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Class 9th Political Science Bharati Bhawan | Chapter 1 Democracy in the Contemporary World | क्लास नाइंथ भारती भवन राजनीतिकशास्त्र | अध्याय 1 समकालीन विश्व में लोकतंत्र | अतिलघु उत्तरीय प्रश्न, लघु उत्तरीय प्रश्न, दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

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अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. जो लोकतंत्र को सैनिक शासन द्वारा उखाड़ फेंका जाता है तब लोगों की कौन सी स्वतंत्रता छीन ली जाती है ?
उत्तर :- राजशाही के सारे अधिकार छीन लिए जाते हैं |
2. नेपाल में लोकतंत्र की बहाली के लिए संघर्ष की एक विशेषता बताएं |
उत्तर :- लोकतंत्र की बहाली के लिए भारत के पड़ोसी राज्य नेपाल में 6 अप्रैल 2006 से 7 राजनीतिक दलों के गठबंधन द्वारा जबरदस्त आंदोलन चलाया गया और इस आंदोलन को अंततः सफलता भी मिली | इसकी मुख्य कारण यह था कि इस आंदोलन को जनसमर्थन प्राप्त था | लोकतंत्र की बहाली के लिए नेपाल की जनता वह चयन थी इसके लिए उसमें आक्रोश था और इस जनाक्रोश के सैलाब के आगे राजशाही को झुकना पड़ा| 24 अप्रैल 2006 का दिन सदा याद रहेगा, क्योंकि इसी दिन नेपाल नरेश नरेश ज्ञानेंद्र ने संसद को बहाल कर सत्य साथ राजनीतिक दलों के गठबंधन को सौंपने की घोषणा कर दी नेपाल में लोकतंत्र का पुनर्जन्म हुआ|
3. अध्याय के अध्ययन के आधार पर लोकतंत्र की विशेषताओं को बताए |
उत्तर :- लोकतंत्र शासन का एक ऐसा रूप है जिसमें शासक के निर्वाचन का अधिकार जनता को होता है, इसकी विशेषताएं निम्न प्रकार से हैं |
(i) जनप्रतिनिधियों को प्रमुख निर्णय लेने का अधिकार,
(ii) स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन,
(iii) एक व्यक्ति का एक मत,
(iv) विधि का शासन,
(v) सरकार द्वारा निर्धारित सीमाओं का पालन |
4. म्यांमार (बर्मा) के किन के नेतृत्व में अभी भी लोकतंत्र के लिए संघर्ष जारी है 
उत्तर :- आंग सान सूची
5. चिल्ली की वर्तमान राष्ट्रपति कौन है उन्हें राष्ट्रपति के पद पर क्यों निर्वाचित किया गया 
उत्तर :- चीनी के वर्तमान राष्ट्रपति मिशेल बैशेले ले है| वैसेले का राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित होना लोकतंत्र में जनता की आस्था को दर्शाता है|
6. घाना का पुराना नाम क्या था |
उत्तर :- गाना का पुराना नाम गोल्ड कोस्ट था |
7. नेपाल के प्रधानमंत्री का नाम बताएं |
उत्तर :- नेपाल के प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल है |
8. पोलैंड के पहले निर्वाचित राष्ट्रपति कौन हुए ?
उत्तर :- पोलैंड के पहले निर्वाचित राष्ट्रपति लेक वालेसा हुए |
9. घाना के स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेता कौन थे ?
उत्तर :- लामें अनुक्रमा |
10. एशिया के 2 गैर लोकतांत्रिक देशों के नाम लिखिए |
उत्तर :- चीन एवं म्यांमार |
11. पाकिस्तान के वर्तमान राष्ट्रपति कौन है ?
