का उतना महत्व नहीं है जितना कि इनमें निहित मान व सद्भाव का एक दूसरे से के दुख में धर्म जाति क्षेत्र इत्यादि की संकीर्ण भावनाओं से ऊपर उठकर मानवीय अस्तित्व जैसे मानवीय गुणों का विकास महत्वपूर्ण है| ऊर्जा और उत्साह से पूर्व नवयुवक हानि लाभ की चिंता किए बिना विभिन्न प्रकार के राहत कार्यों में अपने को समर्पित कर देते हैं और यहीं पर उनकी कर्तव्यनिष्ठा सामूहिक उत्तरदायित्व की भावना की पहचान आपदा प्रबंधन के रूप में नव युवकों और स्थानीय अनुभवी लोगों के छोटे-छोटे दल बनाकर उन्हें आपदा में से निपटने के आवश्यक निर्देशों की जानकारी देना पर समुचित प्रशिक्षण तथा समय-समय पर मोड मॉक ड्रिल इत्यादि करना आवश्यक है| इन कार्यों को एक उत्सव के रूप में शिविर लगाकर करने से मनोरंजन के साथ प्रशिक्षण का कार्य बड़े आकर्षक रूप से भी किया जा सकता है|
5. सूखा के तीन प्रकार पर प्रकाश डालें |
उत्तर :-
सुखा अचानक नहीं पड़ता है इसका अनुमान पहले से ही हो जाता है सूखा के तीन प्रकार निम्नलिखित है-
(i) सामान्य सूखा - भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्यता कम वर्षा होती है यहां के लोग ऐसे फसलों का उत्पादन करते हैं जिन्हें बहुत कम जल की आवश्यकता पड़ती है| ऐसे स्थानों पर यदि समय पर अपेक्षित बरसाना हो तो फसल सूख जाती है| अन्य भागों में भी यदि फसल की बढ़वार सिंचाई कर उसे बचा भी लिया जाए तो इससे आर्थिक बाढ़ बढ़ जाता है| शहरों में पेयजल की आपूर्ति में कटौती करनी पड़ती है इसे सामान्य सुखा कहा जाता है|
(ii) मौसमी सूखा - सामान्य मानसून की वर्षा के अनुसार कृषि कार्यों के करने की योजना बनाई जाती है जैसे मध्य जून की पहली बरसात में धान की नर्सरी तैयार की जाती है| इसमें तैयार पौधे पर आया 1 महीने में रुकने लायक हो जाते हैं| इस समय पर्याप्त वर्षा होने पर उपाय की जाती है परंतु यदि इस काल में लंबे समय तक बरसात ना हो तो पौधे सूख जाते हैं और धान की रोपनी प्रभावित होती है| इसके बाद भले ही भरपूर बरसा दो खरीफ की फसल बर्बाद हो ही जाती है| फसलों के मौसम के समय प्रत्याशित वरसाना हो तो इसे मौसमी सुखा कहते हैं|
(iii) कृषि सुखा - कृषि सूखा अत्यंत कष्ट कारक होता है क्योंकि इसमें मनुष्य के साथ पशु पक्षियों का जीना कठिन हो जाता है| उन्हें ना तो चारा मिल पाता है और ना ही पीने के लिए पानी बड़े क्षेत्र में बाहर से पानी पहुंचाना एक दुष्कर कार्य है| सिंचाई नहीं होने के फसलें सूख जाती है लंबे समय तक सुखा काल में बदल जाता है |
उपर्युक्त तीनों प्रकार के सूखा में कृषि सूखा सबसे खतरनाक होता है|
6. जल विभाजक से आप क्या समझते हैं ? स्पष्ट करें |
