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Bihar Board Class 10th History 2023 | Class 10 ka Itihas Chapter 2 | Most Subjective Questions 2023 | समाजवाद एवं साम्यवाद लघु उत्तरीय प्रश्न | 2 अंक निश्चित है

Bihar Board Class 10th History 2023  Class 10 ka Itihas Chapter 2  Most Subjective Questions 2023  समाजवाद एवं साम्यवाद लघु उत्तरीय प्रश्न  2 अंक निश्चित है

  समाजवाद एवं साम्यवाद  
1. रूसी क्रांति के किन्हीं दो कारणों को लिखें। 
उत्तर — 1917 ई० की रूसी क्रांति के दो महत्त्वपूर्ण कारण निम्नलिखित थे— 
(i) जार की निरंकुशता एवं अयोग्य शासन– जार निकोलस II जिसके शासन काल में क्रांति हुई। राजा के दैवी अधिकारों में विश्वास रखता था। उसे प्रजा की सुख-दुख की कोई चिंता नहीं थी। जार ने जो अफसरशाही बनाई थी वह अस्थिर, जड़ और अकुशल थी। गलत सलाहकारों के कारण जार की स्वेच्छाचारिता बढ़ती गई और जनता की स्थिति बदतर होती चली गई ।
(ii) कृषकों की दैयनीय स्थिति – रूस में जनसंख्या का बहुसंख्यक भाग कृषकों का था लेकिन उनकी स्थिति अत्यंत दैयनीय थी। हालाँकि 1861 ई० में जार एलेक्जेंडर द्वितीय के द्वारा कृषि दासता समाप्त कर दी गई थी परंतु इससे किसानों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ था। उनके खेत बहुत छोटे-छोटे थे जिन पर वे पुराने ढंग से खेती करते थे। पूँजी के अभाव तथा करों के बोझ से दबे होने के कारण उनके पास क्रांति के सिवाय कोई चारा नहीं था।
2. कार्ल मार्क्स के विषय में आप क्या जानते हैं? 
उत्तर – कार्ल मार्क्स का जन्म जर्मनी के राइन प्रांत के ट्रियर नगर में एक यहूदी परिवार में हुआ था। मार्क्स पर रूसो, मांटेस्क्यू एवं हीगले की विचारधारा का गहरा प्रभाव था। मार्क्स और एंगेल्स ने मिलकर 1848 में कम्युनिस्ट मेनिफेस्टो अथवा साम्यवादी घोषणा-पत्र प्रकाशित किया। मार्क्स ने पूँजीवाद की घोर भर्त्सना की और श्रमिकों के हक की बात उठायी। उसने 'दुनिया के मजदूरों एक हों' का नारा दिया। मार्क्स ने अपनी विख्यात पुस्तक दास कैपिटल का प्रकाशन 1867 में किया जिसे “समाजवादियों की बाइबिल" कहा जाता है।
3. 1917 की वोल्शेविक क्रांति एक सर्वहारा क्रांति थी। स्पष्ट करें। 
उत्तर — 1917 की वोल्शेविक क्रांति के पश्चात रूस ने सर्वहारा वर्ग को अनेक सुविधाएँ प्राप्त हुई। किसानों और मजदूरों को मतदान के अतिरिक्त अन्य राजनीतिक अधिकार मिले। व्यक्तिगत संपत्ति की समाप्ति तथा उद्योगों का राष्ट्रीयकरण किया गया, जिससे एक वर्गहीन समाज का निर्माण तथा सामाजिक समानता की स्थापना हुई। इन परिवर्तनों से रूस में किसानों तथा मजदूरों का सम्मान बढ़ा। इसलिए 1917 की वोल्शेविक क्रांति को सर्वहारा क्रांति कहा जाता है। 
4. सर्वहारा वर्ग किसे कहते हैं?
उत्तर – सर्वहारा वर्ग समाज का वैसा वर्ग है जिसमें किसान, मजदूर एवं आम गरीब लोग शामिल होते हैं। मार्क्स के अनुसार सर्वहारा वर्ग मजदूरों तथा श्रमिकों का वर्ग था जो सुविधाविहिन वर्ग था जिसे कोई अधिकार प्राप्त नहीं था। यह पूँजीपतियों के द्वारा शोषित तथा उपेक्षित वर्ग था।
5. रासपुटिन कौन था ?
