लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर :
1. प्रकाश के अपवर्तन का क्या तात्पर्य है ?
उत्तर :- प्रकाश की किरणों के एक पारदर्शी माध्यम से दुसरे पारदर्शी में जाने पर दिशा-परिवर्तन की क्रिया को प्रकाश का अपवर्तन कहा जाता है |
2. हमारे दैनिक जीवन में प्रकाश के अपवर्तन के उपयोग के दो उदाहरणों को लिखें |
उत्तर :- हमारे दैनिक जीवन में प्रकाश के अपवर्तन के उपयोग के दो उदाहरण निम्नलिखित है-
1. प्रकाश के अपवर्तन के कारण पानी की सतह पर छड़ी का मुदा हुआ दिखना |
2. प्रकाश के अपवर्तन के कारण पानी से भरी बाल्टी की गहराई का कम प्रतीत होना |
3. प्रकाश की एक किरण का अपवर्तन दिखाने के लिए किरण-आरेख खींचे |
(a) जब किरण वायरल माध्यम से सघन माध्यम में जाती है |
(b) जब किरण सघन माध्यम से वायरल माध्यम में जाती है |
उत्तर :- (a) जब किरण वायरल माध्यम से सघन माध्यम में जाती है |
(b) जब किरण सघन माध्यम से वायरल माध्यम में जाती है |
4. हवा में चलती हुई प्रकाश की एक किरण जल में तिरछे प्रवेश करती है | क्या प्रकाश किरण अभिलम्ब की ओर झुकेगी अथवा अभिलम्ब से दूर हटेगी ? बताएँ, क्यों ?उत्तर :- हवा में चलती हुई प्रकाश की एक किरण जल में तिरछे प्रवेश करती है तब वह अभिलम्ब की ओर झुकेगी क्योंकि हम जानते है की आपतन कोण (i) से अपवर्तन कोण (r) छोटा होता है, इसलिए जब प्रकाश की किरण वायरल माध्यम से सघन में जाती है तब वह अभिलम्ब की ओर मुड़ जाती है |
5. काँच की आयताकार सिल्ली (पट्टी) में अपवर्तन के दो किरणों का नामांकित चित्र खींचे |
उत्तर :-
6. पानी में रखा हुआ सिक्का कुछ ऊपर उठा हुआ प्रतीत होता है | क्यों ?
उत्तर :- पानी में रखा हुआ सिक्का कुछ ऊपर उठा प्रतीत होता है क्योंकि यहाँ पर प्रकाश के अपवर्तन का नियम लागू होता है | किसी भी बर्तन के पानी में रखा हुआ सिक्का आँखों को देखने से ऊपर उठा हुआ प्रतीत होता है |
7. प्रकाश के अपवर्तन के नियमो को लिखें |
उत्तर :- प्रकाश के अपवर्तन के दो नियम निम्नलिखित है-
1. आपतित किरण, आपतन बिंदु पर अभिलम्ब और अपवर्तित किरण तीनों एक ही समतल में हते है |
2. किन्ही दो माध्यमों और प्रकाश के किसी विशेष वर्ण के लिए आपतन कोण की ज्या और अपवर्तन की ज्या का अनुपात एक नियतांक होता है | इसे स्नेल का नियम भी कहा जाता है |
8. स्नेल के नियम को लिखाकर समझाएँ |
उत्तर :- 1. आपतित किरण, आपतन बिंदु पर अभिलम्ब और अपवर्तित किरण तीनों एक ही समतल में हते है |
2. किन्ही दो माध्यमों और प्रकाश के किसी विशेष वर्ण के लिए आपतन कोण की ज्या और अपवर्तन की ज्या का अनुपात एक नियतांक होता है |
यदि आपतन कोण i हो और अपवर्तन कोण r हो, तो प्रकाश के अपवर्तन के द्वितीय नियम, अर्थात स्नेल के नियम से,
नियतांक माध्यम 2 का माध्यम 1 के सापेक्ष अपवर्तनांक n 21 के बराबर होता है | 
9. हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है | इस कथन का क्या अर्थ है ? उत्तर :- हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है का अर्थ है की प्रकाश हीरे में निर्वात (शून्य) की अपेक्षा 2.42 गुनी धीमी चाल से चलता है क्योंकि किसी माध्यम का अपवर्तनांक (n) शून्य में प्रकाश की चाल (c) और उस माध्यम में प्रकाश की चाल (cm) के अनुपात को कहते है |
