Bihar Board Class 10th History | यूरोप में राष्ट्रवाद : उदय और विकास | दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Bharati Bhawan
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Bihar Board Class 10th History  यूरोप में राष्ट्रवाद  उदय और विकास  दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
 
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 
1. 1848 की क्रांतियों के प्रभावों की समीक्षा कीजिए |
उत्तर :- 1830 की क्रान्ति के बाद लुई फिलिप फ्रांस का राजा बना | वह एक उदारवादी शाशक था, परन्तु बहुत महत्वाकांक्षी था | 1848 में उसने गीजो को प्रधानमंत्री नियुक्त किया | गीजो प्रतिक्रियावादी था और किसी भी प्रकार के सुधार का विरोधी था | खाद्दान की कमी और बढाती बेरोजगारी की समस्या से लुई सरकार की आलोचना होने लगी |इस स्थिति की और राजा का ध्यान आकृष्ट करने के लिए सुधारवादी दल के नेता थेयर्स ने 22 फरवरी 1848 में पेरिस में एक विशाल सुधार भोज का आयोजन किया | लुई ने इस पर रोक लगा दी | गणतंत्रवादी का नेता लामारतीन एवं सुधारवादियों का नेता लुई ब्लाँ था | शीघ्र ही दोनों में मतभेद हो गया और 1852 में नेपोलियन फ्रांस का सम्राट बना | 
1848 की क्रान्ति का प्रभाव इटली में भी हुआ | 1848 में इतालवी राज्यों में विद्रोह का चिंगारी सुलग गई | मिलान और पॉप के राज्य में विद्रोह हो गया | राजा चार्ल्स एलबर्ट ने इटली के रास्त्रवादियों से मिलकर आस्ट्रिया के विरुद्ध आरंभ कर दिया | कुछ समय के लिए लोम्वार्दी और वेनेशिया से आस्ट्रिया का आधिपत्य समाप्त हो गया |
2. राष्ट्रवाद के उदय का यूरोप और विश्व पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर :- 18वीं 19वीं शताब्दियों में यूरोप में जिस राष्ट्रवाद की लहर चली, उसके व्यापक और दूरगामी प्रभाव यूरोप और विश्व पर पड़ा जो निम्नलिखित थे -
(i) राष्ट्रीयता की भावना से प्रेरित होकर अनेक राष्ट्रों में क्रांतियों और आंदोलनों हुए जिसके परिणामस्वरूप अनेक नए राष्ट्रों का उदय हुआ | इटली और जर्मनी के एकीकृत राष्ट्रों का उदय भी इसी का परिणाम था | 
(ii) यूरोपीय राष्ट्रवाद के विकास का प्रभाव एशिया और अफ्रीका में भी पड़ा | यूरोपीय उपनिवेशों के आधिपत्य के विरुद्ध वहां भी औपनिवेशक शासन से मुक्ति के लिए राष्ट्रीय आंदोलन आरंभ हो गए |
(iii) धर्म सुधर आन्दोलन के भारतीय नेताओं ने भी राष्ट्रवादी भावनाओं से प्रभावित होकर राष्ट्रीय आंदोलनों को अपना समर्थन दिया | राजा राममोहन राय अन्तराष्ट्रीय के समर्थन बन गए | 
(v) राष्ट्रवाद के विकास ने प्रतिक्रियावादी शक्तियों और निरंकुश शासकों के प्रभाव को कमजोर कर दिया |
3. यूनान का स्वतंत्रता संग्राम क्यों हुआ ? इसका क्या परिणाम हुआ ?
उत्तर :- यूनान का अपना गौरवमय अतीत रहा है | यूनानी सभ्यता की साहित्यिक प्रगति, विचार, दर्शन, कला, चिकत्सा विज्ञान आदि की उपलब्धियां यूनानियों के लिए प्रेरणास्रोत थे | प्रान्त इसके बावजूद भी युनान तुर्की साम्राज्य के अधीन थे | फ्रांसीसी क्रान्ति से यूनानियों में भी राष्ट्रीयता की भावना की लहर जागी क्योंकि धर्म, जाती और संस्कृति के आधार पर इसकी पहचान एक थी | तुर्की शासन से अलग होने के लिए आन्दोलन चलाए जाने लगे | यूनान में विस्फोटक स्थिति तब और बन गई जब तुर्की शासकों के द्वारा यूनानी स्वतंत्रता संग्राम में संलग्न लोगों को बुरी तरह कुचलना शुरू किया गया | 1821 ई. में अलेक्जेंडर चीन सिलानती के नेतृत्व में यूनान में विद्रोह शुरू हो गया | कवियों और कलाकारों ने यूनान को यूरोपीय सभ्यता का पालना बताकर राष्ट्रवादियों के लिए समर्थन जुटाया | 1827 के लन्दन सम्मलेन में इंग्लैण्ड फ्रांस तथा रूस के विरुद्ध संयुक्त कारवाई करने का निश्चय किया | 1829 ई. में एड्रीयानोपुल की संधि द्वारा तुर्की की नाममात्र की अधीनता में यूनान को स्वतंत्रता देने की बात तय हुई | 1832 में यूनान को एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया गया |



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1Comments

Hello My Dear, ये पोस्ट आपको कैसा लगा कृपया अवश्य बताइए और साथ में आपको क्या चाहिए वो बताइए ताकि मैं आपके लिए कुछ कर सकूँ धन्यवाद |

  1. nahi milta h apki bharti bhavan question answers🤔🤔🤔🤔

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