उत्तर :- आसिफ अली जरदारी |
लघु उत्तरीय प्रश्न

1. 2006 में नेपाल में लोकतंत्र की बहाली के लिए किए गए संघर्ष का संक्षिप्त विवरण दें |
उत्तर :- लोकतंत्र की बहाली के लिए भारत के पड़ोसी राज्य नेपाल में 6 अप्रैल 2006 से 17 राजनीतिक दलों के गठबंधन द्वारा जबरदस्त आंदोलन चलाया गया और इस आंदोलन को अंततः सफलता भी मिली | इसका मुख्य कारण यह था कि इस आंदोलन को जनसमर्थन प्राप्त हुआ| लोकतंत्र की बहाली के लिए नेपाल की जनता बेचैनी थी इसके लिए उसम आक्रोश था और इस जनाक्रोश के सैलाब के आगे राजशाही को झुकना पड़ा | 24 अप्रैल 2006 का दिन सदा याद रहेगा, क्योंकि इसी दिन नेपाल नरेश ज्ञानेंद्र ने संसद को बहाल कर सत्ता सात राजनीतिक दलों के गठबंधन को सौंपने की घोषणा कर दी |
2. चिली में लोकतंत्र के लिए संघर्ष का संक्षिप्त विवरण दें |
उत्तर :- दक्षिण अमेरिका के एक देश चिली में 11 सितंबर 1973 को लोकतंत्र समाप्त कर सैनिक शासन स्थापित हो गया| चिल्ली के तत्कालीन राष्ट्रपति आयेदे की हत्या कर शासन की बागडोर जनरल अगस्ता तीनों ने हथिया ली | वह 17 वर्षों तक चिल्ली का राष्ट्रपति बना रहा परंतु के ना आंख की सैनिक तानाशाही का तो अंत होना ही था | 1988 में उसने इस प्रत्याशा में जनमत संग्रह कराने का निर्णय लिया कि जनता उसके शासन को जारी रखने के पक्ष में ही मतदान करेंगी, परंतु पाता पलट गया अब और बहुमत से जनता ने तीनों से की सत्ता को नकार दिया| चिल्ली की जनता अपनी लोकतांत्रिक परंपरा को भूल नहीं सकी थी और जब उसे लोकतंत्र बहाल करने की अवसर मिला तब भला हुआ चुप कैसे करती अंततः चिली में लोकतंत्र की बहाली हो गई |
3. पोलैंड में लोकतंत्र की स्थापना किस प्रकार हुई ?
उत्तर :- 1980 में पोलैंड का शासन जरूर जेलस की के नेतृत्व में चल रहा था| संपूर्ण पोलैंड पर पॉलिश यूनाइटेड वर्कर पार्टी का एकछत्र आधिपत्य था| वास्तव में यह पार्टी साम्यवादी दल का ही एक महत्वपूर्ण अंग था | उस समय पूर्वी यूरोप के विभिन्न देशों पर इस दल का शासन कायम था | पूर्वी यूरोप के अधिकांश देशों में उस समय तक इस दल को छोड़कर किसी दूसरे राजनीतिक दल को राजनीतिक में भाग लेने की इजाजत नहीं थी| उस समय तक लोग साम्यवादी शासन अथवा इस दल के अधिकारियों तथा पदाधिकारियों का चुनाव स्वेच्छा में नहीं कर सकते थे| साम्यवादी दल की या साम्यवादी पार्टी की सरकार की आलोचना करना उस समय तक बहुत बड़ा अपराध माना जाता था| यदि भूल से भी अथवा जानबूझकर यदि कोई सामने वादी दल अथवा साम्यवादी सरकार की आलोचना करता था तो उसे कठोर सजा दी जाती थी और जेल की हवा खानी पड़ती थी| उस समय तक पोलैंड सोवियत ईयर संघ की साम्यवादी सरकार द्वारा नियंत्रित होता था|