10. प्रकाश की एक किरण पुंज पानी पर तैरते तापरिन की परत पर आपतित होती है | यदि वायु, तापरिन और पानी के अपवर्तनांक क्रमशः 1.00, 1.47 तथा 1.33 हो, तो समझाएँ की किरणपुंज किस प्रकार वायु से तापरिन तथा फिर तापरिन से पानी में गमन करेगी |उतर :- यहाँ वायु का अपवर्तनांक = 1.00
तापरिन = 1.47
पानी = 1.33
वायु से तापरिन में किरणपुंज प्रवेश करेगी तो उसका वेग निम्न हो जाएगा तथा जब तापरिन से पानी में प्रवेश करेगी तो वेग हो जायेगी |
11. आपको एक उत्ताल लेंस, एक अवतल लेंस तथा एक काँच की वृताकार पट्टिका डी गई है | उनकी सतहों को बिना छुए आप उनमे अंतर कैसे बताएँगे |
उत्तर :- तीनो नमूनों को बारी-बारी से छपाई के अक्षर पर रखा जाता है |
जिस नमूने से होकर छपाई के अक्षर सीधा और आवर्धित दिखाई पड़े वह उत्ताल केन्स है | जिस नमूने से होकर छपाई के क्षर सीधा और छोटा दिखैदिखाई पड़े वह अवतल लेंस होते है | जिस नमूने से छपाई का क्षर सीधा और हु-ब-हु दिखाई पड़े वह काँच की वृताकार पट्टिका है |
इस प्रकार, बिना सपर्श किए उत्ताल लेंस, अवतल लेंस और काँच की वृताकार पट्टिका की पहचान की जा सकती है |
12. किसी उत्ताल लेंस द्वारा जब सूर्य की किरणों को किसी कागज़ पर फोकसित करते है तो वह जल उठाता है | कारण स्पस्ट करें |
उत्तर :- सूर्य से प्रकाश के साथ-साथ ऊष्मीय ऊर्जा भी आते है | जब उत्ताल लेंस द्वारा हम सूर्य से आती किरणों को कागज़ पर फोकसित करते है, तो प्रकाश के साथ उष्मा भी कागज़ के छोटे-से हिस्से पर फोकसित होती है, जिससे कागज़ का वह हिस्सा जल उठता है |
13. उत्ताल लेंस को आँख के सामने रखकर सूर्य को देखना क्यों मना है ?
उत्तर :- उत्ताल लेंस को आँख के सामने रखकर सूर्य को देखने पर सूर्य से आती ऊष्मा आँख के रेटिना पर फोकसित होकर उसको अत्यधिक क्षति पहुँचा सकती है जिससे आँख खराब होने की संभावना होती है |
14. यदि किसी उत्ताल लेंस पर आपतित किरण लेंस के अक्ष के समान्तर के पश्चात किस प्रकार मुड़ेगी ? किरण आरेख द्वारा इसे स्पस्ट करें |
उत्तर :- उत्तल लेंस पर आपतित किरण लेंस के अक्ष के समान्तर है | अपवर्तन के बाद यह फोकस (f) की ओर मुड़ेगी | 15. जब वस्तु उत्ताल लेंस के F और 2F के बीच स्थित हो तो प्रतिबिंब बनने को किरण आरेख द्वारा दिखाए |
उत्तर :- 16. उत्तल लेंस और अवतल लेंस के अंतर को स्पस्ट करें | उत्तर :-
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उत्तल लेंस
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अवतल लेंस
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1.
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उत्तल लेंस दोनों किनारों की अपेक्षा बीच में मोटा होता
है |
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अवतल लेंस दोनों किनारों के अपेक्षा बीच में पतला होता है
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2.
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यह प्रकाश को अभिसरित करता है |
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यह प्रकाश को अप्सारित करता है |
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3.