उत्तर – रासपुटिन जार निकोलस II का गुरु था जो एक भ्रष्ट, बदनाम और रहस्यमय पादरी था।
6. शीतयुद्ध से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर– शीतयुद्ध प्रत्यक्ष युद्ध न होकर वाकद्वन्द्व द्वारा एक-दूसरे राष्ट्र को नीचा दिखाने का वातावरण है। द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात पूँजीवादी राष्ट्रों और रूस के बीच इसी प्रकार का शीतयुद्ध चलता रहा।
7. निहिलिज्म से आप क्या समझते हैं? रूस पर इसका क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर – रूसी नागरिकों का एक वर्ग ऐसा था जो चाहता था कि रूस में सुधार आन्दोलन जार के द्वारा किए जाएँ। जार एलेक्जेंडर द्वितीय ने कई सुधार कार्यक्रम भी चलाए, परंतु इससे सुधारवादी संतुष्ट नहीं हुए। इनमें से कुछ ने निहिलिस्ट आंदोलन आरंभ किए। ये निहिलिस्ट के नाम से जाने जाते थे। ये स्थापित व्यवस्था को आतंक का सहारा लेकर समाप्त करना चाहते थे। 1881 में जार एलेक्जेंडर द्वितीय की हत्या निहिलिस्टों ने कर दी। इन निहिलिस्टों के विचारों से प्रभावित होकर क्रांतिकारी जारशाही के विरुद्ध एकजूट होने लगे।
8. रॉबर्ट ओवेन का संक्षिप्त परिचय दें।
उत्तर– इंगलैंड में समाजवाद का प्रवर्तक रॉबर्ट ओवेन को माना जाता है। इंगलैंड में औद्योगिक क्रांति के परिणामस्वरूप श्रमिकों के शोषण को रोकने हेतु ओवेन ने एक आदर्श समाज की स्थापना का प्रयास किया। उसने स्कॉटलैंड के न्यूलूनार्क नामक स्थान पर एक आदर्श कारखाना और मजदूरों के आवास की व्यवस्था की। इसमें श्रमिकों को अच्छा भोजन, आवास और उचित मजदूरी देने की व्यवस्था की गई
9. ज्ञई आर्थिक नीति मार्क्सवादी सिद्धान्तों के साथ समझौता था। कैसे ?
उत्तर – साम्यवादी व्यवस्था व्यक्तिगत सम्पत्ति की अवधारणा नहीं था। परंतु लेनिन ने तत्कालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए किसानों को जमीन का स्वामित्व दिया । व्यक्तिगत स्वामित्व में उद्योग चलाने का भी अधिकार नई आर्थिक नीति में दिया गया। स्पष्टतः यह नीति मार्क्सवादी सिद्धांतों साथ समझौता थी परंतु इससे सोवियत संघ की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ।
10. बौद्धिक जागरण ने रूसी क्रांति को किस प्रकार प्रभावित किया? 
उत्तर — 19 वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में रूस में बौद्धिक जागरण हुआ, जिसने लोगों को निरंकुश राजतंत्र के विरुद्ध बगावत करने की प्रेरणा दी। अनेक विख्यात लेखकों और बुद्धिजीवियों—लियो टॉलस्टाय, ईवान तुर्गनेव, फ्योदोर दोस्तोवस्की, मैक्सिम गोर्की ने अपनी रचनाओं द्वारा सामाजिक अन्याय एवं भ्रष्ट राजनीतिक व्यवस्था का विरोध कर एक नए प्रगतिशील समाज के निर्माण का आह्वान किया। रूसी लोग विशेषतः किसान और मजदूर कार्ल मार्क्स के दर्शन से गहरे रूप से प्रभावित हुए। वे शोषण और अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष करने को तत्पर हो गए। 
11. स्टालिन का परिचय दीजिए।
उत्तर – लेनिन के बाद सत्ता स्टालिन के हाथों में आई। सोवियत संघ ने विकास के लिए उसने तीन पंचवर्षीय योजनाओं द्वारा औद्योगीकरण को बढ़ावा दिया। कृषि, शिक्षा में सुधार किया तथा श्रमिकों की स्थिति को बेहतर बनाने का प्रयास किया। साथ ही उसने ऐसी नीति बनाई जिससे सर्वाधिकारी शासन की स्थापना हुई। 
12. प्रथम विश्वयुद्ध में रूस की पराजय ने क्रांति हेतु मार्ग प्रशस्त किया। कैसे ?
