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Class 9th Bharati Bhawan Disaster Management Chapter 1 | आपदा प्रबंधन-एक परिचय | कक्षा 9वीं भारती भवन आपदा प्रबंधन | अतिलघु, लघु और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Class 9th Bharati Bhawan Disaster Management Chapter 1  आपदा प्रबंधन-एक परिचय  कक्षा 9वीं भारती भवन आपदा प्रबंधन  अतिलघु, लघु और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
www.BharatiBhawan.org
 करण बताएँ 
1. तेज ध्वनि को भी प्रदुषक माना जाता है। क्यों? 
उत्तर-तेज ध्वनि कानों और शरीर पर बुरा प्रभाव डालती है इसलिए इसे भी प्रदूषक माना जाता है।
2. आंध्र प्रदेश और उड़ीसा के साथ पश्चिम बंगाल में तूफान भी आपदा है। क्यों ?
उत्तर-भारत के पूर्वी तट पर स्थित इन राज्यों में आनेवाले तूफान व्यापक पैमाने पर धन-जन की हानि या बर्बादी करता है। इसलिए इन राज्यों में तूफान को आपदा माना जाता है।
3. सुनामी भी समुद्री लहर है, परंतु यह भयानक आपदा मानी जाती है। क्यों? 
उत्तर-सागर में भूकंप आने के कारण सूनामी लहरें काफी ऊँची-ऊँची उठती हैं, जो तटवर्ती भागों में भारी तबाही मचाती है। इसलिए सुनामी भयानक आपदा मानी जाती है।
4. अधिक उर्वरक या कीटनाशक के प्रयोग से प्रदूषण फैलता है। क्यों? 
उत्तर-भूमि की उर्वरता कम होती है।
 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न 
1. भूकंप किस प्रकार की आपदा है?
उत्तर-भूकंप एक प्राकृतिजनित आपदा है जिसका सीमित क्षेत्र पर प्रभाव पड़ता है। 
2. आपदा से होनेवाली हानि का उल्लेख करें। 
उत्तर- धन-जन की हानि। 
3. धीमी गति से होनेवाले परिवर्तनों का उल्लेख करें। 
उत्तर-भूस्खलन, अपरदन, जीवों के लक्षण में परिवर्तन इत्यादि सभी धीमी गति से होनेवाले परिवर्तन हैं।
4. तीव्र गति से होनेवाले दो परिवर्तनों के नाम लिखें। 
उत्तर-भूकंप और सूनामी।
5. मानवजनित आपदा किसे कहते हैं। 
उत्तर-मानव द्वारा जाने-अनजाने किए गए कार्यों के परिणामस्वरूप उपस्थित आपदा को उत्तरमानवजनित आपदा कहते हैं।
6. मानवजनित आपदाओं में से किसी एक का उल्लेख करें
उत्तर-जातीय एवं धार्मिक दंगे।
7. आपदा आने के पूर्व किए जानेवाले किसी एक प्रबंधन कार्य का उल्लेख करें। 
उत्तर- आपदाग्रस्त लोगों के लिए समुचित राहत सामग्री की व्यवस्था। 
8. आपदा के समय प्रबंधन संबंधित किसी एक कार्य का उल्लेख करें। 
उत्तर- आपदाग्रस्त लोगों के लिए समुचित राहत सामग्री की व्यवस्था। 
9. आपदा के बाद प्रबंधन के किसी एक कार्य को लिखें।
उत्तर- प्रभावित लोगों का पुनर्वास 
10. आपदा से होनेवाली हानि को कम करने का कोई एक उपाय लिखें।
उत्तर-आपदा संवेदनशील क्षेत्रों में आवासीय बस्तियों के निर्माण को रोकना।  
 लघु उत्तरीय प्रश्न 

1. आपदा प्रबंधन का अर्थ स्पष्ट करें।
उत्तर- प्राकृतिक अथवा मानवीय कारणों से उत्पन्न ऐसी घटनाएँ जो वृहत स्तर पर जान-माल की हानि पहुँचाती है, आपदा कहलाती हैं। इन आपदाओं से होनेवाली हानि या बर्बादी को कम करने का उपाय करना ही आपदा प्रबंधन है। इसके तीन प्रमुख चरण होते हैं। 
2. आपदा कम करने के कुछ उपाय बताएं।
उत्तर-(i) संवेदनशील क्षेत्रों में आवासीय बस्तियों के निर्माण को रोकना, 
(ii) भूमि के उपयोग की योजना बनाना जो परिस्थिति के अनुसार सर्वोचित हो, 
(iii) आपदा-रोधी भवनों का निर्माण, जैसे—बाढ़ क्षेत्र में टीन की चद्दरों का अधिक उपयोग करना या कम खर्च के घर बनाना जिससे पुनर्वास आसान हो सके, 
(iv) सामुदायिक शिक्षा एवं संचार साधनों से लोगों में जागरूकता फैलाते रहना चाहिए।
3. आपदा प्रभावित क्षेत्र में किस प्रकार लोगों की सहायता की जा सकती है? 