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इसका फोकस वास्तविक होता है |
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इसका फोकस काल्पनिक होता है |
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17. उत्तल लेंस को अभिसारी लेंस और अवतल लेंस को अपसारी लेंस क्यों कहते है ? उत्तर :- उत्तल लेंस पर जब प्रकाश की समान्तर किरणे आपतित होती है तो लेंस से अपवर्तन के बाद ये समान्तर किरणे एक बिंदु पर मिलाती है | इससे स्पस्ट होता है की उत्तल लेंस समान्तर किरणों को अभिसारित करता है | इस गुण के कारण इसे अभिसारी लेंस कहते है |जब प्रकाश की किरणें किसी अवतल लेंस पर पड़ती है तो लेंस से अपवर्तन के बाद ये समान्तर किरणे आपस में फैलती जाती है | अवतल लेंस प्रकाश की समान्तर किरणों को अपसारित कर देता है | इस गुण के कारण अवतल लेंस को अपसारी लेंस कहते है |18. एक उत्तल लेंस की फोकस-दुरी f है | यदि एक वस्तु को लेंस से 2f से कुछ अधिक दुरी से जैसे-जैसे लेंस के फोकस तक लाया जाए, तो उस वस्तु के प्रतिबिम्ब का आकार किस प्रकार परिवर्तन होगा ? उत्तर :- एक उत्तल लेंस की फोकस-दुरी f है | यदि एक वस्तु को लेंस से 2f से कुछ अधिक दुरी से जैसे-जैसे लेंस के फोकस तक लाया जाए, तो उस वस्तु के प्रतिबिम्ब का आकार वस्तु के आकार से बड़ा होता जाएगा |
19. लेंस की क्षमता से आप क्या समझते है ? इसका मात्रक लिखें |
उत्तर :- किसी लेंस के नाभ्यान्तर (फोकस-दुरी) के व्युत्क्रम को उस लेंस की क्षमता कही जाती है | इसे प्राय P अक्षर से सूचित किया जाता है |
लेंस की क्षमता = 1/नाभ्यान्तर
या, P = 1/f जहाँ f मीटर में माना जाता है |
इसका मात्रक प्रति मीटर होता है जिसे डाईआप्टर (D) भी कहा जाता है | उत्तल लेंस की क्षमता धनात्मक तथा अवतल लेंस की क्षमता ऋनात्मक होती है |
20. मुख्य अक्ष को X-अक्ष और प्रकाश केंद्र को मूल बिंदु मानकर आप u, v एवं f के चिन्ह कैसे निर्धारित करेंगे ?
उजहाँ, u = वस्तु (बिम्ब) की दुरी v = प्रतिबिम्ब की दुरी
f = फोकस की दुरी है
चित्र के अनुसार मुख्य अक्ष को X-अक्ष और प्रकास केंद्र को मूल बिंदु माना गया है |
21. एक उत्तल लेंस वस्तु का वास्तविक और उलटा प्रतिबिम्ब लेंस से 40 cm पर बनाता है | यदि प्रतिबिम्ब का आकार वस्तु के आकार के बराबर हो, तो वस्तु लेंस से कितनी दुरी पर है और लेंस की क्षमता क्या है |
उत्तर :- चूँकि वस्तु और प्रतिबिम्ब का अआकार बराबर है, इसलिए वस्तु लेंस की दुगुनी फोकस-दुरी पर है,
अर्थात u = 2f
फिर u = 40 cm इसलिए 2f = 40 cm या f = 20 cm
तथा क्षमता = 100/20 डाईआप्टर = 5 D
22. कई लेंसों को एक-दुसरे के संपर्क में रखकर बनाए गए लेंस निकायों का उपयोग सामान्यत कहाँ किया जाता है ?
उत्तर :- ऐसे लेंस निकायों का उपयोग सामान्यत कैमरों के लेंस तथा सूक्ष्मदर्शियो एवं दूरदर्शको के अभिद्रिश्यको के डिजाइन में किया जाता है |
Bihar board 10th reflection of light notes in hindi
ReplyDeleteBihar board 10th refraction of light notes in hindi
ReplyDeleteBihar board class 10th physics chapter 2 very short answer
ReplyDeleteBihar board class 10thphysics chapter 2 ka long answer
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