उत्तर- प्रथम विश्वयुद्ध में रूस मित्र राष्ट्रों की ओर से शामिल हुआ था। जार का मानना था कि युद्ध के अवसर पर जनता सरकार का समर्थन करेगी तथा देश । में आंतरिक विद्रोह कमजोर पड़ जाएगा। परंतु जार की यह इच्छा पूरी नहीं हो सकी। विश्वयुद्ध में रूस की लगातार हार होती गई। सैनिकों के पास न तो अच्छे अस्त्र-शस्त्र थे और न ही पर्याप्त रसद एवं वस्त्र । रूसी सेना की कमान स्वयं र ने सँभाल रखी थी। पराजय से उसकी प्रतिष्ठा को गहरी ठेस लगी । इस स्थिति से रूसी जनता और अधिक क्रुद्ध हो गयी तथा पूरी तरह से जारशाही को समाप्त करने के लिए कटिबद्ध हो गई। वस्तुतः प्रथम विश्वयुद्ध में पराजय रूस में क्रांति हेतु मार्ग प्रशस्त किया।
13. साम्यवाद एक नयी आर्थिक एवं सामाजिक व्यवस्था थी। कैसे ?
उत्तर – रूस में क्रांति के बाद नई सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था की स्थापना हुई। सामाजिक असमानता समाप्त कर दी गयी। वर्गविहीन समाज का निर्माण कर रूसी समाज का परंपरागत स्वरूप बंदल दिया गया। पूँजीपति और जमींदार वर्ग का उन्मूलन कर दिया गया। समाज में एक ही वर्ग रहा, जो साम्यवादी नागरिकों का था। काम के अधिकार को संवैधानिक अधिकार बना दिया गया। व्यक्तिगत संपत्ति समाप्त कर पूँजीपतियों का वर्चस्व समाप्त कर दिया गया। देश की सारी संपत्ति का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। इस प्रकार, एक वर्गविहीन और शोषणमुक्त सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था की स्थापना हुई। इस प्रकार हम कह सकते हैं की रूसी क्रांति के बाद साम्यवाद एक नई आर्थिक एवं सामाजिक व्यवस्था थी । 
14. स्वप्नदर्शी (यूटोपियन) समाजवादियों के विषय में आप क्या जानते हैं?
उत्तर – स्वप्नदर्शी (यूटोपियन) आरंभिक समाजवादी चिन्तक थे जिन्होंने पूँजी और श्रम के बीच सम्बन्धों की समस्या का निराकरण करने का प्रयास किया। उनकी दृष्टि आदर्शवादी थी। वे उच्च और अव्यावहारिक आदर्श से प्रभावित होकर 'वर्ग-संघर्ष' की नहीं बल्कि 'वर्ग समन्वय' की बात करते थे। स्वप्नदर्शी समाजवादियों में सेंट साइमन, चार्ल्स फूरिए, लुई ब्लाँ तथा रॉबर्ट ओवेन के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है ।
15. कौमिण्टर्न की स्थापना क्यों की गई? इसका क्या महत्त्व था? 
उत्तर – लेनिन का एक महत्त्वपूर्ण कार्य था 1919 ई० में मास्को में थर्ड इंटरनेशनल की स्थापना करना । मार्क्सवाद का प्रचार करने एवं विश्व के सभी मजदूरों को संगठित करने के उद्देश्य से विभिन्न देशों के साम्यवादी दलों के प्रतिनिधि मास्को में एकत्रित हुए। वहीं पर सभी देशों की साम्यवादी पार्टियों का एक संघ बनाया गया जो कौमिण्टर्न कहलाया। इसका मुख्य कार्य विश्व में क्रांति का प्रचार करना एवं साम्यवादियों की सहायता करना था। कौमिण्टर्न का नेतृत्व रूस के साम्यवादी दल के पास रहा। लेनिन के इस कार्य से पूँजीवादी देशों में बेचैनी फैल गयी। रूस से मधुर संबंध बनाने को वे बाध्य हो गए। इंगलैंड ने 1921 में रूस से व्यापारिक संधि कर ली। 1924 तक इटली, जर्मनी, इंगलैंड ने रूस की बोल्शेविक सरकार को मान्यता प्रदान कर दी।
16. मेन्शेविकों और बोल्शेविक के विषय में आप क्या जानते हैं? 
