🌞 छठ पूजा का परिचय
छठ पूजा भारत का एक प्रमुख और पवित्र पर्व है, जो विशेष रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल में बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है।
यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया की उपासना को समर्पित है।
लोग सूर्य देव को अर्घ्य देकर अपने जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करते हैं।
🙏 छठ पूजा क्यों मनाई जाती है?
छठ पूजा मनाने का मुख्य उद्देश्य सूर्य देव और छठी मैया (उषा देवी) का आशीर्वाद प्राप्त करना है।
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, सूर्य देव को ऊर्जा, प्रकाश और जीवन का स्रोत माना गया है।
उनकी उपासना से आरोग्य, समृद्धि और दीर्घायु की प्राप्ति होती है।
छठी मैया को संतान की रक्षा और सुख-समृद्धि देने वाली देवी माना जाता है।
इसीलिए महिलाएँ यह व्रत पूरी श्रद्धा और नियमों के साथ रखती हैं।
📅 छठ पूजा कब मनाई जाती है?
छठ पूजा दिवाली के छठे दिन, यानी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है।
यह चार दिनों तक चलने वाला पर्व है —
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🪔 नहाय-खाय: इस दिन व्रती शुद्ध भोजन बनाते हैं और पूजा की तैयारी करते हैं।
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🍚 खरना: दूसरे दिन उपवास के बाद शाम को गुड़-चावल की खीर का प्रसाद ग्रहण किया जाता है।
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🌇 संध्या अर्घ्य: तीसरे दिन सूर्यास्त के समय अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।
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🌅 उषा अर्घ्य: अंतिम दिन सुबह उदयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत पूरा किया जाता है।
🌾 छठ पूजा का महत्व
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सूर्य देव को धन्यवाद देने का पर्व।
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शरीर और मन को शुद्ध करने का माध्यम।
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संतान और परिवार की खुशहाली की कामना।
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प्रकृति, जल और सूर्य के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक।
💬 छठ पूजा से जुड़ी मान्यता
मान्यता है कि महाभारत काल में कुंती पुत्र कर्ण सूर्य उपासक थे और उन्होंने ही सबसे पहले छठ पूजा की शुरुआत की थी।
इसके अलावा कहा जाता है कि सीता माता ने भी अयोध्या लौटने के बाद छठ व्रत किया था।
✨ निष्कर्ष
छठ पूजा केवल एक धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि आस्था, अनुशासन और आत्मसंयम का पर्व है।
यह हमें सिखाता है कि प्रकृति और ईश्वर के प्रति आभार व्यक्त करना ही सच्ची पूजा है।


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