उत्तर-(i) आपदा प्रभावित क्षेत्र में राहत कैंप लगाकर 
(ii) प्रभावित लोगों को आवश्यक वस्तु एवं सेवाएँ प्रदानकर 
(iii) आपातकालीन नियंत्रण कक्ष खुलवाकर 
(iv) भोजन, जल दवाइयों एवं बच्चों के भोजन उपलब्ध कराकर 
(v) प्रशासन को इसी सूचना देकर
4. मानवजनित आपदाओं में से पांच का उल्लेख करें। 
उत्तर-(1) विनाशकारी रसायनों का फैलना 
(ii) नाभिकीय विखंडन द्वारा वातारण द्वारा दूषित होना
(iii) विभिन्न प्रकार के प्रदूषण 
(iv) बाँधों का टूटना 
(v) जातीय एवं धार्मिक दंगे।
5. प्रकृतिजनित प्रमुख आपदाओं का उल्लेख करें। 
उत्तर- प्रकृतिक द्वारा उत्पन्न होनेवाली प्रमुख आपदाएँ हैं
(i) भूस्खलन, अपरदन, जीव के लक्ष्णों में परिवर्तन इत्यादि धीमी गति से होनेवाले परिवर्तन हैं। 
(ii) भूकंप, सूनामी, ज्वालामुखी विस्फोट इत्यादि तीव्र गति से परिवर्तन लानेवाली अपदाएँ हैं। 
(iii) आँधी, तूफान, टॉरनेडो, ओलावृष्टि इत्यादि सीमित क्षेत्र को प्रभावित करनेवाली आपदाएँ हैं। 
(iv) भूमंडलीय तापन, ओजोन परत क्षय एवं नाभिकीय विखंडन इत्यादि विस्तृत क्षेत्र को प्रभावित करनेवाली आपदाएँ हैं।
6. आपदा पूर्व प्रबंधन से संबंधित तीन मुख्य कार्यों को लिखें।
उत्तर-(i) आपदा के कारणों का अध्ययन एवं संभावित क्षेत्रों की पहचान करना। 
(ii) संभावित क्षेत्रों का मानचित्रणकर लोगों को आपदा के प्रति जागरूक करना। 
(iii) आपदा से निपटने की योजनाएँ बनाना तथा अत्यावश्यक सामानों का भंडारण करना। 
7. आपदा के दौरान किए जाने लायक प्रबंधन संबंधी तीन कार्यों का उल्लेख करें।
उत्तर-(i) युद्ध स्तर पर कार्रवाई एवं राहत कार्य चलाना। 
(ii) राहत कार्य में स्थानीय लोगों एवं स्वयंसेवी संगठनों का सहयोग लेना। 
(iii) आपदाग्रस्त लोगों को सुरक्षित या राहत कैंपों में पहुँचाना। 
8. राष्ट्रीय स्तर पर आपदा प्रबंधन हेतु चलाई जा रही योजनाओं का विवरण दें। 
उत्तर-(i) भारत सरकार के बजट में प्रतिवर्ष आपदा कोष के लिए आकस्मिक निधि का प्रावधान।
(ii) प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा राशि आपदा के समय काम आती है। 
(iii) आपदाओं पर विशेषज्ञों से राय एवं विचार-विमर्श करना। 
(iv) स्कूली स्तर पर इसकी शिक्षा देना। 
(v) पंचायतों द्वारा इसके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाना।  
9. आपदा प्रबंधन में विद्यालय की भूमिका की चर्चा करें।
उत्तर-आपदा एक ऐसी घटना है जिसका असर पूरे समाज पर पड़ता है। ऐसी स्थिति में आपदा प्रबंधन के लिए बच्चों को शुरू से ही जागरूक बनाने का कार्य स्कूली शिक्षा के द्वारा हम कर सकते हैं। आपदा के दौरान विद्यालय राहत कार्यों के लिए एक सार्वजनिक स्थल का कार्य करता है तथा यहाँ विभिन्न प्रकार की सूचनाओं का प्रसारण भी इस दौरान किया जाता है। 
10. मानवजनित एवं प्रकृतिजनित आपदा क्या है? मानवजनित कुछ आपदाओं को लिखें।
उत्तर-आपदा एक कष्टदायी घटना है। जब यह मानवीय क्रियाकलापों द्वारा जाने-अनजाने होती है तब इसे मानवजनित आपदा कहा जाता है। जब यह कष्टदायी घटना प्रकृति द्वारा होती है तब इसे प्राकृतिक आपदा कहते हैं। कुछ प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव काफी तीव्र होता है जबकि मानवजनित आपदा प्रायः धीमी गति से दुष्प्रभावित करती है। कुछ समय मानवजनित आपदाएँ हैं
(i)विनाशकारी रसायनों का फैलाव
(ii) घातक जैवीय अणुओं का फैलना
(iii) नाभिकीय विखंडन
(iv) परिवहन संबंधी बड़ी दुर्घटनाएँ
