लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर :
1. निम्नलिखित में किन्ही दो प्रमुख कार्य बताएँ |
(i) राइबोसोम (ii) माइटोकांड्रिया (iii) हरितलवक (iv) गुणसूत्र (v) गॉल्जी उपकरण (vi) रिक्तिका/रसधानी (vii) कोशिकाभित्ति (viii) कोशिका झिल्ली (ix) लाइसोसोम
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2. किस प्रकार की कोशिक्का को प्रोकैरियोटिक-कोशिका कहा जाता है ?
उत्तर :- प्रोकैरियोटिक प्रकार की कोशिकाओं में नाभिक नहीं होता व नाभकीय क्षेत्र न्यूक्लिओईड कहलाता है | इस कोशिका का द्रव्य के साथ सीधा संपर्क होता है |
3. पादप कोशिकाओं और जंतु कोशिकाओं में मुख्य अंतर क्या है ?
उत्तर :-
|
पादप कोशिका |
जंतु कोशिका |
1. |
सैल्लोस से बनी कोशिका भित्ति होती है | |
कोशिकाभित्ति नहीं होती है | |
2. |
लवक (क्लोरोप्लास्ट ) पाए जाते है | |
लवक नहीं होते | |
3. |
रिक्तिका बड़ी होती है | |
रिक्तिका नहीं होती या बहुत छोटी होती है | |
4. |
सेंट्रोसोम नहीं होता |
सेंट्रोसोम होते है |
5. |
गाल्जी उपकरण दिक्टी योसोम के रूप में होता है | |
गाल्जी उपकरण पूर्ण विकसित होते है | |
6. |
प्राय आकार में बड़ी होती है | |
अपेक्षाकृत आकार में छोटी होती है | |
4. यदि गाल्जी उपकरण न हो तो कोशिका पर इसका क्या प्रभाव पडेगा ?
उत्तर :- यदि कोशिका में गाल्जिकाय न हो तो अन्त्रद्रव्यी जालिका में बने पदार्थों का कोशिका के अन्दर व बाहर आवश्यक भागों को स्थानान्त्रार बंद हो जाएगा | लाइसोसोम का निर्माण नहीं होगा जिसमे बहुत-से एंजाइमों व हार्मोनों का निर्माण नहीं होगा जिससे कोशिका से अपशिष्ट पदार्थों का निष्काशन नहीं होगा | इन सबसे कोशिका का जीवन कम हो जाएगा |
5. कोशिका के किस अंगक को बिजलीघर कहते है और क्यों ?
उत्तर :- माईत्रोकान्द्रिया में भोजन के आक्सीकरण से ऊर्जा मुक्त होती है | यही पर ऊर्जा ATP के रूप में संचित होती है | इसलिए इसे कोशिका का ऊर्जा संयंत्र कहते है | माईटोकान्द्रिया को कोशिका का बिजलीघर अथवा ऊर्जा घर कहा जाता है क्योंकि यह भोजन के आक्सीकरण तथा ऊर्जा उत्पादन का कार्य करता है |
6. ऐंडोसाइटोसिस किसे कहते है ?
उत्तर :- कुछ एककोशिकीय जंतुओं जैसे अमीबा में कोशिका झिल्ली का लचीलापन कोशिका को इस योग्य बनाता है की अपने बाहरी वातावरण से ये भोजन तथा अन्य खाद्द पदार्थों का अधिग्रहण कर सकती है | कोशिका झिल्ली द्वारा संपन्न होनेवाली इस क्रिया को ऐंडोसाइटोसिस कहते है |
7. लवक कितने प्रकार के होते है एवं इनके क्या कार्य है ?
उत्तर :- इनके मुख्य तीन प्रकार के होते है - (i) अवर्निलवक या ल्यूकोप्लास्ट, (ii) वर्णीलवक या क्रोमोप्लास्ट तथा (iii) हरितलवक या क्लोरोप्लास्ट
इनके निम्न कार्य -
(i) ल्यूकोप्लास्ट मुख्यत जड़ की कोशिकाओं में पाए जाते है और खाद संचय का कार्य करते है | इसमे स्टार्च, प्रोटीन तथा तेल जैसे पदार्थ संचित रहते है |
(ii) क्रोमोप्लास्ट फूलों और बीजों को विभिन्न रंग प्रदान करते है |
(iii) क्लोरोप्लास्त मुख्यत पत्तियों में पाया जाता है एवं भोजन-संश्लेषण में सहायक है |
8. केन्द्रक झिल्ली में पाए जानेवाले छिद्र का क्या कार्य है ?
उत्तर :- केन्द्रक झिल्ली या केन्द्रक कला में पाए जानेवाले छिद्रों के द्वारा केन्द्रकद्रव्य एवं कोशिका द्रव्य के बीच पदार्थों का आदान-प्रदान होता है |
9. जीन को आनुवंशिकी इकाई क्यों कहते है ?
उत्तर :- जीन पैतृक गुणों के वाहक होते है, इसलिए इसको आनुवंशिक इकाई कहते है |
10. विसरण तथा परासरण में क्या अंतर है ?
उत्तर :-
|
विसरण |
परासरण |
1. |
यह क्रिया प्राय पदार्थ की तीनो अवस्थाओं (गैस, द्रव्य,
ठोस) में होती है | |
यह क्रिया केवल द्रव्य पदार्थों में होती है | |
2. |
इसमे अर्द्ध, पारगम्य झिल्ली होना आवश्यक नहीं है | |
इसमे दो भिन्न घोलो के मध्य अर्द्ध, पारगम्य झिल्ली होना
आवश्यक है | |
11. जीवों में पदार्थों के परिवहन की क्या आवश्यकता है ?
उत्तर :- जीवों में उपयोगी पदार्थों का उनके मूल स्रोतों से शरीर के प्रत्येक कोशिका तक पहुंचाने तथा अनुपयोगी या हानिकारक पदार्थों को कोशिकाओं से निकालकर गंतव्य स्थान ता पहुंचाने की क्रिया को पदार्थों का परिवहन कहते है | पदार्थों के परिवहन में कोशिकाओं में मौजूद कोशिका झिल्ली मुख्य भूमिका निभाती है | यह कार्य विसरण एवं परासरण क्रियाओं द्वारा संपन्न होता है | जीवों में गैसों का आदान-प्रदान विसरण द्वारा होता है जबकि पौधे अपने मूल रोम से जल का अवशोषण परासरण द्वारा करते है | अत जीवों में पदार्थों के परिवहन की महत्वपूर्ण आवश्यकता है |
कोशिका ( गुणसूत्र
) |
क्रोमैटिड ( अर्द्ध-गुणसूत्र
) |
1.
क्रोमोसोम महीन, लंबा
तथा अत्यधिक कुंडलित धागे के रूप में दिखाई देता है | |
1.
दो समान्तर कुंडलित
धागे के समान रचना होती है | |
2.
क्रोमोसोम बेलनाकार
होते है | |
2.
क्रोमैटिड बेलनाकार
नहीं होती है | |
3.
क्रोमोसोम के तीन भाग
है- (i) पेलिकल, (ii)
मैट्रिक्स, (iii) क्रोमैटिड |
3.
क्रोमैटिड के कोई भाग
नहीं होते है | |
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