उत्तर :-
प्राकृतिक संकट |
पाकृतिक आपदा |
(i)
इसकी गति धीमी होती है | |
(i) इसकी गति तीव्र होती है |
(ii)
इसका प्रभाव स्थायी होता है | |
(ii) इसका प्रभाव तत्कालीन होता है | |
(iii) इनमे धन-जन की व्यापक हनी की संभावना होती है –
(क) महासागरीय धाराएं (ख) भूस्खलन (ग) अस्थिर संरचना | (iii) इनमे
जन धन की व्यापक हनी होती है और नियंत्रण नहीं रह पाटा है जैसे – (क) युद्ध (ख) वनों का कटाव (ग) वायुमंडल का प्रदुषण (घ) पारिस्थितिक-तत्र के साथ छेड़छाड़ | |
2. विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के नाम लिखकर किसी एक को परिभाषित करें |
उत्तर :- भारत प्राकृतिक सामाजिक और सांस्कृतिक विविधताओं का देश है| इसकी विपुल जनसंख्या और विस्तृत क्षेत्र किसी न किसी आपदा से ग्रस्त होता रहता है| कोई छात्र एक आपदा के लिए संवेदनशील है तो कोई दूसरा आपदा के लिए और कोई कई आपदाओं से एक साथ ग्रस्त हो जा सकता है|
अधिक विनाशकारी आपदाएं बाढ़, सूखा, भूकंप, सुनामी कुछ कम विनाशकारी आपदाएं चक्रवात, ओलावृष्टि, हिमस्खलन, भूस्खलन, वज्रपात, मेघस्पर्ट, ज्वालामुखी |
सुनामी भूकंप या कंपनी का केंद्र जब अस्थल खंड पर होता है तो उसे भूकंप कहते हैं| लेकिन जब वही कंपनी महासागर की तली पर होता है तो वह सुनामी के नाम से जाना जाता है| सुनामी के प्रभाव से समुद्र जल में कंपन होता है जिससे जल में छतीसगढी उत्पन्न होती है| आंतरिक ऊर्जा से संचालित छातीय प्रवाह की जटिल जल तटीय स्थल से टकराता है और तट पर सुनामी का विनाशलीला देखने को मिलती है|
26 जनवरी 2004 को दक्षिण पूर्व एशिया से लेकर बंगाल की खाड़ी तक आए सुनामी में सैकड़ों लोग विलुप्त हो गए| निकोबार द्वीप समूह के दक्षिण इंदिरा पॉइंट किस के प्रभाव से विलुप्त हो गया|
3. बाढ़ के कारणों एवं सुरक्षा संबंधी उपायों का वर्णन करें |
उत्तर :- बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है जिसके अधिक संख्या में जानमाल का नुकसान होता है |
बाढ़ के निम्न कारण है-
(i) नदियों में अधिक मात्रा में वर्षा जल के पहुंचने से बाढ़ आती है|
(ii) वर्षा जल के साथ नदी की घाटी में मिट्टी के जमा होने से भी बाढ़ आती है|
(iii) वनस्पतियों की कटाई के कारण बाढ़ होती है |
(iv) कमजोर तटबंध के टूटने से बार आती है|
बाढ़ से सुरक्षा संबंधी निम्न उपाय किया जा सकता है-
(i) बाढ़ की सूचना प्राप्त होते ही उस क्षेत्र के लोगों को हटा देना चाहिए |
(ii) वाढ पूर्व की दवा खाद एवं पेयजल की सुविधा उपलब्ध कर लेनी चाहिए|
(iii) नदियों के तटबंध का नियमित मरम्मत कार्य होते रहना चाहिए |
(iv) सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों द्वारा राहत कार्य किया जाना चाहिए|
(v) मानव समाज को इस दिशा में जागरूक करने की आवश्यकता है|
4. सुखार क्या है इससे लोगों को राहत दिलाने में क्या क्या उपाय है ?