उत्तर – रूस की बोल्शेविक क्रांति मेन्शेविकों (अल्पमतवाले साम्यवादियों) और वोल्शेविकों (बहुमतवाले साम्यवादियों) के बीच सत्ता संघर्ष का परिणाम थी। रूस में राजतंत्र की समाप्ति के बाद सत्ता मेन्शेविक दल के नेता करेन्सकी के हाथों में आई, परंतु उसकी सरकार अलोकप्रिय थी। मेन्शेविक संवैधानिक रूप से देश में राजनीतिक परिवर्तन चाहते थे तथा मध्यमवर्गीय क्रांति के समर्थक थे। परंतु बोल्शेविक क्रांति के द्वारा परिवर्तन लाना चाहते थे जिसमें मजदूरों की विशेष भूमिका हो । बोल्शेविक दल के नेता लेनिन ने ट्रॉटस्की की सहायता से केरेन्सी की सरकार का तख्ता पलट दिया।
17. लेनिन का संक्षिप्त परिचय दें।
उत्तर – रूस में वोल्शेविक क्रांति का प्रणेता लेनिन था। उसका जन्म 10 अप्रैल, 1870 को बोल्गा नदी के किनारे स्थित सिमब्रस्क नामक गाँव में हुआ था. विद्यार्थी जीवन से ही वह मार्क्सवाद से प्रभावित होकर उसका कट्टर समर्थक बन गया। वह रूस की तत्कालीन स्थिति से क्षुब्ध था और प्रचलित व्यवस्था की समाप्ति चाहता था। वोल्एशेविक दल का नेता लेनिन ने ट्राटस्की के सहयोग से उसने करेन्सकी की सरकार का तख्ता पलट दिया। शासन संभालते ही उसेन अपने उद्देश्य और कार्यक्रम निश्चित किए। लेनिन का उद्देश्य रूस का नवनिर्माण करना था।
18. समाजवाद क्या है ?
उत्तर – समाजवाद एक ऐसी विचारधारा है जिसने आधुनिक काल में समाज को एक नया आयाम दिया। समाजवाद उत्पादन में मुख्यतः निजी स्वामित्व की जगह सामूहिक स्वामित्व या धन के समान वितरण पर जोर देता है। यह एक शोषण उन्मुक्त समाज की स्थापना चाहता है।
19. पूँजीवाद क्या है?
उत्तर- पूँजीवाद एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें उत्पादन के सभी साधनों, कारखानों तथा विपणन में पूँजीपतियों का एकाधिकार होता है। ऐसी व्यवस्था में बड़े पैमाने पर उत्पादन पूँजीपति अपने निहित स्वार्थ के लिए करते हैं।  
20. समाजवादी दर्शन क्या है?
उत्तर - समाजवाद उत्पादन में मुख्यतः निजी स्वामित्व की जगह सामूहिक स्वामित्व या धन के समान वितरण पर जोर देता है। समाजवादी, शोषण उन्मुक्त समाज की स्थापना चाहते हैं। समाजवादी व्यवस्था एक ऐसी अर्थव्यवस्था है जिसके अंतर्गत उत्पादन के सभी साधनों, कारखानों तथा विपणन में सरकार का एकाधिकार हो । समाजवादी व्यवस्था में उत्पादन निजी लाभ के लिए न होकर सारे समाज के लिए होता है।
21. अक्टूबर क्रांति से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर - 1917 में रूस में जो क्रांति हुई उसे अक्टूबर क्रांति अथवा बोल्शेविक क्रांति के नाम से जाना जाता है । यद्यपि यह क्रांति 7 नवंबर, 1917 को हुई थी (नई ग्रेगोरियन कैलेंडर)। परंतु पुराने रूसी कैलेंडर के अनुसार वह दिन 25 अक्टूबर, 1917 था। इसलिए बोल्शेविक क्रांति, अक्टूबर क्रांति भी कहलाती है। 
22. नई आर्थिक नीति (NEP) पर एक टिप्पणी लिखें।
उत्तर – लेनिन ने 1921 में एक नई आर्थिक नीति (NEP) लागू की। इसके सीमित रूप से किसानों और पूँजीपतियों को व्यक्तिगत संपत्ति रखने की अनुसार । अनुमति दी गई। यह नीति कारगर हुई। खेती की पैदावार बढ़ी तथा उद्योग-धंधों में भी उत्पादन बढ़ा। इससे रूस समृद्धि के मार्ग पर आगे बढ़ा। लेनिन ने जिस नई ! आर्थिक नीति को लागू किया उससे रूस की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ। 
23. रूस की क्रांति किसके नेतृत्व में हुई थी ?