(v) विभिन्न प्रकार के प्रदूषण
(vi) बाँधों का टूटना
(vii) जातीय एवं धार्मिक दंगे 
11. आपदा प्रबंधन से आप क्या समझते हैं? आपदा प्रबंधन के विभिन्न चरणों का वर्णन करें।
उत्तर-आपदा से होनेवाली हानियों को कम करने के उपायों को आपदा प्रबंधन कहा जाता है। इसके तीन मुख्य चरण हैं, जिस दौरान आवश्यक कार्य किए जाते हैं
(क) आपदा पूर्व प्रबंधन-आपदा आने से पहले संभावित क्षेत्र का अध्ययन करना, क्षेत्र का मानचित्र तैयार करना, संभावित क्षेत्र में आपदा के प्रति जागरूकता पैदा करना, आपदा से निपटने की तैयारी करना इत्यादि इसमें शामिल है। 
(ख) आपदा के समय प्रबंधन- इससे राहत कार्य चलाना, विभिन्न लोगों का सहयोग लेना, कैंपों तक आपदाग्रस्त लोगों को पहुँचना एवं अत्यावश्यक सामानों को राहत कैंप में उपलब्ध करना शामिल है।
(ग) आपदा के बाद प्रबंधन- इसमें प्रभावित लोगों को पुनर्वास एवं भविष्य में आपदा से निपटने की तैयारी करना शामिल है।  
12. आपदा पूर्व प्रबंधन में किए जानेवाले कार्यों और तैयारियों का वर्णन करें।
उत्तर-आपदा पूर्व प्रबंधन के लिए किए जानेवाले प्रमुख कार्य हैं
(i) आपदा का सूचना / चेतावनी देनेवाली प्रणाली विकसित करना 
(ii) स्थानीय स्तर पर उपलब्ध साहसी एवं उत्साही लोगों की टीम बनाकर रखना। 
(iii) राहत कार्य चलाने हेतु उपयुक्त स्थान की पहचान करना अथवा बनवाना। 
(iv) आपदा के पूर्व आवश्यक वस्तुओं का भंडारण करना
(v) शिक्षा के महत्वपूर्ण पाठ के रूप में विद्यालयों में पढ़ाई तथा विभिन्न माध्यमों से लोगों में सामूहिक जागरूकता पैदा करना
(vi) विद्यालय/ग्राम समाजों के द्वारा स्थानीय आवश्यकता के अनुसार प्रबंध योजनाओं का निर्माण करना
13. आपदा के समय किए जानेवाले आवश्यक राहत कार्यों का वर्णन करें। अथवा, आपदा से प्रभावित क्षेत्र में राहत कार्य हेतु आप क्या-क्या कदम उठा सकते हैं? लिखें।
उत्तर-(i)जिनके परिजन बिछड़ गए हों, उन्हें सांत्वना देते रहना और साथ ही परिजनों का पता लगान का प्रयास करते रहना।
(ii) सड़क एवं संचार सेवाओं में आनेवाले व्यवधानों को दूर करना
(iii) भुक्तभोगी के लिए तत्काल अस्थायी आवास उपलबध कराना 
(iv) प्रभावित क्षेत्र के नष्ट भवनों या मलवों को वहाँ से हटाने की व्यवस्था करना 
(v) शीघ्रातिशीघ्र पुनर्वास की व्यवस्था करना 
(vi) जीवनयापन को सामान्य बनाने पर बल देना 
(vii) बच्चों की शिक्षा के लिए अस्थायी प्रबंध करना
(viii) आवासों को फिर से बनाते समय सुरक्षा के उपायों पर ध्यान देना आपातकालीन स्थिति में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने की व्यवस्था करना  
14. आपदा से होनेवाली हानि को कम करने के उपायों की चर्चा करें।
उत्तर-आपदा को रोकना संभव नहीं है, परंतु उससे होनेवाले नुकसान को कम करने के प्रयास किए सकते हैं। कुछ कार्य ये हैं
(i) संभावित क्षेत्रों में आवासीय बस्तियों के निर्माण पर रोक लगाना 
(ii) परिस्थिति के अनुसार भूमि के उपयोग की योजना बनाना
(iii) आपदारोधी भवनों का निर्माण करवाना, जैसे-बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में टीन की चादरों का अधिक उपयोग करना या कम खर्चवाला मकान बना जिससे पुर्नवास में आसानी हो। भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में भूकंपरोधी बहुमंजिली इमारतें बनवाना अथवा हलके मकान, जो टीन या प्लाईवुड के उपयोग से बनी हो, को प्रोत्साहित करना।