14 अगस्त 1980 को पोलैंड में एक घटना घटी वहां के शहर स्थित ले ली जहाज कारखाना के मजदूरों ने हड़ताल की घोषणा कर दी| यूं तो यह जहाज कारखाना सरकारी था परंतु नियमानुसार वहां के कानून मजदूरों को हड़ताल की इजाजत नहीं देते परंतु इन सख्त नियमों के बावजूद जहाज कारखाना के मजदूरों ने हड़ताल कर दी जो कि वहां के कानूनों का उल्लंघन था| मजदूरों के हड़ताल पर चले जाने का प्रधान कारण यह था कि उस जहाज कारखाना के एक क्रेन चालक महिला कर्मचारी को गलत ढंग से नौकरी से निकाल दिया गया था| कर्मचारियों की मुख्य मांग यह थी कि उस महिला कर्मचारी को पुनः काम पर वापस लिया जाए उसी जहाज कारखाने से पूर्व से निष्कासित एक इलेक्ट्रीशियन भी इस मजदूर आंदोलन में सक्रिय ढंग से कूद पड़ा शीघ्र ही हड़ताली कर्मचारियों का प्रधान नेता बन गया| इस कर्मचारी नेता का नाम था लेक वालेसा धीरे धीरे हड़ताल कर्मचारियों का आंदोलन उग्र रूप धारण कर समूचे शहर में फैल गया|
एक सशक्त मजदूर संगठन द्वारा उठाए गए सरकार विरोधी कदमों से जादू जिले की नेतृत्व वाली सरकार घबरा गई| इसके परिणाम स्वरूप सरकार ने दिसंबर 1981 में मार्शल लॉ घोषित कर दिया और हजारों मजदूरों को जेल में डाल दिया एवं संगठन बनाने विरोध करने तथा विचार अभिव्यक्ति करने पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया| इस समय तक सरकार की आर्थिक हालत पहले जैसी नहीं रह गई थी| 1988 में कर्मचारियों ने पुनः लेक वालेसा के नेतृत्व में हड़ताल प्रारंभ कर दिया सरकार को लाचार होकर स्वतंत्र चुनाव कराने की घोषणा करनी पड़ी| एक सौ सीटों के लिए होने वाले सीनेट के चुनाव में सॉलिडेरिटी को 99 स्थानों पर जीत हासिल हुई और अक्टूबर 1990 में लेक वालेसा को पोलैंड का राष्ट्रपति चुना गया | अतः काफी कठिन पर संघर्ष के बाद पोलैंड में लोकतंत्र की वापसी संभव हो सके|
4. लोकतंत्र के विस्तार में फ्रांसीसी क्रांति की भूमिका का वर्णन करें |
उत्तर :- कभी निरंकुश राजतंत्र कभी लोकतंत्र और कभी लोकतंत्र और कभी गणतंत्र को फ्रांस में गले लगाया| लोकतंत्र में आस्था धवन व्यक्त की गई तथा बड़े उत्साह के साथ लोकतंत्र की स्थापना भी हुई परंतु वहां अस्थाई लोकतंत्र की स्थापना में सफलता नहीं मिल सकी| फ्रांस की कहानी लोकतंत्र की स्थापना करने फिर उसे उखाड़ फेंकने को पुनः उसकी बहाली के प्रयास की कहानी है| फिर भी यूरोप के देशों में लोकतंत्र की स्थापना में फ्रांसीसी क्रांति की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती रहेगी|
5. वीटो क्या है वीटो का अधिकार किन किन देशों को प्राप्त है 
उत्तर :- वीटो एक प्रकार का निषेध अधिकार है जब सुरक्षा परिषद के किसी भी निर्णय के खिलाफ इस के अस्थाई सदस्य इस अधिकार का प्रयोग करते हैं तो वह निर्णय लागू नहीं हो सकता है| संयुक्त राष्ट्र के पांचों स्थाई सदस्य अमेरिका रूस ब्रिटेन चीन एवं फ्रांस के वीटो के अधिकार प्रदान किए गए हैं|
6. लोकतांत्रिक राज्यों में जनता को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है उदाहरण सहित उत्तर दें 