उत्तर :-
कुछ क्षेत्रों की भौगोलिक बनावट ऐसी होती है कि वहां पानी किसी निश्चित बिंदु की ओर प्रभावित होता है| इस पानी का उपयोग जल संरक्षण मृदा संरक्षण इत्यादि के लिए किया जाता है| स्थानीय समुदाय के लोग इसकी पहचान भी कर सकते हैं और निर्माण कार्य भी कर सकते हैं| इस नीति को अपनाने में इन क्षेत्रों में मृदा की नमी को कम होने से बचाया जा सकता है और पेड़-पौधों को सुरक्षित रखा जा सकता है| पानी तथा अन्य संसाधनों के संरक्षण में यह सहायक होता है|
जल विभाजक क्षेत्र के दुर्लभ जल स्रोतों का संरक्षण कर कृषि उत्पादक के लिए अनुकूल परिस्थितियां उत्पन्न की जा सकती है|
नदियों के जल संग्रह अच्छा तेरे में वृक्षों के रहने से बादल आकर्षित होते हैं और वर्षा की संभावना बढ़ती है| मौसम पर नियंत्रण उसके अनुकूल बनाने में वृक्ष का योगदान अमूल्य है| घास का आवरण तेज धूप से भी मिट्टी की नमी को बनाए रखता है| नमी की कमी से ही कृषि सूखा पड़ता है|
7. बाढ़ आने पर आकस्मिक प्रबंधन के उपाय लिखे |
उत्तर :-
बाढ़ के समय अधिक लोगों को नुकसान पहुंचता है| इस स्थिति से निपटने हेतु सर्वप्रथम वार्ड में घिरे लोगों को एवं मवेशियों को और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा ना चाहिए| सुरक्षित स्थानों पर लोगों को पहुंचाने के बाद भोजन पेयजल बच्चों के लिए दूध महामारी से बचने हेतु दवाइयां एवं पशुओं के लिए चारा आदि की व्यवस्था करना ही विशेष प्रबंधन के अंतर्गत आता है|
8. भूकंप आने पर जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन का वर्णन करें |
उत्तर :-
(i) बचे हुए विस्थापित लोगों को राहत कोष में ले जाना या उसे सभी प्रकार की आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना,
(ii) वैसे लोगों को मलबे से निकालना जो अभी भी दबे हुए हैं,
(iii) अकाल मृत्यु प्राप्त आम लोगों को और जानवरों को उपयुक्त स्थानों पर या धार्मिक नीतियों के अनुरूप अंतिम संस्कार करना ताकि महामारी फैलने की संभावना 9 रहती हो,
(iv) घरों के गिरने से आवास की समस्या बड़ी हो जाती है अतः अस्थाई टेंट और शिविर का प्रबंध तेजी से करना चाहिए|
9. आग लगने पर क्या क्या करना उचित है ?
उत्तर :-
(i) आग पर सर्वप्रथम नियंत्रण करना, 
(ii) आग में फंसे लोगों एवं मवेशियों को बाहर निकालना, 
(iii) आज से प्रभावित लोगों को तत्काल उपचार की व्यवस्था करना, 
(iv) आग के दौरान छत पर फंसे लोगों को सीधी द्वारा उतारने का कार्य किया जाना चाहिए|
10. प्राकृतिक आपदा काल में वैकल्पिक संचार संसाधनों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करें ?