(iv) सामुदायिक शिक्षा, स्कूली शिक्षा एवं संचार साधनों द्वारा लोगों में जागरूकता फैलाना। 
15. राष्ट्रीय स्तर पर आपदा प्रबंधन के लिए चलाई जा रही योजनाओं का विवरण दें।
उत्तर-(i)भारत सरकार के बजट में प्रतिवर्ष आपदा कोष के लिए आकस्मिक निधि का प्रबंध किया जाता है।
(ii) प्रधानमंत्री राहत कोष में कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से कुछ भी राशि दे सकता है, जो आपदा के समय का आती है।
(iii) विभिन्न प्रकार की आपदाओं के लिए विशेषज्ञों द्वारा अध्ययन करवाकर मानचित्र तैयार किए गए हैं। इसमें संवेदनशील और सुरक्षित स्थानों का विशेष महत्व है। यह आपदा के समय राहत कार्य में सहायक होता है।
(iv) विद्यालयों के अतिरिक्त स्वयंसेवी संगठनों द्वारा आपदा से निपटने के लिए प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं।
(v) ग्रामीण स्तर पर पंचायतों में भी इसके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। 
(vi) आतंकवाद और सांप्रदायिक दंगों को रोकने के लिए आतंकवाद विरोधी दस्तों का गठन किया गया है। 
(vii) भारत द्वारा छोड़े गए कृत्रिम उपग्रहो की प्राकृतिक आपदाओं संबंधी कुछ जानकारियाँ (. मिल रही है।
 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 
1. आपदा प्रबंधन में ग्राम पंचायतों की भूमिका का वर्णन करें। अथवा, आपदा प्रबंधन के विभिन्न चरणों में किए जानेवाले कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर- आपदा प्रबंधन हेतु राष्ट्रीय स्तर से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक प्रयास जारी है। सभी का उद्देश्य आपदा से होनेवाली हानि को कम करने का उपाय करना है ताकि धन-जन की हानि कम-से-कम हो सके। इसके लिए सबसे छोटे स्तर पर ग्राम पंचायत द्वारा किए जानेवाले कार्य काफी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ग्रामीण स्तर पर सबसे निकट उपलब्ध प्रशासनिक इकाई यही है।
ग्राम पंचायत द्वारा आपदा प्रबंधन हेतु आपदा पूर्व, आपदा के समय एवं आपदा के बाद जैसे विभिन्न चरणों में किए जानेवाले कार्य हैं
(i) ग्रम पंचायत द्वारा स्थानीय आवश्यकता के अनुसार, प्रबंधन योजनाओं का निर्माण किया जाता है। (ii) गाँव के विद्यालयों में संभावित आपदा से संबंधित महत्वपूर्ण पाठ के द्वारा छोटे बच्चों में सामूहिक जागरूकता पैदा की जाती है।
(iii) आवश्यकतानुसार आपदा की सूचना/चेतावनी देने की प्रणाली विकसित करने का प्रयास पंचायत करती है।
(iv) स्थानीय स्तर पर उपलब्ध श्रम एवं सामग्री का अध्ययनकर उसकी सूची तैयार करती है। 
(v) सहायता समूह बनाकर गाँव में परस्पर सद्भाव और सहकारिता की भावना का विकास करती है।
(vi) सर्वाजनिक स्थान से पूर्वानुमान की घोषणा करती है। 
(vii) आपदा के दौरान सहायता समूह द्वारा प्रभावित लोगों को ढूँढकर बाहर निकालने का काम करती है।
(viii) प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविर का निर्माण करती है। 
(ix) प्रभावित लोगों को राहत शिविर पहुँचाने का काम करती है। 
(x) राहत शिविर में सर्वप्रथम सामुदायिक रसोईघर की व्यवस्था करती है। 
(xi) आपातकालीन नियंत्रण हेतु प्रशासन को खबर देती है।
(xii) आपातकालीन नियंत्रण कक्ष स्थापित करने में मदद करती है।
(xiii) राहत शिविरों में भोजन एवं चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की व्यवस्था करती है। 