उत्तर :- सूखा एक प्राकृतिक आपदा है जो किसी क्षेत्र में धीमी गति से अपना प्रभाव दिखाती है| सूखे जैसे आपदा से मानव का जीवन संकट में पड़ जाता है| कृषि फसल का उत्पादन कम होने लगता है पेयजल की समस्या उत्पन्न होने लगती है| जीव जंतु की अचानक मृत्यु होने लगती है तापमान में वृद्धि होने लगती है|
सुखार जैसे आपदा के उत्पन्न होने के निम्न कारण है
(i) वर्षा की कमी,
(ii) वनस्पतियों की कटाई,
(iii) तापमान में वृद्धि,
(iv) जल की कमी और जल स्तर में गिरावट,
(v) सिंचाई में जल की अधिक बर्बादी
सुखार से बचाव के लिए निम्न उपाय किए जा सकते हैं
(i) वर्षा जल को भेद घरों की छतों पर कुआं में नारों में तालाबों में जिलों में संग्रह किया जाना चाहिए|
(ii) वनस्पति वर्षा करने में मदद करते हैं अतः अधिक संख्या में वनस्पतियों को लगाना चाहिए|
(iii) 1 नदियों पर बांध बनाकर नेहरे निकालकर सूखाग्रस्त क्षेत्रों में पानी पहुंचाना चाहिए |
(iv) जल प्रदूषण पर नियंत्रण करना चाहिए|
5. भूकंप और सुनामी के विनाशकारी प्रभाव का वर्णन करें और इनसे बचाव के उपाय बताएं |
उत्तर :- भूकंप और सुनामी एक प्राकृतिक आपदा है इससे मानवीय जगत पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है| इससे धन जन की अपार क्षति होती है, बड़ी-बड़ी इमारतें एक मलबे का रूप ले लेती है| जिससे आर्थिक हानि होती है, सुनामी आने से समुद्र के किनारे के गरीब मछुआरों का जीवन संकट में पड़ जाती है| अभी हाल में जापान में भूकंप के झटकों ने जापान वासियों को दहशत में ला दिया है| वहां के लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया है भूकंप और सुनामी आने से ना केवल धन जन हानि होती है| बल्कि इनका देश की अर्थव्यवस्था पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है इन दोनों विनाशकारी आपदाओं से देश की स्थिति डांवाडोल हो जाती है| लोग अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं और दहशत में रहते हैं इनका जो आनंद उदाहरण जापान है|i जहां भूकंप के झटके ने जापान में अपना विनाशकारी लीला दिखाया है| अतः इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि भूकंप और सुनामी के बहुत अधिक विनाशकारी पर प्रभाव होते हैं|
भूकंप से बचाव के उपाय
(i) भूकंप का पूर्वानुमान :- भूकंप लेखी यंत्र के द्वारा भूकंपीय तरंगों का पूर्वानुमान किया जा सकता है|
(ii) भवन निर्माण :- भवनों का निर्माण भूकंप रोधी तरीकों के आधार पर किया जाना चाहिए खासकर उन क्षेत्रों में जो भूकंप प्रभावित है|
(iii) प्रशासनिक कार्य :- भूकंप के बाद राहत कार्य के लिए प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा विरोध दस्ते का गठन किया जाना चाहिए|
(iv) गैर सरकारी संगठनों का सहयोग :- भूकंप आपदा से निपटने के लिए गैर सरकारी संगठनों का भी योगदान हो सकता है| यह संस्थाएं ना सिर्फ राहत कार्य में मदद कर सकते हैं बल्कि भूकंप के पूर्व लोगों को हम भूकंप विरोधी भवन निर्माण के तथा भूकंप के समय तत्काल बचाव हेतु लोगों को प्रशिक्षित भी कर सकते हैं|
सुनामी से बचाव के उपाय
(i) तटबंध हो तथा मैनगव झाड़ी का विकास :- सुनामी के विनाशकारी प्रभाव से बचने के लिए कंक्रीट के तटबंध का निर्माण तथा तटबंध पर मैं ग्रुप की झाड़ियों का विकास कर सुनामी के झटके को कम किया जा सकता है|
(ii) तटीय प्रदेश के लोगों को प्रशिक्षण :- तटीय प्रदेशों में रहने वाले लोगों को प्रशिक्षण देकर सुनामी के बाद राहत कार्यों में सामूहिक रूप से इन से मदद लिया जा सकता है|
6. आपदा प्रबंधन के लिए राज्य और केंद्रीय स्तर पर क्या-क्या उपाय किए गए हैं ?