उत्तर - 1917 ई० की रूसी क्रांति बोल्शेविक दल के नेता लेनिन के नेतृत्व में हुई थी।  
24. रूसीकरण की नीति क्रांति हेतु कहाँ तक उत्तरदायी थी?
उत्तर – रूस में विभिन्न प्रजातियों के निवासी थे। इनमें स्लावों की संख्या सबसे अधिक थी। इनके अतिरिक्त फिन, पोल, जर्मन, यहूदी इत्यादि भी थे। ये भिन्न-भिन्न भाषा तथा रीति-रिवाज को मानते थे। इसलिए रूसी सरकार ने देश की एकता के लिए रूसीकरण की नीति अपनाई। जार की नीति थी— “एक जार, एक चर्च और एक रूस।" परंतु रूस का अल्पसंख्यक वर्ग सरकार की इस नीति से व्यग्र हो गया। ज़ार ने देश के सभी लोगों पर रूसी भाषा, शिक्षा और संस्कृति लादने का प्रयास किया। 1863 ई० में इस नीति के विरुद्ध पोलों ने विद्रोह कर दिया जिसे दबा दिया गया। इस प्रकार रूसी राजतंत्र के प्रति उनका आक्रोश बढ़ता गया। 
25. रूस में प्रति-क्रांति क्यों हुई? बोल्शेविक सरकार ने इसका सामना कैसे किया ?
उत्तर – बोल्शेविक क्रांति की नीतियों से वैसे लोग व्यग्र हो गए जिनकी संपत्ति और अधिकारों को नई सरकार ने छीन लिया था। अतः सामंत पादरी, पूँजीपति, नौकरशाह सरकार के विरोधी बन गए। वे सरकार का तख्ता पलटने का प्रयास कर रहे थे। उन्हें विदेशी सहायता भी प्राप्त थी । लेनिन ने प्रति क्रांतिकारियों का कठोरता ! पूर्वक दमन करने का निश्चय किया। इसके लिए 'चेका' नामक विशेष पुलिस दस्ता । का गठन किया गया। इसने निर्ममतापूर्वक हजारों षडयंत्रकारियों को मौत के घाट उतार दिया। चेका के लाल आतंक ने षडयंत्रकारियों की कमर तोड़ दी। 
26. 1917 ई० की क्रांति के समय रूस में किस राजवंश का शासन था ? इस शासन का स्वरूप क्या था?
उत्तर - 1917 ई० की क्रांति के पूर्व रूस में रोमोनोव वंश का शासन था। इस वंश के शासन का स्वरूप स्वेच्छाचारी राजतंत्र था। रूस का सम्राट जार अपने आपको ईश्वर का प्रतिनिधि समझता था। वह सर्वशक्तिशाली था तथा राज्य की सारी शक्तियाँ उसी के हाथों में केंद्रित थी। राज्य के अतिरिक्त वह रूसी चर्च का भी प्रधान था। प्रशा जार और उसके अधिकारियों से त्रस्त था। 
27. रूस की संसद को क्या कहा जाता था? H
उत्तर – रूस की संसद को ड्यूमा कहा जाता था।
28. 'रूस की क्रांति' ने पूरे विश्व को प्रभावित किया। किन्हीं दो उदाहरणों द्वारा स्पष्ट करें।
उत्तर - रूस की क्रांति ने पूरे विश्व को प्रभावित किया। इसके उदाहरण इस प्रकार हैं——
(i) इस क्रांति के पश्चात श्रमिक या सर्वहारा वर्ग की सत्ता रूस में स्थापित हो गई तथा इससे अन्य क्षेत्रों में भी आंदोलन को प्रोत्साहन मिला। 
(ii) द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात पूँजीवादी विश्व तथा सोवियत रूस के बीच शीतयुद्ध की शुरुआत हुई और आगामी चार दशकों तक दोनों खेमों के बीच हथियारों की होड़ जारी रही। की प्रथा किस वर्ष समाप्त हुई ?
29. रूस में कृषि दासता की प्रथा किस वर्ष समाप्त हुई ?
उत्तर – रूस में कृषि दासता की समाप्ति जार एलेक्जेंडर द्वितीय के द्वारा 1861 ई० में हुई।
30. 1881 ई० में जार एलेक्जेंडर द्वितीय की हत्या किसने की ? 
उत्तर - रूस के शासक जार एलेक्जेंडर द्वितीय की हत्या 1881 ई० में निहिलिस्टों ने कर दी थी ।
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