उत्तर :- गैर लोकतांत्रिक शासन वाले चाहे हुए सैनिक तंत्र या राजतंत्र हो अथवा शासन का कोई भी रूप क्यों ना हो| वहां की जनता एवं आम नागरिकों को अनेक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है | 11 सितंबर 1993 को फौज ने पीली के आए थे सरकार का तख्ता पलट दिया | उन्हें आएदे कहा गया कि वे त्यागपत्र दे दे या देश छोड़ दें परंतु उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया चीनी की एक सेना ने तत्काल राष्ट्रपति निवास को घेरकर बम बरसाने लगे| परिणाम स्वरूप इस फौजी मामले में आएदें कि तत्काल मृत्यु हो गई| सैनिक तख्तापलट के बाद साल्वाडोर आए थे क्या स्थान पर अगस्त को तीनों से चिली के राष्ट्रपति बन बैठे राष्ट्रपति तीनों से ने पद पर बैठते ही आए देश सरकार के समर्थकों एवं लोकतंत्र की मांग करने वालों पर जुल्म ढाना शुरू कर दिया| आएदे सरकार के अंतर्गत वायु सेना के जनरल अलवर टो विषैले एवं अन्य वैसे फौजी अफसरों को जिन्होंने तख्तापलट का विरोध किया था उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ा| अलवर टू वैसेले की पत्नी एवं पुत्री को भी जेल में डाल कर काफी यातनाएं दी गई केवल इतनी ही नहीं 3000 से अधिक लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया| बहुत सारे लोगों को खून कर दिया गया जिनका आज तक पता नहीं चला है म्यांमार में भी लंबे समय से लोकतंत्र के लिए संघर्ष जारी है| वह लोकतांत्रिक अधिकारों की मांग करने वाली आंग सान सू ची जेल से ही संघर्ष का नेतृत्व कर रही है तथा स्पष्ट है कि 11 लोकतांत्रिक शासन वाले देशों में लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है|
7. विश्व स्तर पर लोकतंत्र के विस्तार के लिए अपना सुझाव दें |
उत्तर :- विश्व स्तर पर लोकतंत्र के विस्तार को वर्तमान स्थिति तक पहुंचाने में कई चरणों से गुजरना पड़ा है| सर्वपथम प्राचीन यूनान मिथेन नामक नगर राज्य तथा भारत के कुछ क्षेत्रों में लोकतांत्रिक एवं गर्म तांत्रिक शासन व्यवस्था का उल्लेख मिलता है परंतु आधुनिक लोकतंत्र का आरंभ 17वीं और 18वीं शताब्दी में यूरोप में हुआ| 1889 की फ्रांसीसी क्रांति ने लोकतंत्र के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा दी| इसी क्रांति इनकी ने विश्व में समानता स्वतंत्रता और बंधुत्व का नारा बुलंद किया फ्रांस को राजनीतिक की प्रयोगशाला कहा गया है यहां सभी तरह की शासन पद्धतियों का प्रयोग हुआ|
8. लिच्छवी गणतंत्र पर एक टिप्पणी लिखें |
उत्तर :- लिच्छवी गणतंत्र की प्रशासनिक व्यवस्था बहुत सुदृढ़ एवं लोकतांत्रिक थी| प्रशासन की सुविधा हेतु अनेक विभाग बनाए गए थे इन विभागों में सेना वित्त तथा न्याय प्रमुख थे| सेना के प्रधान को सेनापति कहा जाता था वित्त विभाग का भी एक प्रधान अधिकारी होता था, जिसे भंडारी कहा जाता था| न्याय विभाग का भी एक प्रधान अधिकारी होता था, जिसे विनीश आत्मा कहा जाता था| राज्य की रक्षा करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य था| अतः प्रत्येक युवक के लिए सैनिक शिक्षा अनिवार्य थी न्यायालय के दायित्व भी निर्धारित कर दिए गए थे| उस समय भी लिच्छवी गणतंत्र में दीवानी फौजदारी तथा राजस्व न्यायालय की व्यवस्था थी| स्थानीय सीमाओं के निदान हेतु स्थानीय स्वशासन की भी व्यवस्था थी नगरों की शांति व्यवस्था एवं सुरक्षा के लिए भी एक अधिकारी होता था जिसे नगर गुटिका जाता था |