(ivx) अत्यावश्यक सामानों जैसे दूध, चाय, बिस्कुट, कपड़ों इत्यादि का प्रबंध एवं वितरण करती है।
(xv) स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए में सबको अवगत कराने के लिए समय-समय पर चेतावनी जारी करती है।
(xvii) बच्चों की शिक्षा के लिए अस्थायी प्रबंध करती है।
2. आपदा प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर किए गए प्रयासों और कार्यों की समीक्षा करें। 
उत्तर-(i) भारत सरकार के बजट में प्रतिवर्ष आपदा कोष के लिए 'आकस्मिक निधि' का प्रबंध होता है।
(ii) प्रधानमंत्री राहत कोष में कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से कुछ राशि दे सकता है। यह राशि आपदा के समय काम आती है।
(iii) विभिन्न प्रकार की आपदाओं के लिए विशेषज्ञों द्वारा अलग-अलग मानचित्र तैयार किए गये हैं। इनमें संवेदनशील क्षेत्र, उसमें परिवहन और संचार के साधनों और सुरक्षित स्थानों का विशेष चित्रण होता है। यह आपदा के समय राहत कार्य में सहायक होता है।
(iv) विद्यालयों में शिक्षा के अतिरिक्त तथा अनेक प्रशिक्षण केन्द्रों पर भी आपदा से निपटने का प्रशिक्षण दिया जाता है।
(v) ग्रामीण स्तर पर पंचायतों में भी इसके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाते हैं और संचार माध्यमों से क्षेत्र की संभावित आपदा के संबंध में जानकारी दी जाती है।
3. आपदा प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर किए गए प्रयासों और कार्यों की समीक्षा करें
उत्तर-भारत जैसे विशाल देश में कहीं-न-कहीं प्राकृतिक या मानवजनित आपदाएँ आती रहती हैं। कहीं बाढ़ तो कहीं सूखा, कहीं भूकंप तो कहीं तूफान का कहीं सूनामी, कहीं धार्मिक, जातीय दंगे तो कहीं आतंकवादी या नक्सलवादी घटनाएं होती रहती हैं। इन प्राकृतिक एवं मानवजनित आपदाओं से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कई योजनाएं बनाई गई हैं।
भारत का प्रधानमंत्री देश का सबसे बड़ा प्रबंधक है, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर आपदा प्रबंधन हेतु कई कार्य आरंभ किए हैं। इनमें कुछ मुख्य इस प्रकार हैं
(i) भारत सरकार के बजट में प्रतिवर्ष आपदा कोष के लिए आकस्मिक निधि का प्रावधान एवं प्रबंध किया जाता है।
(ii) प्रधानमंत्री राहत कोष का निर्माण किया गया है, जिसमें संचित राशि आपदा के समय काम आती है।
(iii) सरकार विभिन्न प्रकार आपदाओं के लिए विशेषज्ञों द्वारा अलग-अलग मानचित्र तैयार कर उनकषण एव शोध का कार्य निरंतर कर रही है।
(iv) विद्यालयों में शिक्षा के अतिरिक्त अनेक प्रशिक्षण केन्द्रों द्वारा आपदा से निपटने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
(v) केन्द्र सरकार के निर्देश पर ग्राम पंचायतों द्वारा भी इसके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाते हैं।
(vi) आंतकवाद एवं सांप्रदायिक दंगों को रोकने के लिए आतंकविरोधी दस्तों एवं कमांडों को प्रशिक्षित किया गया है।
(vii) स्वयंसेवी संगठनों से इस संदर्भ में सरकार विशेष परामर्श ले रही है। 
(viii) भारत सरकार द्वारा अंतरिक्ष में कृत्रिम उपग्रहों की स्थापना से प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान एवं संबंधित जानकारियाँ होने लगी है।
 इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि केंद्र सरकार किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए अब पूरी तरह तैयार है।

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