उत्तर :-
प्राकृतिक आपदा के दौरान वैकल्पिक संचार माध्यम जीवन देने का कार्य करता है| इस माध्यम के सहारे विभिन्न क्षेत्रों में सूचना का आदान प्रदान कर सकते हैं| जिससे राहत एवं पुनर्निर्माण का कार्य सुचारू रूप से किया जा सकता है| वैकल्पिक संचार माध्यम के तहत रेडियो संचार हम रेडियो एवं उपग्रह संचार को सीमित करते हैं|
(i) रेडियो संचार - एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में रेडियो के माध्यम से सूचना का आदान-प्रदान होता है| रेडियो में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक यंत्र होते हैं जिससे उच्च माध्य एवं निम्न तरंगों के सहारे विभिन्न दूरी के अनुसार सूचना की प्राप्ति होती है|
(ii) हेम रेडियो - इसे एम चोर के नाम से भी जानते हैं| इसका प्रयोग जारवा नीचे परियोजनाओं के लिए किया जाता है| जिसके संचालन में ऊर्जा की आवश्यकता की पूर्ति पजल रेट्रो तथा व्यक्तियों के द्वारा किया जाता है| हम रेडियो अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार नियमों के अनुसार कार्य करता है| इसका प्रयोग बड़ी बड़ी प्राकृतिक आपदाएं वाले क्षेत्रों में किया जाता है इस संचार प्रणाली में कोई भी बारिश तार की आवश्यकता नहीं पड़ती है| आपदा के दौरान सूचना के प्रशन में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है|
(iii) उपग्रह संचार - आपदा के पूर्व आपदा के दौरान एवं आपदा के पश्चात उपग्रह संचार प्रणाली महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है| उपग्रह संचार के अंतर्गत सुदूर संवेदी उपग्रह का प्रयोग किया जाना जाता है| इसका प्रयोग दूरदर्शन मौसम विज्ञान आपदा संबंधी चेतावनी एवं संसाधनों के खोज के लिए प्रमुख रूप से उपयोगी होता है| सुदूर संवेदी तरंगों के सहारे धरातल के पूर्व सूचनाओं को संरक्षित करता है तथा इमेज के रूप में उतारता है| जिसे देखकर विभिन्न तथ्यों एवं सूचनाओं को समझने में आसानी होती है| बाढ़, सूखा, भूकंप, सुनामी आदि में उपग्रह होते हैं|
11. बाढ़ आने के कारणों पर प्रकाश डालें और इससे बचाव के उपाय बताएं |
उत्तर :-
बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है जिसके कारण अधिक संख्या में जानमाल का नुकसान होता है |
बाढ़ के निम्न कारण है-
(i) नदियों में अधिक मात्रा में वर्षा जल के पहुंचने से बाहर आती है,
(ii) वर्षा जल के साथ नदी की घाटी में मिट्टी के जमा होने से भी बाढ़ आ जाती है,
(iii) वनस्पतियों की कटाई के कारण बाढ़ होती है,
(iv) कमजोर तटबंध के टूटने से बाढ़ आती है|
बाढ़ से सुरक्षा संबंधी नियम उपायों को किया जा सकता है-
(i) बाढ़ की सूचना प्राप्त होते ही उस क्षेत्र के लोगों को हटा देना चाहिए,
(ii) बाढ़ पूर्व दवा, खाद एवं पेयजल की सुविधा उपलब्ध कर लेनी चाहिए,
(iii) नदियों के तटबंध का नियमित मरम्मत कार्य होते रहना चाहिए,
(iv) सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों द्वारा राहत कार्य किया जाना चाहिए,
(v) मानव समाज को इस दिशा में जागरूक करने आवश्यक है|
12. सूखे की स्थिति कब उत्पन्न होती है व्याख्या करें देश के अत्यधिक सूखाग्रस्त क्षेत्रों के नाम लिखें |
उत्तर :-
50 सेंटीमीटर से कम वार्षिक वर्षा वाला क्षेत्र संभवत सूखे की स्थिति में है| परंतु अन्य क्षेत्रों में वार्षिक वर्षा 25% से भी कम हो तथा पराया 30% फसलें सिंचाई के अभाव में सूखने लगे तो वहां सूखे की स्थिति मानी जाती है| 
सूखे की व्याख्या निम्नलिखित कई दृष्टिकोण से की जाती है|
(i) मौसम विज्ञान के अनुसार लंबे समय तक और पर्याप्त वर्षा और इसके सामने एक एवं स्थलीय वितरण में असंतुलन होने को सूखा कहते हैं|
(ii) कृषि कार्य को ध्यान में रखकर यदि मिट्टी में आद्रता की कमी इस स्तर तक हो जाए की फसलें मुरझा जाए और 30% से भी कम खेतों में सिंचाई हो जाए तो उसे सूखा माना जाता है|
(iii) जल विज्ञान के अनुसार जल ग्रहण क्षेत्र जिला से और जिलों में जल का स्तर बढ़ता होने के बाद भी नीचे गिर जाए तो इसे सूखा कहते हैं|
(iv) जब पारिस्थितिकी तंत्र में जल की इतनी कमी हो जाए कि उत्पादकता घट जाए और इसके परिणाम स्वरूप परिस्थितिकी तंत्र में तनाव उत्पन्न हो जाए या तंत्र क्षतिग्रस्त हो जाए तो इसे परिस्थिति के सुखा कहते हैं|
भारत में अत्यधिक सूखाग्रस्त क्षेत्र- भारत के एक कृषि प्रधान देश है और भारतीय कृषि बहुत हद तक मानसून पर निर्भर करती है| राजस्थान में अरावली के पश्चिम का क्षेत्र और गुजरात का कच्छ क्षेत्र सूखे से सर्वाधिक प्रभावित होते हैं क्योंकि वहां वर्षा भाड़ में 90 मिली मीटर से भी कम वर्षा होती है|
13. विकास कार्यों से भी प्राकृतिक आपदाओं की संभावना बढ़ जाती है ऐसी आपदाओं का नाम उल्लेख करते हुए इस तथ्य की पुष्टि करें ?