उत्तर :-
आपदा प्रबंधन के लिए केंद्रीय स्तर पर प्रभावशाली उपाय करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान की स्थापना की गई है| यह स्थापना आपदा प्रबंधन से सिलसिले में अपनी भूमिका निभाता है साथ ही केंद्र स्तर पर भी आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की व्यवस्था भी की गई है|
राज्य स्तर पर भी इसके लिए समुचित प्रबंध की व्यवस्था की गई है| जिससे कि बाढ़ भूकंप चक्रवात भूस्खलन होने की स्थिति में प्रभावशाली कदम उठाया जा सके और ऐसी आपदाओं में होने वाली क्षति को कम किया जा सके केंद्र और राज्य सरकारों के आपदा राहत और पुनर्वास विभाग तथा आपदा प्रबंधन निर्माण तो है ही साथ ही जिला प्रखंड और जी पंचायत स्तर पर भी जहाजसंस्थाएं बहुत उपयोगी होती है|
7. बाढ़ से होने वाली हानियों का विस्तृत वर्णन करें|
उत्तर :-
(i) बाढ़ के कारण उपजाऊ भूमि पर अधिक समय तक जलजमाव रहता है|
(ii) बाढ़ के दौरान वनस्पति जीव जंतुओं की मृत्यु हो जाती है |
(iii) बाढ़ के कारण महामारी जैसे मलेशिया हैजा चेचक जैसे रोग का प्रकोप बढ़ जाता है|
(iv) बाढ़ के कारण सड़क एवं रेल मार्ग टूट जाते हैं |
(v) बाढ़ के कारण मकान और ढांचे के गिरने या क्षतिग्रस्त होने से आर्थिक हानि के साथ आवास की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है|
(vi) बाढ़ के कारण फसलें बर्बाद हो जाती है तथा जनधन की बहुत हानि होती है|
8. बिहार में बाढ़ की स्थिति की व्याख्या करें बिहार सरकार ने इनका सामना करने के लिए कौन-कौन से प्रबंध किए हैं ?
उत्तर :-
मानसून की अनिश्चितता के कारण बिहार के किसी ने किसी भाग में प्रतिवर्ष बाढ़ का आगमन होता है| बिहार की कोसी बाढ़ की विभीषिका के लिए बदनाम है| उत्तरी बिहार के मैदान वार्ड से अधिक प्रभावित है उत्तरी बिहार में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में सारण गोपालगंज वैशाली सीतामढ़ी मुजफ्फरपुर सहरसा खगड़िया दरभंगा मधुबनी इत्यादि है| इन क्षेत्रों में मुख्यता घागरा गंडक कमला बागमती और खुशी नदियों से बाढ़ आती है| उत्तरी बिहार की नदियों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने के प्रमुख कारण हिमालय तराई क्षेत्र में अधिक वर्षा है| एक सर्वेक्षण के अनुसार बिहार के के कुल बाढ़ क्षेत्र का लगभग 64 लाख हेक्टेयर है|
बाढ़ व प्राकृतिक आपदाएं हैं जिनका संबंध वर्षा से है| जब मानसूनी वर्षा अत्यधिक होती है तो नदियों के जल स्तर में तूफान आता है और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है| मॉनसून की अनिश्चितता के कारण भारत के किसी न किसी भाग में प्रतिवर्ष बाढ़ का आगमन होता है| कुछ नदियों को बाढ़ की विभीषिका के लिए बदनाम हो चुकी है जैसे कुशी हाल के वर्षों में बाढ़ की स्थिति मानवीय स्थिति से भी उत्पन्न होने लगी है| बाढ़ को रोकने के लिए बांध और तटबंध बनाए गए हैं लेकिन नदी का बढ़ता जलस्तर जब इन्हें तोड़ देता है तो अनेक ऐसे क्षेत्र भी जल प्लावन विद हो जाते हैं| 2008 ईस्वी में भारत-नेपाल की सीमा पर कुशवाहा उनके पास तटबंध के के टूटने से आई भयंकर बाढ़ है|
सुरक्षा संबंधी उपाय
1. नदियों के किनारे तटबंध बनाना,
2. बांध का निर्माण किया गया है,
3. वनीकरण को प्रोत्साहित किया गया है,
4. जलाशय का निर्माण किया गया है,
5. सूचना तंत्र को सुदृढ़ किया गया है आदि|
9. वर्षा जल संचयन की व्याख्या करें ?