अतः स्पष्ट है कि लिच्छवी गणतंत्र की प्रशासनिक व्यवस्था सुदृढ़ थी|

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. लोकतंत्र के बदलते मानचित्र पर प्रकाश डालें 
उत्तर :- नेपाल की ली और पोलैंड में घटी घटनाओं के आधार पर यह कह सकते हैं कि बीसवीं शताब्दी लोकतंत्र के लिए संक्रमण काल की शताब्दी रहे| इस शताब्दी में लोकतंत्र को अनेक उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा| यह शताब्दी लोकतंत्र के लिए चुनौतियां और संघर्ष से भरी शताब्दी सिद्ध हुए लोकतंत्र के लिए लोगों को जन आंदोलन का सहारा लेना पड़ा| लोकतंत्र को समाप्त करने में चाहे सैनिक शासन का हाथ रहा हो राजतंत्र का हाथ रहा हो अथवा किसी राजनीतिक दल विशेष का हाथ रहा हूं जनता को उसकी बहाली के लिए कठिन संघर्ष करना ही पड़ता है| द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद लोकतंत्र की स्थापना के लिए विभिन्न देशों में होती चली गई| 1975 तक आते-आते अनेक स्वतंत्र देशों में लोकतंत्र की स्थापना हो गई| 2000 तक तो लोकतंत्र सर्वाधिक लोकप्रिय हो गया 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद 15 दिन राज्यों में से अधिकांश ने लोकतांत्रिक व्यवस्था को गले लगाया| विश्व के अधिकांश देशों में लोकतंत्र की स्थापना की होड़ मच गई स्वाभाविक है कि लोकतंत्र का मानचित्र बदलता चला गया|
2. लोकतंत्र के विस्तार के मुख्य चरणों का वर्णन करें |
उत्तर :- विश्व में लोकतंत्र के आरंभ एवं विस्तार की कहानी बड़ी रोचक है| प्राचीन यूनान के फैंस नामक नगर राज्य एवं भारत के कुछ क्षेत्रों में भी लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के उदाहरण मिलते हैं परंतु आधुनिक लोकतंत्र का आरंभ यूरोप में 17वीं एवं 18वीं सदी में हुआ| यूं तो ब्रिटेन में लोकतंत्र के विकास की कहानी और था 1688 की गौरवपूर्ण क्रांति से प्रारंभ होती है परंतु वहां लोकतंत्र के विकास की गति कछुए की चाल की भांति काफी धीमी एवं क्रमिक रहे| फ्रांस में लोकतंत्र की शुरुआत 1789 की फ्रांसीसी क्रांति से होती है परंतु फ्रांस में 19वीं शताब्दी तक उथल-पुथल का दौर रहा और इसी दौर में लोकतंत्र मजबूत हुआ लगभग फ्रांसीसी क्रांति के समय ही उत्तरी| अमेरिका के कुछ उपनिवेश ओं ने 1776 में अपने को आजाद घोषित कर दिया| अगले कुछ ही वर्षों बाद इन्हें अपनी सैनिको को मिलाकर संयुक्त राज्य अमेरिका का गठन किया एवं 1787 से वह लोकतंत्र की राह पर चल पड़ा| 19वी सदी तक लोकतंत्र के लिए होने वाले संघर्षों के मूल विषय राजनीतिक समानता आजादी एवं न्याय से संबंधित होते थे|
