🌍 विश्व साक्षरता दिवस क्या है?
विश्व साक्षरता दिवस (International Literacy Day) हर साल 8 सितंबर को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत यूनेस्को (UNESCO) ने 1966 में की थी। इस दिवस का उद्देश्य दुनियाभर में शिक्षा और साक्षरता के महत्व को बढ़ावा देना है।
📖 इतिहास (History of International Literacy Day)
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वर्ष 1965 में यूनेस्को ने 8 सितंबर को साक्षरता दिवस घोषित किया।
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इसका उद्देश्य था लोगों को यह बताना कि पढ़ना-लिखना केवल शिक्षा का हिस्सा नहीं, बल्कि जीवन को बेहतर बनाने का साधन है।
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पहला विश्व साक्षरता दिवस 1967 में मनाया गया।
🎯 विश्व साक्षरता दिवस 2025 की थीम
हर साल इस दिवस की एक विशेष थीम होती है।
2025 की थीम (Expected/Probable): "Literacy for Sustainable Societies"
👉 यह थीम शिक्षा को सतत विकास (Sustainable Development Goals) से जोड़ती है।
📌 महत्व (Importance of Literacy Day)
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व्यक्तिगत विकास – साक्षरता से व्यक्ति अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझता है।
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रोजगार के अवसर – पढ़ा-लिखा व्यक्ति बेहतर नौकरी और व्यवसाय कर सकता है।
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समाज का विकास – साक्षर समाज जागरूक होता है और प्रगति की राह पर तेजी से आगे बढ़ता है।
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लैंगिक समानता – महिला सशक्तिकरण में साक्षरता की अहम भूमिका है।
📚 भारत में साक्षरता की स्थिति
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भारत में साक्षरता दर (Census 2011): 74.04%
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पुरुष साक्षरता दर: 82.14%
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महिला साक्षरता दर: 65.46%
👉 सरकार ने “सर्व शिक्षा अभियान” और “नयी शिक्षा नीति (NEP 2020)” जैसी योजनाएँ चलाई हैं।
🌟 विश्व साक्षरता दिवस कैसे मनाया जाता है?
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स्कूल और कॉलेजों में रैलियाँ और जागरूकता कार्यक्रम
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निबंध लेखन और भाषण प्रतियोगिताएँ
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ग्रामीण क्षेत्रों में मुफ्त शिक्षा अभियान
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सोशल मीडिया के जरिए साक्षरता संदेश का प्रसार
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