उत्तर :-
वर्षा के जल को संचय करके रखना वर्षा जल संचय कहलाती है| वर्षा जल संचयन सूखे के दुष्परिणामों से बचने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है| वर्षा ऋतु में होने वाली वर्षा के जल को विभिन्न उपाय करके उसको जमा करके रखने से बहुत हद तक जल की समस्या को दूर किया जा सकता है| हमारे देश में आजकल वर्षा कब हो रही है जिससे जल संकट उत्पन्न होते जा रहा है| अतः वर्षा जल का संचयन करना आवश्यक है|
10. भूकंप क्या है ? भारत के प्रमुख भूकंप संवेदनशील क्षेत्रों के नाम लिखकर उनका संक्षिप्त विवरण दें |
उत्तर :-
पृथ्वी के आंतरिक भागों में अचानक उत्पन्न कंपन को भूकंप कहते हैं| भूकंप की तीव्रता को सिस्मोग्राफ यंत्र द्वारा रिक्टर स्केल में मापते हैं |
भारत को निम्नांकित भूकंप क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है
(क) जोन-I :- इसके अंतर्गत भारत के दक्षिणी पठारी भाग आते हैं जहां भूकंप का खतरा नहीं के बराबर है|
(ख) जोन-II :- इसके अंतर्गत प्रायद्वीपीय भारत के तटीय मैदानी क्षेत्र आते हैं जहां भूकंप की तीव्रता कम होती है|
(ग) जोन-III :- इसके अंतर्गत मुख्यता गंगा सिंधु का मैदान राजस्थान तथा उत्तरी गुजरात के क्षेत्र आते हैं|
(घ) जोन-IV :- इसके अंतर्गत शिवालिक हिमालय का क्षेत्र है| पश्चिम बंगाल का उत्तरी भाग असम घाटी एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र अंडमान निकोबार द्वीप समूह यह सब क्षेत्र भूकंप के अधिक खतरनाक क्षेत्र में आते हैं|
(ड) जोन-V :- इसके अंतर्गत गुजरात का कच्छ प्रदेश जम्मू-कश्मीर हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड के पर्वतीय भाग सिक्किम राज्य सम्मानित है जो भूकंप के सर्वाधिक खतरनाक क्षेत्र माने जाते हैं|
11. सुनामी क्या है ? इससे बचाव के उपाय लिखें |
उत्तर :- महासागरों के आंतरिक पृष्ठीय भागों में उत्पन्न हलचल को सुनामी कहते हैं| सुनामी एक प्राकृतिक आपदा है जो समुद्र तटीय क्षेत्रों में मानव जीव जंतु वनस्पति मकान उद्योग आदि को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाते हैं|
सुनामी से बचने के लिए निम्न उपाय किए जा सकते हैं
(i) समुद्र तटीय क्षेत्रों में मैंग्रोव वनस्पति को लगाना चाहिए|
(ii) समुद्र तटीय क्षेत्रों में कंक्रीट के तटबंध बनाना चाहिए|
(iii) समुद्र क्षेत्रों के समीप रहने वाले लोगों को प्रशिक्षित करना चाहिए|
(iv) समुद्र तटीय क्षेत्रों में सुनामी का पूर्वानुमान यंत्र के सहारे पहले ही सूचित किया जाना चाहिए|
(v) सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों की मदद से लोगों को जागरुक करना चाहिए|
Hello My Dear, ये पोस्ट आपको कैसा लगा कृपया अवश्य बताइए और साथ में आपको क्या चाहिए वो बताइए ताकि मैं आपके लिए कुछ कर सकूँ धन्यवाद |