1893 तक केवल न्यूजीलैंड ही विश्व में अकेला ऐसा देश है जहां प्रत्येक वयस्क नारी नर के लिए समान रूप से मताधिकार की व्यवस्था थी| भारत 1947 में आजाद हुआ उस समय से भारत में लोकतंत्र निरंतर फल-फूल रहा है| 1965 तक अमेरिका में भी अश्वेत लोग मताधिकार के प्रयोग से वंचित थे| पश्चिमी अफ्रीका के गाना जैसे कुछ देश अपनी आजादी के बाद लोकतांत्रिक शासन पद्धति को अपनाया तो अवश्य परंतु उसे वे लंबे अरसे तक टिकाऊ बनाने में कायम नहीं हो सके| 20वी सदी में 1980 के बाद लोकतंत्र के विस्तार का क्रम तेजी से आगे बढ़ा| 21वी सदी में भी लोकतंत्र की हवा तेज हो गई है| हमारे पड़ोसी देश नेपाल एवं पाकिस्तान में पुनः लोकतंत्र की वापसी हो गई है परंतु खेद है कि आज भी मैं मार्च में एक लंबे अरसे से लोकतंत्र के लिए संघर्ष जारी है|
3. विश्व स्तर पर लोकतंत्र पर एक निबंध लिखें |
उत्तर :- आज का युग अंतरराष्ट्रीय वाद का युग है आज हम एक विश्व एक राज्य की कल्पना करने लगे हैं| इसके साथ ही विश्व स्तर पर लोकतांत्रिक सरकार को भी सरकार करने में जुट गए हैं| विश्व के विभिन्न देशों की तरह विश्व स्तर पर ना तो कोई सरकार है और ना उसके| आदेश के पालन करने वाले लोग विश्व स्तर पर संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्था अवश्य वर्तमान है जिनके 193 राज्य सदस्य है और यह संस्था लोकतांत्रिक ढंग से कार्य कर रही है| विभिन्न लोकतांत्रिक राज्यों की तरह अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं लोकतांत्रिक परंपरा का निर्वाह नहीं कर रही है| जहां विभिन्न राष्ट्रीय अधिक लोकतांत्रिक बनाने के प्रयास में जुटे हुए हैं वहां अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं कम से कम लोकतांत्रिक बनने की इच्छुक है| इसका मुख्य कारण यह है कि जब विश्व में दो महा शक्तियों सोवियत संघ और संयुक्त राष्ट्र राज्य अमेरिका में शक्ति प्रदर्शन की होड़ थी| तब अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भी शक्ति संतुलन बना हुआ था| सोवियत संघ के विघटन के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका का विश्व की एकमात्र महाशक्ति के रूप में उभर कर आने से विश्व स्तर पर लोकतंत्र का विस्तार अवरुद्ध हो गया है| अमेरिका का यह प्रभुत्व अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के क्रियाकलापों को प्रभावित करने लगा है| अमेरिका का तर्क है कि विश्व स्तर पर लोकतंत्र के विस्तार के लिए लोकतांत्रिक राज्यों पर अंकुश लगाना आवश्यक है| आवश्यकता पड़ने पर आ लोकतांत्रिक राज्यों की जा जाना साहिब समाप्त करने के लिए युद्ध का सहारा लेना उचित है| इराक पर अमेरिका और उसके सहयोगी राशियों के आक्रमण का उद्देश्य काफी भी लोकतंत्र की बहाली स्वीकार नहीं किया जा सकता है| विश्व स्तर पर लोकतंत्र के विस्तार के लिए उसी तरह के जन आंदोलन की आवश्यकता है जैसा नेपाल, चिली, पोलैंड आदि देशों में लोकतंत्र की बहाली के लिए हुआ| विश्व स्तर पर लोकतंत्र का विस्तार तभी संभव है जब इसे जनसमर्थन समर्थन मिले और शांति मार्ग अपनाया जाए| जिस तरह लोगों के संघर्ष एवं पहल में से किसी देश में लोकतंत्र सशक्त होता है उसी तरह वैश्विक मामलों में यह पहले भी लोगों के संघर्षों से ही मजबूत होगी और आगे बढ़ेगी|

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