उत्तर :-
आर्थिक विकास करने के लिए बड़े पैमाने पर वाणिज्य व्यवसाय तथा उद्योग धंधे स्थापित किए जाते हैं| साथ ही खाद्यान्न पदार्थों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए खेतों में विभिन्न प्रकार के रासायनिक खादों का प्रयोग किया जाता है| इन सभी के कारण पर्यावरण का प्रदूषण होता है जिससे प्राकृतिक में हलचल पैदा होती है| परिणाम स्वरूप विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक आपदाएं उत्पन्न होने लगती है जैसे भूकंप बाढ़ सुखाड़ सुनामी इत्यादि प्राकृतिक आपदाओं के होने से मानवीय जीवन पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है| इन आपदाओं से धन-जन की बहुत हानि होती है|
14. प्राकृतिक आपदाओं का जन जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर :-
प्राकृतिक आपदाओं का जन जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है| भूकंप बाढ़ भूस्खलन ओलावृष्टि सुनामी सुखार इत्यादि प्राकृतिक आपदाएं हैं| जिनसे धन जन की बहुत बर्बादी होती है| भूकंप आने से भी क्षेत्र बर्बाद हो जाता है, इमारतें गिर जाती है जिससे धन धन की बर्बादी होती है| इसी प्रकार बाढ़ आने से फसलें नष्ट हो जाती है कच्चे मकान बह जाते हैं पशुधन पानी में बहा कर मर जाते हैं| इसी प्रकार अन्य प्राकृतिक आपदाओं से भी बहुत हानि होती है| परिणाम स्वरूप प्राकृतिक आपदाओं से जनजीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है| सुखाड़ की स्थिति में खेती बारी नहीं होती है जिसके चलते कृषि कार्य नहीं होने से अनाज की कमी हो जाती है| कुछ अधिक सूखाग्रस्त क्षेत्रों में लोग भूखे मर जाते हैं इसी कारण चक्रवाती तूफान से अपार धन धन की हानि होती है|
15. इलाहाबाद नगर प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित स्थान है इस कथन की व्याख्या करें ?
उत्तर :- इलाहाबाद नगर प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित स्थान है| क्योंकि यहां पर प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्राप्त करने के लिए समुचित व्यवस्था की गई है| संचार संसाधनों का समुचित विकास हुआ है| जिससे प्राकृतिक आपदाओं की सूचना शीघ्र प्राप्त हो जाती है| परिणाम स्वरूप आपदाओं से सुरक्षा प्राप्त करने के लिए समुचित उपाय किए जाते हैं| साथ ही इलाहाबाद में भूकंप बाढ़ चक्रवाती तूफान सुनामी भूस्खलन और सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाएं भी पराया नहीं आती है| इसलिए इलाहाबाद नगर प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित स्थान माना जाता है|

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